Home > Essay > स्वयं पर निबंध

स्वयं पर निबंध

Essay On Myself In Hindi: हर एक व्यक्ति खुद की नजर में संपूर्ण होता है। खुद के लिए वह परफेक्ट होता है। क्योंकि भगवान ने सबको खास बनाया है, सबके अंदर कुछ खास गुण दिए हैं। हर व्यक्ति एक दूसरे से अलग होता है।

विद्यालय, कॉलेज में अक्सर पहले दिन बच्चों को स्वयं के बारे में लिखने के लिए कहा जाता है। वैसे हर कोई स्वयं के बारे में सब कुछ जानता है लेकिन उसे शब्दों या वाक्य में उतरना सबके लिए आसान नहीं होता।

Essay On Myself In Hindi
Essay On Myself In Hindi

ऐसे में इस लेख में स्वयं पर निबंध (Myself Essay in Hindi) लेख के जरिए हम विद्यार्थियों के कठिनाई को दूर करने का प्रयास कर रहे हैं। यहां पर 150, 200, 300 और 600 शब्दों में स्वयं की पहचान पर निबंध शेयर किये है।

वर्तमान विषयों पर हिंदी में निबंध संग्रह तथा हिंदी के महत्वपूर्ण निबंध पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

स्वयं पर निबंध (Essay On Myself In Hindi)

स्वयं पर निबंध 150 शब्दों में

मेरा नाम अजीत है। मैं 12th कक्षा में पढ़ता हूं। मेरे पिता का नाम जितेंद्र चौधरी है और वह पेशे से एक इंजीनियर है। मेरी माता का नाम प्रियंका है और वह पेशे से एक शिक्षक है। मेरी दो बहने भी है श्वेता और गीता। दोनों मुझसे बड़ी हैं और पढ़ाई के मामले में दोनों ही मेरी मदद करती हैं।

मेरा पूरा परिवार सरल, सहज और ईमानदार है, जिसके कारण मुझे अपने परिवार से अच्छे संस्कार प्राप्त हुए हैं। किसी भी समस्या पर मेरी बहने मेरी सहायता करती हैं। मेरे माता-पिता मुझे मार्गदर्शित करते हैं। मेरे माता-पिता दोनों ही शिक्षित होने के कारण वह मुझे अच्छी शिक्षा दे रहे हैं।

मेरा लक्ष्य है डॉक्टर बनना। इसीलिए मैं हर दिन इसके लिए कड़ी मेहनत करता हूं। डॉक्टर बन के मैं गरीब और निसहाय लोगों का मुफ्त में इलाज करना चाहता हूं। मेरे लक्ष्य को प्राप्त करने में मेरा पूरा परिवार मेरा साथ देता है।

मुझे क्रिकेट खेलना बहुत ही पसंद है। हर दिन शाम के समय 1 से 2 घंटा मैं अपने दोस्तों के साथ ग्राउंड में क्रिकेट खेलता हूं। इसके अतिरिक्त मुझे प्लाटिंग का भी शौक है।

मेरे घर में मैंने तरह-तरह के पौधे लगाए हैं। मैं लोगों के साथ बहुत जल्दी घूल मिल जाता हूं, जिसके कारण मेरे कई सारे दोस्त हैं। बस यही है मेरा जीवन परिचय।

essay on myself in hindi

स्वयं पर निबंध 200 शब्दों में

इस दुनिया में तरह तरह के लोग रहते हैं और उनके अलग-अलग शोक होते हैं। प्रत्येक व्यक्ति का अलग-अलग व्यवहार होता है। सबका अपना सोचने का तरीका अलग अलग होता है। इसी प्रकार इस संसार में मेरा व्यक्तित्व भी बहुत भिन्न प्रकार का है।

मेरा नाम राहुल चौधरी है। मैं जयपुर जिले के शाहपुरा तहसील का निवासी हूं। मेरे पिताजी एक किसान है, जो खेतों में काम करते रहते है। मैं जयपुर के महाराजा कॉलेज का फाइनल ईयर का विद्यार्थी हूं।

मैं अभी विज्ञान से बीएससी कर रहा हूं, जो राजस्थान विश्वविद्यालय की संगठन कॉलेज है। मुझे शुरुआत से ही विज्ञान संकाय में रुचि रही है और मुझे वैज्ञानिक तकनीकों में बहुत लगाव है। चंद्रयान और मिशन यान मेरे फेवरेट टॉपिक है।

मैं बहुत ही सरल स्वभाव का लड़का हूं। मैं कभी भी किसी का बुरा नहीं सोचता क्योंकि मुझे पढ़ाई के अलावा समय ही नहीं मिल पाता। मैं हमेशा दूसरों की मदद करता रहूं।

मेरी आदत है कि मैं हमेशा कुछ नया सीखने के लिए प्रयासरत रहता हूं और मैं हमेशा कुछ ना कुछ तकनीकी पूरक करता रहता हूं। मुझे खेलने में फुटबॉल बहुत ही अच्छा लगता है और मुझे दोस्तों के साथ हंसी मजाक करना भी अच्छा लगता है।

व्यक्ति को हमेशा स्वयं के बारे में ही नहीं सोचना चाहिए। दूसरों के बारे में भी सोचना चाहिए क्योंकि हम सभी एक दूसरे पर आश्रित रहते है। हमें एक दूसरे की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहना चाहिए और अपने जीवन को सुव्यवस्थित तरीके से जीना चाहिए।

स्वयं पर निबंध 300 शब्दों में

प्रस्तावना

हर व्यक्ति अपना अलग स्वभाव और व्यक्तित्व से अलग पहचान रखता है। कोई भी एक जैसा नहीं होता है। सबकी रुचि, सबके विचार अलग-अलग होते हैं।

मेरा परिचय

मेरा नाम जूली है। मैं अभी विनोबा भावे यूनिवर्सिटी से अंग्रेजी विषय मैं स्नातक की पढ़ाई कर रही हूं। मेरी उम्र 22 वर्ष है। स्नातक की पढ़ाई के साथ ही में सरकारी नौकरी की भी तैयारी कर रही हूं।

मेरा परिवार

मेरे परिवार में छह लोग हैं, मेरे माता-पिता, मेरे दादा-दादी और एक भाई। मेरे पिता का नाम शिव शंकर और माता का नाम रानी देवी है। मेरे दादा दादी गांव में रहते हैं और हम पढ़ाई के कारण शहर में रहते हैं।

मेरी दिनचर्या

मैं हर दिन सुबह 6:00 बजे उठ जाती हूं। मां सुबह मेरे लिए नाश्ता तैयार करती हैं। फ्रेश होने के बाद मैं नाश्ता करती हूं और फिर कॉलेज जाने की तैयारी करती हूं। शाम को मैं कॉलेज से वापस आती हूं। उसके बाद अपनी मां के साथ एक घंटा बैठ कर टेलीविजन देखती हूं।

उसके बाद मैं अपनी सरकारी नौकरी की तैयारी के लिए 2 घंटे पढ़ाई करती हूं। उसके बाद शाम के खाने के लिए मैं मां की मदद करती हूं।

खाना बनने के एक घंटे के बाद हम पूरे परिवार के साथ बैठकर रात्रि भोजन का आनंद लेते हैं। 10:00 तक मैं अपने बिस्तर पर आ जाती हूं। थोड़ी देर फोन चलाने के बाद मैं सो जाती हूं।

मेरा व्यक्तित्व

मेरे व्यक्तित्व से ही मेरी पहचान है। मैं एक सरल और शांत स्वभाव की लड़की हूं। मैं बहुत कम ही बात करना पसंद करती हूं। मुझे ज्यादातर समय अकेले बिताना पसंद है। मुझे अपने परिवार से काफी संस्कार मिले हैं।

मैं बड़ों की इज्जत भी करती हूं, गरीब और जरूरतमंदों की मदद भी करती हूं। अपने परिवार का ध्यान रखना भी मुझे पसंद है। अपने आसपास के हर लोगों को खुश रखना मुझे बहुत अच्छा लगता है।

मेरे शौक

हर एक व्यक्ति का अपना-अपना शौक होता है और खाली समय में मनोरंजन के लिए वह अपने शौक को पूरा करता है। मुझे स्केच बनाना बहुत ही पसंद है। जब भी मैं खाली समय पाती हूं स्केच बनाने लगती हूं। यह मुझे बहुत ही आनंद देता है।

मेरा लक्ष्य

जीवन में हर व्यक्ति सफल बनना चाहता है और इसके लिए एक लक्ष्य का होना बहुत ही जरूरी है। मेरा भी लक्ष्य है और मेरा लक्ष्य है सरकारी नौकरी पाने का।

सरकारी नौकरियां लड़कियों के लिए बहुत ही अच्छी होती है और मेरे परिवार में हर कोई चाहता है कि मैं सरकारी नौकरी प्राप्त करूं। इसीलिए इसके लिए मैं मेहनत भी कर रही हूं और मेरा परिवार भी मुझे हमेशा मार्गदर्शित करते रहता है।

अपना लक्ष्य प्राप्त करके मैं अपने माता-पिता का नाम रोशन करना चाहती हूं। उन्हें गर्वोन्नित महसूस करना चाहती हूं।

निष्कर्ष

इस दुनिया के हर एक व्यक्ति अलग गुण, अलग व्यक्तित्व अलग पहचान रखता है। हर व्यक्ति अपने गुणों से पहचाना जाता है, उसके आचरण, बोलचाल से व्यक्ति श्रेष्ठ बनता है। हमें अपने लक्ष्यों पर ध्यान देकर आगे बढ़ना चाहिए।

यह भी पढ़े

स्वयं पर निबंध 600 शब्दों में

प्रस्तावना

इस संसार में सबका अपना-अपना अलग-अलग व्यक्तित्व होता है और सबका अपना-अपना अलग सिद्धांत होता है। इसी प्रकार मेरा भी अलग सिद्धांत है। मैं अपने परिवार वालों के साथ रहना ज्यादा पसंद करता हूँ।

मेरा परिचय

मेरा नाम सत्यम चौधरी है, मुझे मेरे परिवार वाले, करीबी दोस्त और मेरे अध्यापक ‘कान्हा’ कह कर बुलाते हैं। मैं अभी फिलहाल एक हॉस्पिटल में कार्यरत हूं। मैं मेरी हॉस्पिटल में प्रयोगशाला सहायक के पद पर कार्यरत हूं।

मेरे पिताजी किसान है और मेरी माताजी गृहिणी है। मेरे एक छोटा भाई है, जिसका नाम शिवम चौधरी है। मेरी दो बहनें है। दिव्यांशी और हिमांशी। मुझे मेरे परिवार वालों ने शुरु से ही अच्छे संस्कार दिए हैं। मुझे बड़े बुजुर्गों की मदद करना अच्छा लगता है।

मेरे परिवार की शिक्षा के अनुसार मुझे बड़ों का आदर करना सिखाया गया है। मैं सबके साथ प्रेम भाव से मिल जुलकर रहता हूं। मैं सिद्धांतों और आदर्शों पर चलने वाला लड़का हूं। मैं अपने काम के लिए किसी दूसरे पर आश्रित नहीं रहता हूं। मैं मेरा काम खुद ही करता हूं।

हमारे परिवार के सभी सदस्य मिल जुलकर रहते हैं। मेरे पिताजी गांव वालों से अच्छी तरह मिल जुलकर रहते हैं क्योंकि हम गांव में ही निवास करते हैं। मेरा गांव ही हमारी मातृभूमि हैं। मेरी मम्मी एक गृहिणी है, जो हम सभी का ख्याल रखती है।

मेरा स्वभाव

मैं एक सरल और सौम्य स्वभाव का लड़का हूं। मैं अपने काम को समय पर ही पूरा करता हूं। मैं हमेशा अपने दोस्तों को सुखी ही देखना चाहता हूं। मतलब की है हंसता हुआ देखना चाहता हूं।

मेरी आदतें

मेरी आदतों में सबसे पहले मॉर्निंग वॉक आता है। मैं सुबह उठते सबसे पहले पर वॉक जाता हूं। मैं अपने सभी कार्य समय पर पूरा करता हूं। मैं दूसरों पर कभी भी निर्भर नहीं रहता हूं। मुझे गरीब और जरुरतमंद की सहायता करना अच्छा लगता है।

मेरा लक्ष्य

मैं एक सफल डॉक्टर बन कर लोगों का सही इलाज करना चाहता हूँ। भारत से संपूर्ण रोगों को मिटाना चाहता हूँ। मुझे एक दिनचर्या को फॉलो करना अच्छा लगता है।

मेरे शौक

मुझे लिखना बहुत ही अच्छा लगता है और इसके अलावा मुझे क्रिकेट खेलना बहुत अच्छा लगता है। मैं खाली समय में किताबें पढ़ता हूं और टेलीविजन देखता हूं।

मुझे घूमना भी बहुत पसंद है। मैं हमेशा ट्रैवलिंग करता रहता हूं। मुझे हॉस्पिटल के कार्य में भी बहुत रूचि है।

मेरी पसंदीदा चीजें

मुझे आइस क्रीम खाना बहुत ही पसंद है और इसके अलावा मुझे फुटबॉल खेलना भी बहुत पसंद है। कभी-कभी मैं पिता जी के साथ बाहर खाना खाने जाता हूं। मुझे बाहर का खाना बहुत अच्छा लगता है।

मेरे लिए समय का महत्व

मेरे लिए समय का बहुत ही महत्व क्योंकि मैं सभी काम समय पर पूरा करता हूं और मैं मेरे समय को कभी भी खराब नहीं करता हूं। मैं हमेशा समय का सदुपयोग करता हूं। मैं रोज़ सुबह जल्दी उठता हूं और योगा करता हूं।

निष्कर्ष

मुझे हमेशा ही सफल इंसान बनने की तमन्ना रही है, जिसको पूरा करने के लिए मैं रात-दिन कठिन महेनत कर रहा हूं और मैं दूसरों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहता हूं। मैं हमेशा शिष्टाचार के साथ रहता हूं। मैं किसी के साथ गलत व्यवहार नहीं करता हूं।

अंतिम शब्द

इस आर्टिकल में स्वयं पर निबंध (Essay On Myself In Hindi) के बारे में सम्पूर्ण जानकारी आप तक पहुंचाई है।

मैं उम्मीद करता हूँ कि हमारे द्वारा दी गयी जानकारी आपको अच्छी लगी होगी। यदि आपका इससे जुड़ा कोई सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरुर बताएं।

यह भी पढ़े

मेरा शहर पर निबंध

मेरा प्रिय लेखक पर निबंध

मेरे प्रिय अध्यापक पर निबंध

मेरी प्रिय पुस्तक पंचतंत्र पर निबंध

Rahul Singh Tanwar
Rahul Singh Tanwar
राहुल सिंह तंवर पिछले 7 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे हैं। इनको SEO और ब्लॉगिंग का अच्छा अनुभव है। इन्होने एंटरटेनमेंट, जीवनी, शिक्षा, टुटोरिअल, टेक्नोलॉजी, ऑनलाइन अर्निंग, ट्रेवलिंग, निबंध, करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान जैसे विविध विषयों पर कई बेहतरीन लेख लिखे हैं। इनके लेख बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं।