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राष्ट्रभाषा हिन्दी पर निबंध

Essay on Rashtrabhasha Hindi: हर देश की अपनी अलग भाषा होती है, जिसे राष्ट्रभाषा के तौर पर कहा जाता है। हर देश की अपनी अपनी अलग-अलग भाषाएं हैं। उसी प्रकार से भारत की राष्ट्रभाषा हिंदी है। राष्ट्रभाषा का दर्जा किसी भी भाषा को तब दिया जाता है जब उस देश के सभी व्यक्ति उस भाषा को आसानी से लिख सकते हैं और बोल सकते हैं।

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Essay on Rashtrabhasha Hindi

हम यहां पर राष्ट्रभाषा हिन्दी पर निबंध (Rashtrabhasha Hindi Par Nibandh) शेयर कर रहे है। इस निबंध में राष्ट्रभाषा हिन्दी के संदर्भित सभी माहिति को आपके साथ शेयर किया गया है। यह निबंध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार है।

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राष्ट्रभाषा हिन्दी पर निबंध | Essay on Rashtrabhasha Hindi

राष्ट्र भाषा हिन्दी पर निबंध 250 शब्दों में (Rastrabhasa Hindi Par Nibandh)

दुनिया में हर देश की अपनी भाषा है, उसे राष्ट्रभाषा कहते है। हमारे देश भारत की राष्ट्रभाषा हिंदी है। यह हमारे देश में सामान्य संचार की भाषा है। यह हमारे देश की राजभाषा भी कहलाती है। 1947 में स्वतंत्रता प्राप्ति के तुरंत बाद संविधान सभा द्वारा इसे अपनाया गया था। देश में  प्रतिवर्ष 14 सितंबर का दिन हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है।

देश में राष्ट्रीय एकता को बनाए रखने के लिए भी राष्ट्रभाषा की आवश्यकता होती है। राष्ट्रभाषा को बोलने से मानसिक सन्तोष का अनुभव होता है। हिंदी पूरे विश्व में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाओं में चौथे स्थान पर है। हिंदी की लिपी देवनागरी है, जो कि देवों की लिपी है।

इस भाषा का विशेष रूप से उत्तर भारत में ज्यादा उपयोग होता है। दक्षिण भारत के लोग ज्यादातर अंग्रेजी भाषा का इस्तेमाल करते है, जो हिंदी को ठीक से नहीं समझते हैं। भारत में लाखों लोग अभी भी हिंदी नहीं जानते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि इसमें संस्कृत शब्दों को शामिल करने से इसे कठिन बना दिया गया है।

आज देश में हर जगह पर अंग्रेजी भाषा ने अपना कब्ज़ा जमा लिया है। इसमें कोई शक नहीं है कि अंग्रेजी अंतरराष्ट्रीय बातचीत के लिए जरुरी है लेकिन हिंदी को सिखने के लिए आज बच्चों को सख्ती से मजबूर किया जाता है। हमें अपनी राष्ट्रभाषा को बचाने के लिए कदम उठाने होंगे। हमें हिंदी को सरल बनाना होगा और इसे कठिन संस्कृत संस्करणों से मुक्त करना होगा।

अगर हमने हिंदी को बढ़ावा देने के लिए तत्काल प्रयास चालू नहीं किये तो हमें हिंदी को उसकी ही धरती यानी हिंदुस्तान में विलुप्त होते देखना होगा।

Essay on Rashtrabhasha Hindi

राष्ट्रभाषा हिंदी पर निबंध 500 शब्दों में (Rashtra Bhasha Hindi Essay in Hindi)

प्रस्तावना

देश के हर राज्य की अलग भाषा है। हर राज्य में बहुत सारी भाषाएं बोली जाती है। लेकिन राष्ट्रभाषा का दर्जा सिर्फ हिंदी को ही मिला हुआ है। क्योंकि राष्ट्रभाषा का दर्जा हर किसी भाषा को नहीं मिल सकता। उस भाषा को देश का हर व्यक्ति आसानी से लिख सके और समझ सके उसे ही राष्ट्रभाषा के तौर पर चयनित किया जाता है।

