प्राचीन समय से ही बच्चे दादी-नानी से कहानी सुनते आ रहे हैं। प्राचीन समय में जब मनोरंजन के लिए टेलीविजन, इंटरनेट, रेडियो जैसी सुविधा नहीं हुआ करती थी तब एक मात्र मनोरंजन का माध्यम कहानी होता था।
हिंदी साहित्य में कई लेखकों ने सामाजिक, राजनीतिक, ऐतिहासिक कई घटनाओं से संबंधित कहानी लिखी हैं। कहानी को पढ़ना जितना आसान होता है कहानी लिखना उतना ही कठिन होता है। क्योंकि कहानी लेखन एक कला होती हैं।
कहानी लेखन तब तक सफल नहीं होती जब तक कहानी का उद्देश्य सफल नहीं होता। एक अच्छी कहानी लिखने के लिए कहानी लिखने के नियमों से अवगत होना बहुत ही जरूरी है।
तो चलिए इस लेख के माध्यम से जानते हैं कि कहानी लिखने के नियम क्या है (Kahani Likhne Ke Niyam Kya Hai) और कहानी लिखते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
कहानी लेखन क्या है?
कहानी लेखन एक कला है, जिसके जरिए लेखक भूतकाल के किसी घटना को पाठक के सामने शब्दों के जरिए प्रस्तुत करता है। उस कहानी को पढ़कर पाठक अपने आपको उस घटनास्थल पर होने का भाव महसूस करता है।
कहानी भूतकाल के घटना के अतिरिक्त सामाजिक घटना पर भी आधारित होती है। लेखक किसी खास उद्देश्य से ही कहानी का सृजन करता है, कहानी में लेखक खुद ही पात्रों को सर्जित करता है और उन पात्रों के जरिए पाठकों को सीख देता है।
कुछ कहानी का वास्तविकता से कोई संबंध नहीं होता, उसका उद्देश्य पात्रों को सीख देना होता है। लेकिन कहानी को लेखक पाठक के सामने इस तरह प्रस्तुत करता है मानो वह वास्तविक में हुआ हो।
कहानी लिखने के लिए कहानी के नियमों से अवगत होना बहुत ही जरूरी है। इसके साथ ही लेखक के पास बहुत सारे अनुभव भी होने चाहिए।
कहानी लिखते समय कहानी के आकर्षक आरंभ, कहानी का क्रमिक विकास, छोटे संवाद और शीर्षक जैसे कई बातों पर ध्यान देना पड़ता है।
कहानी लिखते वक्त किन बातों का ध्यान रखें
कहानी की भाषा सरल और मुहावरेदार होनी चाहिए
एक लेखक के द्वारा लिखी गई कहानी तब तक सफल नहीं है जब तक पाठक को कहानी अच्छे से समझ में ना आए। कहानी पढ़ने वाला पाठक अलग-अलग उम्र का होता है।
ऐसे में कहानी की भाषा सरल और सरस होनी चाहिए ताकि हर उम्र का पाठक कहानी को अच्छे तरीके से समझ सके। कहानी को और भी ज्यादा रोचक दार बनाने के लिए उसमें मुहावरे का प्रयोग जरूर करें।
बोलचाल की भाषा में मुहावरे, लोकोक्तियां और अन्य सरल शब्दों का काफी ज्यादा प्रयोग होता है। ऐसे शब्दों का प्रयोग कहानी में करने से पाठक को कहानी पढ़ने में रुचि आती हैं।
कहानी के उद्देश्य स्पष्ट होने चाहिए
जिस तरह हम किसी भी कार्य को करने से पहले कार्य करने के उद्देश्य के बारे में पहले ही सोच लेते हैं, ठीक उसी तरह कहानी को लिखने से पहले भी उसका उद्देश्य सोच लेना चाहिए। क्योंकि किसी भी कहानी को हम एक निश्चित उद्देश्य से लिखते हैं।
कहानी भूतकाल की घटनाओं पर निर्भर करती है और कहानी का पाठक के मन पर काफी प्रभाव पड़ता है। यदि कहानी का उद्देश्य स्पष्ट रहता है तो हम कहानी के लिए उसी तरह के शब्दों, अलंकारो और छंदों का प्रयोग करते हैं।
यदि किसी कहानी का उद्देश्य पाठक को मनोरंजन देना है तो कहानी में हम उसी तरह के मनोरंजक शब्दों का प्रयोग करते हैं, जिसे पढ़कर पाठक के चेहरे पर मुस्कान आ जाए।
वहीं यदि कहानी का उद्देश्य किसी को प्रेरित करना है तो कहानी में उसी तरह के प्रेरणादायक शब्द होने चाहिए, जो पाठक के दिल को छू जाए।
