Essay on the Prime Minister in Hindi: भारत का वास्तविक नेता प्रधानमंत्री होता है। देश को चलाने का कार्यभार प्रधानमंत्री के कंधों पर होता है। चाहे देश में कोई नया नियम पारित करना हो या किसी भी तरह का बदलाव करना हो वह प्रधानमंत्री के नियम या प्रस्ताव के आधार पर होता है। इस लेख के माध्यम से हम प्रधानमंत्री पर निबंध शेयर करने जा रहे है। यह निबन्ध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार साबित होगा।
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प्रधान मंत्री पर निबंध | Essay on the Prime Minister in Hindi
प्रधान मंत्री पर निबंध (250 शब्दों में)
किसी भी देश में प्रधानमंत्री सूर्य की तरह होता है। देश में होने वाले सभी प्रकार के कार्य प्रधानमंत्री की ओर इशारा करते है और देश में शुरू होने वाला हर कानूनी और व्यवसायिक रास्ता प्रधानमंत्री तक जाकर समाप्त होता है। हम प्रधानमंत्री को देश का उच्च पद और इसे वास्तविक नेता मानते है।
प्रधानमंत्री किसी भी देश की नींव होती है। इस पद पर पुरुष या महिला कोई भी आ सकता है, जो इस पद पर विराजमान होगा। देश में होने वाले सभी प्रकार के बदलाव के लिए जिम्मेदार होगा। देश में किसी भी प्रकार का कानून बनाना हो या नियम हर तरह के बदलाव और निर्माण में प्रधानमंत्री की अहम भूमिका होती है। बिना उनके आदेश के देश में किसी भी प्रकार का बदलाव नहीं किया जा सकता।
देश में बनने वाला कोई भी नियम या कानून प्रधानमंत्री के द्वारा पारित किया जाता है। भारतीय संविधान के 74 में अनुच्छेद के अनुसार प्रधानमंत्री को राष्ट्रपति चुनता है। लोकसभा में जितने भी नेता बहुमत के साथ चुनकर जाते है, उस दल के लोकप्रिय नेता को राष्ट्रपति प्रधानमंत्री के तौर पर चुनता है। यह प्रक्रिया कई सालों से चली आ रही है।
बहुमत पाने के बाद दल का सर्व प्रिय नेता राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमंत्री के पद पर नियुक्त होता है और संविधान में सच्ची निष्ठा से देश में सभी कार्यों का अनुवाहन करता है।
जैसा कि हम सब जानते हैं भारत के प्रथम प्रधानमंत्री श्री जवाहरलाल नेहरू 1947 में अपने कार्य भार को संभाला था। उसके बाद भारत ने 14 प्रधानमंत्रियों को देखा, जिसमें 14 में प्रधानमंत्री वर्तमान के श्री नरेंद्र मोदी है। देश में मौजूद हर एक नागरिक को प्रधानमंत्री के कर्तव्य और कार्यशैली के साथ-साथ ताकत के बारे में संपूर्ण जानकारी होनी चाहिए।
प्रधान मंत्री पर निबंध (850 शब्दों में)
प्रस्तावना
भारत देश का सर्वश्रेष्ठ नेता प्रधानमंत्री होता है। हम यह कह सकते हैं कि भारत देश को चलाने के लिए जिस मंत्रिमंडल का चयन किया जाता है। उस मंत्री मंडल का प्रधान व्यक्ति प्रधानमंत्री होता है। दल के लोग इलेक्शन जीतकर लोकसभा और राज्यसभा के अध्यक्ष बनते हैं और वहां से दल के सबसे लोकप्रिय व्यक्ति को प्रधानमंत्री का पद दिया जाता है। इसके बाद भारतीय संविधान के 74 में अनुच्छेद के अनुसार राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद प्रधानमंत्री बनता है। हम प्रधानमंत्री को भारत का वास्तविक नेता कह सकते हैं, जो भारत में होने वाले विभिन्न प्रकार के बदलाव के लिए जिम्मेदार है।
