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जो बाइडेन का जीवन परिचय

जो बाइडेन अमेरिका के एक ऐसे राजनेता हैं, जिन्होंने अपने जीवन में कई बूरे हालातों का सामना किया है। संयुक्त राष्ट्र अमेरिका के 47 वें उपराष्ट्रपति का गौरव हासिल करने वाले जो बाइडेन का हमेशा से ही यह सपना रहा कि ताकत हासिल करके अपने देश में बेहतर बदलाव लाना।

वर्ष 1972 में जो बाइडेन छठे सबसे कम उम्र में सीनेट चुनाव जीतने वाले व्यक्ति बने। इन्होने वर्ष 2009 से 2017 तक ओबामा एडमिनिस्ट्रेट के अंदर उपराष्ट्रपति का कार्य किया। आज 77 साल की उम्र में भी जो बाइडेन बिना हार माने अपने देश को बेहतर बनाने का काम कर रहे है।

साल 2020 के अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी से उम्मीदवारी के रूप में बाइडेन वर्तमान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विपक्ष में अपनी दावेदारी पेश की थी।

Joe Biden Biography in Hindi

इस लेख में हम हम आपको मशहूर हस्ती जो बाइडेन से जुड़ी जानकारी शेयर करने जा रहे हैं। तो आप हमारे इस लेख के अंत तक बने रहे।

जो बाइडेन का जीवन परिचय (जन्म, परिवार, राजनीतिक करियर, नेट वर्थ)

जो बाइडेन का संक्षिप्त विवरण

नामजो बाइडेन
पूरा नामजोसेफ रोबीनेट बाइडेन जूनियर
जन्म और स्थान20 नवम्बर 1942, स्क्रैंटन, पेंसिलवेनिया (अमेरिका)
पिताजीजोसेफ रॉबनेट बाइडेन सीनियर
माताजीकैथरीन युजेनिया जीन फिनेगन
भाई-बहनएक बहन और दो भाई
स्कूलसेंट पॉल एलिमेंट्री, स्कैंटन और सेंट हेलेना स्कूल
कॉलेजयूनिवर्सिटी ऑफ़ डेलावेयर और Syracuse University
धर्मकैथोलिक (ईसाई धर्म)
स्टेटसविवाहित

जो बाइडेन का जन्म एवं परिवार

जो बाइडेन का पूरा नाम जोसेफ रोबीनेट बाइडेन है। बाइडेन का जन्म अमेरिका के स्क्रैंटन, पेंसिलवेनिया के सेंट मैरी अस्पताल में 20 नवम्बर 1942 को हुआ। इनके पिता का नाम जोसेफ रॉबनेट बाइडेन सीनियर (1915 – 2002) था और उनकी माता जी का नाम कैथरीन युजेनिया जीन फिनेगन (1917 – 2010) था, जो कि एक गृहणी थी।

कैथोलिक (ईसाई धर्म) में जन्मे जो बाइडेन अपने चार भाई-बहनों में सबसे बड़े है। इनकी बहन का नाम वैलेरी बाइडेन ओवेन्स (मैरी) और दो भाइयों का नाम फ्रांसिस विलियम “फ्रैंक” बाइडेन और जेम्स ब्रायन “जिम” बाइडेन है। उनकी बेटी वैलेरी बाइडेन जो बाइडेन के राष्ट्रपति अभियानों के लिए अभियान प्रबंधकों में से एक है।

वैसे तो जो बाइडेन के पिता का तेल का कारोबार था। लेकिन इसमें नुकसान होने के कारण इनके पिता को आर्थिक रूप से परेशानी आने लगी थी, जिसके बाद उन्हें नौकरी खोजने के लिए बहुत ही संघर्ष करना पड़ा। फिर बाइडेन के पिता को कार सेलिंग की नौकरी मिली थी, जिसके कारण पूरे परिवार को Wilmington, Delaware में शिफ्ट होना पड़ा।

इनके पिता भट्टियों की सफाई के काम के अलावा पुरानी कारों के भी विक्रेता थे। जो बाइडेन के पिता 86 वर्ष में चल बसे, वहीं इनकी माता ने 92 वर्ष पूर्ण करके इस दुनिया से विदाई ले ली।

