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राष्ट्रवाद पर निबंध

Essay on Nationalism in Hindi: राष्ट्रीयता और राष्ट्रिय एकता दोनों देश के नागरिक के लिए जरुरी हैं। किसी भी देश के विकास और सुरक्षा में राष्ट्रीयता अग्रणी भूमिका निभाता हैं।

Essay on Nationalism in Hindi
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हम यहां पर अलग-अलग शब्द सीमा में राष्ट्रवाद पर निबंध (Essay on Nationalism in Hindi) शेयर कर रहे हैं। यह निबन्ध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार साबित होंगे।

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राष्ट्रवाद पर निबंध | Essay on Nationalism in Hindi

राष्ट्रवाद पर निबंध (250 शब्द) 

राष्ट्रवाद का सामान्य अर्थ होता हैं, किसी राष्ट्र के प्रति समान भाव और देश में रहने वाले सभी लोग चाहे किसी भी धर्म से हो या किसी भी समुदाय से वो सब देश के लिए एकजुट रहते हैं, यही राष्ट्रवाद की सामान्य भाषा हैं। हमारा देश में कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक और जैसलमेर से लेकर मेघालय तक हमारा देश की संस्कृति और साम्प्रदायिकता एक ही समान हैं। 

यह एक ऐसी अवधारणा होती हैं, जिसमें राष्ट्रवाद पहले आता हैं। देश परिवार और समाज से पहले आता है। देश के लोग जब एकजुट होते हैं और समान रूप से एकता दिखाते हैं, तो वो राष्ट्रवाद की श्रेणी में आते हैं। हमारे देश में कई अलग – अलग धर्मो के लोग निवास करते हैं। 

राष्ट्रवाद का एक सामान्य अर्थ राष्ट्र के प्रति समर्पण की भावना भी राष्ट्रवाद है। देश में संकट के समय में भी एकता और एकजुटता दिखाना और राष्ट्र के प्रति प्रेम व्यक्त करना भी सद्भावना हैं। हमे स्कूल के समय से ही राष्ट्र एकता और राष्ट्रवाद के बारे में सिखाया और पढाया जाता हैं। 

स्कूल से हम राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत शुरू से ही पढ़ते आ रहे हैं। देश की आजादी के और गणतंत्रता दिवस पर भी हम सबसे पहले दिन की शुरुआत के साथ ही हम राष्ट्रगान गाते हैं। हर वो शख्स जो भारत में रहता हैं या भारत के हैं वो राष्ट्रवाद से ओतप्रोत होता हैं। राष्ट्रवाद के इस टॉपिक पर देश के वीर गाथाओ के बार में भी बताया जाता हैं, जिन्होंने अपने देश की आजादी के लिए त्याग दिए थे। 

राष्ट्रवाद पर निबंध (800 शब्द) 

प्रस्तावना

राष्टवाद एक ऐसा विषय हैं, जो हर देशवासी को पढना चाहिए। राष्ट्रवाद की सामान्य परिभाषा समझे तो यह लोगों के ऐसे समूह और उनकी आस्था का नाम है, जिसके तहत वे ख़ुद को साझा इतिहास, परम्परा, भाषा, जातीयता या जातिवाद और संस्कृति के आधार पर एकजुट मानते हैं। राष्ट्रवाद के मायने में देश के सभी देशवासियों को एक सामान देखने की जरूरत हैं। 

देश के सभी नागरिको को एक सामान रूप से सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक रूप से देश मी एक भावना रखनी चाहिए। हमारा संविधान हमे एक साथ स्वंत्रता का अधिकार देता हैं, इसके साथ ही हमारे पास अभियक्ति का भी अधिकार हैं। 

किसी भी समाज और किसी भी नागरिक के लिए देश सबसे पहले आता हैं। देश के बाद उसका परिवार और समाज आता हैं। राष्ट्रवाद की भावना हर देशवासी के मन में होनी चाहिए। 

राष्ट्रवाद की परिभाषा

राष्ट्रवाद को समझने से पहले हमे राष्ट्रवाद की परिभाषा को समझना चाहिए। वास्तव में राष्ट्रवाद क्या हैं और क्यों हर भारतीय के मन के राष्ट्रवाद की भावना होनी चाहिए। हमारे देश में हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई और भी कई धर्मो के लोग रहते हैं। हमारे देश में अलग – अलग धर्मो के लोग निवास करते हैं और वे सभी अपने धर्मानुसार कई अलग त्यौहार मानते हैं जैसे दिवाली, ईद, लोहड़ी, क्रिसमस इत्यादि। 