एक व्यक्ति 5 वर्ष तक प्रधानमंत्री रहता है। उसके बाद दोबारा इलेक्शन करवाया जाता है। इलेक्शन में नतीजे के अनुसार लोगों के बहुमत पर प्रधानमंत्री बनाया जाता है। इस वक्त सबसे अधिक दिन तक प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू रहे है, जो कुल 16 वर्ष तक भारत के प्रधानमंत्री रहे थे। प्रधानमंत्री बनने के बाद वह व्यक्ति विभिन्न मंत्री सदस्यों का चयन करता है पर एक मंत्रिमंडल बनाता है, जो प्रधानमंत्री के द्वारा किए गए बदलाव को देश के विभिन्न क्षेत्रों तक पहुंचाने का कार्य करते है। किस क्षेत्र में कौन सा व्यक्ति मंत्री रहेगा इसका चयन एक प्रधानमंत्री करता है।
प्रधानमंत्री कैसे बनते हैं
भारतीय संविधान के 74 में अनुच्छेद के अनुसार प्रधानमंत्री का चयन राष्ट्रपति द्वारा किया जाता है। मगर राष्ट्रपति उस व्यक्ति का चयन करता है जिसे दल में सबसे लोकप्रिय माना जाता है। कहने का तात्पर्य है कि लोग अपने इलाके से इलेक्शन लड़ते है और राज्यसभा और लोकसभा का अध्यक्ष बनते है, वह सभी लोग जो भारी बहुमत के साथ राज्यसभा का अध्यक्ष बने है और उनकी उम्र 30 वर्ष से अधिक है वह प्रधानमंत्री बनने के दावेदार है। इसके अलावा हर वो शख्स जो भारी बहुमत के साथ इलेक्शन जीतकर लोकसभा का अध्यक्ष बना है और उसकी उम्र 25 वर्ष से ज्यादा है वह भी प्रधानमंत्री बनने का दावेदार हो सकता है।
अब जिस दल की बहुमत होती है, उस दल के अधिक लोग राज्यसभा और लोकसभा में चयनित होते है। उन सभी बहुमत वाले लोगों में जो व्यक्ति दल का सर्वप्रिय होता है। दल उसे प्रधानमंत्री के पद पर जाने के लिए कहती है और राष्ट्रपति दल के सबसे प्रिय व्यक्ति को प्रधानमंत्री का पद देते है। आपको बता दें कि प्रधानमंत्री का राज्य काल सामान्य स्थिति में 5 वर्ष का होता है। हर 5 वर्ष बाद इस प्रकार की मतदान प्रक्रिया होती है और दोबारा प्रधानमंत्री चुनने का मौका मिलता है।
प्रधानमंत्री को कब उसके पद से हटाया जा सकता है
प्रधानमंत्री को 5 साल के बाद उसके पद से अपने आप हटा दिया जाता है और दुबारा इलेक्शन करवाया जाता है। उस मतदान में अगर बहुमत पुराने वाले व्यक्ति के साथ है, तो वह दोबारा प्रधानमंत्री बन सकता है।
इसके अलावा प्रधानमंत्री को राष्ट्रपति द्वारा निलंबित किया जा सकता है। हालांकि प्रधानमंत्री के अगर किसी कार्य से उसके दल के लोगों को तकलीफ होती है, तो वह भी प्रधानमंत्री को अपना पद छोड़ने के लिए कह सकते है। अगर प्रधानमंत्री अपना पद नहीं छोड़ता, तो राष्ट्रपति से सिफारिश करके उसके दल के लोग उसे उसकी पदवी से हटा सकते है। किसी दिक्कत की वजह से प्रधानमंत्री स्वयं अपने पद से इस्तीफा भी दे सकता है।
प्रधानमंत्री का कर्तव्य और ताकत
अगर हम प्रधानमंत्री के कर्तव्य और उसके छूट की बात करें कि वह किस हद तक फैसले ले सकता है, तो भारत में किसी भी मंत्री परिषद का निर्माण करने के लिए एक प्रधानमंत्री को स्वतंत्र किया गया है।
- एक मंत्रिमंडल में विभिन्न प्रकार के लोग होते है, जिसमें शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्र भी शामिल होते है। उन सभी क्षेत्र में प्रधानमंत्री अपनी सुविधा से किसी भी व्यक्ति को मंत्री बना सकता है।
- देश के किसी भी मंत्री को बनाने और उसके पद से हटाने के लिए प्रधानमंत्री स्वतंत्र है। इसके साथ ही मंत्रिपरिषद के द्वारा किए गए किसी भी फैसले के नेतृत्व करना और मंत्रियों को नेतृत्व करने के लिए प्रधानमंत्री जिम्मेदार होता है।
