Indira Gandhi Biography in Hindi: इंदिरा गांधी को भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री के रूप में जाना जाता है। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी मुख्य द्वार पर विदेश नीति के लिए जानी जाती थी। आज भी इंदिरा गांधी के विदेश नीति की चर्चा की जाती है।
परंतु मुख्य रूप से भारत में इंदिरा गांधी को प्रथम महिला प्रधानमंत्री तथा भारत में आपातकाल लगाने और ऑपरेशन ब्लू स्टार जैसे कई महत्वपूर्ण ऑपरेशन और कार्यों के लिए जाना जाता है। इंदिरा गांधी ने अपने शासनकाल में विभिन्न प्रकार के काम करवाएं और विभिन्न प्रकार से देश को आगे बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास किया।
प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का जीवन शुरुआत से लेकर अंत तक काफी चर्चित रहा है। प्रधानमंत्री पद पर होते हुए ही इंदिरा गांधी को उन्हीं के सिख अंगरक्षको ने गोलियां से भुनकर मार दिया, जिसके बाद दिल्ली में हुए दंगों में बड़ी मात्रा में लोगों की जान चली गई और लंबे समय तक शांति भंग रही थी।
इससे पहले इंदिरा गांधी ने अपने शासनकाल में पंजाब हरियाणा विवाद तथा तमिल आतंकवाद से जुड़े ऐसे कार्य भी किए और इस तरह के फैसले लिए, जिसके लिए उन्हें जाना जाता है क्योंकि बहुत ही कम प्रधानमंत्री ऐसे मामलों में हस्तक्षेप करते हैं।
इंदिरा गांधी भारत की एक बहुचर्चित प्रधानमंत्री रह चुकी है, जिसका लोहा पाकिस्तान और दूसरे देश भी मानते हैं। इंदिरा गांधी ने अपने शासनकाल में महिला सशक्तिकरण पर जोर दिया और गरीबी हटाओ का नारा देकर गरीबी हटाने पर भी जोर दिया था, लेकिन पाकिस्तान के साथ युद्ध के चलते ऐसा नहीं हो सका।
इंदिरा गांधी के नाम से आज भी कई प्रकार के संसाधन देखने को मिल रहे हैं। पूर्व स्वर्गीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का जीवन काफी प्रेरणादायक है। लोग इंटरनेट पर इंदिरा गांधी के बारे में जानना चाहते हैं, इसीलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको इंदिरा गांधी का जीवन परिचय करवाते हैं।
इंदिरा गांधी का जीवन परिचय (Indira Gandhi Biography in Hindi)
नाम | इंदिरा गांधी |
जन्म | 19 नवंबर 1917 |
जन्म स्थान | इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश |
माता का नाम | कमला नेहरू |
पिता का नाम | जवाहरलाल नेहरू |
पति का नाम | फिरोज गांधी |
बेटे का नाम | राजीव गांधी एवं संजय गांधी |
पुत्र वधू का नाम | सोनिया गांधी और मेनका गांधी |
पौत्र | राहुल गांधी एवं वरुण गांधी |
पौत्री | प्रियंका गांधी वाड्रा |
पद | प्रधानमंत्री |
राजनीतिक पार्टी | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
नागरिकता | भारतीय |
धर्म | हिंदू |
मृत्यु | 31 अक्टूबर 1984 |
इंदिरा गांधी का जन्म परिचय
इंदिरा गांधी का जन्म उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में 19 नवंबर 1917 को हुआ था। इंदिरा गांधी के माता का नाम कमला नेहरू था और पिता का नाम जवाहरलाल नेहरू था। इंदिरा गांधी का जन्म एक राजनीतिक प्रभुत्व वाले परिवार में हुआ।
इंदिरा गांधी के पिता पंडित जवाहरलाल नेहरू देश के प्रथम प्रधानमंत्री थे। इसके अलावा पर पहले भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महात्मा गांधी के साथ सक्रिय रहे और एक वकील भी थे। इंदिरा गांधी पंडित नेहरू की इकलौती बेटी है।
इंदिरा गांधी के शिक्षा की बात करें तो इंदिरा गांधी ने पुणे विश्वविद्यालय से मैट्रिक पास किया। उसके बाद पश्चिम बंगाल में शांतिनिकेतन से भी शिक्षा हासिल की। जिसके बाद वे स्विट्ज़रलैंड चली गई तथा लंदन में उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से शिक्षा हासिल की है।
इंदिरा गांधी बचपन से ही देश प्रेम में विश्वास रखती थी। कहा जाता है कि विदेशी वस्त्रों की होली जल्दी देख उन्होंने मात्र 5 वर्ष की आयु में ही अपने खेलने के खिलौने वाली गुड़िया को जला दिया था, क्योंकि वह ब्रिटेन में बनी थी।
इंदिरा गांधी का पारिवारिक जीवन
पंडित नेहरू के बेटी होने की वजह से इंदिरा गांधी को कांग्रेस का सदस्य बना दिया गया। इंदिरा गांधी कांग्रेस सदस्य के रूप में चुनाव प्रचार भी किया करते थे। इस दौरान उनकी मुलाकात एक पत्रकार से हुई, जिसका नाम फिरोज खान था, जो आगे चलकर फिरोज गांधी हो गया।
दरअसल यह पत्रकार यूथ कांग्रेस के एक महत्वपूर्ण पद का सदस्य भी था। दोनों की यह मुलाकात प्यार में बदल गई और उन्होंने विवाह करने का फैसला ले लिया। हालांकि पंडित नेहरू इस विवाह के खिलाफ थे। उन्होंने फिरोज खान से विवाह करने के लिए मना किया। फिर भी इंदिरा गांधी ने फिरोज खान से विवाह कर लिया।
फिरोज खान से शादी करने के बाद इंदिरा गांधी ने राजीव गांधी को जन्म दिया, उसके बाद संजय गांधी को जन्म दिया। कहा जाता है कि फिरोज गांधी पारसी समुदाय से थे। जबकि इंदिरा गांधी हिंदू धर्म से संबंध रखती है और उस समय एक दूसरे धर्म के लोग आपस में शादी करना बहुत बड़ी बात होती थी।
इंदिरा गांधी राजनीति में आना चाहती थी। परंतु फिरोज खान से विवाह करने के बाद उनका यह सफर इतना आसान दिखाई नहीं दे रहा था। इसी बीच महात्मा गांधी ने फिरोज खान और इंदिरा गांधी को आशीर्वाद दे दिया, जिसके बाद फिरोज खान ने अपना सरनेम गांधी कर दिया और इस प्रकार इंदिरा गांधी बन गई।
देश को आजादी मिलने के बाद इंदिरा गांधी के पिता पंडित जवाहरलाल नेहरू देश के पहले प्रधानमंत्री बने। जिसके बाद इंदिरा गांधी दिल्ली में अपने पिता के साथ रहने लग गई।
यहां पर इंदिरा अपने दोनों बेटों के साथ रहती थी। जबकि उसका पति फिरोज गांधी इलाहाबाद में ही रह रहा था। इंदिरा गांधी की शुरुआत से ही राजनीति में रुचि रख रही थी तथा पंडित नेहरू पर उन्हें राजनीति में लाना चाहते थे और महात्मा गांधी का भी इंदिरा गांधी पर आशीर्वाद था। इसलिए अब इंदिरा गांधी के राजनीति में कदम रखने का समय आ गया था।
इंदिरा गांधी का राजनीतिक सफर
वर्ष 1950 में इंदिरा गांधी को कांग्रेस पार्टी के तहत राजनीति में उतार दिया गया था, जिसके बाद वर्ष 1951 से वर्ष 1952 के बीच होने वाले लोकसभा चुनावों में इंदिरा गांधी ने अपने पति के साथ जगह-जगह चुनावी सभाएं की और जगह-जगह रैलियां निकाली।
इस दौरान उन्होंने विभिन्न प्रकार के मुद्दे उठाए और हर तरह से लोगों को अपनी ओर करने का भरपूर प्रयास किया। इस चुनाव में इंदिरा गांधी के पति फिरोज गांधी ने भी रायबरेली सीट से चुनाव लड़ा था। चुनाव के बाद इंदिरा और फिरोज में अनबन होने लग गई।
फिरोज गांधी धीरे-धीरे सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के विरुद्ध एक बड़ा चेहरा बनते जा रहे थें। उन्होंने सरकार के करीबी नेता और भ्रष्टाचार नेताओं का पर्दाफाश करना शुरू कर दिया था क्योंकि वह पत्रकार थे।
इस दौरान उन्होंने पंडित नेहरू के करीबी माने जाने वाले नेता और वित्त मंत्री टीटी कृष्णमाचारी का नाम भ्रष्टाचार की सूची में उछाला, जिससे सरकार की बहुत बुराई हुई। इस बात पर भी इंदिरा और फिरोज में काफी अनबन देखने को मिली। उस समय फिरोज गांधी सरकार के विरुद्ध एक बड़ा चेहरा बन चुके थे। लेकिन 8 सितंबर 1960 को फिरोज गांधी की मृत्यु हो गई। मृत्यु का कारण है हृदयघात बताया जाता है।
प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी
इंदिरा गांधी को कांग्रेस का अध्यक्ष तो वर्ष 1959 में ही बना दिया गया। लेकिन 27 मई 1964 को पंडित जवाहरलाल नेहरु की मृत्यु के बाद लाल बहादुर शास्त्री को प्रधानमंत्री बनाया गया।
