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रामनवमी पर निबंध

Essay on Ram Navami in Hindi: हम यहां पर रामनवमी पर निबंध शेयर कर रहे है। इस निबंध में रामनवमी के संदर्भित सभी माहिति को आपके साथ शेअर किया गया है। यह निबंध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार है।

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रामनवमी पर निबंध | Essay on Ram Navami in Hindi

रामनवमी पर निबंध (250 शब्द)

चैत्र मास की नवमी तिथि को रामनवमी मनाई जाती है। यह हिंदुओं का प्रमुख त्योहार है। हिंदुओं में इस त्यौहार का बहुत ही अधिक महत्व है। इस दिन भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था, इस उपलक्ष में रामनवमी मनाई जाती है।

जब धरती पर राक्षसों का अत्याचार बढ़ने लगा तब भगवान विष्णु ने राम के अवतार में जन्म लिया यह बात त्रेता युग की है। मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम जी के जन्म में भगवान विष्णु का अवतार हुआ। यह अवतार असुरों का संहार करने के लिए हुआ था।

रामनवमी को भगवान राम का जन्म उत्सव बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। अयोध्या में बहुत ही अधिक सजावट और बहुत बड़ा उत्सव होता है। जिसकी वजह से वहां पर लाखों में पब्लिक पहुंचती है और भगवान राम का जन्म उत्सव मनाया जाता है।

इस दिन लोग व्रत रखते हैं। राम जी के प्रति यज्ञ अनुष्ठान किया जाता है, उनकी पूजा की जाती है। घर में साज सजावट की जाती है। भगवान श्री राम की विशेष पूजा की जाती है, भजन कीर्तन किया जाता है। श्री राम जी के साथ सीता माता की और लक्ष्मण जी की भी पूजा की जाती है।

जब माता केकई ने अपने वरदान मांगे, उसमें भगवान राम के लिए वनवास मांगा था। तब भगवान 14 वर्ष के लिए वन गए और वहां रहकर असुरों का संहार किया। रावण का वध किया और लंका पर विजय प्राप्त की।

रामनवमी पर निबंध (800 शब्द)

प्रस्तावना

इस दिन राम जी का जन्म हुआ था, इसी उपलक्ष में रामनवमी मनाई जाती है। यह हिंदुओं का प्रमुख त्योहार है। यह बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। भगवान श्री राम को मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम कहा जाता है क्योंकि उन्होंने अपने जीवन में बहुत ही कठिनाइयों का सामना किया और उन्हें धैर्य पूर्वक सुलझाया। उन्होंने कभी अपने मर्यादा और आदर्शों को तोड़ा नहीं और अपनी मर्यादा में रहकर ही सब काम किए। इसीलिए भगवान श्री राम को मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम कहा जाता है।

कब मनाई जाती है?

रामनवमी चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाई जाती है। इस दिन माता कौशल्या ने भगवान श्रीराम को जन्म दिया था। इसी के उपलक्ष में रामनवमी त्योहार के रूप में मनाई जाती है।

कैसे मनाई जाती है?

रामनवमी के त्यौहार को बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्री राम की पूजा की जाती है। भगवान श्री राम के लिए धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं। राम जी के साथ साथ माता सीता की और लक्ष्मण जी की भी पूजा की जाती है। लोग अपनी मंगल कामना के लिए भगवान श्री राम की पूजा करते हैं। घरों में साज सजावट करते हैं और अयोध्या में बहुत ही बड़ा उत्सव मनाया जाता है।

क्या महत्व है?

जब रावण के द्वारा प्रजा पर अत्याचार हुआ, तब देवताओं ने भगवान विष्णु के पास आकर दुहार लगाई, कि रावण के अत्याचारों से उन्हें मुक्त कराया जाए। इसके पश्चात भगवान विष्णु ने राम के अवतार में रामनवमी के दिन जन्म लिया। श्री राम जी की माता कौशल्या जी और पिता दशरथ जी के यहां अयोध्या में जन्म हुआ।

व्रत- विधि

भगवान श्री राम के जन्मोत्सव के उपलक्ष में श्री राम जी के लिए व्रत किया जाता है। इस दिन सुबह स्नान करके पीले रंग के वस्त्र पहने जाते हैं और पूजा की सामग्री को एकत्रित करके जैसे कि कमल का फूल, फल, तुलसी, चौकी, लाल कपड़ा, छोटा सा पालना, गंगाजल, तांबे का कलश, इत्यादि भगवान श्री राम की प्रतिमा के सामने रखकर भगवान श्री राम की पूजा की जाती है और मंगल कामना की जाती है।

व्रत करने का क्या लाभ है?

ऐसा कहा जाता है, कि इस दिन व्रत करने से भगवान श्री राम कृपा बनाए रखते हैं और सभी दुख दर्द को खत्म करते हैं। भगवान श्री मर्यादा पुरुषोत्तम के नाम से जाने जाते हैं। इसीलिए उनकी सीख पर चलने के लिए व्रत पूजा इत्यादि की जाती है।

रामनवमी का इतिहास क्या है?