कहानी की घटना उचित क्रम में होनी चाहिए
कहानी लिखने से पहले कहानी का ढांचा पूरी तरह से तैयार करना जरूरी है ताकि कहानी को निश्चित क्रम में लिखा जा सके। कहानी के हर एक घटना को उसके उचित कर्म में लिखा जाना चाहिए ताकि पाठक कहानी को पढ़कर आसानी से समझ सके।
कहानी के घटनाक्रम पद रहेंगे तो कहानी का वास्तविक चित्रण प्रस्तुत हो पाएगा, जिससे पाठक को कहानी के आगे के घटनाक्रम को जानने की इच्छा होगी। कहानी के घटनाक्रम के साथ ही कहानी के वाक्य पर भी ध्यान देना चाहिए।
हो सके तो कहानी को छोटे-छोटे वाक्य में ही लिखना चाहिए ताकि पाठक एक सांस में एक वाक्य को पढ़ सके। इस तरह कहानी का उचित क्रम में और वाक्यों को छोटा-छोटा लिखने से कहानी और भी ज्यादा मनोरंजक हो जाती हैं और पाठक हर एक घटनाओं को अच्छी तरीके से समझ पाता है।
कहानी के घटना स्थान का विवरण करें
एक कहानी में पात्रों का चरित्र चित्रण तो होता ही है लेकिन इसके साथ ही उसके आसपास के वातावरण और घटना स्थान का भी जिक्र होना कहानी में बहुत ही जरूरी है।
उदाहरण के लिए यदि कहानी किसी किसान या किसी गांव से संबंधित है तो कहानी में नदी, पहाड़, झरने, खेत, फसल जैसे प्राकृतिक चीजों का भी थोड़ा बहुत वर्णन होना जरूरी है।
वहीं यदि कहानी किसी शहरी इलाके का है तो उस माहौल के अनुसार शब्दों का प्रयोग करना जरूरी है ताकि पाठक जब कहानी पढे तो वह अपने आप को उस घटना स्थान पर मौजूद होने के भाव को महसूस करें। इसके साथ ही लेखक घटना स्थान के अनुसार ही कहानी में शब्दों का प्रयोग कर सकते हैं।
यदि उसके कहानी का घटनास्थल गांव है तो वह गांव में बोले जाने वाली आम बोलचाल की भाषा में प्रयोग किए जाने वाले शब्दों का प्रयोग कर सकते हैं, जिससे कहानी और भी ज्यादा रोचक हो जाता है।
कहानी लिखने के नियम क्या है और ढांचा (Kahani Likhne Ke Niyam Kya Hai)
जिस तरह घर बनाने से पहले नक्शा तैयार किया जाता है। इसी तरह एक कहानी को लिखने के लिए उसका फॉर्मेट तैयार करना बहुत ही जरूरी है तभी एक अच्छी कहानी का निर्माण किया जा सकता है।
कहानी किसी भी तरह का हो लेकिन कहानी में कुछ चीजें सामान्य होती है जैसे कहानी का घटनास्थल, चरित्र चित्रण, कहानी का शीर्षक, निष्कर्ष आदि।
कहानी ऐसी होनी चाहिए कि पाठक कहानी की घटना को अपनी आंखों के सामने देख सके। कहानी जब सही फॉर्मेट में लिखी होती है तो कहानी पढ़ने की रुचि अपने आप ही बढ़ जाती हैं।
कहानी की फॉर्मेटिंग निम्नलिखित है:
कहानी की शीर्षक
कहानी में सबसे पहला चीज होता है, उसका शीर्षक। किसी भी कहानी की शुरुआत शीर्षक से ही होती है और कहानी का शीर्षक पूरे कहानी को बयां कर देता है।
कहानी का शीर्षक ऐसा होना चाहिए, जिसे पढ़कर ही कहानी किस घटना से संबंधित है, उसके बारे में पता चल जाए। कहानी के शीर्षक से ही कहानी के उद्देश्य स्पष्ट हो जाते हैं।
कहानी में जिस घटनाक्रम का जिक्र किया गया है, उससे अवगत होने के बाद पाठक को क्या सीख मिलेगी। उससे कहानी के शीर्षक का संबंध स्थापित होना चाहिए।
कहानी के शीर्षक से ही पाठक कहानी के लिए आकर्षित होता है। इसीलिए कहानी का शीर्षक जितना रोचक होगा पाठक उतना ही रुचि से कहानी को पड़ेगा।
कहानी का घटना स्थल
ज्यादातर कहानी लिखने की शुरुआत घटनास्थल से ही होती है। उदाहरण के लिए रामपुर नाम का एक गांव था। इस तरह कुछ कहानी में सबसे पहले स्थान का ही जिक्र होता है, जिसके बाद कहानी आगे पात्रों के बारे में बताती हैं।
