Essay on World Population Day in Hindi: हम यहां पर विश्व जनसंख्या दिवस पर निबंध शेयर कर रहे है। इस निबंध में विश्व जनसंख्या दिवस के संदर्भित सभी माहिति को आपके साथ शेअर किया गया है। यह निबंध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार है।
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विश्व जनसंख्या दिवस पर निबंध | Essay on World Population Day in Hindi
विश्व जनसंख्या दिवस पर निबंध (250 शब्द)
दुनिया की बढ़ती आबादी आज एक वैश्विक समस्या बन चुकी है। जिसके कारण प्रदूषण और ग्लोबल वार्मिंग जैसी समस्या ने भी अपना मुँह उठाया है। दुनिया की आबादी 760 करोड़ पहुंच गई है और वो लगातार बढ़ती ही जा रही है, जो हमारे सामने गरीबी, बेरोजगारी, भोजन की अछत जैसी कई चुनौतियां खड़ी कर सकती है।
साल 1987 तक पूरी दुनिया की जनसंख्या का आंकड़ा 5 अरब के भी पार हो चुका था। अनियंत्रित बढ़ती जनसंख्या के घातक परिणाम से लोगों को उजागर करने के लिए संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम की संचालक परिषद ने पहला कदम उठाया। साल 1989 में उन्होंने 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस के रूप में घोषित किया। तब से लेकर आज तक यह दिन पूरे विश्व में एक जोश के साथ मनाया जाता है।
इस दिन को मनाने का सही उद्देश्य यह है की बढ़ती जनसंख्या के दुष्परिणामों से विश्व को उगाजर किया जाये। प्रत्येक वर्ष विश्व जनसंख्या दिवस पर लोगों का ध्यान केंद्रित करने के लिए अलग अलग थीम पर काम किया जाता है। विभिन्न संगठनों द्वारा लेखन प्रतियोगिता, पोस्टर वितरण, गायन, खेल प्रतियोगिता और भाषण जैसे कई कार्यक्रम आयोजित किये जाते है क्योंकि इस दिन के प्रति लोगों का प्रोत्साहन बना रहे।
विश्व जनसंख्या दिवस मनाने की पहल से आज लोगों में जागरूकता बढ़ी है। लोग परिवार नियोजन को बढ़ावा दे रहे है। आज की नई पीढ़ी ‘हम दो और हमारा एक’ के सिद्धांत पर टिकी है। जनसंख्या का बढ़ना लोगों के समक्ष रोटी, कपड़ा और मकान की विकराल समस्या खड़ी कर सकता है। इससे बचने का एक मात्र उपाय है बढ़ती आबादी को किसी भी प्रकार रोकना और इसके लिए हमें अपना योगदान अवश्य देना चाहिए।
विश्व जनसंख्या दिवस पर निबंध (800 शब्द)
प्रस्तावना
आज बढ़ती हुई जन संख्या पुरे विश्व के लिए एक समस्या बन चुकी है। इस जन संख्या विस्फोट के कारण दूसरी कई प्रकार की समस्या भी उत्पन्न हो गई है जैसे की बेरोजगारी, गरीबी, पेड़ काटना, प्रदूषण और ग्लोबल वार्मिंग का बढ़ना इत्यादि। अनियंत्रित बढ़ती जन संख्या से रोटी, कपड़ा और मकान की विकराल स्थिति उत्पन हुई है।
अस्तित्व का समर्थन करने के लिए प्राकृतिक संसाधन सीमित हैं, लेकिन उनकी खपत हर साल बढ़ती रहती है। इस तथ्य को देखते हुए, जल्द ही एक दिन आएगा जब पृथ्वी पर मानव जीवन को नियंत्रित करने के लिए संसाधन समाप्त हो जाएंगे। हमें आज और आनेवाली भावी पीढ़ी को बचाने के लिए जनसंख्या पर काबू पाना होगा। इस विश्व समस्या पर प्रकाश डालने के लिए विश्व जनसंख्या दिवस की स्थापना की गई।
विश्व जनसंख्या दिवस का उद्देश्य
एक रिपोर्ट के अनुसार आज विश्व की जनसंख्या लगभग 7 बिलियन हैं। दुनिया भर में जनसंख्या की वृद्धि दर 2,20,000 जन्म प्रति दिन (150 जन्म प्रति मिनट) दर्ज की गई है। जनसंख्या बढ़ने का सीधा प्रभाव हमारे पर्यावरण और दुनिया के विकास पर पड़ रहा है। विश्व जनसंख्या दिवस मनाने के पीछे का महत्वपूर्ण उद्देश्य यह है की लोगों को जनसंख्या बढ़ने से उसके दुष्परिणामों के बारे में बताया जाये क्योंकि इस विषय पर जागरुकता लाना हमारे लिए बेहद जरूरी है।
जनसंख्या बढ़ने से विश्व को कई समस्या का सामना करना पड़ रहा है। भावी पीढ़ी के सुनहरे भविष्य के लिए जनसंख्या को नियंत्रण में रखना बेहद जरुरी है।जनसंख्या को नियंत्रित करने का अर्थ किसी को मारना नहीं है, बल्कि उन मुद्दों को नियंत्रित करना है जो अधिक जनसंख्या की समस्या से उत्पन्न होते हैं।
विश्व जनसंख्या दिवस की शुरुआत
साल 1987 में 11 जुलाई के दिन विश्व जनसंख्या लगभग 5 अरब के आसपास हो गयी थी। जो सबके लिए एक चिंता का विषय बन गया था। विश्व के लोगों को बढती जनसंख्या और इसके दुष्प्रभावों के बारे में उजागर करना बेहद जरुरी था। इसलिए वर्ष 1989 में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम की संचालक परिषद के द्वारा विश्व जनसंख्या दिवस मनाने का फैसला किया। विश्व जनसंख्या दिवस हर साल 11 जुलाई को पूरी दुनिया में मनाया जाता है।
विश्व जनसंख्या दिवस का उत्सव
विश्व जनसंख्या दिवस पूरी दुनिया में बड़े उत्साह और जोश के साथ मनाया जाता है। इस दिन जनसंख्या की बढ़ोतरी के अलावा उनसे जुड़ी हर समस्या पर प्रकाश डाला जाता है। लोगों में इस दिन के प्रति उत्साह बना रहे इस लिए विभिन्न प्रकार की थीम रखी जाती हैं और थीम के अनुसार विविध संगठनो द्वारा कई छोटे बड़े कार्यकमों का आयोजन किया जाता है।
बच्चे से लेकर बूढ़े तक सभी प्रकार के लोग इस दिन को लेकर काफी उत्साहित नजर आते है। नुक्कड़ नाटक, सेमिनार, लेखन प्रतियोगिता, पोस्टर वितरण, रेडियो और टीवी पर जनसंख्या संबंधी कार्यक्रम, प्रेस कॉन्प्रेंस, चर्चा जैसे कई कार्यक्रम भिन्न स्वास्थ्य संगठन और जनसंख्या विभाग द्वारा आयोजित करके लोगों का ज्ञान बढ़ाया जाता है।
विश्व जनसंख्या दिवस की थीम
वर्ष 1989 से विश्व जनसंख्या दिवस अलग अलग थीम पर मनाया जाता है, जिस से लोगों को एक उत्साह के साथ जोड़ा जा सके। कोरोना महामारी के चलते वर्ष 2020 में इस दिन का थीम रखा गया था” COVID-19 महामारी के दौरान महिलाओं और लड़कियों की स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों और कमजोरियों को सुरक्षित रखना”। साल 2019 का थीम था “फैमिली प्लानिंग: इम्पावरिंग पीपल, डिवेलपिंग नेशन्स”। वर्ष 2018 में विश्व जनसंख्या दिवस के लिए थीम “परिवार नियोजन एक मानव अधिकार है” था।
विश्व जनसंख्या दिवस के फ़ायदे
विश्व जनसंख्या दिवस मनाने की पहल से आज लोगों में काफी जागरूकता बढ़ी है। लोगों में इस विषय को लेकर काफी बदलाव देखने को मिले है। जनसंख्या में स्थिर वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए परिवार नियोजन एक प्रभावी उपाय है। आज की पीढ़ी परिवार नियोजन को महत्व देने लगी है। जैसे लोगों ने हम दो और हमारा एक का सूत्र अपना लिया है।
जनसंख्या विभाग गांव गांव जाकर छोटे मोटे कार्यक्रम द्वारा लोगों को इस विषय के बारे में उजागर कर रहे है। ताकि अशिक्षित लोगों के बीच फैली अंधश्रध्दा को दूर किया जा सके और वर्तमान समय में इस प्रयास से हमें काफी सफलता मिली है।
निष्कर्ष
विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर का उपयोग परिवार नियोजन, गरीबी और मानवाधिकारों के बारे में जागरूकता और शिक्षा फैलाने के लिए भी करते हैं। बढ़ती हुई जनसंख्या हमेशा से ही चिंता का विषय रही है। हर साल मनुष्यों की संख्या कई गुना बढ़ जाती है, लेकिन मानव जीवन को बनाए रखने के लिए संसाधन नहीं बढ़ते है।
वैश्विक जनसंख्या 2030 में 8.6 बिलियन, 2050 में 9.8 बिलियन और 2100 में 11.2 बिलियन तक पहुंचने की उम्मीद है। विश्व जनसंख्या दिवस के गंभीरता को हमें समझना चाहिए। ताकि हमारे भविष्य की पीढ़ी के अस्तित्व पर किसी भी प्रकार का खतरा न आये। एक नागरिक होने के कारण हमारा फ़र्ज़ है की विश्व को इस बड़ी समस्या से बचाने के लिए अपना छोटा योगदान भी जरुर दे।
अंतिम शब्द
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