Jal Hi Jeevan Hai Par Nibandh: जीवन जीने के लिए हवा, पानी और भोजन की जरूरत होती है। इनमें से किसी एक के बिना भी व्यक्ति जिंदा नहीं रह सकता। पानी न केवल मनुष्य के जीने के लिए बल्कि पशु-पक्षी, जीव-जंतु सभी के जीवन के लिए जरूरी है। जल का प्रयोग ना व्यक्ति केवल पानी पीने के लिए बल्कि भोजन बनाने से लेकर फसल उगाने तक के लिए करता है।
जल अमूल्य तत्व है, जो एक बार खत्म हो जाए तो व्यक्ति उसे द्वारा उत्पन्न नहीं कर सकता। दुःख की बात तो यह है कि हर मानव जानता है कि जल सीमित मात्रा में है फिर भी जल को प्रदूषित करता है। इसीलिए स्कूल कॉलेजों में बच्चों को जल का महत्व सिखाने के लिए उन्हें “जल ही जीवन है” पर निबंध लिखने दिया जाता है।
इसीलिए आज के इस लेख में हम 200, 500 और 800 शब्दों में जल ही जीवन है निबंध (Essay on Jal hi Jeevan Hai in Hindi) लेकर आए हैं। यदि आप विद्यार्थी हैं और आपको स्कूल या कॉलेज में जल ही जीवन पर निबंध लिखने के लिए दिया है तो यह लेख आपके लिए बहुत ही उपयोगी साबित होने वाला है। इसके अतिरिक्त इस निबंध को पढ़कर आप भी जल के महत्व को जान पाएंगे और जल संरक्षण में अपना योगदान दे पाएंगे।
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जल ही जीवन है पर निबंध | Jal Hi Jeevan Hai Par Nibandh
जल ही जीवन है निबंध हिंदी में 200 शब्द
जैसा कि आप सभी को पता है इस संसार मे जितनी महत्वपूर्ण वायु है, उतना ही महत्वपूर्ण जल भी है। पृथ्वी पर जितने भी जीव जंतु, मनुष्य हैं उन सभी के लिए जल बहुत ही ज़्यादा महत्वपूर्ण तत्व है। हमारे इस संसार मे चाहें जीव जंतु हो कीड़े मकोड़े हो या पेड़ पौधे इन सब के लिए जल अमृत के समान काम करता है। इस पृथ्वी पर जब कुछ भी नही था तब जल था, जल के बिना हम इस संसार की कल्पना ही नहीं कर सकते और जल हम सब के लिए प्रकृति का अमूल्य तोहफा है।
आज के समय लोगों ने जल को प्राथमिकता देना ही बंद कर दिया है और हमारे वैज्ञानिकों ने तो साफ साफ यह कह दिया है। अगर जल का बचाव नहीं किया गया तो बहुत जल्द हम सभी को इसका अभाव देखना पड़ेगा। बढ़ती जनसँख्या और बढ़ते जल के उपयोग से हम जल को उतनी महत्त्ता नहीं दे रहे, जितनी हमें देनी चाहिए।
आपको ज्ञात होगा कि हमारे द्वारा किये गए कृत्यों से हमें नुकसान नहीं होगा अपितु पूरी प्रकति को होगा और सभी सजीव वस्तुओं को इसका अभाव झेलना पड़ेगा। तलाबों, नदियों, झरनों में जल दूषित होना शुरू हो गया है, वह अब पीने योग्य नहीं रह गया है।
हमने अगर जल्द से जल्द कुछ न किया तो यह आगे बहुत बड़ी मुसीबत बन जाएगी, वक़्त रहते हमें जल को बचाने के उपाय करने चाहिए और दूसरे लोगों को जरूर प्रेरित करना चाहिए।
जल ही जीवन है निबंध हिंदी में 500 शब्द
जल पृथ्वी का एक ऐसा प्राकृतिक तत्व है, जिसके बिना किसी भी जीव के अस्तित्व की कल्पना भी नहीं की जा सकती। ब्रह्मांड के नौ ग्रहों में से केवल पृथ्वी पर ही पानी मौजूद है। यही कारण है कि केवल पृथ्वी पर ही जीव है।
जलना ना केवल बाहरी पर्यावरण में मौजूद है बल्कि जल मनुष्य के शरीर में भी मौजूद है। इंसान भले भोजन के बिना एक सप्ताह जीवित रह सकता है लेकिन पानी के बिना 2 दिन से जादा जीवित नहीं रह सकता। पानी न केवल व्यक्ति के प्यास को बुझाता हैं बल्कि मनुष्य को स्वस्थ रहने में भी मदद करता है।
क्योंकि पानी शरीर से विषाक्त पदार्थ को बाहर निकालता है, इसीलिए डॉक्टर द्वारा हर रोज 8 से 10 गिलास पानी के सेवन करने को कहा जाता है। रोजाना पानी पीने से मनुष्य सक्रिय रहता है और पानी शरीर को हाइड्रेटेड रखता है।
मनुष्य केवल पिने के लिए ही नहीं बल्कि अनेकों कार्यों के लिए जल का प्रयोग करता है। कपड़ा धोने, साफ सफाई करने, फसल उगाने, भोजन बनाने इत्यादि तमाम कामों में जल का प्रयोग होता है। यदि जला ना हो तो यह तमाम काम रुक जाएंगे।
दुख की बात तो यह है कि हर मनुष्य जानता है कि जल के बिना उसका अस्तित्व खत्म हो जाएगा, उसके बावजूद भी मनुष्य जल को प्रदूषित करने से बाज नहीं आ रहा है। मनुष्य जल को प्रदूषित करके धरती से जीवों के अस्तित्व को खत्म कर रहा है और अब विनाश का समय भी नजदीक आ रहा है।
जैसा आप सभी जानते होंगे कि धरती का ¾ भाग जल से घिरा हुआ है लेकिन पीने योग्य पानी की मात्रा बहुत ही कम है। समुद्र और महासागर का पानी खारा होने के कारण ना वह पीने के काम आ सकता है ना ही उससे अन्य कार्य किए जा सकते हैं। जब धरती पर बारिश होती है तब मनुष्य को पीने लायक जल मिल पाता है। यह जल नदी, तालाब, कुएं में इकट्ठा होते हैं और मनुष्य इसी जल स्त्रोत से अपने पानी की आवश्यकता को पूरी कर पाता है।
लेकिन दिन प्रतिदिन मनुष्य अपने कई गतिविधियों से प्रदूषण फैला रहा है, फैक्ट्रियों से निकलने वाले धुएं, वाहनों से निकलने वाले धुएं पर्यावरण को प्रदूषित कर रहा है, जिस कारण बारिश भी अब सही मात्रा में नहीं हो पाती और इस कारण धरती पर पीने योग्य पानी मनुष्य को जुट नहीं पा रहा है।
जल का संरक्षण कैसे करें
अगर मनुष्य लंबे समय तक पानी का उपयोग करते रहना चाहता है तो मनुष्य को उन गतिविधियों को रोकना पड़ेगा, जिसके कारण जल और पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है। इसके अतिरिक्त जल का बचत करना भी बहुत जरूरी है। क्योंकि बहुत से ऐसे लोग हैं, जो जल को बिना वजह बर्बाद करते हैं। बहुत से लोग नल खोल कर रख देते हैं, पानी बहते रहता है।
यदि मनुष्य चाहता है कि भविष्य में वह पानी की एक बूंद के लिए ना तरसे तो अभी से ही उसे पानी के उपयोग पर कटौती करना पड़ेगा अर्थात जितना पानी की जरूरत है उतना ही प्रयोग करें। इसके अतिरिक्त ज्यादा से ज्यादा पेड़ पौधे लगाए ताकि सही समय पर सही मात्रा में बारिश हो और पीने लायक पानी धरती को प्राप्त हो सके।
इसके अतिरिक्त अन्य लोगों को भी जल संरक्षण के लिए प्रेरित करना चाहिए। जिन फैक्ट्रियों के द्वारा गंदा पानी नदियों में डाला जा रहा है, उन्हें चेतावनी देनी चाहिए कि वह कचरे को पानी में बहा कर जल को प्रदूषित ना करें।
