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दोस्ती पर निबंध

Friendship Essay In Hindi: आज के आर्टिकल में हम दोस्ती पर निबंध के बारे में बात करने वाले है। दोस्ती का रिस्ता काफी सुनहरा होता है। दोस्ती का पवित्र रिश्ता होता है, जिसको बिना किसी के स्वार्थ के साथ निभाया जाता है। आज के आर्टिकल में हम Friendship Essay In Hindi के बारे में जानकारी देने वाले है।

Essay On Friendship In Hindi
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दोस्ती पर निबंध | Friendship Essay In Hindi

दोस्ती पर निबंध (200 शब्द)

मित्र का नाम सुनते ही दिल में एक अलग वेदना उत्तेजित हो जाती है। मित्र एक ऐसा निस्वार्थ व्यक्ति होता है जो हर समय अपनी मित्रता निभाने के लिए तत्पर रहता है। मित्रता का रिश्ता बिना किसी स्वार्थ वाला रिश्ता होता है, जिसमें व्यक्ति एक दूसरे की मदद करने के साथ-साथ अच्छे और बुरे समय में एक दूसरे के साथ खड़े रहते हैं। दोस्ती शब्द ही बहुत ही सुनहरा है और इस दोस्ती को दिल से निभाया जाता है। यदि कोई व्यक्ति दोस्ती में दिमाग लगाना शुरु कर देता है। तो वह दोस्ती लंबे समय तक नहीं रहती है।

जीवन के हर मोड़ में एक नया दोस्त बनता है। लेकिन गहरा संबंध कुछ ही दोस्तों के साथ हो पाता है हर जगह नहीं मुलाकात में एक नए दोस्त के रुप में कोई न कोई व्यक्ति आपके सामने जरूर आता है। लेकिन हर कोई के साथ गहरी दोस्ती नहीं हो पाती है। दोस्ती में कई बार झगड़े भी होते हैं। लेकिन बिना किसी घमंड के एक दूसरे से माफी मांग ली जाती है। क्योंकि यह रिश्ता निस्वार्थ वाला रिश्ता है।

दोस्ती के रूप में जो हमने किरदार निभाए हैं। वह यादगार बन जाते हैं। दोस्ती शब्द बहुत प्यारा है और दोस्तों के साथ बिताया गया हर पल रोचक लगता है। दोस्तों के साथ समय व्यतीत करते हैं। तो पता ही नहीं चलता है। कि इतने समय से हम दोस्तों के साथ बैठे हैं।

दोस्ती पर निबंध (600 शब्द)

परिचय

मानव अपने जैसे स्वभाव के औरों के साथ मिलजुलकर जीने वाला प्राणी हैं। उसके दुसरे लोगों के साथ रिलेशन का सिलसिला जन्म के साथ ही शुरू हो जाता हैं। हमारे जीवन का सबसे किमती आभुषण हैं दोस्ती

व्यक्ति को हरेक रिश्ता अपने जन्म के साथ से ही प्राप्त होता है। दुसरे शब्दों में कहें तो ईश्वर पहले से बना के देता है। लेकिन दोस्ती ही एक ऐसा रिश्ता है। जिसका चुनाव व्यक्ति खुद करता है। अन्य पारिवारिक एवं रक्त सम्बन्धों की तुलना में मित्रता इसलिए अहम है। क्योंकि यह लोभ से परे होने के साथ ही आनन्द की खान एवं सच्चाई व ईमानदारी के सहारे आगे बढ़ती हैं।


सच्ची दोस्ती रंग-रूप नहीं देखती, ऊँच-नीच, जात-पात, अमीरी-गरीबी तथा इसी प्रकार के किसी भी भेद-भाव का पुरी तरह से खंडन करती है। सामान्य तौर पर यह समझा जाता है। मित्रता समान उम्र के मध्य होती है, पर यह गलत है। मित्रता किसी भी धर्म और जाति में और किसी के साथ भी हो सकती है। किन्तु एक सच्चे मित्र की पहचान प्रतिकूल समय आने पर ही होती हैं। बचपन की दोस्ती अत्यधिक पावन, लालच रहित तथा हर्ष से परिपूर्ण होती हैं। बालपन की मित्रता लोभ रहित होती हैं। किन्तु किशोरावस्था में दोस्ती बहुत मजबूत तथा शांत हो जाती हैं, और बहुत ही गंभीर।

