इस लेख में kachua kya khata hai, कछुए को क्या-क्या खिलाना चाहिए? एवं कौन-कौन सा आहार नहीं खिलाना चाहिए? इस बारे में पूरी जानकारी विस्तार से बताएंगे।
कछुआ एक ऐसा जलीय जीव है, जो बड़े-बड़े महासागर, समुद्र, पानी एवं लोगों के घरों में निवास करता है। कछुए को घर में रखना धर्म शास्त्रों के अनुसार अत्यंत शुभ माना जाता है, इसलिए लोग कछुए को घर में रखते हैं।
कछुए के प्रकार
आमतौर पर कछुआ दो प्रकार का होता है। वैसे तो कछुए जल के अंदर ही रहते हैं, लेकिन एक तरह के कछुए गहरे समुद्र और बड़े-बड़े महासागरों में रहते हैं जबकि दूसरे को छुए छोटी आकृति के छोटे-छोटे समुद्र और जलाशयों में रहते हैं।
कछुआ को दो प्रकार से देखा जाता है। जलचर और नभचर। दोनों ही प्रकार के कछुए अलग-अलग तरह का भोजन करते हैं। कछुआ को शाकाहारी और सर्वाहारी या फिर मांसाहारी भी कहते हैं क्योंकि समुद्र और कम पानी में रहने वाले कछुए सब तरह का खाना खाते हैं। जबकि कुछ कछुए शाकाहारी होते हैं।
बड़े-बड़े महासागर और समुद्रों में पाए जाने वाले कछुए का वजन 30 टन होता है। बड़े-बड़े समुद्र में रहने वाले कछुए की लंबाई 8 फुट से लेकर 10 फुट तक होती है, जबकि आमतौर पर छोटे समुद्र और जलाशयों में रहने वाले कछुए एक से 2 फीट के होते हैं और इनका वजन 2 किलो से लेकर 5 किलो और 10 किलो तक ही होता है।
अलग-अलग प्रजातियों के कछुए का अलग-अलग कलर होता है। आमतौर पर कछुआ 1 किलोमीटर की दूरी आधे घंटे में चलकर पार कर लेता है। संपूर्ण दुनिया में कछुए की 327 प्रजातियां मौजूद है।
कछुआ क्या खाता है?
कछुआ फल-सब्जियां एवं कीड़े-मकोड़े खाता है। शाकाहारी कछुआ केवल फल-सब्जियां एवं पानी वाली घास खाता है। जब भी मांसाहारी या सर्वाहारी कछुआ छोटे-छोटे जीव, कीड़े-मकोड़े, पतंगे, कीट एवं जलीय जीव खाता है।
कछुए को कौन-कौनसा खाना खिलाना चाहिए, जिससे कछुआ स्वस्थ रहता है। तो आइए कछुए के आहार के बारे में पूरी जानकारी विस्तार से प्राप्त करते हैं।
कछुआ किन सब्जियों को खाता है?
- कलमी के पत्ते
- गाजर
- पालक के पत्ते
- मटर के दाने
- बटभरी के दाने
- गाजर के पत्ते
- मकई के दाने
- मुली
- चुकंदर
- सलाद के पत्ते
कछुआ कौन-कौन से फूल खाता है?
- पेटूनिया
- गोरिया
- लिली का फूल
- सिंहपरनी का फूल
कछुआ कौन-कौनसा फल खाता है?
- केला
- तरबूज
- अंगूर
- टमाटर
- आम
- स्टोबेरी
- खरबूजा
- खीरा
- सेब
मांसाहारी कछुआ क्या खाता है?
