Home > Education > फीचर लेखन क्या है? परिभाषा, प्रकार, फॉर्मेट, विशेषताएं

फीचर लेखन क्या है? परिभाषा, प्रकार, फॉर्मेट, विशेषताएं

Feature Lekhan Kya Hai: अगर आप संपादन के क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं तो फीचर लेखन के बारे में जरूर सुना होगा या इसके बारे में आगे आपको जरूर सुनने को मिलेगा।

फीचर को हिंदी भाषा में “रूपक” कहा जाता है और यह लैटिन भाषा के “फैक्टर” शब्द से लिया गया है, जिसका अर्थ होता है वस्तु का स्वरूप, आकृति, विशिष्ट रचना।

बात करें फीचर लेखन की परिभाषा की तो अनेक विद्वानों ने अपने अनुसार फीचर लेखन की परिभाषा दी है।

Feature Lekhan Kya Hai
Image: Feature Lekhan Kya Hai

इस लेख में फीचर लेखन क्या है (Feature Lekhan Kya Hai), फीचर लेखन की परिभाषा, फीचर लेखन के उदाहरण, फीचर लेखन की विशेषताएँ, फीचर लेखन के प्रकार, फीचर लेखन का फॉर्मेट, रचना और लेखन शैली आदि के बारे में विस्तार से जानेंगे।

फीचर लेखन क्या है?

फीचर एक लैटिन भाषा फैक्ट्रा से लिया गया शब्द है। इसे हिंदी में “रूपक” भी कहा जाता है। लेकिन आमतौर पर यह फीचर के नाम से ही जाना जाता है और संपादन के क्षेत्र में इसका काफी ज्यादा प्रयोग होता है।

फीचर का अर्थ होता है शब्दों के द्वारा चित्रांकन करना। सरल भाषा में कहे तो किसी रोचक विषय पर मनोरम और जीवन प्रस्तुतीकरण को ही फीचर लेखन कहा जाता है।

फीचर लेखन पाठक की कल्पनाशक्ति और उसके मन स्थिति को प्रभावित करती है। फीचर लेखन के माध्यम से दैनिक समाचार और सामाजिक विषयों संबंधित पाठकों की रुचि वाले विषय की चर्चा की जाती है।

फीचर लेखन का उद्देश्य ही होता है पाठक को मनोरंजन प्रदान करना और जानकारी को बेहतर ढंग से लोगों के सामने प्रस्तुत करना। एक फीचर लेखक अपने विचारों से पाठकों को समाज में हो रहे विभिन्न घटनाओं की जानकारी देता है।

संपादन के क्षेत्र में समाचार केवल घटना का तथ्य और विचार प्रस्तुत करता है लेकिन फीचर लेखन के माध्यम से उस घटना या उस समाचार को शब्दों के जरिए सरलता और प्रवाह ढंग से प्रस्तुत किया जाता है।

इसके माध्यम से समाचार की पृष्ठभूमि का खुलासा किया जाता है, घटना के जन्म और विकास का पूरा विवरण दिया जाता है।

अलग-अलग विद्वानों के द्वारा फीचर की परिभाषा

फीचर लेखन के बारे में हिंदी साहित्य के कई लेखकों ने अपनी परिभाषा दी है, जिनमें से कुछ लेखकों के अनुसार फीचर लेखन की परिभाषा इस प्रकार है:

डी. एस. मेहता के अनुसार: उनके अनुसार रोचक विषयों की मनोरम प्रस्तुति ही फीचर कहलाता है, जो जनता को जागरूक बनाती है और इसका अंतिम लक्ष्य उन्हें मार्गदर्शित करना होता है।

डॉ. अर्जुन तिवारी अनुसार: डॉ अर्जुन तिवारी का फीचर लेखन पर कहना है कि समाचार मानवी रुचि के विषयों के साथ सीमित रहता है लेकिन जब यही चटपटा लेख बन जाता है तो वही फीचर कहलाता है।

बी. डी. टंडन के अनुसार: बी.डी टंडन के अनुसार फीचर लेखन गंभीर और नीरस नहीं होता है। यह एक मनोरंजक प्रक्रिया है।

डॉ मधु धनन के अनुसार: डॉ मधु धनन के अनुसार फीचर लेखन एक शब्द चित्र होता है, जो तथ्यों को स्पष्ट और प्रभावशाली तरीके से विश्लेषण करने की क्षमता रखता है।

फीचर लेखन के प्रकार

पत्रकारिता के क्षेत्र में फीचर एक विस्तृत विद्या है, जिसके कारण इसको कई प्रमुख श्रेणियां में बांटा गया है:

समाचार फीचर

ऐसा फीचर जिसका संबंध सीधे समाचार से होता है, उसे समाचार फीचर कहते हैं। आज के समय में लगभग सभी तरह के दैनिक समाचार पत्रों पर आधारित होते हैं, जिसमें फीचर लेखक प्रस्तावना में ही कलात्मक ढंग से समाचार को प्रस्तुत करना आरंभ कर देता है।

मानवीय रुचिपरक फीचर

हर एक मानव की रुचिया भिन्न-भिन्न होती है। ऐसे में समाचार पत्र में सामूहिक रूप से समाज की सामान्य रुचि और व्यवहारों में समानता को आधार बनाकर विभिन्न पहलुओं पर लिखे गए लेख को मानवीय रुचिपूरक फीचर कहते हैं।

व्याख्यात्मक फीचर

समाचार पत्रों में बहुत बार प्रकाशित समाचार के तथ्यों और घटनाओं की व्याख्या करना जरूरी हो जाता है। ऐसे में उन सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक स्थितियों को भावनात्मक दृष्टि से विवेचन करना व्याख्यात्मक फीचर कहलाता है।

ऐतिहासिक फीचर

पाठकों को इतिहास के बारे में जानने की रुचि बहुत ही ज्यादा होती है। इस तरह के लेख से पाठक में और भी ज्यादा उत्सुकता पैदा करती है। ऐसे में इतिहास को आधार बनाकर लिखे गए फीचर को ऐतिहासिक फीचर कहते है।

विज्ञान फीचर

आज के समाचार पत्रों में विज्ञान संबंधित समाचार जैसे कि विज्ञान की उपलब्धियां, चिकित्सा जगत की खोज, इंटरनेट व संचार क्रांति, खगोलीय घटनाएं जैसे वैज्ञानिक विषयों पर लोगों का ध्यान केंद्रित करना बहुत ही जरूरी हो गया है। ऐसे में इन विषयों से संबंधित लिखे गए लेख को विज्ञान फीचर कहा जाता है।

खेलकूद फीचर

वर्तमान समय में लाखों युवा खेल के क्षेत्र में अपना करियर बनाने का सपना देखते हैं। आज की पीढ़ी का खेल के प्रति रुचि काफी बढ़ चुका है। ऐसे में समाचार पत्रों में खेल संबंधित विषयों के बारे में जानने की रुचि पाठकों में व्यापक रहती है।

फिर चाहे पाठक स्वयं खिलाड़ी हो या नहीं लेकिन खेल जगत के बारे में जानकारी रखना पाठक को बहुत ही पसंद होता है। ऐसे में खेल जगत से संबंधित मनोरंजक लेख को खेलकूद फीचर कहा जाता है

पर्वोत्सवी फीचर

भारत विविधताओं में एकता का देश है। यहां पर विभिन्न धर्म संप्रदाय के लोग रहते हैं, जिसके कारण यहां पर विभिन्न तरह के पर बनाए जाते हैं। कई उत्सव राष्ट्रीय स्तर पर मनाए जाते हैं तो कई उत्सव क्षेत्रीय होते हैं।

मनोरंजन फिल्म या सांस्कृतिक कार्यक्रमों से सम्बन्धित फीचर

अखबार में मनोरंजख विषयों पर छपने वाले लेख पाठकों को बहुत ही आकर्षक लगते हैं। फिल्म अपने आप में एक फीचर है।

इसके अतिरिक्त सांस्कृतिक कार्यक्रम, उत्सव और भी मनोरंजन की चीजे अखबार को पाठकों के लिए और भी ज्यादा रोचक बना देती है।

विशेष घटनाओं पर आधारित फीचर

फीचर लेखन के विभिन्न प्रकारों में से एक प्रकार विशेष घटनाओं पर आधारित फीचर भी होता है, जिसमें प्रतिदिन हमारे आसपास या किसी अन्य देश में होने वाली दुर्घटना, बम विस्फोट, प्राकृतिक आपदाएं, हवाई दुर्घटना जैसे विषयों पर आधारित लेख जब अखबार में छपते हैं तो यह और भी ज्यादा अखबार को विशिष्ट बना देते हैं।

व्यक्तिगत फीचर

व्यक्तिगत फीचर, फीचर लेखन के ऐसे प्रकार हैं जिसमें व्यक्ति विशेष की उपलब्धि, उसके व्यक्तित्व या उसके कृतित्व पर लेख लिखा जाता है।

इलेक्ट्रानिक माध्यमों के फीचर

इलेक्ट्रॉनिक माध्यम के फीचर रेडियो और टेलीविजन समाचार में काफी ज्यादा इस्तेमाल किए जाते हैं। यह रेडियो टेलीविजन पर दिखाए जाने वाले समाचार को और भी ज्यादा मनोरंजक और रोचक बनाते हैं।