हमारी राष्ट्रभाषा की विशेषता

  • हमारी राष्ट्रभाषा हिंदी विषय संस्कृत की बेटी कहा जाता है। क्योंकि संस्कृत से ही हिंदी का जन्म हुआ है।
  • हिंदी भाषा समझने और लिखने के लिए बहुत ही आसान है और हिंदी व्याकरण के सभी नियमों को सिर्फ एक पन्ने पर लिखा जा सकता है।
  • आज के समय में हिंदी भाषा में बहुत सारे अनगिनत विदेशी शब्द भी शामिल हो गए हैं। शुद्ध हिंदी भाषा हर किसी को नहीं आती है।
  • हमारी भाषा हिंदी का एक विषय विद्यार्थियों को स्कूल में पढ़ाया जाता है और यूनिवर्सिटी में हिंदी साहित्य का सब्जेक्ट भी विद्यार्थियों के लिए मौजूद है, जो हमारे देश की एकता को बनाए रखता है।
  • पुरानी हिंदी भाषा में संस्कृत और देवनागरी का मिश्रण देखने को मिलता है।

हिंदी को राष्ट्रभाषा का दर्जा कब मिला

जब हमारा देश भारत आजाद हुआ तो उसके करीब 2 साल बाद 14 सितंबर 1950 को संविधान सभा में राष्ट्रभाषा की घोषणा को लेकर एक सभा का गठन किया गया और जिसमें इस बात का निर्णय लेने का प्रयास किया गया कि हमारे देश की राष्ट्रभाषा किस भाषा को चुना जाए। उस सभा में वहां पर हिंदी को राष्ट्रभाषा का दर्जा मिला था, इसीलिए आज के समय में 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है।

राष्ट्रभाषा का क्या महत्व रहता है?

देश में राष्ट्रभाषा का प्रयोग करना देश की एकता का प्रतीक होता है। देश की एकता को बनाए रखने के लिए राष्ट्रभाषा का प्रयोग बेहद जरूरी है। हर व्यक्ति को राष्ट्रभाषा बोलना और समझना आना चाहिए। व्यक्ति कितना भी अंग्रेजी का ज्ञान क्यों ना झाड़ दे। लेकिन हिंदी भाषा में बात करने से जो संतुष्टि मिलती है, वह संतुष्टि अंग्रेजी में बात करने से नहीं मिलती है।

हिंदी भाषा का प्रयोग करना आपके बौद्धिक विकास के लिए बहुत ही ज्यादा जरूरी है और अपने बच्चों को भी हिंदी भाषा का ज्ञान मुख्य रूप से देना चाहिए। इतना ही नहीं हिंदी भाषा का प्रयोग करके आप भविष्य में राष्ट्र भाषा के महत्व को और अधिक बढ़ा देंगे।

भविष्य में राष्ट्रभाषा हिंदी का हाल

आज के समय में भी ज्यादातर लोग जो उच्च पदों पर कार्यरत है। यह अच्छी यूनिवर्सिटी के पढ़ाई कर चुके हैं, उनको हिंदी की बजाय अंग्रेजी में बात करना अच्छा लगता है। लेकिन आपको बताना चाहूंगा कि हमारी राष्ट्रभाषा हिंदी जिसे हम कभी नहीं भूल सकते हिंदी भाषा बोलने से हमें एक सुकून की अनुभूति होती है, जो अंग्रेजी भाषा में बिल्कुल नहीं है।

यह बात बिल्कुल सच है कि अंग्रेजी भाषा अंतरराष्ट्रीय भाषा है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अंग्रेजी भाषा के साथ आप बातचीत कर सकते हैं। लेकिन ऐसे में आप देश की खुद की हिंदी भाषा को पीछे नहीं छोड़ सकते हैं। देश में रहते हुए आपको हिंदी भाषा को बढ़ावा देना चाहिए। अगर ऐसा ही चलता रहा तो भविष्य में राष्ट्रभाषा हिंदी का नामोनिशान खत्म हो जाएगा और अंग्रेजी भाषा का सिक्का जम जाएगा।

उपसंहार

राष्ट्रभाषा हिंदी जिसका प्रयोग आज के समय में दिन-प्रतिदिन कम होते जा रहा है। क्योंकि लोगों को अंग्रेजी बोलना बहुत अच्छा लगने लग गया है। हमारी राष्ट्रभाषा को बचाने के लिए हमें निरंतर हिंदी भाषा का प्रयोग करना चाहिए और लोगों को भी हिंदी भाषा बोलने के प्रति जागरूक करना चाहिए, जिससे हमारी राष्ट्रभाषा और देश की एकता पर कोई आंच नहीं आएगी।