यदि मनुष्य पानी के महत्व को नहीं समझेगा तो आने वाला भविष्य उसके लिए बहुत भयानक हो सकता है। इसीलिए अभी से ही हर एक मनुष्य को पानी की बचत करने के लिए सतर्क रहनि चाहिए।
जल ही जीवन है पर निबंध (800 शब्द)
प्रस्तावना
जल हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण तत्व है, जिसके बिना हम इस धरती पर रहने की कल्पना तक नही कर सकते, पृथ्वी पर रहने वाले सभी जीव जंतु, पेड़ पौधें और प्रकृति से जुड़ी विभिन्न तत्वों का जल एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जल के बिना इस धरती पर जीवन काट पाना न के समान है। जल भगवान के द्वारा दिये गए इस जीवन का आधार है।
पृथ्वी पर जल की मात्रा तेज़ी से नीचे की ओर बढ़ रही है जल हमे तलाबों, झरनों, कुआं, झील आदि स्थानों से प्राप्त होता है और अब तो अधिकतर तालाब, कुएं, झील सूखने लगे हैं। आपको बताते चले कि हमे इस पृथ्वी पर जितना जल प्राप्त होता है, उसका २.५ प्रतिशत जल ही पीने योग्य होता है बाकी का खारा जल होने की वजह से पीने में उपयोग नहीं करते हैं।
पृथ्वी में जल की कमी महसूस होने के साथ साथ एक और समस्या है, जिसका समाधान स्वयं मनुष्य ही कर सकता है। हम बात कर रहे हैं जल प्रदूषण की। जल प्रदूषण आज के समय बहुत ही बड़ी समस्या है। आज लगभग हर तरफ जल तालाबों झरनों कुओं आदि का जल प्रदूषित हो रहा है वह पीने योग्य नही बचा है। हमें जल्द से जल्द अनेक उपाय करने चाहिए और हर संभव प्रयास करना चाहिए कि जल प्रदूषित न हो।
जल संरक्षण का तात्पर्य
जल संरक्षण से तात्पर्य यह है कि हमें जल अव्यय को रोकना चाहिए। आज के समय मे हमें जल अधिक से अधिक मात्रा में बचाना चाहिए, वर्षा के दौरान बेवजह बह जाने वाले जल या किसी अनावश्यक कार्य के लिए उपयोग में लाया गया जल उसे हम सब को बचाना चाहिए। जितनी मात्रा में उसका उपयोग करना है, उतना ही करना चाहिए और कोशिश करना चाहिए कि उससे कम में ही हो जाये।
हमारे पृथ्वी का तीन चौथाई भाग जल से घिरा हुआ है। परन्तु यह भी सच्चाई है कि पीने योग्य जल की मात्रा बहुत कम सीमित रह गयी है। जल का संरक्षण करना बहुत ही ज्यादा जरूरी है। आपको बताते चलते हैं पृथ्वी के भीतर स्तिथ जल की अधिक मात्रा में खिंचाई होने के कारण जल का स्तर और गिरता चला जा रहा है।
इसके अलावा प्रदूषित जल होने के कारण उपयोग में नही आ पा रहा है, यह आने वाले समय मे घोर संकट का संदेश है। इसलिए हमें अभी से जागरूक हो जाना चाहिए और जल को अधिक से अधिक बचाना चाहिए।
जल प्रदूषण से होने वाली बीमारियां व उपाय
जैसा कि आपको ज्ञात होगा कि जल प्रदूषण से बहुत सी बीमारियों का सामना करना पड़ता है, जल प्रदूषण से मानव जाति को ही नुकसान नहीं पहुंचाता अपितु जलीय जीव पशु पक्षियों आदि को भी इसका सामना करना पड़ता है। अनेक से ऐसे कारखाने हैं, जिनमें विषैला जल निकलता है और सीधे नदियों नहरों तालाबों आदि में जाकर मिलता है और प्रदूषित हो जाता है, जिस कारण लोगों हैजा, मलेरिया, टाइफाइड, हैपेटाइटिस, दस्त और भी अनेक बीमारियों का सामना करना पड़ता है।