जो बाइडेन की शिक्षा

जो बाइडेन के शुरूआती स्कूल की शिक्षा स्कैंटन के सेंट पॉल एलिमेंट्री नाम के स्कूल पूर्ण की। फिर 1955 में जब जो बाइडेन 13 वर्ष के थे तब पिता के ऑयल बिजनेस में लॉस होने के कारण मेफील्ड डेलावेयर जाना पड़ा। वहां पर भी जो बाइडेन ने अपनी पढ़ाई को रुकने नहीं दिया।

जो बाइडेन ने सेंट हेलेना स्कूल में अपना दाखिला लिया और अपनी पढ़ाई को निरंतर रखा। इन्होंने अपनी पढ़ाई के खर्च के लिए पढ़ाई के साथ साथ काम भी किया। इस काम में स्कूल की सफाई के साथ-साथ खिड़कियाँ और गार्डन की सफाई भी शामिल थी। यूनिवर्सिटी ऑफ़ डेलावेयर से इन्होंने अपनी पढाई पूरी की और Syracuse University से अपनी कानून की डिग्री भी हासिल की।

जो बाइडेन की पहली शादी

27 अगस्त 1966 में जो बाइडेन ने निलिया हंटर से शादी की। निलिया हंटर से जो बाइडेन के तीन बच्चे हुए। उनके दो बेटे और एक बेटी हुई। जो बाइडेन के बेटों का नाम जोसेफ “ब्यू” बाइडेन और रॉबर्ट हंटर बाइडेन है और बेटी का नाम नाओमी बाइडेन (एमी) था। जो बाइडेन एक बेटी चाहते थे और उन्हें वो मिली लेकिन अधिक समय के लिए नहीं।

पत्नी और बेटी की मृत्यु

18 दिसंबर, 1972 को, बाइडेन की पत्नी नीलिया और उनकी एक साल की बेटी एमी, डेलावेयर के हॉकसिन में एक सड़क दुर्घटना में मारे गए। इनके बेटे बीयू का पैर टुटा और और हंटर की लेग इंजरी व छोटा Scalp Fracture (खोपड़ी का फ्रैक्चर) हुआ था।

जिसके बाद बाइडेन ने निर्णय लिया कि वह राजनीति को छोड़कर अपने बच्चों की देखभाल करेंगे। बाइडेन एक अच्छे पॉलीटिशियन थे। इसलिए उन्हें एक सुझाव दिया गया कि वह राजनीति को नहीं छोड़े।

जो बाइडेन की दूसरी शादी

1975 में जो बाइडेन के भाई द्वारा आयोजित एक ब्लाइंड डेट पर जो बाइडेन एक शिक्षक जिल ट्रेसी जैक्स से मिले थे। फिर 17 जून 1977 को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र के चैपल में जो बाइडेन और जिल की शादी हुई। जो बाइडेन ने अपनी दूसरी पत्नी को राजनीति और जीवन में उनकी रुचि के साथ नवीकरण का श्रेय दिया है।

इनकी एक बेटी भी है, जिसका नाम एशले बाइडेन है और इसका जन्म 1981 को हुआ था। उनकी बेटी एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं। अपने परिवार की देखरेख के लिए जो बाइडेन हमेशा अपने डेलावेयर घर और वाशिंगटन, डीसी (Washington, D.C.) के बीच ट्रेन से प्रति दिन 90 मिनिट की दूरी तय करते थे। सीनेट में अपने 36 वर्षों तक जो बाइडेन ने अपनी इस आदत को बनाये रखा।

लेकिन दुर्घटना ने जो बाइडेन क्रोध और धार्मिक संदेह से भर दिया था। बाद में उन्होंने लिखा कि उन्हें लगा “भगवान ने एक भयानक चाल खेली है” और उन्हें काम पर ध्यान केंद्रित करने में परेशानी हुई।

उनके बेटे (पहली शादी के) ब्यू बाइडेन इराक युद्ध में सेवारत एक आर्मी जज एडवोकेट बने और बाद में डेलावेयर अटॉर्नी जेनेरा की 2015 में ब्रेन कैंसर से मृत्यु हो गई। उनके दूसरे बेटे हंटर बाइडेन (पहली शादी के) वाशिंगटन के एक वकील और पैरवीकार हैं।

जो बाइडेन का राजनीतिक में करियर

जो बाइडेन को बचपन से ही लम्बा भाषण देने और लम्बी बातचीत करने में समस्या थी। अधिक लम्बी बात करते समय बीच में रूक जाते थे या फिर एक ही बात को दोहराने लग जाते थे। अपनी इस समस्या को दूर करने के लिए जो बाइडेन ने बहुत मेहनत की।