उदाहरण के रूप में डिस्कवरी या फिर नेशनल ज्योग्राफिकल चैनल के फीचर जो दर्शकों को खूब आकर्षित करते हैं। रेडियो या टेलीविजन पर दिखाए जाने वाले समाचार में व्यंग्य और हास्य चित्रों के जरिए समाचार को और भी ज्यादा प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया जाता है।

फोटो फीचर

फोटो फीचर फीचर लेखन का एक लोकप्रिय प्रकार है, जिसमें विभिन्न विषयों पर आधारित विविध आयामों के साथ ली गई तस्वीरों के जरिए उस घटना या जानकारी को प्रस्तुत किया जाता है। इस तरह के फीचर लेखन लेख को और भी ज्यादा आकर्षक बनाते हैं।

पत्र लेखन की है?, इसके प्रकार, विशेषताएं, और प्रारूप आदि के बारे में विस्तार से जानने के लिए यहां क्लिक करें।

फीचर लेखन की विशेषता

अगर एक अच्छा फीचर लेखक बनना चाहते हैं तो फीचर लेखन में निम्नलिखित कुछ विशेषता रहनी चाहिए।

  • लेख मानवीय रुचि पर आधारित होने चाहिए।
  • लेख तर्कसंगत और भावात्मक होने चाहिए।
  • लेख पाठकों के लिए मनोरंजक होने चाहिए।
  • फीचर लेखन में लेख इस प्रकार होने चाहिए, जिससे पाठकों के ज्ञान में वृद्धि हो।
  • फीचर लेखन में लिखे गए लेख की भाषा शैली चित्रात्मक होनी चाहिए, जिसमें कल्पना का भी समावेश होना चाहिए।
  • फीचर लेखन में लेख ज्यादा लंबा या घुमावदार ना होकर सरल और सहज होना चाहिए।
  • फीचर लेखन में एक लय में लेख को लिखा जाना चाहिए, उसमें गतिशीलता नजर आनी चाहिए।
  • एक अच्छे फीचर लेखन में संवेदना जगाने की भी कला होत है।
  • एक अच्छे फीचर लेखन में सही आंकड़े में तथ्य होते हैं ताकि पाठक पर उसका प्रभाव सही तरीके से पड़े। वह अविश्वसनीय या झूठ नहीं लगना चाहिए।

फीचर लेखन का फॉर्मेट

फीचर लेखन का फॉर्मेट नीचे बताया गया है:

शीर्षक

फीचर लेखन में शीर्षक इसके फॉर्मेट का महत्वपूर्ण भाग होता है। क्योंकि शीर्षक के माध्यम से ही पाठक को लेख के विषय की जानकारी होती है।

संपूर्ण लेख किस विषय पर लिखा जाने वाला है, उसकी जानकारी शीर्षक ही देता है।

भूमिका

फीचर लेखन के फॉर्मेट में शीर्षक के बाद महत्वपूर्ण भाग भूमिका होता है। इस भाग में फीचर लेखन के मुख्य भाग में जिस विषय पर विस्तार पूर्वक व्याख्या की जाती है, उस विषय को यहां पर संक्षिप्त रूप से परिचय दिया जाता है।

इस भाग में विषय के केंद्रीय पहलुओं का चित्रात्मक वर्णन किया जाता है। विषय से संबंधित कुछ रोचक सवाल पूछे जाते हैं ताकि पाठक इसके मुख्य भाग को पढ़ने के लिए और भी ज्यादा उत्साहित किया जा सके।

वह लेख के मुख्य भाग को पढ़ने के लिए बाध्य हो जाए, इस रोचक शैली में भूमिका को लिखा जाता है।

विषय वस्तु की व्याख्या

फीचर लेखन शैली में भूमिका के बाद अगला भाग विषय वस्तु का आता है। फीचर लेखन के फॉर्मेट के इस भाग में विषय के सभी पहलुओं को अलग-अलग व्याख्यायित किया जाता है। इस भाग में लेख के हर एक पहलुओं को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष ढंग से लिखा जाता है।

इस भाग में फीचर को और भी ज्यादा रोचक बनाने के लिए लेखन शैली में कलात्मक, नाटकियता, उत्तेजना, विश्वसनीयता और जिज्ञासा का समावेश करके लिखा जाता है।

निष्कर्ष

फीचर लेखन के फॉर्मेट में अंतिम भाग निष्कर्ष का होता है। लेख के सभी मुख्य पहलुओं पर चर्चा होने के बाद उसमें समाहित किसी समस्या का समाधान या अपनी राय व्यक्त करते हुए लेख का यहां पर अंत किया जाता है।