उनके मंत्रालय में इंदिरा गांधी को इनफार्मेशन एंड ब्रॉडकास्टिंग मंत्रालय दिया गया था। परंतु 11 जनवरी 1966 को ताशकंद में हुए समझौते के द्वारा लाल बहादुर शास्त्री की असामान्य परिस्थितियों में मृत्यु हो गई, जिसके बाद हुए अंतरिम चुनाव में इंदिरा गांधी ने जीत हासिल कर ली और देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बन गई।
इंदिरा गांधी ने प्रधानमंत्री बनते ही वर्ष 1969 में भारत के 14 सबसे बड़े बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया और चार प्रीमियम तेल कंपनियों का भी प्रस्ताव स्वीकार किया। देश में खाद्य समस्या से संबंधित भी विभिन्न प्रकार के कदम उठाए और देश को परमाणु संपन्न बनाने के लिए भी वर्ष 1974 में जिम्मा उठाया था।
देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने बिना किसी संकोच के अनेक सारे ऐसे फैसले लिए, जिन्हें लेने की किसी में हिम्मत नहीं होती थी। इसके अलावा विभिन्न प्रकार की नीतियां लागू की विभिन्न प्रकार की योजनाओं का शुभारंभ किया और विदेश नीति पर भी काफी जोर दिया था।
भारत पाकिस्तान युद्ध
इंदिरा गांधी के कार्यकाल में वर्ष 1971 में देश को एक बड़े संकट का सामना करना पड़ा। जब पाकिस्तान ने भारत पर युद्ध की घोषणा कर दी। इस दौरान प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने सूझबूझ से काम लिया और पाकिस्तान को बखूबी उसी की भाषा में जवाब दिया, जिसके बाद कुछ ही दिनों में पाकिस्तान ने आत्मसमर्पण कर दिया।
इस युद्ध में भारत की विजय होने पर इंदिरा गांधी की प्रसिद्धि पहले के मुकाबले अधिक बढ़ गई और दुनिया भर में इंदिरा गांधी का नाम रोशन होने लगा। इंदिरा गांधी ने ही अपनी सूझबूझ से काम लेते हुए बांग्लादेश को पाकिस्तान से अलग करके एक स्वतंत्र देश बनाया था।
आपातकाल की घोषणा
अमर से 1975 में इंदिरा गांधी को बहुत समस्या का सामना करना पड़ा और काफी आलोचनाएं भी सहनी पड़ी। इन दिनों विपक्षी दलों ने सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर अर्थव्यवस्था की खराब स्थिति और अनियंत्रित भ्रष्टाचार को लेकर इंदिरा गांधी के खिलाफ बहुत बड़ा प्रदर्शन शुरू कर दिया था और उसी वर्ष इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने भी यह फैसला सुनाया था कि इंदिरा गांधी ने पिछले चुनाव के दौरान अवैध तरीके का इस्तेमाल किया था।
इसीलिए इंदिरा गांधी को सीट खाली करने के लिए कहा गया जिस कारण लोगों में प्रतिशोध बढ़ गया और इंदिरा गांधी ने अपना इस्तीफा देने की बजाय 26 जून 1975 को देश में आपातकाल की घोषणा कर दी।
आपातकाल की घोषणा करने के बाद देश में लागू कानून और नीतियां खंडित हो गई और बड़े पैमाने पर लोगों की हत्याएं हुई जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हुआ। इंदिरा गांधी ने अपने सभी विरोधी पार्टियों के नेताओं को और विरोधी लोगों को जेल में डलवा दिया तथा बड़े पैमाने पर नसबंदी की गई, जिसके अंतर्गत लोगों को जबरदस्ती पकड़ कर उनकी नसबंदी की गई थी।
लोगों में आपातकाल को लेकर काफी आक्रोश देखने को जिसके बाद 1977 में इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल को हटाकर चुनावों की घोषणा की। लेकिन आपातकाल के दौरान किए गए कार्यों को देख कर इंदिरा गांधी को हार का सामना करना पड़ा।
आपातकाल के दौरान लोगों को जबरदस्ती पकड़कर उनकी नसबंदी की गई तथा लोगों के साथ बड़ी मात्रा में अत्याचार हुआ। जिसकी वजह से तथा कोर्ट के द्वारा सुनाए गए फैसले के खिलाफ हम अधिकार की घोषणा करने पर लोगों ने इंदिरा गांधी के खिलाफ जनता दल पार्टी को नेतृत्व करते हुए इंदिरा गांधी को भारी मतों से हराया।
जिसकी वजह से मोरारजी देसाई और जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में जनता दल के गठबंधन को जीत मिली। जबकि कांग्रेस केवल 153 लोकसभा सीट प्राप्त कर सकी।
दूसरी बार इंदिरा गांधी बनी प्रधानमंत्री
जनता दल गठबंधन से सरकार बनाई थी, इसीलिए आंतरिक संघर्ष के चलते जनता दल और गठबंधन की सरकार ने कोई अच्छा काम नहीं किया। जिसका फायदा इंदिरा गांधी ने उठाया और वर्ष 1980 के लोकसभा चुनावों में विशाल बहुमत से एक बार फिर इंदिरा गांधी सत्ता में लौटी और दूसरी बार भारत के प्रधानमंत्री बनी।
इस बार इंदिरा गांधी ने आतंकवाद पर जोर दिया और देश में उत्पन्न हो रहे अलगाववादी नेताओं की भी कमर तोड़ने के हर संभव प्रयास किए। मुख्य रूप से पंजाब हरियाणा का विवाद इंदिरा गांधी ने ही समाप्त किया था तथा दक्षिण भारत में भी आतंकवाद का खात्मा करने के लिए इंदिरा गांधी को ही जाना जाता है।
सिख आतंकवाद को भारत में खत्म करने के लिए इंदिरा गांधी ने ऑपरेशन ब्लू स्टार को चलाया था, जो आज भी चर्चा का विषय बना हुआ है। दरअसल वर्ष 1981 में एक आतंकवादी संगठन ने एक अलग देश खालिस्तान की मांग की थी और जिसके चलते पंजाब में बड़े पैमाने पर दंगे हुए हजारों लोगों की मौत हुई।
जब इंदिरा गांधी ने ऑपरेशन ब्लूस्टार चलाया तो यह आतंकवादी अमृतसर के स्वर्ण मंदिर परिसर में प्रवेश कर गए और यहां पर ही रहने लगे, जिसके बाद इंदिरा गांधी ने भारतीय सेना को भेजने का आदेश दिया और सेना को हत्यारों के साथ स्वर्ण मंदिर पहुंच गई।
वहां पर आतंकवादियों ने गोलियों चलाई गई। गोलियों से यहां पर सैकड़ों सैनिक शहीद हुए और निर्दोष लोग भी मारे गए। हालांकि यह ऑपरेशन सफल रहा और सभी आतंकवादियों को मार दिया गया।
इंदिरा गाँधी की मृत्यु
इंदिरा गांधी की मृत्यु प्राकृतिक रूप से नहीं हुई बल्कि उनकी हत्या की गई थी। जब इंदिरा गांधी ने ऑपरेशन ब्लूस्टार चलाया था तब पवित्र अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में सेना भेजने और वहां पर गोलियां चलाने की वजह से संपूर्ण सिख समुदाय इंदिरा के खिलाफ हो गया, जिसकी बदौलत भारतीय सेना में भी विद्रोह देखने को मिला।
देश के कोने-कोने में सिख समुदाय के फौजी विद्रोह कर गए। लेकिन ऑपरेशन ब्लू स्टार समाप्त होने के बाद 31 अक्टूबर 1984 को इंदिरा गांधी के ही सिख बॉडीगार्ड बिंत सिंह एवं सतवंत सिंह ने स्वर्ण मंदिर पर चलाए गए ऑपरेशन ब्लू स्टार का बदला लेते हुए इंदिरा गांधी को गोलियों से भून कर मार डाला। दोनों ने इंदिरा गांधी पर कुल 31 गोलियां चलाई, जिससे इंदिरा गांधी मौके पर ही मर गई।
FAQ
19 नवंबर 1917
जवाहरलाल नेहरू
राजीव गांधी एवं संजय गांधी
निष्कर्ष
देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को भारत रत्न पुरस्कार दिया गया था। इसके अलावा को ने विभिन्न प्रकार के पुरस्कार दिए गए थे, जिनमें बांग्लादेश को स्वतंत्र कराने के लिए भी एक महत्वपूर्ण पुरस्कार से नवाजा गया था।
इसके अलावा उन्होंने विश्व परिषद और विश्व भर में होने वाले संगठनात्मक मीटिंग में हिस्सा लिया था और विश्व पटल पर भारत को एक नया आयाम हासिल करवाया था। उनकी विदेश नीति और देश के अंदर आतंकवाद का खात्मा करने के लिए लिए गए कठोर फैसलों के लिए उन्हें जाना जाता है। लेकिन भ्रष्टाचार और आपातकालीन के लिए उन्हें भला-बुरा भी कहा जाता है।
आज के इस आर्टिकल में हम आपको पूरी जानकारी के साथ विस्तार से बता चुके हैं देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का जन्म परिचय (Indira Gandhi Biography in Hindi) उम्मीद करते हैं। यह जानकारी आपको जरूर पसंद आई होगी। अगर आपका इस आर्टिकल से संबंधित कोई भी प्रश्न है, तो नीचे कमेंट करके पूछ सकते हैं। हम पूरी कोशिश करेंगे कि आपके द्वारा पूछे गए प्रश्न का समय पर उत्तर दे सके।
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