दोस्ती का अर्थ

अनेक बार लोग दोस्ती को लेकर मन में यह भ्रम पाल लेते है कि ज्यादातर साथ-साथ रहने वाला इंसान ही हमारा मित्र होता हैं। लेकिन सच्चा मित्र न केवल साथ-साथ रहता है बल्कि इससे बढ़कर वह हमेशा हमारा शुभचिंतक तथा हमारी प्रगति, उन्नति तथा विकास में भी बराबर भागीदार होकर सदा ही हमारा साथ देता हैं।


सिर्फ सुख के पलों की कामना करना और उसमें ही साथ देना ही दोस्ती नहीं हैं। वरन् विपदा के काल में भी सहारा बनकर हर तरह से अपने दोस्त की मदद करता है वही सच्चा दोस्त होता हैं। हालांकि ऐसे कोई विशेष नियम नहीं है, कि कौन मित्र हो सकता है और कौन नहीं। इसलिए हमे हमेशा सोच समझकर से अच्छे और भले व्यक्ति से मित्रता का सम्बन्ध बनाना चाहिए।

मानव जीवन में दोस्ती का महत्व

हमारे जीवन में दोस्ती का बड़ा महत्व हैं। जातीय रिश्तों में और खून के रिश्ते परस्पर स्वार्थ की भावना किसी न किसी रूप में विद्यमान रहती हैं। मगर दोस्ती का रिश्ते को इन बुराइयों से परे समझा जाता हैं। व्यक्ति का जो सच्चा मित्र होता है। इस प्रकार हम यह कह सकते है, कि सच्चा मित्र वही होता हैं। जो न केवल हमारे सुख दुःख का साथी हो बल्कि वह एक मार्गदर्शक तथा स्नेहिल के रूप में सदैव निस्वार्थ मदद का भाव रखे। भले ही हम रंग रूप और आदतों में वैक्तिक भिन्नता रखते हैं। मगर एक दूसरे के प्रिय होने के रिश्ते को मित्रता के रूप में निभाया जाता हैं। वफादारी इस सम्बन्ध का आधारभूत होती हैं। जब तक पारस्परिक वफादारी में कुटिलता नहीं आएगी। दोस्ती ऐसे ही बढ़ती जाएगी l

निष्कर्ष

बिना सोचे समझे किसी को अपना मित्र बनाया जाये तो वह जहर की घातक पुड़ियाँ की तरह जीवन के लिए घातक सिद्ध हो सकती हैं। क्योंकि एक दोस्त से कुछ भी छुपाया नहीं जाता हैं। अंत में बस इतना बोलना चाहता हूँ। अच्छे दोस्त बनाओ, कभी भी अपने दोस्तों का दिल कभी मत दुखाओ, और उन्हें कभी धोखा नहीं देना चाहिए। चाहे दुःख हो या सुख हमेशा एक दूसरे का साथ देना चाहिए और एक दुसरे की हमेशा सहायता करो। यही दोस्ती का असली रूप और असली मजा है।

अंतिम शब्द

आज का यह निबंध जिसमें हमने Friendship Essay In Hindi के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी आप तक साझा की है। इस आर्टिकल में दी गई जानकारी आपको अच्छी लगी होगी। यदि किसी व्यक्ति को इस आर्टिकल से संबंधित कोई सवाल यह सुझाव है। तो वह हमें कमेंट के माध्यम से बता सकता है।

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Rahul Singh Tanwar
Rahul Singh Tanwar
राहुल सिंह तंवर पिछले 7 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे हैं। इनको SEO और ब्लॉगिंग का अच्छा अनुभव है। इन्होने एंटरटेनमेंट, जीवनी, शिक्षा, टुटोरिअल, टेक्नोलॉजी, ऑनलाइन अर्निंग, ट्रेवलिंग, निबंध, करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान जैसे विविध विषयों पर कई बेहतरीन लेख लिखे हैं। इनके लेख बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं।

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