इसके लिए जो बाइडेन अपने मुंह में पत्थर रखकर कविताएँ भी बहुत पढ़ी। सभी बच्चे किताब में पैराग्राफ को पढ़ते थे तो जो बाइडेन पैराग्राफ को अच्छी तरह से याद कर लेते थे। जो बाइडेन कांच के सामने खड़े होकर स्पीच का अभ्यास करते थे ताकि उनके स्पीच न देने की समस्या दूर हो सके।

जो बाइडेन डेमोक्रेटिक पार्टी के मेम्बर थे और आज भी है। साल 1970 में उनको न्यू कैसल कंउटी काउंसिल के लिए सिलेक्ट किया गया था। बाद में साल 1972 में वह सीनेट का चुनाव जीते और लगातार 6 बार वह सीनेटर चुने जाते रहे थे।

जो बाइडेन ने साल 1973 से 2009 तक यूनाइटेड के सेनेटर बनकर काम किया। ये सिर्फ 30 साल के थे तब इन्हें US का सेनेटर बनाया गया। उन्होंने साल 1988 में और साल 2008 में डेमोक्रेट पार्टी से राष्ट्रपति बनने के लिए दावेदारी जताई थी। परंतु उन्हें दोनों बार ही असफलता मिली।

लेकिन 2008 में जब वे बराक ओबामा के आगे हार गए तो तब बाद में उन्हें अमेरिका के उपराष्ट्रपति के पद पर आसीन किया गया था। सेनेट के शुरुआती समय में जो बाइडेन ने बहुत सी चीजों पर ध्यान दिया। ये हर उस चीज पर गौर करते थे जिससे देश में अच्छा बदलाव लाया जा सकता है।

बाइडेन ने कंज्यूमर प्रोटेक्शन, इन्वेस्टमेंट इश्यू, सीनियर सिटीजन के साथ-साथ पब्लिक हेल्थकेयर पर फोकस कर इनमें बेहतर बदलाव लाने की पूरी मांग की। जो बाइडेन पूरी तरह एक अच्छे नागरिक बनने कर्तव्य निभाते आये है। इनसे कुछ फैसले लेने में गलतियाँ हुई है और ये बात जॉय खुलकर कहते हैं।

वर्ष 1974 में जो बाइडेन के बेहतरीन कामों को नजर में रखते हुए इन्हें टाइम मैगज़ीन में भविष्य के 200 चेहरों में से एक चुना गया था। बाइडेन के साथ काम करने वाले लोग और इनके राजनीति के करीब दोस्त यही कहते हैं कि बाइडेन एक मिसाल है।

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जो बाइडेन अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति के रूप में

जो बाइ एक बहुत ही अच्छे राजनेता रहे। लोगों के बीच इनका काफी प्रभाव रहा, जिसके कारण उपराष्ट्रपति रहते हुए भी इन्होंने ओबामा के हर निर्णयों का बहुत भरपूर समर्थन किया, उनके कंधे से कंधे मिलाकर चले। अमेरिकी सेना को वापस लाने में भी इन्होंने ओबामा की बहुत मदद की।

जिस कारण साल 2016 में जब राष्ट्रपति ओबामा का कार्यकाल पूरा हो गया तब उन्होंने जो बाइडेन का समर्थन किया। जो बाइडेन के पास राजनीति का एक लंबा अनुभव था। इसके साथ ही डेमोक्रेटिक पार्टी में उनका प्रभाव भी बहुत अच्छा था, जिसके कारण ओबामा उनके साथ रहे। प्रेसीडेंशियल कैंपियन भी उन्होंने शुरू की लेकिन अंत में हिलेरी क्लिंटन ने बाजी मार ली।

जिसके बाद डेमोक्रेटिक पार्टी ने अंत में हिलेरी क्लिंटन को राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में चुना। लेकिन यह भी सफल नहीं हो पाए और ट्रंप जीत गए। लेकिन उस वक्त ओबामा की छवि अच्छी थी और उनके सपोर्ट में जो बाइडेन थे। यदि जो बाइडेन डेमोक्रेटिक पार्टी के साथ रहे होते तो शायद जो बाइडेन राष्ट्रपति विजेता होते हैं।

उसके बाद साल 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में दोबारा पार्टी ने बाइडेन को आगे किया। पार्टी के सभी नेताओं ने इनका सपोर्ट किया लेकिन दूसरी तरफ विपक्ष में बर्नी सैंडर्स जो बाइडेन को कड़ी टक्कर दे रहे थे। बर्नी सैंडर्स काफी आगे चल रहे थे और लोगों और पार्टी में भूमिका काफी अच्छा प्रभाव था।

लेकिन इसके बावजूद जो बाइडेन ने अप्रैल 2019 में अपनी कैंपेन शुरू की और फिर बाद में अचानक कुछ ऐसा हुआ, जिसके बाद बर्नी सांडर्स राष्ट्रपति चुनाव से अपना नाम वापस ले लिया। जिसके बाद जो बाइडेन ट्रंप को हराकर अमेरिका के 46 वें राष्ट्रपति बनने में सफल हुए।

जो बाइडेन से जुड़े विवाद

वर्ष 2020 के मार्च महीने में जो बाइडेन पर एक रेप का आरोप लगाया गया। यह आरोप तारा रेडे नाम की महिला द्वारा लगाया था, जो कि उनके साथ 1993 में सीनेट ऑफिस में काम करती थी।

जो बाइडेन की जिंदगी के कुछ महत्वपूर्ण तथ्य

  • जो बाइडेन को साल 2017 में प्रेसिडेंशल मैडल ऑफ़ फ्रीडम अवार्ड से सम्मानित किया गया।
  • जो बाइडेन ने दो बार राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़े परंतु दोनों बार में ही असफलता का सामना करना पड़ा।
  • जो बाइडेन ने पहले ही प्रयास में राजनीतिक कामयाबी हासिल कर ली थी। लेकिन साल 1972 में उनके साथ बहुत बड़ा घटना घटा, जिसने उन्हें बड़े झटके में डाल दिया। एक कार एक्सीडेंट में उन्होंने अपने पूरे परिवार को खो दिया। उस कार हादसे में इनकी पत्नी और इनके बेटे और बेटी की मृत्यु हो गई।
  • जो बाइडेन एक सफल राजनीतिज्ञ रहे लेकिन जीवन में बहुत कीमत भी चुकानी पड़ी। साल 2015 में मई में कैंसर के कारण उनके बड़े बेटे की भी मृत्यु हो गई। बेटे की मृत्यु के पश्चात जो बाइडेन अंदर से टूट चुके थे और फिर उन्होंने लगभग 5 सालों तक राजनीति के क्षेत्र की ओर ध्यान नहीं दिया। लेकिन फिर साल 2020 में पूरी ताकत के साथ वापस लौटे और डोनाल्ड ट्रंप को टक्कर दे डाली।

जो बाइडेन की इनकम और नेट वर्थ

जो बाइडेन अभी अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति हैं। राष्ट्रपति के रूप में इन्हें हर महीने लगभग $4 लाख सैलरी मिलती है। हालांकि इस पर टैक्स भी भरना पड़ता है। इसके अलावा विदेश घूमने के लिए इन्हें $1 लाख मिलते हैं और इंटरटेनमेंट के लिए $19 लिख मिलते हैं।

इस तरह भारत के मुद्रा में देखा जाए तो जो बाइडेन को हर महीने 3 करोड़ से भी ज्यादा की सैलरी मिलती है। साल 2020 के आंकड़े के अनुसार जो बाइडेन की अब तक की कुल संपत्ति 15 मिलियन डोलर से भी ज्यादा है।

उनके पास न्यूयॉर्क में एक घर है, जहां पर उनका परिवार रहता है। उस घर की कीमत लगभग 5 डोलर मिलियन है। इसके अतिरिक्त इनके पास Covette Stingry Car, Corvete Z06 और Ford Raptor है, जिसकी कीमत क्रमश: 5 करोड़, 90 लाख और 30 लाख रुपए है।

निष्कर्ष

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Rahul Singh Tanwar
राहुल सिंह तंवर पिछले 7 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे हैं। इनको SEO और ब्लॉगिंग का अच्छा अनुभव है। इन्होने एंटरटेनमेंट, जीवनी, शिक्षा, टुटोरिअल, टेक्नोलॉजी, ऑनलाइन अर्निंग, ट्रेवलिंग, निबंध, करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान जैसे विविध विषयों पर कई बेहतरीन लेख लिखे हैं। इनके लेख बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं।

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