पात्र परिचय
कहानी कोई भी हो कहानी में पात्र जरूर होते हैं। चाहे कहानी का पात्र कोई इंसान हो या पशु प्राणी भी हो सकता है लेकिन कहानी में उन पात्रों का चरित्र चित्रण बहुत ही जरूरी है।
लेखक अपने अनुसार कहानी के पात्रों का नाम निर्धारित करता है। कहानी में जो पात्र मुख्य भूमिका में होते हैं, उनका चरित्र चित्रण अन्य पात्रों की तुलना में थोड़ा ज्यादा होना चाहिए।
कहानी में इस तरह की भाषा का प्रयोग करना चाहिए ताकि कहानी में मौजूद पात्रों का चरित्र चित्रण सही तरीके से हो सके और वह वास्तविक और आकर्षक लगे।
कहानी की बॉडी
कहानी लिखने के नियम में कहानी का बॉडी मुख्य हिस्सा है, जिसे हम प्लांट भी कह सकते हैं। शिक्षक के बाद हम इस हिस्से से कहानी लिखने की शुरुआत करते हैं। कहानी कभी भी ज्यादा लंबे शब्दों में नहीं लिखना चाहिए।
कहानी कितनी ज्यादा विस्तारित है, उससे ज्यादा मायने रखती है कि कहानी पाठक के दिल को कितनी गहराई तक छूता है। यदि कहानी कम शब्दों में ही लिखी गई हो लेकिन पाठक को भा जाए तो वही सफल कहानी होती है।
कहानी में घटना का काल
किसी भी कहानी का निर्माण भूतकाल से ही होता है। भूतकाल में किसी घटित घटना को ही विषय बनाकर लेखक कहानी का निर्माण करता है।
ज्यादातर कहानी को भूतकाल में ही लिखा जाता है लेकिन जब कहानी में एक से अधिक पात्र होते हैं और पात्रों के बीच संवाद होता है तब कहानी में वर्तमान और भविष्य की भी बातें होती हैं।
कहानी का क्लाइमैक्स
जिस तरह फिल्म की शुरुआत के बाद क्लाइमैक्स आता है और क्लाइमैक्स तक पहुंचने के बाद दर्शकों का इंटरेस्ट और भी ज्यादा बढ़ जाता है। इसी तरह कहानी के शुरुआत के बाद उसके मध्य तक आते-आते कहानी में क्लाइमैक्स लेखन का प्रयोग करना चाहिए।
इससे पाठक कहानी को पढ़ने के लिए और भी ज्यादा उत्सुक होता है और उनका इंटरेस्ट बढ़ते ही चला जाता है। कहानी में क्लाइमैक्स होने से कहानी में एक नई घटना या नए चरित्र का अवतार होता है, जो पाठक को आश्चर्यचकित कर देता है।
कहानी का अंतिम सार
कहानी का अंतिम सार जो कहानी का निष्कर्ष होता है यहीं से कहानी का अंत शुरू हो जाता है। यहां तक आते-आते कहानी में पात्रों का चरित्र समाप्त होने लगता है।
कहानी का उद्देश्य स्पष्ट होने लगता है और कहानी से मिली सीख अंत में लिखकर कहानी का अंत कर दिया जाता है।
FAQ
अच्छी कहानी लिखने के लिए ज्यादा से ज्यादा कहानी पढ़नी चाहिए और ज्यादा से ज्यादा अनुभव प्राप्त करना चाहिए।
कहानी को मनोरंजक बनाने के लिए मनोरंजन के उद्देश्य से कहानी को लिखना चाहिए और उसी के अनुसार कहानी में पात्र के नाम और शब्दों का प्रयोग करना चाहिए।
हो सके तो हमेशा कहानी को कम शब्दों में ही लिखने की कोशिश करनी चाहिए।
निष्कर्ष
इस तरह आज के इस लेख में हिंदी गद्द का महत्वपूर्ण भाग कहानी लेखन के महत्वपूर्ण नियमों के बारे में आपने जाना।
हमें उम्मीद है कि इस लेख के जरिए कहानी लिखने के महत्वपूर्ण नियम (Kahani Likhne Ke Niyam Kya Hai) और उसके विधियों के बारे में आपको पता चल गया होगा।
इस लेख के जरिए आप एक अच्छी कहानी का निर्माण कर पाएंगे। यदि यह लेख आपको पसंद आया हो तो इसे अन्य लोगों के साथ भी जरूर शेयर करें।
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