- अंडे
- मकोड़े
- झींगुर
- घोंघा
- पतिंग
- तितल
- केंचुआ
- कॉकरो
- कीड़ा
कछुए को खाने के लिए हरी सब्जियां, फलदार सब्जियां, पत्तेदार सब्जियां, फूलदार सब्जियां, फ्रूट एवं हरी घास खिला सकते हैं। इसके अलावा कीड़े-मकोड़े एवं जलिय छोटे-छोटे जीव भी कछुए को खाने के लिए दे सकते हैं।
लेकिन कच्चा मांस एवं अनाज से बने हुए आहार कछुआ नहीं खाता है। इसलिए कछुए को वही खाना खिलाएं, जिसमें अत्यधिक प्रोटीन होता है एवं कछुए के खाने का आहार होता है।
कछुए के स्वास्थ्य के लिए उसके आहार पर ध्यान देना अत्यंत जरूरी है। यदि आपके कछुए ने कुछ दिनों से खाना नहीं खाया है तो इस पर आपको चिंता नहीं करनी चाहिए। बल्कि कछुआ जिस तरह का खाना खाता है उसे कछुए के आगे रखना चाहिए।
बता दें कि कछुआ 2 से 3 महीने तक बिना खाना खाए भी रह सकता है। इसलिए कछुए को हर रोज खाना खिलाने की जरूरत नहीं है। कछुआ अपनी इच्छा के अनुसार भोजन करता है।
कछुए के बारे में सामान्य जानकारी
धर्म शास्त्र और इतिहास के अनुसार कछुआ एक अत्यंत प्राचीन जलीय जीव है। कछुए का इतिहास लगभग 15 करोड़ से भी अधिक वर्षों का है। प्राचीन से प्राचीन धर्म ग्रंथ भी कछुए के होने का प्रमाण बताते हैं।
कछुआ शांति से जीवन व्यतीत करता है। कछुए का जीवन अत्यधिक लंबा होता है। आमतौर पर एक कछुआ 300 वर्ष की आयु प्राप्त करता है। कछुआ छोटी आकृति के, मध्यम और बड़ी आकृति का अलग-अलग होता हैं।
दुनिया भर में कछुए की अनेक सारी प्रजातियां हैं, जिनमें से कुछ प्रजातियां लुप्त हो चुकी है। इतिहास में भी कछुए का इतिहास सदियों से बताया है।
इतिहासकार कहते हैं कि कछुआ दुनिया का सबसे प्राचीन स्तनधारी जीव हैं, जो वर्तमान समय में भी दुनिया के प्रत्येक कोने में अलग-अलग प्रजातियों के साथ मौजूद है। हमारे सनातन धर्म के अनुसार कछुआ अत्यंत शुभ जलीय जीव है।
कछुए को देखना, कछुए को स्पर्श करना, कछुए को घर में रखना, कछुए का पालन करना अत्यंत शुभ माना जाता है। धर्म शास्त्र के अनुसार कछुए को घर में रखना सुख समृद्धि का संकेत होता है। जिनके घरों में कछुआ रहता है, उनके घरों में धन की कभी भी कमी नहीं आती है।
कछुए को शांति का प्रतीक माना जाता है। कछुआ अपनी शांति से रहता है। किसी भी तरह का हल्ला या शोर-शराबा नहीं करता है। कछुए के शरीर के ऊपर कवच अत्यधिक कठोर होता है, जिसे बड़ा से बड़ा जानवर नहीं खा सकता। इसलिए खतरे को देखते हुए कछुआ अपनी गर्दन और पैर को कवच के अंदर खींच लेता है, जिसके बाद कोई भी जानवरों से आसानी से हानि नहीं पहुंचा सकता।
कछुआ को दुनिया का सबसे प्राचीन स्तनधारी जीव माना गया है। कछुए का शरीर डिब्बे की तरह ढका हुआ होता है। कछुए के शरीर के ऊपर अत्यधिक कठोर कवच बना होता है, जो इसकी सदैव रक्षा करता है।
कछुए के मुंह में दांत नहीं होते हैं। कछुआ रात के अंधेरे में भी आसानी से देख सकता है। आमतौर पर एक कछुआ 2 से 3 महीने तक बिना कुछ खाए रह सकता है।
FAQ
कछुआ फल-सब्जियों के अलावा किडे-मकोड़े एवं छोटे-छोटे जलीय जीव खाता है।
कछुआ 300 वर्षों तक जीवित रह सकता है, लेकिन कम से कम 100 वर्ष कछुए की न्यूनतम आयु होती है।
पूरी दुनिया में 23 मई को कछुआ दिवस मनाया जाता है।
धर्म शास्त्र और वैज्ञानिकों के अनुसार कछुआ दुनिया का सबसे प्राचीन जलीय जीव हैं, इसे दुनिया का सबसे प्राचीन स्तनधारी जीव भी कहा गया है। वैज्ञानिकों के अनुसार कछुए की उत्पत्ति मनुष्य से पूर्व हुई थी।
कछुआ कच्चा मांस और अनाज से बने पदार्थ नहीं खाता है।
निष्कर्ष
कछुआ क्या क्या खाता है (Kachua Kya Khata Hai) और क्या नहीं खाता है? इस विषय में पूरी जानकारी आज के इस आर्टिकल में बताई हैं। क्योंकि धर्म शास्त्रों के अनुसार कछुए को घर में रखना शुभ होता है। इसलिए लोग कछुए को घर में रखते हैं।
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