- सैनी सुविधाओं का संवैधानिक प्रमुख राष्ट्रपति होता है मगर मंत्रिमंडल का प्रमुख प्रधानमंत्री होता है। इस वजह से देश में किसी भी प्रकार के मंत्रिमंडल के फैसले को प्रधानमंत्री नेतृत्व करता है।
- देश में किस प्रकार का नियम बनेगा या कानून में किस प्रकार का बदलाव होना चाहिए यह सब प्रधानमंत्री अपने मंत्रिमंडल के साथ ही सलाह करने के बाद पारित करता है, जिसे लोकसभा और राज्यसभा में बहुमत के बाद पास किया जाता है। साथ ही किसी विषम परिस्थिति में तुरंत फैसला लेने के लिए प्रधानमंत्री स्वयं किसी नियम को लागू करवा सकता है जिसके लिए राष्ट्रपति की अनुमति की आवश्यकता होती है।
अब तक भारत में प्रधानमंत्री
भारत में प्रधानमंत्री एक उच्च पद है जो आजादी के बाद 14 विभिन्न लोगों के द्वारा संभाला गया। इस वक्त भारत के 14वें प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी है। 1947 में जब भारत को आजादी मिली थी तो भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू बने थे। जवाहरलाल नेहरू अपने जीवन काल में 16 वर्ष तक भारत को प्रधानमंत्री के रूप में नेतृत्व करते रहे थे।
1964 में जब जवाहरलाल नेहरू अपने पद से हटे तो 27 मई 1964 को भारत के दूसरे प्रधानमंत्री श्री गुलजारीलाल नाडा को बनाया गया, मगर उनका राज्य काल ज्यादा दिन नहीं चल पाया। 9 जून 1964 को उनकी सरकार गिर गई और भारत के दूसरे प्रधानमंत्री के रूप में लाल बहादुर शास्त्री को लाया गया।
लाल बहादुर शास्त्री केवल 2 वर्ष तक भारत के प्रधानमंत्री 11 जून 1966 को उनकी मृत्यु हो गई। उसके बाद 24 जून तक गुलजारीलाल नाडा को प्रधानमंत्री बनाया गया फिर से 13 दिन की अवधि के अंदर ही इनकी सरकार गिर गई।
इन सब के बाद भारत की सबसे लोकप्रिय नेता माने जाने वाली इंदिरा गांधी भारत की प्रधानमंत्री बनी जो 10 वर्ष तक भारत के प्रधानमंत्री रही उसके बाद उनकी हत्या कर दी गई। इस तरह यह सिलसिला काफी दिनों तक चलता रहा। आज भारत में 14 में प्रधानमंत्री के रूप में हम नरेंद्र मोदी को जानते हैं। आज तक जितने भी राष्ट्रपति बने हैं सब में नरेंद्र मोदी पहले ऐसे गैर कांग्रेसी नेता है, जो लगातार दो बार गैर कांग्रेसी होने के बावजूद भारत के प्रधानमंत्री रहे हैं।
निष्कर्ष
प्रधान मंत्री भारत में सरकार के असली मुखिया और कैबिनेट आर्च की कुंजी-पत्थर हैं। देश में वास्तविक सत्ता और राजनीतिक क्षेत्र में उसकी स्थिति इतनी सर्वोच्च है कि उसके पास कोई अन्य समानता नहीं है।
माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत को पहले जैसा लाभ नहीं हुआ है, हमारे देश को वैश्विक स्तर पर महान और प्रशंसनीय बनाने के लिए सभी पहल की है।
अंतिम शब्द
हमने अपने आज के इस महत्वपूर्ण निबंध के लेख में आप सभी लोगों को प्रधान मंत्री पर निबंध ( Essay on the Prime Minister in Hindi) से संबंधित विस्तार पूर्वक से जानकारी प्रदान की हुई है। अगर आपको हमारा आज का यह निबंध पसंद आया हो तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ और अपने सभी प्रकार के सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर करना ना भूले। अगर आपके मन में हमारे आज के इस निबंध से संबंधित कोई भी सवाल या फिर कोई भी सुझाव है तो आप हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते हो।
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