ISI Mark Kya Hai: ISI मार्क एक ऐसा मार्क होता है, जब किसी कंपनी को या किसी ऐसे प्रोडक्ट को जो मार्केट में अच्छी क्वालिटी के साथ तथा अच्छे रेट पर बिकता है अर्थात उसकी क्वालिटी हंड्रेड परसेंट स्योर होती है, तब उस कंपनी को यह मार्क दिया जाता है। ताकि वह मार्केट में अपने प्रोडक्ट को बिना किसी विभेद के शेयर कर सकें।
आईएसआई मार्क उस कंपनी के लिए उतना ही जरूरी हो जाता है जितना कि उस कंपनी को इनकम प्रोडक्ट के प्रोडक्शन के लिए रा-मटेरियल अर्थात यह मार्क मिलने से कंपनी पर एक टैग लग जाता है कि यह वह उच्च श्रेणी तथा अच्छी क्वालिटी के प्रोडक्टों का निर्माण करती है। आइए इसके बारे में जानते हैं।
ISI मार्क क्या है?, पूरी जानकारी | ISI Mark Kya Hai
ISI क्या होता है?
आईएसआई मार्क के बारे में क्या आप जानते हैं? आपने कभी न कभी देखा होगा कि आपके घर पर कोई इलेक्ट्रॉनिक इंस्ट्रूमेंट या सामान आता है तो, उस पर आईएसआई मार्क का सिम्बोल बना होता है।
आप किसी भी इलेक्ट्रॉनिक सामान फ्रिज, कूलर, टीवी या गैस सिलेंडर, रेगुलेटर इत्यादि प्रकार की सामान्य देखी होंगी तो वहां पर भी आईएसआई मार्क लगा होता है। इसका मतलब यह एक मानक सिंबल होता है जिसका अर्थ होता है इंडियन स्टैंडर्ड्स इंस्टीट्यूट, जो अत्यधिक आवश्यक होता है।
ISI कैसे काम करती है?
ISI का नाम इंडियन स्टैंडर्ड इंस्टिट्यूट है, जिसको हिंदी में भारतीय मानक संस्था भी कहा जाता है। आईएसआई मार्क की बात करें तो यह एक स्टैंडर्ड सिंबल होता है, जो किसी प्रोडक्ट के ऊपर लगने से उसका स्टैंडर्ड डबल हो जाता है अर्थात वह उच्च श्रेणी के प्रोडक्टों में गिना जाता है। या उस कंपनी के बारे में अच्छी क्वालिटी का प्रोडक्शन निर्माण का टैग लगाया जाता है। भारत में ऐसे कई कंपनियां ऐसी कई संस्थाएं हैं, जो आईएसआई मार्क या अन्य टैग सिंबल को बनाती हैं।
यदि आप भी किस प्रकार के प्रोडक्ट का निर्माण करना चाहते हैं तथा मार्केट में अपने प्रोडक्ट को बेचना चाहते हैं और अपनी कंपनी खोलना चाहते हैं तो, उसके पहले आपको एक एप्लीकेशन बनाना होगा तथा इंडियन स्टैंडर्ड मानक पर उस एप्लीकेशन को दर्ज कराना होगा।
अपने सिंबल जैसे आईएसआई मार्क के जैसे एक सिम्बोल को बनाकर वहां पर दर्ज कराना होगा ताकि आपका प्रोडक्ट मार्केट में बिक सके तथा आप अधिक धन कमा सकते हैं और यदि आपकी प्रोडक्ट की क्वालिटी अच्छी रही आपका प्रोडक्ट सफल रहा तो, आपके प्रोडक्ट के ऊपर आईएसआई मार्क लगा दिया जाएगा, जो 1 स्टैंडर्ड वैल्यू को दर्शाता है।
ISI मार्क क्यों जरूरी होता है?
आई एस आई मार्क लगाना अति आवश्यक होता है। कभी इसके बगैर प्रोडक्ट गैरकानूनी माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि बाजार में बिक रहे प्रोडक्ट को गैरकानूनी तरीके से बेचा जा रहा है।
इसलिए उस पर कभी प्रतिबंध लगाया जा सकता है तथा उसके प्रोडक्टों को बैन किया जा सकता है। इसलिए आईएसआई मार्क अत्यंत आवश्यक हो जाता है जो भारत सरकार द्वारा निर्मित होता है तथा वह गैरकानूनी ढंग से न करके कानूनी ढंग से किया जाता है।
ISI की स्थापना
आई एस आई मार्क की स्थापना के संदर्भ में निम्नलिखित बिंदु हैं।
- ISI मार्क की स्थापना 6 जनवरी 1947 को हुई थी।
- पहले निदेशक डॉक्टर लाल सी वर्मन थे।
आज आईएसआई मानक ब्यूरो को बीएसआई के रूप में भी जाना जाता है अर्थात बीएसआई के रूप में भी यह व्याख्यान है, जो प्रोडक्टों को सर्टिफाइड करती है तथा उन्हें भी भारतीय मानक ब्यूरो के रूप में एक एएसआई सिंबल देती है।
ISI का पंजीकरण
आई एस आई का पंजीकरण करवाने के विषय में निम्नलिखित बिंदु हैं।
- आई एस आई मार्क से उच्च क्वालिटी तथा अच्छे प्रोडक्ट का होना जरुरी है।
- यह मार्क लगने से प्रोडक्ट से कोई स्वास्थ्य हानि नहीं होती।
- ग्राहक का विश्वास बढ़ाना।
- प्लेट की क्वालिटी की गारंटी होना।
ISI मार्क के क्या लाभ होते हैं?
आई एस आई मार्क के लाभ निम्न है।
- ग्राहकों का विश्वास बढ़ता है।
- आई एस आई मार्क लगने से ग्राहक पर विश्वास बढ़ने से लोग ज्यादा से ज्यादा जुड़ते हैं।
- आईएसआई मार्क लगे हुए प्रोडक्ट यदि खराब निकलते हैं तो उस पर कानूनी कार्यवाही की जा सकती है।
निष्कर्ष
आज इस पोस्ट माध्यम से हमने आपको ISI Mark क्या है? (ISI Mark Kya Hai) के बारे में संपूर्ण जानकारी दी है। यदि यह पोस्ट आपको पसंद आई हो तो हमें फॉलो करना न भूले तथा इस पेज को लाइक तथा शेयर जरूर करें धन्यवाद।
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