Essay On Myself In Hindi: इस आर्टिकल में हम स्वयं पर निबंध के बारे में बात करने वाले है। आज हम इस आर्टिकल में Essay On Myself In Hindi के बारे में जानकारी आपके साथ शेयर करेंगे।

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स्वयं पर निबंध | Essay On Myself In Hindi
स्वयं पर निबंध (200 शब्द)
प्रस्तावना
इस दुनिया में तरह तरह के लोग रहते हैं और उनके अलग-अलग शोक होते है। प्रत्येक व्यक्ति का अलग-अलग व्यवहार होता है। सबका अपना सोचने का तरीका अलग अलग होता है। इसी प्रकार इस संसार में मेरा व्यक्तित्व भी बहुत भिन्न प्रकार का है।
मेरा परिचय
मेरा नाम राहुल चौधरी है। मैं जयपुर जिले के शाहपुरा तहसील का निवासी हूं। मेरे पिताजी एक किसान है, जो खेतों में काम करते रहते है। मैं जयपुर के महाराजा कॉलेज का फाइनल ईयर का विद्यार्थी हूं। मैं अभी विज्ञान से बीएससी कर रहा हूं, जो राजस्थान विश्वविद्यालय की संगठन कॉलेज है। मुझे शुरुआत से ही विज्ञान संकाय में रुचि रही है और मुझे वैज्ञानिक तकनीकों में बहुत लगाव है। चंद्रयान और मिशन यान मेरे फेवरेट टॉपिक है।
मेरा स्वभाव
मैं बहुत ही सरल स्वभाव का लड़का हूं। मैं कभी भी किसी का बुरा नहीं सोचता क्योंकि मुझे पढ़ाई के अलावा समय ही नहीं मिल पाता। मैं हमेशा दूसरों की मदद करता रहूं।
मेरी आदतें
मेरी आदत है कि मैं हमेशा कुछ नया सीखने के लिए प्रयासरत रहता हूं और मैं हमेशा कुछ ना कुछ तकनीकी पूरक करता रहता हूं। मुझे खेलने में फुटबॉल बहुत ही अच्छा लगता है और मुझे दोस्तों के साथ हंसी मजाक करना भी अच्छा लगता है।
निष्कर्ष
व्यक्ति को हमेशा स्वयं के बारे में ही नहीं सोचना चाहिए। दूसरों के बारे में भी सोचना चाहिए क्योंकि हम सभी एक दूसरे पर आश्रित रहते है। हमें एक दूसरे की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहना चाहिए और अपने जीवन को सुव्यवस्थित तरीके से जीना चाहिए।
हमें बुरी आदतों का त्याग करना चाहिए। हमें नशे पत्ते से दूर रहना चाहिए और हमें अपने माता-पिता और बुजुर्गों का आदर करना चाहिए क्योंकि यह हमारे जीवन की अमूल्य धरोहर है।
स्वयं पर निबंध 600 शब्दों में (my self in hindi essay)
प्रस्तावना
इस संसार में सबका अपना-अपना अलग-अलग व्यक्तित्व होता है और सबका अपना-अपना अलग सिद्धांत होता है। इसी प्रकार मेरा भी अलग सिद्धांत है। मैं अपने परिवार वालों के साथ रहना ज्यादा पसंद करता हूँ।
मेरा परिचय
मेरा नाम सत्यम चौधरी है, मुझे मेरे परिवार वाले, करीबी दोस्त और मेरे अध्यापक ‘कान्हा’ कह कर बुलाते हैं। मैं अभी फिलहाल एक हॉस्पिटल में कार्यरत हूं। मैं मेरी हॉस्पिटल में प्रयोगशाला सहायक के पद पर कार्यरत हूं।
मेरे पिताजी किसान है और मेरी माताजी गृहिणी है। मेरे एक छोटा भाई है, जिसका नाम शिवम चौधरी है। मेरी दो बहनें है। दिव्यांशी और हिमांशी। मुझे मेरे परिवार वालों ने शुरु से ही अच्छे संस्कार दिए हैं। मुझे बडे बुजुर्गों की मदद करना अच्छा लगता है।
मेरे परिवार की शिक्षा के अनुसार मुझे बड़ों का आदर करना सिखाया गया है। मैं सबके साथ प्रेम भाव से मिल जुलकर रहता हूं। मैं सिद्धांतो और आदर्शों पर चलने वाला लड़का हूं। मैं अपने काम के लिए किसी दूसरे पर आश्रित नहीं रहता हूं। मैं मेरा काम खुद ही करता हूं।
हमारे परिवार के सभी सदस्य मिल जुलकर रहते हैं। मेरे पिताजी गांव वालों से अच्छी तरह मिल जुलकर रहते हैं क्योंकि हम गांव में ही निवास करते हैं। मेरा गांव ही हमारी मातृभूमि हैं। मेरी मम्मी एक गृहिणी है, जो हम सभी का ख्याल रखती है।
मेरा स्वभाव
मैं एक सरल और सौम्य स्वभाव का लड़का हूं। मैं अपने काम को समय पर ही पूरा करता हूं। मैं हमेशा अपने दोस्तों को सुखी ही देखना चाहता हूं। मतलब की है हंसता हुआ देखना चाहता हूं।
मेरी आदतें
मेरी आदतों में सबसे पहले मॉर्निंग वॉक आता है। मैं सुबह उठते सबसे पहले पर वॉक जाता हूं। मैं अपने सभी कार्य समय पर पूरा करता हूं। मैं दूसरों पर कभी भी निर्भर नहीं रहता हूं। मुझे गरीब और जरुरतमंद की सहायता करना अच्छा लगता है।
मेरा लक्ष्य
मैं एक सफल डॉक्टर बन कर लोगों का सही इलाज करना चाहता हूँ। भारत से संपूर्ण रोगों को मिटाना चाहता हूँ। मुझे एक दिनचर्या को फॉलो करना अच्छा लगता है।
मेरे शौक
मुझे लिखना बहुत ही अच्छा लगता है और इसके अलावा मुझे क्रिकेट खेलना बहुत अच्छा लगता है। मैं खाली समय में किताबें पढ़ता हूं और टेलीविजन देखता हूं। मुझे घूमना भी बहुत पसंद है। मैं हमेशा ट्रैवलिंग करता रहता हूं। मुझे हॉस्पिटल के कार्य में भी बहुत रूचि है।
मेरी पसंदीदा चीजें
मुझे आइस क्रीम खाना बहुत ही पसंद है और इसके अलावा मुझे फुटबॉल खेलना भी बहुत पसंद है। कभी-कभी मैं पापा जी के साथ बाहर खाना खाने जाता हूं। मुझे बाहर का खाना बहुत अच्छा लगता है।
मेरे लिए समय का महत्व
मेरे लिए समय का बहुत ही महत्व क्योंकि मैं सभी काम समय पर पूरा करता हूं और मैं मेरे समय को कभी भी खराब नहीं करता हूं। मैं हमेशा समय का सदुपयोग करता हूं। मैं रोज़ सुबह जल्दी उठता हूं और योगा करता हूं।
निष्कर्ष
मुझे हमेशा ही सफल इंसान बनने की तमन्ना रही है, जिसको पूरा करने के लिए मैं रात-दिन कठिन महेनत कर रहा हूं और मैं दूसरों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहता हूं। मैं हमेशा शिष्टाचार के साथ रहता हूं। मैं किसी के साथ गलत व्यवहार नहीं करता हूं।
स्वयं अब जागकर हमको जगाना देश है अपना निबंध 600 words
भारत के भूमि पर कई सभ्यता और संस्कृति ने जन्म लिया है, भारत की संस्कृति दुनिया में सर्वश्रेष्ठ है। भारत एक ऐसी भूमि है जहां पर अनेक वीरगाथा रची गई है। इस पवित्र भूमि पर अनेक देवी-देवताओं ने जन्म लिया है इस भूमि पर अनेक वीर राजाओं ने जन्म लिया है, जिसने इस पवित्र भूमि की रक्षा के लिए अपनी जान को न्योछावर किया है।
प्राचीन काल में सोने की चिड़िया कहीं जाने वाली यह देश सभी तरह के सुख सुविधा से समृद्ध थी। यही कारण था कि पड़ोसी देशों का नजर इस पवित्र और सुंदर धरती पर पड़ा। जिसने इस देश के साथ संपर्क बनाया और धीरे-धीरे इस देश पर अपना वर्चस्व स्थापित कर लिया।
इस देश के लोग प्राचीन काल से ही बहुत सीधे-साधे थे, जो विदेशियों के बात में आ गए लेकिन बाद में जब इन्हें पता चला तब इन्होंने अपनी शक्ति स्थापित की और एकजुट होकर अंग्रेजों का विरोध किया। 200 साल से भी अधिक साल तक विदेशी शासकों के जुल्म, कष्ट और यातना को सहने के बाद अंत: 15 अगस्त 1947 को इस देश को आजादी मिल गई।
यह आजादी उन तमाम महापुरुषों को समर्पित है, जिन्होंने इस मातृभूमि के लिए अपना सर्वस्व त्याग दिया। उनके कारण आत्मगौरव, एक राष्ट्र स्वाभिमान और अपने देश को विश्व पटल पर एक पहचान मिली है। जिस देश की आजादी के लिए हमारे महापुरुषों ने जात-पात, धर्म, क्षेत्र से उठकर अपने आपको एक भारतीय नागरिक समझते हुए अपने जीवन को त्याग दिया।
आज जब देश आजाद हो चुका है तो समाज में अभी भी वह बुराइयां व्याप्त है। आज भी लोग धर्म के नाम पर लड़ रहे हैं। भ्रष्टाचार इस देश को दीमक की तरह अंदर ही अंदर खोखला कर रही हैं। अब समय आ गया है कि सभी लोग अपने गहन निंद्रा से उठकर और समाज के सारे मतभेदों को छोड़कर एकजुट हो, धर्म, जाती-पाती से उठकर इस देश के लिए कुछ कर मिटने का लक्ष्य सब में जगाना जरूरी है।
जब इस देश की हर नागरिक जात-पात और धर्म से उठकर सभी एक होगी तभी इस देश का बल बढ़ेगा और इसकी शक्ति बढ़ेगी। सोने की चिड़िया कहीं जाने वाली भारत देश अभी भी विकासशील देशों की श्रेणी में आता है। इस देश को विकसित देश के रूप में पहचान देना हमारा लक्ष्य होना चाहिए। हालांकि राष्ट्रीय विरोधी शक्तियों के रूप में अभी भी रास्ते में कई प्रकार की बाधाएं हैं। उसका समाधान हम सबको अपने कुशलतापूर्वक व्यवहार और परिश्रम की पराकाष्ठ व समाज केंद्रित जीवन की सक्रियता से करना होगा।
भारत की लगातार बढ़ती तरक्की और प्रतिष्ठा से बहुत से लोगों को समस्या है और यह समस्या केवल विरोधी देशों को ही नहीं बल्कि देश में व्याप्त कई लोगों को है, जो देश की एकता को तोड़ने के लिए प्रयास कर रहे हैं। समय-समय पर वह जाति भाषा और क्षेत्रवाद को विषय बनाकर लोगों में फूट डाल रही है।
उन लोगों का यही लक्ष्य है कि किस तरीके से इस देश की एकता को तोड़ा जाए उनके लिए देश कोई मायने नहीं रखता उनका लक्ष्य इस देश की एकता को तोड़ना है और इस देश की तरक्की में रुकावट पैदा करना है। इसे खत्म करने के लिए हमें समझने की जरूरत है, जो हम भाइयों में धर्म के नाम पर या अन्य सामाजिक बुराइयों के नाम पर फूट डालते हैं ऐसे लोगों को जवाब देने की जरूरत है।
आज समय आ गया है भारत को अपनी प्रकृति, संस्कृति के सुदृढ़ नींव पर खड़ा करने का। इसके लिए राष्ट्रीय के बारे में गौरव मन में लेकर समाज में सदाचार, सर्वत्र सद्भाव और समरसता की भावना सुदृढ़ करने की जरूरत है।
देश के विकास और उन्नति का कर्तव्य किसी एक व्यक्ति का नहीं है अपितु हर एक नागरिक का है। समाज में समरसता की भावना को सुदृढ़ करने के कार्य का दायित्व किसी विशेष व्यक्ति या संगठन पर डालकर स्वयं दूर से देखते रहने से देश का विकास नहीं होगा।
देश की उन्नति और समाज में व्याप्त तरह-तरह की बुराइयां जो देश के उन्नति में अरचंड डाल रही है, उन्हें दूर करने के कार्य ठेके पर नहीं दिए जा सकते हैं। इन्हें जागृत जनता और निस्वार्थ प्रमाणित परिश्रम और एकता के साथ किया जा सकता है। इस तरह अब स्वयं जागने का समय आ गया है।
अंतिम शब्द
आज के इस आर्टिकल में हमने स्वयं पर निबंध (Essay On Myself In Hindi) के बारे में सम्पूर्ण जानकारी आप तक पहुंचाई है। मैं उम्मीद करता हूँ कि हमारे द्वारा दी गयी जानकारी आपको अच्छी लगी होगी। यदि आपका इससे जुड़ा कोई सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरुर बताएं।
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