Essay on Jako Rakhe Saiyan Maar Sake Na Koi in Hindi: नमस्कार दोस्तों, आज हम इस लेख के माध्यम से जाको राखे साइयां मार सके ना कोय पर निबंध लिखने जा रहे हैं। इसमें आपको यह बताने जा रहे है कि किस प्रकार से हमारे ऊपर भगवान की कुछ विशेष प्रकार की कृपा होती है, उस कृपा के चलते हमारा कोई कुछ भी नहीं बिगाड़ सकता। यहां तक कि कोई हमारा बाल भी बांका नहीं कर सकता। इन सभी के बारे में आज हम इस निबंध में बात करेंगे।
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जाको राखे साइयां मार सके ना कोय पर निबंध | Essay on Jako Rakhe Saiyan Maar Sake Na Koi in Hindi
जाको राखे साइयां मार सके ना कोय निबंध (250 शब्दों में)
बचपन से लेकर बड़े होने तक हम एक कहावत सुनते आ रहे हैं कि जाको राखे साइयां मार सके ना कोय इस कहावत को हम अपने विद्यालय में तथा बड़े बुजुर्गों के मुंह से भी बहुत बार सुना है। लेकिन इसका सही शब्दों में इसका अर्थ बड़े होने के बाद ही समझ में आया है, जिसके ऊपर भगवान का हाथ होता है, उसका इस संसार का कोई भी मनुष्य कुछ भी नहीं बिगाड़ सकता। कोई उसका बाल भी बांका नहीं कर सकता।
संसार के जिस भी मनुष्य पर भगवान की ऐसी कृपा होती है तो मौत भी उस मनुष्य को छू कर चली जाती है।
जब इंसान की अच्छी जिंदगी होने के बाद अचानक से दुखों का पहाड़ टूट पड़ता है और उसको बहुत मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में वह इंसान अपने घर परिवार का कैसे भी करके पेट भर देता है। ऐसे मनुष्य के लिए कहा जा सकता है कि उस इंसान का मुसीबत भी कुछ नहीं बिगाड़ सकती। क्योंकि कहीं ना कहीं भगवान ने उस पर इतनी मुसीबतों के बाद भी उसको मरने नहीं दिया। उस इंसान को तथा उसके परिवार को पूरा भरण पोषण करने का भी किसी न किसी रूप से इंतजाम किया। कहते हैं ना जिसकी रक्षा करने वाला भगवान बैठा है तो कोई भी उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकता है।
जब इस दुनिया में किसी की भी अचानक से हुई दुर्घटना हो जाती है और उस दुर्घटना के कारण हम बच जाते हैं। उस स्थिति में सभी को यह मान लेना चाहिए कि कहीं ना कहीं भगवान है, जिसकी वजह से हम बच गए होते है। मनुष्य के जीवन में कभी ना कभी आए दिन इस तरह की बड़ी भयानक घटना घटित होने के बाद अगर उस मनुष्य के साथ कुछ बुरा नहीं होता तो मनुष्य को समझना चाहिए कि कहीं ना कहीं भगवान है और भगवान की विशेष कृपा उन पर रही है, इसीलिए उन आकस्मिक दुर्घटनाओं में हम बच जाते हैं।
जाको राखे साइयां मार सके ना कोई निबंध (1000 शब्दों में)
प्रस्तावना
जो भी इस संसार में मनुष्य के द्वारा या प्रकृति की द्वारा बनाई गयी किसी भी वस्तु का नष्ट होना भी तय होता है। उसी प्रकार से जिस प्रकार हम जन्म लेते हैं तो हमारी मृत्यु भी निश्चित होती है। जब कभी समय से पहले हम किसी भी दुर्घटना का शिकार होने के कारण बच जाते हैं तो उस स्थिति में हमें समझ लेना बहुत जरूरी होता है कि हमारे ऊपर भगवान का आशीर्वाद और उनकी कृपा हम पर है। भगवान हमसे प्रसन्न होते है, इसीलिए उनकी कृपा हम पर होती है।
संसार मे सब पर ईश्वर की कृपा दृष्टि
ईश्वर की कृपा इस संसार में सभी लोगों पर किसी न किसी रूप से बनी रहती है। जब हम किसी प्राकृतिक आपदा या किसी बहुत बड़ी दुर्घटना के शिकार होने पर मौत के एकदम करीब पहुंच जाते है। वहाँ पहुचने पर भी हम बच जाते हैं। उस स्थिति में हमको यह समझना जरूरी होता है कि हम पर भगवान की विशेष कृपा दृष्टि बनी हुई है। हम इतनी मुसीबत के बाद भी बच कर निकल गए।
उदाहरण के लिए आप सभी ने पांडवों के लाक्षागृह की कहानी के बारे में तो सुना ही होगा किस तरह से कौरवों ने लाक्षागृह का निर्माण करवाकर पांडवों को उसने भेज दिया। इसके बाद पूरा लाक्षाग्रह जल कर राख हो गया, लेकिन पांडवों का बाल भी बांका नहीं हुआ, क्योंकि उन पर भगवान कृष्ण की विशेष कृपा थी। उन्होंने अपने जीवन में कभी किसी का अहित नहीं सोचा और ना ही कुछ गलत किया, इसीलिए तो ईश्वर की कृपा उन पर सदैव बनी रही।
लोगों की ईश्वर के प्रति धार्मिक आस्था
हमारे हिंदू धर्म में सभी लोगों का ईश्वर के प्रति बहुत गहरा और अटूट विश्वास है। इसके लिए लोग भगवान की अपने घरों में पूजा करते हैं। मंदिरों में जाकर भी पूजा-अर्चना, यज्ञ आदि करते हैं। हम सभी लोगों का भगवान के प्रति बहुत अटूट विश्वास होता है। भगवान हमें किसी भी बड़ी मुसीबत में पड़ने से बचा लेता है। हिंदू धर्म में सभी लोगों की ऐसी मान्यता रही है कि भगवान उनका कभी बुरा नहीं होने देगा।
हमारी भारतीय संस्कृति में भी यही बात हमें सिखायीं गई है कि हम भगवान के ऊपर इतना विश्वास रखेंगे तो वह परमपिता परमात्मा हमारा कुछ भी गलत नहीं होने देगा। ईश्वर की आराधना करने से हमारे जीवन के सभी दुख दर्द दूर हो जाते हैं। सभी लोगों को भगवान की पूजा आराधना जरूर करनी चाहिए।
इस कथन के पीछे हिंदू धर्म की मान्यता
हमारे हिंदू धर्म में ऐसी बहुत ही धार्मिक मान्यताएं रही है, जिनकी वजह से हमारा मन पूरी तरह इस कथन को मान लेता है कि जिसका रखवाला ऊपर वाला परमात्मा होता है, उसका कोई भी कुछ नहीं बिगाड़ सकता। हमने बचपन से ही ऐसी बहुत की पौराणिक कथाएं सुनी हैं, जो हकीकत में इस धरती पर घटित हुई है। उन सब को सुनने के बाद हमारा मन पूरी तरह इस बात को मान लेता है कि कहीं ना कहीं ईश्वर है और हमारा कुछ गलत नहीं होने देगा।
इसके लिए सिर्फ जरूरत एक चीज की होती है कि हमें अपने जीवन में कभी किसी का बुरा नहीं करना चाहिए। सभी के साथ अच्छा व्यवहार करते हुए अपना जीवन जीना चाहिए। आप सभी ने हमारे प्राचीन ग्रंथ विष्णु पुराण में भक्त प्रहलाद की कहानी के बारे में तो सुना ही होगा।
प्रहलाद के साथ उसके पिता ने कितने अत्याचार किए परंतु उसके साथ भगवान ने कुछ भी गलत नहीं होने दिया, और उसको हर मुसीबत से बचा लिया। अंत में कहते हैं ना कि इंसान के पाप का घड़ा भर ही जाता है। तो भगवान को उसकी बुराइयों का अंत करने के लिए भगवान को खुद किसी न किसी रूप में आना पड़ता है।
ऐसा ही भक्त प्रह्लाद के पिता हिरण्यकश्यप की बुराइयों का अंत करने के लिए भगवान ने खुद नरसिंह अवतार लेकर आये और उसका अंत किया। प्रहलाद को उसके अत्याचारों से मुक्त करवाया। इस कहानी से हमारा और भी ईश्वर के प्रति दृढ़ विश्वास हो गया है। भगवान हमारा कभी भी कुछ भी गलत नहीं होने देगा।
ईश्वर की भक्ति में सभी भक्तों का अटूट विश्वास
जब इंसान पूरी श्रद्धा के साथ भगवान की भक्ति करते है और भगवान पर अटूट विश्वास रखते है तो भगवान भी उसकी पूरी मदद करते हैं। उस भक्त की हमेशा रक्षा करते हैं। कोई भी मुसीबत पड़ती है तो सबसे पहले भगवान उसका सामना करते हैं। जो भी भक्त भगवान की भक्ति में पूरी तरह लीन हो जाता है तो भगवान हमेशा उसके साथ परछाई की तरह रहते हैं और उसकी रक्षा करते हैं। ऐसे ही एक भक्त की कहानी आप सभी जानते हैं उस भक्त का नाम मीराबाई था।
मीराबाई कृष्ण की भक्ति में इतना लीन हो गई थी कि उसको जहर भी पीने के लिए दिया गया तो वो अमृत के समान लगा। इसके अलावा मीराबाई पर राणा जी ने बहुत अत्याचार किए परंतु उन सभी को मीराबाई ने बिना कुछ कहे किसी से सब सह लिए। उन अत्याचारों के लिए किसी को भी उन्होंने जिम्मेदार नहीं माना।
मीराबाई को हर जगह भगवान कृष्ण दिखाई देते थे, वह कृष्ण की भक्ति में इतना खो गई थी कि चारों तरफ उनको सिर्फ और सिर्फ भगवान कृष्ण जी कृष्ण नजर आते थे। जिस तरह से मीराबाई का कृष्ण भगवान पर अटूट विश्वास था तो भगवान ने भी उसका साथ कभी नहीं छोड़ा। हमेशा उसके साथ एक परछाई की तरह भगवान रहते थे। हमेशा मीराबाई के प्राणों की रक्षा करते थे। विक्रमादित्य के अत्याचारों को मीराबाई हमेशा सहते रही है। भगवान ने हमेशा मीराबाई की रक्षा विक्रमादित्य से की, इसीलिए कहते हैं जिसका रखवाला भगवान होता है उसका कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता।
निष्कर्ष
भगवान की हमेशा सच्चे मन से आराधना करनी चाहिए। क्योंकि भगवान की पूजा आराधना करने से हमारे मन को शांति मिलती है। इसके अलावा हमारा भगवान के प्रति विश्वास बढ़ता जाता है। क्योंकि भगवान हमें कभी भी किसी मुसीबत में नहीं पड़ने देता। हर मुसीबत और बुराई से भगवान किसी न किसी रूप में हमको बचा लेता है।
अंतिम शब्द
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