फीचर की रचना और लेखन शैली

फीचर रचना करने के लिए इसका आकर्षण, तथ्यात्मक और मनोरंजन होना बहुत ही जरूरी है। एक अच्छे फीचर लेखन के लिए निम्नलिखित मुख्य बातों का ध्यान रखना जरूरी है:

तथ्यो का संग्रह

फीचर लेखन में सबसे पहले तथ्यों का संग्रह करना जरूरी है, जिस विषय पर या जिस घटना पर फीचर को लिखा जाना है, उस विषय से संबंधित सारी जानकारी को एकत्रित पहले करना होता है।

तथ्यों को संग्रहित करते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि जानकारी को मूल स्रोत से ही जुटाना चाहिए।

फीचर का उद्देश्य

फीचर लेखन में तथ्यों का संग्रह होने के बाद यह तय करना बहुत ही जरूरी है कि लेखन का उद्देश्य क्या है।

क्योंकि लेखन के उद्देश्य के आधार पर ही एक फीचर लेखक अच्छा लेख लिख सकता है और उद्देश्य के अनुसार ही लेख प्रभावशाली बनता है।

प्रस्तुतीकरण

फीचर लेखन में उसकी प्रस्तुतीकरण बहुत ही सही तरीके से करना जरूरी है। फीचर का अर्थ होता है लेख को प्रभावशाली, मनोरंजक और दिलचस्प तरीके से प्रस्तुत करना।

इसलिए फीचर लेखन में प्रस्तुतीकरण पर ध्यान देना बहुत ही जरूरी होता है।

साज सज्जा

फीचर लेखन में साज सजा करना इसकी एक प्रमुख विशेषता है। जब तक इसमें चित्र, रेखाचित्र, ग्राफिक्स के जरिए इसे सज्जित ना किया जाए तब तक यह लेखन पूर्ण नहीं माना जाता। क्योंकि साज सज्जा के कारण ही फीचर लेखन मनोरंजक बनता है।

FAQ

फीचर लेखन के कितने अंग होते हैं?

फीचर लेखन के तीन अंग होते हैं। अंतर्वस्तु, सरंचना और भाषा शैली।

फीचर लेखन में कौन-कौन से भाव होते हैं?

एक अच्छे फीचर लेखन में सभी तरह के मानवीय भावना जैसी कि प्रेम, करुणा, घृणा सब कुछ समाहित होता है।

फीचर और लेख में क्या अंतर है?

फीचर को 250 शब्दों से अधिक नहीं लिखा जाता है। लेख लिखने की कोई सीमा नहीं होती है। लेख को संपूर्ण जानकारी और तथ्यों के आधार पर ही लिखा जा सकता है लेकिन फीचर में भाव, अनुभूतियां, मनोवेग सबकी सहायता लेनी पड़ती है।

फीचर लेखन और समाचार लेखन में क्या अंतर है?

समाचार लेखन में किसी विशेष जानकारी या घटनाओं को सीधे तरीके से प्रस्तुत करना होता है। लेकिन फीचर लेखन में मनोरंजक ढंग से, रोचक तरीके से विशेष घटनाओं या जानकारी को प्रस्तुत किया जाता है।

निष्कर्ष

संपादन के क्षेत्र में उपयोग होने वाला महत्वपूर्ण शब्द फीचर लेखन के बारे में इस लेख में आपने विस्तार पूर्वक जाना।

फीचर लेखन क्या होता है (Feature Lekhan Kya Hai), फीचर लेखन की परिभाषा, इसके उदाहरण, इसके फॉर्मेट और इसके प्रकार के बारे में इस लेख में आपने जाना।

हमें उम्मीद है कि उपरोक्त लेख के जरिए आपको फीचर लेखन से संबंधित सभी प्रश्नों का जवाब मिल गया होगा। यदि यह लेख आपको पसंद आया हो तो इसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए अन्य लोगों के साथ भी जरूर शेयर करें।

यह भी पढ़े

संदेश लेखन (प्रारूप और उदाहरण)

आवेदन पत्र और प्रारूप

नारा लेखन (परिभाषा और उदाहरण)

औपचारिक पत्र कैसे लिखें?

अनौपचारिक पत्र प्रारूप और उदाहरण

Rahul Singh Tanwar
Rahul Singh Tanwar
राहुल सिंह तंवर पिछले 7 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे हैं। इनको SEO और ब्लॉगिंग का अच्छा अनुभव है। इन्होने एंटरटेनमेंट, जीवनी, शिक्षा, टुटोरिअल, टेक्नोलॉजी, ऑनलाइन अर्निंग, ट्रेवलिंग, निबंध, करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान जैसे विविध विषयों पर कई बेहतरीन लेख लिखे हैं। इनके लेख बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं।

Related Posts

Leave a Comment