राष्ट्रभाषा हिन्दी पर निबंध 800 शब्दों में (Rashtrabhasha Hindi Essay)

प्रस्तावना

राष्ट्रभाषा का शाब्दिक अर्थ होता है किसी राष्ट्र यानि के देश की जनता की भाषा। किसी भी व्यक्ति अपनी भावनाओं अपनी ही मातृभाषा में आसानी से व्यक्त कर सकता है। मनुष्य चाहे जितनी भी भाषाओं का ज्ञान प्राप्त कर लें लेकिन उसे मानसिक सन्तोष केवल अपनी भाषा बोलने से ही मिलता है।

हिंदी भाषा का इतिहास लगभग एक हजार वर्ष पुराना है। हिन्दी विश्व की प्राचीन, समृद्ध और सरल भाषा होने के साथ-साथ हमारी ‘राष्ट्रभाषा’ भी है। पूरे विश्व में सबसे अधिक भाषा बोलने वाली सूचि में हिंदी भाषा चौथे स्थान पर है। हिन्‍दी भाषा को भारतीय विचार और संस्‍कृति का वाहक माना जाता है। हिंदी भारत की पहचान है। भारत में हिंदी लगभग 77% लोग हिंदी बोलते और समझते है।

राष्ट्रभाषा हिंदी का चुनाव

भारत देश एक विशाल और विविधता से भरपूर देश है। इस देश में अनेक जातियों, धर्मों और अलग अलग भाषाओं के लोग रहते हैं। इन सब में एकता बनाए रखना बेहद जरुरी है। अलग अलग भाषा होने के कारण ऐसी भाषा की आवश्यकता आन पड़ी, जिसके द्वारा राष्ट्र के सभी नागरिक एक दूसरे साथ आसानी से बातचीत कर सके और राष्ट्र के सभी सरकारी कार्य  भी उस भाषा के द्वारा हो सके।

भारत में राष्ट्रभाषा का चुनाव करना सबसे जटिल समस्या बन गई है। क्योंकि हर प्रांत के लोग अपनी भाषा को ही महत्व देते है। 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने एकमत से यह निर्णय लिया कि हिन्दी  ही भारत की राजभाषा होगी। इसलिए प्रतिवर्ष 14 सितंबर का दिन हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है।

हिंदी भाषा को राष्ट्र भाषा के रूप में चुना गया क्योंकि इस भाषा का इस्तेमाल देश में अधिकतर लोग करते है। हिंदी को सरलता से बोला भी जाता और सिखा भी जाता है। हिंदी एक ऐसी भाषा है, जो जिस प्रकार बोली जाती है उसी प्रकार लिखी भी जाती है। हिंदी भाषा भारत की प्राचीन भाषा संस्कृत और देवनागरी का मिश्रण है।

राष्ट्रभाषा का महत्व

देश में एकता बनाए रखने के लिए राष्ट्र भाषा बेहद जरुरी है। राष्ट्र भाषा का उपयोग हम देश के किसी भी कोने में दूसरे लोगों से अपना तालमेल बढ़ाने के लिए कर सकते है। राष्ट्र भाषा हमे मानसिक सन्तोष की अनुभूति करवाती है। हिंदी भाषा मारे जीवन मूल्यों, संस्कृति एवं संस्कारों की सच्ची संवाहक, संप्रेषक और परिचायक भी है।

किसी भी व्यक्ति के बौद्धिक विकास के लिए अपनी राष्ट्र भाषा का इस्तेमाल करना फायदेमंद रहता है। भारत के इतिहास के महान नेताओं जैसे महात्मा गांधी, लाल बहादुर शास्त्री, लाला लाजपत राय, जवाहरलाल नेहरू आदि ने हिंदी को एक सशक्त भाषा के रूप में स्वीकार किया था।

वर्तमान में हिंदी का हाल

आजादी के इतने साल बाद भी हिंदी पूरी तरह से भारत की राष्ट्रभाषा नही बन पाई हैं। उत्तर भारत में हिंदी बोलने वाले लोग ज्यादा है जबकि दक्षिण भारत के लोग हिंदी के बदले अपनी मातृभाषा और अंग्रेजी का इस्तेमाल ज्यादा करते है।