एक समय की बात है एक राजा हुआ करते थे, जिनका नाम था दशरथ। यह त्रेता युग की बात है। दशरथ जी की तीन पत्नी हुआ करती थी कौशल्या, केकई और सुमित्रा। तीन पत्नियों के होने के बावजूद उनके कोई भी संतान नहीं थी।

इसके चलते दशरथ जी गुरु वशिष्ट के पास गए और अपनी परेशानी के निवारण के लिए विनती करने लगे तत्पश्चात, वशिष्ट जी ने यज्ञ किया और दशरथ जी की पत्नियों को प्रसाद के रूप में खीर दी। जिसमें से कहा कि तीनों अपना एक एक हिस्सा करके खा ले और ऐसा ही किया कौशल्या और केकई ने अपना अपना हिस्सा खाने के बाद सुमित्रा को भी उसका हिस्सा दिया, परंतु अपने हिस्से में से भी एक हिस्सा सुमित्रा जी को दे दिया। जिसकी पश्चात सुमित्रा जी के दो पुत्र हुए माता कौशल्या की एक और केकई के भी एक पुत्र हुआ।

माता कौशल्या ने श्री राम जी को जन्म दिया और माता केकई ने भरत जी को जन्म दिया, जबकि माता सुमित्रा ने लक्ष्मण और शत्रुघ्न को जन्म दिया।

राम जी को भगवान विष्णु का अवतार कहा जाता है।जब धरती पर असुरों का अत्याचार बढ़ने लगा, तब भगवान श्रीराम ने जन्म लिया। असुरों का संहार करने के लिए इसके पश्चात राम जी का सीता माता के साथ विवाह किया गया।

राम जी के भाइयों का विवाह सीता माता की बहनों के साथ हुआ। इसके पश्चात जब वह सब अयोध्या लौटे तब दशरथ जी के मन में यह बात, आई कि श्री राम जी का राज्यअभिषेक किया जाए। परंतु कैकई माता ने अपने वचन लिए और भरत के लिए सिंहासन और राम जी के लिए वनवास मांगा। भगवान श्री राम वनवास को चले गए। उन्होंने 14 वर्ष वन में बिताए और वहां रहकर असुरों का संहार किया।

जब श्री राम, माता सीता और लक्ष्मण जी वन में थे, तब रावण ने माता सीता का हरण कर लिया। इसके पश्चात हनुमान जी ने और सुग्रीव जी ने श्री राम जी की मदद की और लंका पर चढ़ाई करके रावण का संघार किया। इसके पश्चात 14 वर्ष का वनवास पूरा करके खुशी-खुशी सभी अयोध्या को वापस लौट आए।

इसी उपलक्ष में भगवान श्रीराम का जन्म हुआ और इस त्योहार को रामनवमी के रूप में मनाया जाने लगा।

राम जी के चरित्र से हमें क्या सीख मिलती है?

देखा जाए तो राम जी का पूरा जीवन से हमें बहुत सीख मिलती है। श्री राम जी जिस तरह से एक पुत्र, पति और राजा बने यह सब हमें राम जी के चरित्र से सीखना चाहिए।

  • राम जी हमें सिखाते हैं, हमें हमेशा भगवान पर विश्वास रखना चाहिए।
  • हमें सभी के प्रति प्यार और दया की भावना रखनी चाहिए।
  • हर किसी के अपराध को क्षमा करना चाहिए।
  • अगर हम मित्रता निभाते हैं, तो सच्ची मित्रता निभानी चाहिए।
  • हर परिस्थिति का सामना डट कर करना चाहिए।
  • ऊंच नीच का भेदभाव नहीं करना चाहिए, हर किसी को एक समान मानना चाहिए।
  • माता-पिता का आदर सत्कार करना चाहिए, उनकी सेवा करनी चाहिए।
  • धन संपत्ति से बढ़कर, हमें रिश्तो को महत्व देना चाहिए।
  • हमें हमेशा प्यार और स्नेह को बरकरार रखना चाहिए।

निष्कर्ष

देखा जाए तो, भगवान श्रीराम का पूरा जीवन ही सीख के बराबर है। यह केवल एक त्यौहार ही नहीं है, बल्कि हमें यह भी सिखाता है कि किस तरह से अच्छे गुण होने पर हम अच्छे व्यक्ति अच्छे इंसान बनते हैं और अपनी जिंदगी में सफल होते हैं। हमारे सामने चाहे कैसी भी परिस्थिति क्यों ना हो हमें उनका डटकर सामना करना चाहिए और उनका हल निकालना चाहिए। यह त्यौहार हमें खुशियां और मंगल कामना देता है।

अंतिम शब्द

आज के आर्टिकल में हमने  रामनवमी पर निबंध ( Essay on Ram Navami in Hindi) के बारे में बात की है। मुझे पूरी उम्मीद है की हमारे द्वारा लिखा गया यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा। यदि किसी व्यक्ति को इस आर्टिकल में कोई शंका है। तो वह हमें कमेंट में पूछ सकता है।

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