इन सभी विशेषताओ के बावजूद हमारा देश एक ही माला में बंधा हुआ हैं। हमारे देश में हम सब त्यौहार धूम धाम से मानते हैं चाहे वो ईद हो, दिवाली हो, क्रिसमस हो या लोहड़ी हो। इन सब त्यौहार में हम एक दुसरे को बधाई देते हैं और मिठाई बांटते हैं। 

इन सब के बावजूद देश को हम सर्वोपरी मानते हैं। देश हमारे लिए सबसे पहले हैं। देश में एकता और अखंडता के साथ हम देश में एकजुट होकर रहते हैं। यही असल में राष्ट्रवाद हैं। देश में जब भी संकट आता हैं तो हमारा देश पूरा एक होता हैं और होना भी चाहिए। यही कारण हैं की हमारे देश को महान कहा जाता है। 

देश के समान कारक

राष्ट्र के लोगों में समान कारक राष्ट के लोगों में समान भावना का निर्माण करती हैं। इस सामान्य कारको में उस क्षेत्र की भाषा, लोगों की वेशभूषा, रहन सहन इत्यादि की भावना भी उस क्षेत्र के कारक के अंतर्गत आती है। देश में परंपरा, लोक संस्कृति और लोक नाट्य प्राचीन समय से ही चले आ रहे है और हमारे देश के लोग भी उनका सम्मान करते हैं। इन सब अलग – अलग कारको के बावजूद हम सब एक साथ साथ जुड़े रहते हैं। इन्ही कारको के कारण लोगों में राष्ट्रवाद की भावना होती हैं। 

एक साथ जीवन जीना और देश में एक समान भावना रखना, देश के लिए पहले समर्पित होना ही राष्ट्रवाद हैं। 

राष्ट्रवाद से देश की सुरक्षा

जिस देश के लोगों में राष्ट्रवाद की भावना होती हैं, उस देश की सुरक्षा भी मजबूत होती हैं। यही कारण हैं, देश के लोगों में राष्ट्रवाद की भावना होनी चाहिए। देश में राष्ट्र की सुरक्षा के लिए भी राष्ट्रवाद काफी महत्वपूर्ण हैं। देश के हर नागरिक को राष्ट्रवाद का संकल्प करना चाहिए। राष्ट्रवाद बढ़ने से लोगों में एकता की भावना बढती हैं और इससे एक मजबूत देश की सेना बनती हैं। देश की सेना जितनी बड़ी होगी उतना ही देश सुरक्षित रहेगा। 

राष्ट्रवाद के अभाव में बढ़ता अपराध

देश की सुरक्षा के लिए लोगों में राष्ट्रवाद की भावना होनी चाहिए। जिस देश के लोगों में राष्ट्रवाद की भावना नहीं होती हैं, उस देश में खतरा ज्यादा होता हैं। देश की सुरक्षा के लिए देश के राष्ट्रवाद होना जरुरी हैं। राष्ट्रवाद हर देश के लिए बेहद जरुरी हैं। जिस देश के नागरिको में राष्ट्रवाद की भावना होती हैं, वो देश महान होता हैं। देश के लोगों में राष्ट्रवाद से ही देश की सुरक्षा बढती है। 

निष्कर्ष

किसी भी देश देश के लिए राष्ट्रवाद सबसे पहली जरुरत होती हैं। जिस देश में राष्ट्रवाद होती हैं उस देश की सुरक्षा सबसे पहली आवश्यकता होती हैं। राष्ट्रवाद का समय अर्थ देश की सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक एकता से सम्बंधित हैं।

अंतिम शब्द  

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Rahul Singh Tanwar
Rahul Singh Tanwar
राहुल सिंह तंवर पिछले 7 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे हैं। इनको SEO और ब्लॉगिंग का अच्छा अनुभव है। इन्होने एंटरटेनमेंट, जीवनी, शिक्षा, टुटोरिअल, टेक्नोलॉजी, ऑनलाइन अर्निंग, ट्रेवलिंग, निबंध, करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान जैसे विविध विषयों पर कई बेहतरीन लेख लिखे हैं। इनके लेख बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं।

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