Essay on Waterfall in Hindi: हम यहां पर झरने पर निबंध शेयर कर रहे है। इस निबंध में झरने के संदर्भित सभी माहिति को आपके साथ शेअर किया गया है। यह निबंध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार है।
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झरने पर निबंध | Essay on Waterfall in Hindi
झरने पर निबंध (250 शब्द)
जल के पहाड़ी क्षेत्र से ऊंचाई से नीचे गिरने को झरना कहा जाता है। झरने का जन्म नदी के द्वारा होता है। जब नदी बड़ी चट्टान से टकराती है और टकराने के बाद में वह ऊंचाई से नीचे की ओर गिरती है तो झरने का रूप ले लेती है। कुछ झरने तो ठंडी बर्फ के पिघलने से भी बनते हैं पूरी दुनिया में अलग-अलग तरह के घर में पाए जाते हैं।
विश्व का सबसे बड़ा जो झरना है, वो एंजल फॉल्स जबाँ वेनेजुएला में है। एंजल फॉल्स झरने में गर्मियों के दिनों में पानी नीचे आते-आते भाप बन जाता है। यह झरना 3212 फीट की ऊँचाई से गिरता है इसलिए यह झरना विश्व प्रसिद्ध है। इसके अलावा भारत में सबसे बड़ा झरना दूधसागर है। देश और दुनिया के जो भी बड़े-बड़े झरने है, उनमें बहुत तेज आवाज आती है। सभी लोगों को यह आवाज बहुत पसंद आती है। जिनमें कुछ लोग तो इसको संगीत की तरह भी सुनते हैं।
झरने कई नदियों के उद्गम का स्थान होते हैं। झरने हमेशा से ही पर्यटकों के मुख्य आकर्षण का केंद्र थे और हमेशा रहेंगे। झरनों में लोग बहुत सी खेल मस्ती करते रहते हैं, कुछ झरने खतरनाक भी होते हैं। जहां पर हम कुछ जल क्रीड़ा जैसी गतिविधियां नहीं कर सकते। झरनों का बहता जल सच में मन को बहुत सुकून देता है। बहते हुए झरने सभी लोगों के लिए एक सीख भी दे देते हैं कि जिस प्रकार से झरने का पानी बहता हुआ आगे बढ़ता है उसी प्रकार से मनुष्य को भी अपने जीवन में इसी तरह आगे बढ़ते रहना चाहिए।
झरने पर निबंध (1100 शब्द)
प्रस्तावना
अगर आपको प्रकृति का सौंदर्य देखना है या उसके बारे में समझना है तो आप बहते हुए चरणों को देख लीजिए यह झरने इतने सुंदर होते हैं इसीलिए अपनी सुंदरता के लिए सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है लोग जब बहुत तेज गर्मी होती है तो उनसे बचने के लिए अक्सर पर्वतीय क्षेत्रों में जाकर झरनों की तलाश करते हैं और उन झरनों वाली जगह पर जाते हैं जहां पर पर्यटन स्थल हो अधिक संख्या में लोग आते हो वहां जाकर वह बहुत ही प्रसन्नता सुख का अनुभव करते है सभी झड़ने अक्सर पर्वतीय क्षेत्रों में ही देखने को मिलते हैं।
क्या होता हैं झरना
पर्वतों से निकलने वाली नदियां जब बारिश के पानी से उनका बहाव और भी तेज हो जाता है। इससे वह बहती हुई मिट्टी का अपरदन करती हुई कभी कभी चट्टानों से टकरा जाती है। चट्टाने इतनी मजबूत होती है कि नदियां उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाती है। जब चट्टानों पर नदियों का पानी गिरकर अपने गुरुत्वाकर्षण बल के द्वारा पर्वत के दोनों तरफ बहने लग जाता है और वह नीचे की तरफ जाता हैं, उससे ही झरने बन जाते हैं और उसी को झरना कहा जाता है। कई झरने तो बड़े-बड़े बर्फ के पर्वतों के जल से भी बनते हैं।
झरने का जन्म
झरना का जन्म या उत्पत्ति नदियों के जल के द्वारा हुई है। इसके अलावा बर्फ के बड़े-बड़े चट्टानों के जल से पिघलने से भी झरनों का जन्म हुआ है। झरने पर्वतों के गुरुत्वाकर्षण बल के कारण बनते हैं पूरे देश और दुनिया में बहुत प्रकार के झरने पाए जाते हैं, कुछ धरने गर्म पानी के भी होते हैं कुछ ठंडे पानी के होते है।
भारत के प्रमुख झरनों के बारे में
हमारा देश प्राकृतिक सुंदरता का भंडार है। यहां पर आप प्रकृति के रुप का अच्छा नजारा देखना है, तो आप बहते हुए झरनों को देख लीजिए। झरना वह जगह होती है, जहां पर पानी की एक-एक बूंद खड़ी श्रंखला में बहती है। हमारे देश में झरनों की बहुत बड़ी संख्या में है। आइए जानते हैं कुछ प्रमुख झरनों के बारे में –
- दूधसागर झरना – दूधसागर झरना गोवा और कर्नाटक की सीमा के पास बहता है। यह भारत का सबसे ऊंचा और बड़ा झरना है। इसका नाम दुग्ध सागर इसलिए रखा गया है क्योंकि इसके बहते हुए पानी को देखने पर ऐसा ही लगता है जैसे दूध की धार बह रही है क्योंकि यह बहुत सफेद होता है। यह झरना गोवा के पणजी से लगभग 8 किलोमीटर की दूरी पर है। दूधसागर झरना सबसे ऊंचे झरनों की सूची में भारत में पांचवें नंबर पर और विश्व के 227 से नंबर पर आता है। यहां पर देसी पर्यटकों के साथ विदेशी पर्यटक भी बहुत अधिक संख्या में आते हैं।
- जोग झरना – यह झरना कर्नाटक राज्य में है। कर्नाटक राज्य का यह प्रमुख जोग फॉल्स झरना कहलाता है। यह कर्नाटक राज्य का गौरव ही नहीं बल्कि हमारे भारत का भी गौरव है और सबसे शानदार धर्मों में से एक है। यह हमारे देश का सबसे बड़ा दूसरे नंबर पर रहने वाला भरना है। यह झरना चार छोटे-छोटे जनों को मिलकर बना हुआ है। जिनका नाम है राजा,रॉकेट, रोरर, ओर दाम ब्लाचे ,इन्हीं के द्वारा यह है जो धरना बना हुआ है।
- चित्रकूट झरना – चित्रकूट झरना अमेरिका के लिए आगरा झरने की तरह दिखता है। उसी की तरह बहुत विशाल और आकर्षित है चित्रकूट झरना छत्तीसगढ़ राज्य के जबलपुर शहर के इंद्रावती नदी के ऊपर स्थित है। भारत का चौथा सबसे बड़ा झरना है। यहां पर लगातार बड़े पैमाने पर पानी गिरता है। इस झरने के पानी से चारों तरफ से वन हरे भरे रहते हैं। यह जानना भी पर्यटकों को अत्यधिक मोहने वाला है।
- चचाई झरना – चचाई झरना मध्य प्रदेश के रीवा में है। यहां बहुत ही सुंदर और अद्भुत नजारा देखने को मिलता है और यह चित्रकूट की पहाड़ियों पर बसे होने के कारण तथा पौराणिक मान्यताओं के हिसाब से बहुत प्रसिद्ध है।
- नूरानांग झरना – नूर नांग झरना बहुत ही सुंदर झरना है। यह भारत के अरुणाचल प्रदेश राज्य के तवांग से 40 मीटर दूरी पर स्थित है। यह झरना प्रसिद्ध सेला दर्रे से निकलता है। और यह धरना चट्टान इलाकों में से निकलने के बाद में तवांग नदी में मिल जाता है।
झरनों की प्राकृतिक सुंदरता
भारत के सभी झरने प्राकृतिक सुंदरता के लिए बहुत प्रसिद्ध है तथा इन सभी झरनों का अपना अलग ही महत्व है। झरने का जल जब सागर में पहुंचता है उससे पहले यह लोगों के बहुत भलाई के काम भी करता है। झरने के पानी से जल स्त्रोतों के माध्यम से अन्य कार्यों में भी झरने के जल का उपयोग होता है। लोग पर्यटन के लिए ऐसे घूमने वाली जगह पर जाते हैं। जहां पर जाकर उनको मानसिक शारीरिक सुख का अनुभव होता है।
झरनों में लोग मनोरंजन, आकर्षण, और खेलते भी हैं। हमारे देश में कुछ झरने तो हमारी धार्मिक नदियों के उद्गम स्थान भी होते है। कुछ झरने बहुत खतरनाक होते हैं। वो ऐसी पहाड़ियों पर होते हैं, जहां पर किसी का भी जाना संभव नहीं हो पाता। घर में हमेशा एक मानसिक सुख का अनुभव करवाते हैं। व्यक्ति ऐसी जगह पर घूमने के लिए अगर जाता है, तो अपने आप के लिए बहुत अच्छा अनुभव करवाता है।
पर्यटन के लिए झरने
हमारे देश में बहुत से ऐसे झरने हैं, जिनमें लोग गर्मियों में अपने मनोरंजन के लिए तथा गर्मी से बचाव के लिए वहां पर घूमने के लिए जाते हैं। पहाड़ी क्षेत्र में कुछ जगह पर बहुत छोटे झरने हैं और पर्यटन के लिए बहुत प्रसिद्ध है। यहां पर लोग अधिक संख्या में जाते हैं। हिमाचल ओर उत्तराखंड में कई बहुत अच्छे झरने है। जहां पर लोग अपनी गर्मियों की छुट्टियों का आनंद लेने के लिए जाते हैं क्योंकि बहते हुए झरने का ठंडा ठंडा पानी उसमें खेलना, कूदना, मस्ती करना सभी लोगों को बहुत पसंद आता है। इसीलिए पर्यटन की दृष्टि से झरने बहुत अधिक प्रसिद्ध है
निष्कर्ष
झरने हमारी प्रकृति की वह देश है। जहां पर जाकर अभी बहुत प्रसन्नता का अनुभव करते हैं, तथा लोगों को मनोरंजन के लिए भी वहां पर बार-बार जाना बहुत अच्छा लगता है। इसके अलावा सभी बहते हुए झरने सभी मनुष्य के जीवन में एक संदेश देते हैं, कि इंसान को भी इसी तरह जीवन में आगे बढ़ते रहना चाहिए कहीं पर नहीं रुकना चाहिए। झरनों का जल तथा झरनों की आवाज मन को बहुत शांति का अनुभव करवाती है।
अंतिम शब्द
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