टेक्नोलॉजी बढ़ने के कारण आज पूरी दुनिया एक परिवार के समान बन गई है। लोग दुनिया के एक कोने से दूसरे कोने तक आसानी से अपना तालमेल बढ़ा रहे है। इसके लिए वो अंग्रेजी भाषा को इस्तेमाल कर रहे है। आर्थिक समृद्धि बढ़ने के कारण आज अंग्रेजी भाषा पूरे देश पर हावी होती जा रही है।

हिन्दी जानते हुए भी लोग हिन्दी में बोलने, पढ़ने या काम करने से हीनता की अनुभूति कर रहे है। आज के माता पिता अपने बच्चों को जबरदस्ती अंग्रेजी मीडियम में पढ़ा रहे है ताकि समाज में उनका गौरव बना रहे। हिन्दी देश की राजभाषा होने के बावजूद भी आज हर जगह अंग्रेजी भाषा ने अपना सिक्का जमा दिया है।

राष्ट्रभाषा के विकास संबंधी प्रयत्न

देश में आज हिंदी भाषा को जो अधिकार मिलना चाहिए था, वह उसकी अधिकारिणी नहीं बन पायी। आज भी अंग्रेजी बोलने वाले को लोग मान की नजरों से देखते है। पूरे देश को एकजुट होकर राष्ट्र भाषा और राजभाषा हिंदी को बचाने के लिए जरूरी प्रयास करने होंगे। सरकार भी आज हिंदी भाषा को प्रोत्साहित कर रही है। हिंदी दिवस के अवसर पर सरकारी विभागों में हिंदी की प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाती हैं।

हिंदी भाषा को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने अनेक पुरस्कार योजनाएं शुरू की हैं। सरकार द्वारा हिंदी में अच्छे कार्य के लिए ‘‘राजभाषा कीर्ति पुरस्कार योजना’’ के अंतर्गत शील्ड प्रदान की जाती है। सरकार द्वारा हिंदी में लेखन के लिए राजभाषा गौरव पुरस्कार भी प्रदान किया जाता है।

निष्कर्ष

सारे देश को एकता के सूत्र में पिरोने के लिए हमें हिंदी के महत्व को समझना होगा। हिन्दी पहले राष्ट्र भाषा थी, आज भी है और आगे भी रहेगी। हिन्दी को समृद्ध करना, इसका उपयोग बढ़ाना और इसे सम्मान देना और दिलाना यह प्रत्येक भारतीय का पहला कर्तव्य है।

अगर आप चाहते हो की राजभाषा और राष्ट्र भाषा हिन्दी का अतीत शानदार हो, भविष्य भी भव्यता के साथ जानदार हो तो हमें वर्तमान के हर क्षण का उपयोग हिन्दी को सँवारने के लिए और इसकी विकास-यात्रा को आगे बढ़ाने के लिए करना होगा।

राष्ट्रभाषा हिन्दी पर निबंध pdf

हमने यहाँ पर राष्ट्रभाषा हिंदी निबंध पीडीऍफ़ के रूप में उपलब्ध किया है, आप इसे आसानी से डाउनलोड करके अपने प्रोजेक्ट आदि के रूप में प्रयोग में ले सकते है।

अंतिम शब्द

हमने यहां पर राष्ट्रभाषा हिन्दी पर निबंध (Essay on Rashtrabhasha Hindi) शेयर किया है। उम्मीद करते हैं कि आपको यह निबंध पसंद आया होगा, इसे आगे शेयर जरूर करें। आपको यह निबन्ध कैसा लगा, हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

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Rahul Singh Tanwar
Rahul Singh Tanwar
राहुल सिंह तंवर पिछले 7 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे हैं। इनको SEO और ब्लॉगिंग का अच्छा अनुभव है। इन्होने एंटरटेनमेंट, जीवनी, शिक्षा, टुटोरिअल, टेक्नोलॉजी, ऑनलाइन अर्निंग, ट्रेवलिंग, निबंध, करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान जैसे विविध विषयों पर कई बेहतरीन लेख लिखे हैं। इनके लेख बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं।