Essay on Indian Economy in Hindi: हम यहां पर भारतीय अर्थव्यवस्था पर निबंध शेयर कर रहे है। इस निबंध में भारतीय अर्थव्यवस्था के संदर्भित सभी माहिति को आपके साथ शेअर किया गया है। यह निबंध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार है।
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भारतीय अर्थव्यवस्था पर निबंध | Essay on Indian Economy in Hindi
भारतीय अर्थव्यवस्था पर निबंध (250 शब्द)
हमारा भारत एक कृषि प्रधान देश है। भारत में 50% खेती के कार्यो से भारत की अर्थव्यवस्था सही रूप से चल रही है। भारत हमारी आजादी से पहले सोने की चिड़िया कहा जाता था। आज हमारा देश अर्थव्यवस्था के नाम विकासशील देशों की दौड़ में तीसरे नंबर पर आता है।
भारत की आजादी के बाद यहां पर सार्वजनिक उद्योगों को बहुत ज्यादा बढ़ावा दिया गया था।आप सब लोग जानते हैंपहले हमारा देश सोने की चिड़िया कहा जाता था। यहां पर सभी प्रकार के रोजगार उपलब्ध हुआ करते थे लेकिन अंग्रेजों ने भारतीयों के ऊपर अत्याचार करके यहां का सब कुछ लूट कर ले गए। अंग्रेजों ने भारत पर बहुत समय तक राज किया है।
एक बार फिर से भारत को बहुत भारी आर्थिक संकटों का सामना सन 1993 में करना पड़ा । इसके बाद हमारे सरकार के विदेशों के साथ अच्छी नीतियों के द्वारा उन्होंने विदेशी बड़े-बड़े उद्योगपतियों को और उनकी कंपनियों में को भारत में अधिक से अधिक औद्योगिक क्षेत्र में विकास में योगदान करने के लिए कहा। सभी कंपनियों ने भारत में उधोगों को बढ़ाया और अपनी पूंजी को भारत के उधोगों में निवेश कर यहां की अर्थव्यवस्था में बहुत सुधार किया।
भारत की अर्थव्यवस्था के अंतर्गत आर्थिक रूप से सबसे अधिक नुकसान गरीब और बेसहारा लोगों को पहुंचता है। भारत की अर्थव्यवस्था को और अधिक अच्छा और मजबूत बनाने के लिए बहुत से घरेलू व्यवसाय को भी बढ़ावा दिया गया है। इसके साथ ही मुर्गी पालन, पशुपालन, फल सब्जियों की बिक्री आदि सभी छोटे-छोटे घरेलू उद्योगों को बहुत बढ़ावा दिया है। जिसके माध्यम से जो गरीब परिवार, बेसहारा लोग इधर उधर सड़को पर घूमते हैं। वह अपना कम पैसे में काम इन उधोगों को करके अपने घर परिवार का पेट भर सके।
भारतीय अर्थव्यवस्था पर निबंध- (1100 शब्द)
प्रस्तावना
हमारे भारत में औद्योगिक क्षेत्र, कृषि कार्य और इसके साथ सार्वजनिक सेवा क्षेत्र का विस्तार आदि सभी क्षेत्रों में सरकार के द्वारा बहुत सहयोग मिल रहा है। इन सभी कार्यों में बहुत महत्वपूर्ण योगदान सरकार के द्वारा लोगो के आर्थिक विकास के लिए दिया जा रहा है। वर्तमान में भारत की अर्थव्यवस्था बहुत तेज गति से बढ़ रही है। आज हमारा भारत अन्य विकासशील देशों की तरह से ही अर्थव्यवस्था के लिए बहुत सी चुनौतियों का सामना कर रहा है।
उद्योगों को बढ़ावा अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए
हमारी अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए औद्योगिक क्षेत्र सबसे आगे आता है। जब से भारत में औद्योगिक क्रांति हुई है, उसके बाद हमारे देश में बहुत से उद्योगों को भी बढ़ावा मिला है। पिछले कुछ समय से जिस गति से औद्योगिक क्षेत्र में तेजी देखने को मिली है, उसको देख कर लगता है कि हमारे देश में बहुत बड़े पैमाने पर उद्योग विकसित हुए हैं। इन सभी उद्योगों में लोहा और इस्पात उद्योग, रसायन उद्योग, चीनी उद्योग, सीमेंट उद्योग, जहाज निर्माण उद्योग, इन सभी उद्योगों के माध्यम से अर्थव्यवस्था के सुधार में बहुत बड़ा योगदान मिला है। इन सभी उद्योगों के माध्यम से लोगों को रोजगार के अवसर मिले हैं बेरोजगारी से मुक्ति मिली है।
इसके अलावा हमारे देश में बहुत से लघु उद्योग भी चलाए जा रहे हैं। उनमें कुछ प्रमुख कपड़ा उद्योग, प्लास्टिक उत्पादक उद्योग, जूट और कागज का उद्योग, खाद निर्माण उद्योग, खिलौना बनाने का उद्योग, इन सभी छोटे- छोटे लघु उद्योगों को बढ़ावा देकर भारत की अर्थव्यवस्था को सुधारने में बहुत अच्छा सहयोग मिल रहा है।
आर्थिक व्यवस्था सुधार में सरकार का योगदान
हमारे देश की आर्थिक व्यवस्था सबसे अधिक कृषि कार्यों पर ही निर्भर है क्योंकि भारत की आधी जनसंख्या आज भी कृषि क्षेत्र के काम में ही लगी हुई है। भारत सरकार ने कृषि नीतियों के नए-नए तरीकों के आधुनिकरण के द्वारा मुर्गी पालन, पशु पालन, मछली पालन इन पर भी विशेष ध्यान दिया है। इन सभी कृषि कार्यों के लिए कुछ नए कानून और नियम बनाए हैं जिसके द्वारा किसानों को बहुत मदद मिलती हैं ।
सरकार किसानों की समस्या के लिए जो कृषि के बहुत एक्सपर्ट किसान हैं, उनके द्वारा कृषि संबंधित समस्याओं का हल करने के लिए कुछ हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं। सरकार हमें समय पर नए-नए कार्यक्रम चलाकर अपने द्वारा बनाई गई नीतियां किसानों के समक्ष रखते हैं ताकि किसान अपनी समस्याओं का आसानी से समाधान कर सकें।
इसके अलावा सरकार घरेलू कुटीर उद्योग, हस्तशिल्प उद्योग इन सभी को भी बहुत बढ़ावा दे रही है। इन सभी उद्योगों के माध्यम से गरीब और निम्न वर्ग के लोगो को रोजगार मिल रहा है। सरकार समय-समय पर भारत की अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए ,जनता के हित के लिए कुछ जरूरी कदम उठाती है।
कोरोना महामारी के कारण आम जनता पर आर्थिक संकट
संपूर्ण विश्व कोरोना महामारी से परेशान हैं। कोरोना की वजह से हमारे देश की ही नहीं बल्कि विदेशों की अर्थव्यवस्था पर भी बहुत गहरा असर पड़ा है। हमारे देश में कोरोना महामारी के कारण पूरे देश में लॉकडाउन भी लगा दिया गया था। इस बीमारी की वजह से हमारे देश में बहुत बेरोजगारी बढ़ गई थी। हमारे देश में जो छोटे-छोटे उद्योग पर भी ऐसे करो ना की वजह से बहुत असर हुआ है।
आज हमारे देश में सभी लोगों के रोजगार की पहली इकाई के छोटे-छोटे उद्योग ही है। लॉकडाउन की वजह से सब अपने घरों बंद हो गए थे। इसके अलावा स्ट्रीट फूड, फल, सब्जी आदि के व्यापारियों को भी बहुत नुकसान उठाना पड़ा। अब तक लोग इस बिगड़ती हुई अर्थव्यवस्था से उभर नहीं पा रहे है।
इसके अलावा हमारे औद्योगिक क्षेत्रों के सभी मजदूर वर्ग के लोग अपना सभी काम छोड़कर अपने-अपने गांव में चले गए। इनकी वजह से भी उत्पादन की दर में बहुत गिरावट आई, और भारतीय बाजारों में जब उत्पादन की मांग बढ़ी तो उनकी आपूर्ति ठीक से नहीं हो पा रही थी। क्योंकि सभी मजदूर अपना काम छोड़कर गांव में चले गए थे तथा कुछ मजदूरों को तो इस बीमारी के चलते कंपनियों फैक्ट्रियों से निकाल दिया गया था। इस वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था बहुत खराब हो गई थी।
औद्योगिक क्षेत्र में नई क्रांति
भारत में जिस तेजी के साथ लघु उधोगों और बड़े उद्योगों को बढ़ावा दिया है। वह बहुत ही सराहनीय कदम रहा है।हमारी सरकार को अब समझ में आ गया है कि कृषि कार्य के द्वारा हमारे देश की अर्थव्यवस्था को नहीं सुधारा जा सकता। भारत की आजादी के बाद में यहां पर बहुत ज्यादा उद्योगों को बढ़ावा मिला है।
आज हमारे देश में ऐसे ऐसे उद्योग है जिनमें कच्चे माल के साथ साथ नए-नए माल के निर्माण का कार्य भी किया जाता है। फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्री, केमिकल, टेक्सटाइल, ऑटोमोबाइल, टिम्बर, जूट, पेपर मेकिंग आदि सभी इंडस्ट्रीज के माध्यम से हमारी आर्थिक ग्रोथ में भी बहुत सुधार हुआ है।
सेवा क्षेत्र में अर्थव्यवस्था का सहयोग
हमारे देश के विकास में सेवा क्षेत्र के द्वारा भी बहुत मदद मिलती है। पिछले बहुत समय से सेवा क्षेत्र के विकास में बहुत वृद्धि देखी गई है। बैंकिंग क्षेत्र में, दूरसंचार क्षेत्र, सेवा क्षेत्र का प्रभाव हमारे जीवन पर बहुत अच्छा पड़ रहा है। जब से हमारा भारत डिजिटल हुआ है, तब से भारत के संचार के और सेवा के क्षेत्र में एक नई क्रांति का उदय हुआ है। इसके अलावा पर्यटन उद्योगों और होटल उद्योग में भी बहुत प्रगति देखी जा सकती है। अभी हाल ही में हुए एक सर्वे के अनुसार हमारे देश की अर्थव्यवस्थ में 50% से अधिक योगदान सेवा क्षेत्र के द्वारा हो रहा है।
निष्कर्ष
भारतीय अर्थव्यवस्था का बहुत बड़ा प्रभाव नोटबंदी के दौरान देखने को मिला था। इससे हमारे देश में नकारात्मक और सकारात्मक दोनों ही प्रकार के प्रभाव लोगों के ऊपर पड़े थे। विमुद्रीकरण के दौरान आम जनता के लिए उस समय थोड़ी परेशानी तो हुई, लेकिन आज इसका फायदा हम सभी लोगों को बहुत मिल रहा है। पूंजीपतियों और बड़ी-बड़ी उद्योगपति, सरकारी अफसर,नेताओं का जमा हुआ काला धन था, वो सब इस विमुद्रीकरण के कारण बाहर आ गया। हमारे देश के आर्थिक विकास में उस काले धन का उपयोग आम लोगों के लिए किया गया। हमारे देश के आर्थिक सुधार को ओर मजबूत बनाने के लिए नए- नए उद्योगों को बढ़ावा मिला।
अंतिम शब्द
उम्मीद है आपको भारतीय अर्थव्यवस्था पर निबंध ( Essay on Indian Economy in Hindi) के ऊपर निबंध बहुत पसंद आया होगा। अगर इससे जुड़ी किसी भी प्रकार की बात के लिए आप हमारे कमेंट बॉक्स में जाकर कमेंट कर सकते हैं।
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