बहुत सी ऐसी बीमारियां होती हैं, जो प्रदूषित जल के कारण ही होती है। आज के समय लगभग 80 प्रतिशत बीमारियां प्रदूषित जल के कारण हो रही हैं। अगर ऐसे ही रहा तो हमें इससे होने वाले और नही दुष्प्रभावों को झेलना पड़ेगा। हमें जल्द से जल्द इस बीमारी से निजात पाने के लिए अनेक उपाय करने चाहिए और प्रकति से जुड़े रहना चाहिए।
उपाय
आज के इस दौर में बढ़ते जल प्रदूषण को देखते हुए सरकार द्वारा बहुत से अभियान चलाए जा रहे हैं। हर जगह नदियां, तालाब आदि का विशेष ध्यान रखा जा रहा है तो हमारा भी यह कर्तव्य बनता है कि हमें अपनी तरफ से जल बचाना चाहिए, उसकी बर्बादी नही करनी चाहिए और लोगों को जागरूक करना चाहिए।
सबसे पहले तो जो लोग नदियों तालाबों नहरों कुओं आदि के किनारे बैठकर नहाते और कपड़े धुलते हैं, उसके पश्चात साबुन का इस्तेमाल करते हैं, वह जल में जाकर मिलता है, जिससे जल प्रदूषित होता हैं, उन्हें रोकना चाहिए और उन्हें समझाना चाहिए और इसके अलावा हमें बड़े बड़े गड्डों में जल को एकत्रित करना होगा।
लोगों को जल बचाने के लिए जागरूक करना होगा वर्षा में हो रहे जल को भी एकत्रित करना होगा। कारखानों से आ रहे दूषित जल को नदियों, तलाबों आदि में मिलने से रोकना होगा और सभी को आवश्यकता अनुसार की जल को खर्च करने की सलाह देनी होगी। इन प्रयासों से हम जल दूषित होने और जल कम होने से कुछ मात्रा में रोक सकते हैं।
उपसंहार
जल वह महत्वपूर्ण तत्व है, जिसके बिना हम और हमारा जीवन दोनों अधूरे हैं। जल ही जीवन है जल के बिना पृथ्वी पर गुज़र बसर कर पाना संभव नहीं है। जल मानव जाति ही नहीं बल्कि संसार मे सजीव तत्वों को भी जीवित रहने के लिए महत्वपूर्ण भूमिक अदा करती है।
आज जल की हो रही इस कमी को देखते हुए हम सबको मिलकर अनेक प्रयास करने चाहिए और जैसा कि हमने बताया लोगों को जागरूक करना चाहिए। इन समस्याओं से बचने के लिए जल संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाने चाहिए।
भूमंडल के निचले स्तर के गर्म होने के कारण नदियों के जमीनी सतह के ग्लेशियर तेज़ी से गर्म हो रहे हैं। परन्तु अगर हम जल संरक्षण को बचाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे तो हम अधिक से अधिक मात्रा में जल का स्तर बढ़ा लेंगे और अनेक बीमारियों से बचेंगे।
अंतिम शब्द
हमने यहाँ पर जल ही जीवन है निबंध हिंदी में (jal hi jivan hai nibandh) के बारे में जानकारी प्राप्त की है। उम्मीद करते हैं आपको यह लेख अवश्य पसंद आया होगा, इसे आगे शेयर जरुर करें। यदि आपका इस लेख से जुड़ा कोई सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरुर बताएं।
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