Essay on Indian Air Force day in Hindi: भारत का सशस्त्र बल ही भारत का गौरव है क्योंकि इसके कारण हमारा देश हर दिन सुरक्षित है। सशस्त्र बलों के सैनिक अपने जान का न्योछावर कर के हर दिन देश की रक्षा के लिए तत्पर रहते हैं। भारत का ससस्त्र बल तीन शाखाओं में विभाजित है थल सेना, जल सेना एवं वायु सेना। तीनों सेना भारत की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
वायु सेना भी भारतीय सशस्त्र सेना का एक अभिन्न अंग है। दुश्मन आसमान से देश पर हमला ना करें, इसीलिए यह सेना वायु चौकसी का महत्वपूर्ण काम करती है। भारत के वायु सेना को दुनिया का चौथा सबसे बड़ा वायुसेना माना जाता है, जिसके पास 170000 से भी अधिक जवान एवं 13 सौ से भी अधिक लड़ाकू विमान है। आज भारत के वायु सेना में महिलाएं भी कार्यत है। साल 1990 में पहली बार महिलाओं को सशस्त्र बल में शामिल किया गया था।
भारत के वायु सेना में 5 कमान है, जिसमें शिलांग में पूर्वी कमान, दिल्ली में पश्चिम कमान, जोधपुर में दक्षिण कमान, इलाहाबाद में मध्य कमान एवं तिरुवंतपुरम में दक्षिण कमान है। भारतीय वायु सेना के मिशन एवं उनके दायित्व सशस्त्र बल अधिनियम 1947 के द्वारा परिभाषित किया गया है। भारत की वायु सेना युद्ध के मैदान में भारतीय सेना के सैनिकों को हवाई समर्थन और रणनीतिक एअरलिफ्ट करने में सहयोग देती हैं।
भारत में वायु सेना के जवानों को सम्मान देने के लिए हर साल भारत के वायु सेना मनाया जाता है। तो चलिए आगे इस लेख में वायु सेना दिवस पर निबंध के जरिए जानते हैं कि भारतीय वायु सेना कब और कैसे मनाया जाता है।
Read Also: हिंदी के महत्वपूर्ण निबंध
भारतीय वायु सेना दिवस पर निबंध | Essay on Indian Air Force day in Hindi
भारतीय वायुसेना दिवस पर निबंध (250 शब्द)
8 अक्टूबर सन 1932 में भारतीय वायु सेना की स्थापना की गई थी। इंडियन एयर फोर्स को ही भारतीय वायुसेना भी कहा जाता है। हमारे भारत की आजादी के बाद में भारतीय सेना का हमारी भारत की भूमि पर बहुत महत्वपूर्ण योगदान रहे हैं। भारतीय वायुसेना समय-समय पर हर युद्ध के लिए तैयार रहती है जब भी हमारे देश की सीमा पर कोई गुस्ताखी करें तो उसके लिए वायु सेना उसका मुंहतोड़ जवाब दे देती है।
हमारे भारत के राष्ट्रपति कमांडर इन चीफ के रूप में भारतीय वायु सेना में अपनी भूमिका निभाते हैं। वायु सेना के अंदर बार-बार एक ही चीफ मार्शल नहीं होते हर बार बदलते हैं। कानपुर के हवाई अड्डे पर भारत सरकार ने भारतीय वायु सेना का निर्माण डिपो बनाया है।
भारतीय वायु सेना की दूसरे देशों पर नजर बनाने के लिए तथा भारतीय सीमा में घुसपैठ में आतंकवादियों को भगाने में महत्वपूर्ण भूमिका होती है। वह हमेशा उन देशों और आतंकवादियों की गतिविधियों पर हवाई माध्यम से नजर रखते हैं।
भारत में जब भी कोई प्राकृतिक आपदा बाढ़ सुनामी आती है। उन सभी में लोगों के बचाव के लिए हमेशा वायु सेना बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। लोगों का रेस्क्यू कर उनको बचा कर सुरक्षित स्थानों पर ले जाने का कार्य करती है तथा भोजन सामग्री बाढ़ में फंसे लोगों तक पहुंचाने का काम भी वायु सेना के द्वारा ही किया जाता है।
भारतीय वायु सेना पर (500 शब्द)
भारतीय वायु सेना दिवस कब मनाया जाता है?
भारत के वायु सेना दिवस हर साल 8 अक्टूबर को मनाया जाता है। भारत के वायु सेना की स्थापना 8 अक्टूबर 1932 के दिन हुई थी। स्वतंत्रता मिलने से पहले भारतीय वायु सेना को ब्रिटिश के द्वारा रॉयल इंडियन एयर फोर्स का नाम दिया गया था।
द्वितीय विश्व युद्ध में भारतीय सेनाओं के जोरदार पराक्रम प्रदर्शन के कारण किंग जॉर्ज ने सेना को रॉयल की पदवी दी थी। लेकिन जब भारत स्वतंत्र हुआ तब इसका नाम बदलकर भारत के वायु सेना रखा गया।
वायु सेना दिवस क्यों मनाया जाता है?
भारतीय वायु सेना दिवस उन सभी नौजवानों को समर्पित है, जो अपने जान की परवाह किए देश की रक्षा के लिए समर्पित रहते हैं। अब तक इतिहास में जितने भी युद्ध हमारे देश की सुरक्षा के लिए हुए उसमें भारतीय वायु सेना के द्वारा महत्वपूर्ण योगदान दिया गया है।
युद्ध में जो भी एयर फोर्स के जवान शहीद हो गए, उन जवानों को श्रद्धांजलि देने के लिए हर साल भारतीय वायु सेना दिवस एक महत्वपूर्ण अवसर होता है। इस दिन वीर सैनिकों के बलिदान और साहस को याद किया जाता है। उन सैनिकों के द्वारा जीवन को दांव पर लगाकर देश के लिए जो समर्पित भाव थे, उन्हें याद कर कर इस दिन हर कोई गर्वोनित महसूस करता है।
इसके अतिरिक्त भारत के वायु सेना के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए भी वायु सेना दिवस मनाया जाता है। यह दिन राष्ट्रीय सुरक्षा एवं अधिकार को मजबूत करने के प्रयास के उद्देश्य से भी महत्वपूर्ण है।
भारतीय वायु सेना दिवस कैसे मनाया जाता है?
हर साल भारतीय वायु सेना दिवस को बहुत ही अनोखे अंदाज में मनाया जाता है। हर साल भारत के जितने भी सभी बड़े वायु सेना के अड्डे हैं, वहां पर राष्ट्रपति के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं और शौर्य पराक्रम का प्रदर्शन किया जाता है।
वायु सेना दिवस के लिए जो कार्यक्रम आयोजित किया जाता है, उसकी शुरुआत सर्वप्रथम राष्ट्रीय गान के साथ किया जाता है। इस कार्यक्रम में तीनों सेनाओं के प्रमुख, भारत के रक्षा मंत्री, गृह मंत्री एवं प्रधानमंत्री जैसे अन्य बड़े नेता उपस्थित रहते हैं। प्रधानमंत्री भारत के वायु सेना के बारे में देश को संबोधित करते हैं।
इस दिन इंडियन एयर फोर्स के जांबाज सैनिक परेड करते हैं। आसमान में फाइटर जेट्स और अन्य हवाई विमानों का प्रदर्शन करते हैं। आकाश में भी भारत के तिरंगे को भी लहराते हैं, जिसका दृश्य इस कार्यक्रम में उपस्थित हर लोगों में राष्ट्रीय भावना जागृत कर देती हैं।
इस दिन के कार्यक्रम और परेड भारत के राष्ट्रीय चिन्ह और अन्य न्यूज़ चैनल पर दिखाया जाता है। इस दिन वायु सेना के लिए जो भी सुरक्षा की दृष्टि से नए हथियार आयात करवाए जाते हैं, उन्हें भी कार्यक्रम में शामिल किया जाता है। इस दिन स्कूल कॉलेजों में भी बच्चों को वायु सेना दिवस पर निबंध लिखने के लिए दिया जाता है। स्कूल कॉलेजों में भी देशभक्ति के गीत प्रस्तुत किए जाते हैं।
भारतीय वायु सेना दिवस के दिन लड़ाकू विमानों और अन्य उपकरणों की प्रदर्शनी
भारतीय वायु सेना दिवस के दिन अब तक युद्ध में इस्तेमाल किए गए और इस्तेमाल किए जाने वाले लड़ाकू विमानों एवं अन्य उपकरणों के गैलरी डिस्प्ले को रखा जाता है ताकि दर्शकगण भी वायु सेना में युद्ध के लिए उपयोग किए जाने वाले उपकरणों से परिचित हो सके।
यहां पर प्रत्येक उपकरणों का किस तरीके से उपयोग किया जाता है, उसका भी विवरण दिया होता है। इस दिन विभिन्न मिशन के लिए लॉन्च किए जाने जाने वाले एयरक्राफ्ट भी लगाए जाते हैं। यहां पर प्रत्येक मशीनों के आसपास वायु सेना कार्मिक भी मौजूद होते हैं, जो मशीनों के उद्देश्य की व्याख्या करते हैं।
भारतीय वायु सेना का महत्व
भारत के वायु सेना का भारतीय सशस्त्र बल में बहुत महत्व है, इनका योगदान बहुत ही महत्वपूर्ण है। भारत के वायु सेना के जांबाज सैनिक हवाई जहाज की सहायता से भारत की सीमा पर पहरेदारी करते हैं, हवाई सुरक्षा से आतंकी गतिविधियों पर भी निगरानी रखते हैं ताकि देश पर आक्रमण होने से रोका जा सके।
हमारे वायु सेना के सैनिक बिना अपनी जान की चिंता किए देश की रक्षा के लिए तत्पर रहते हैं। युद्ध के दौरान यह फाइटर विमानों की मदद से सैनिकों की सहायता करते हैं। दुश्मन देशों के द्वारा हमारे देश पर आक्रमण करने वाले आक्रमणकारियों के अतिरिक्त हमारे देश के वायु सेना के जाबाज सैनिक प्राकृतिक आपदा में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदा में फंसे लोगों को बचाना राहत, सामग्री उन तक पहुंचाना, उनको सुरक्षित जगह तक ले जाना जैसे बचाव कार्य करते हैं। भारतीय वायु सेना में न केवल पुरुष पर की महिलाएं भी अपना महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
भारतीय वायु सेना पर निबंध (1200 शब्द)
प्रस्तावना
भारतीय वायु सेना हमारे भारत की सशस्त्र सेना का एक बहुत महत्वपूर्ण अंग है। वायु सेना हमेशा वायु युद्ध, वायु सुरक्षा, हवा के द्वारा चौकसी का बहुत महत्वपूर्ण काम करती है। हमारे देश की भलाई के लिए हर महत्वपूर्ण काम करती है।
भारत की आजादी से पहले वायु सेना को रॉयल इंडियन एयर फोर्स के नाम से जानते थे लेकिन आजादी के बाद इस रॉयल शब्द को हटा दिया गया और इंडियन एयर फोर्स का नाम रख दिया गया। भारतीय वायु सेना पूरी दुनिया की सबसे बड़ी चौथे नंबर की वायु सेना भारत की ही है।
वायु सेना दिवस कब मनाया जाता है?
वायु सेना दिवस की स्थापना हमारे भारत के आजादी से पहले 8 अक्टूबर 1935 में की गई थी तभी से यह वायु सेना दिवस के रूप में मनाया जाने लग गया। इस दिन वायु सेना के सभी लोग अपने बयानों के द्वारा हवाई करतब करते हैं और जल, थल, वायु सेना के द्वारा बहुत बड़ा आयोजन होता है। सभी सेनाओं के प्रमुख वायु सेना दिवस को मनाने के लिए एक साथ आते हैं। वायु सेना के लोगों के द्वारा परेड का भी आयोजन किया जाता है।
लड़ाकू विमान और विमान के उपकरणों की प्रदर्शनी
वायु सेना के द्वारा जब वायु सेना दिवस मनाया जाता है तो उस दिन जो युद्धों में इस्तेमाल किए जाने वाले जो भी लड़ाकू विमान है और उस लड़ाई में इस्तेमाल किए जाने वाले जो भी उपकरण है, उन सभी को लोगों को दिखाने के लिए प्रदर्शनी के रूप में रखते हैं ताकि सभी लोग उन पर नजर रखें और भविष्य में वायु सेना का हिस्सा बनने के बारे में भी सोचे इससे वायुसेना के लोगों की बहादुरी का परिचय देखने को मिलता है।
ऑपरेशन राहत और ऑपरेशन मेघदूत जैसे महत्वपूर्ण हवाई मिशन के तहत जो विमान और हेलीकॉप्टर काम में लिए गए थे। उनको भी प्रदर्शनी के लिए लोगों को देखने के लिए रखा गया। इसके अलावा नए एयरक्राफ्ट भी अपने प्रदर्शनी में लगाए जाते हैं। लोगों की सुविधा के लिए तथा अपने उद्देश्य को लोगों को बताने के लिए वायु सेना हवाई जहाजों के माध्यम से लड़ाकू विमानों के माध्यम से भी प्रदर्शन करके लोगों को दिखाते हैं।
वायु सेना में महिलाओं का योगदान
भारत सरकार के द्वारा अब वायुसेना में भी महिलाओं को आगे बढ़ने का मौका दिया है। भारतीय वायु सेना की बहुत ही ऐसी शाखाएं हैं, जिनको महिला अधिकारी अपनी नीतियों के साथ चला रही हैं। भारतीय सेना में महिला अधिकारियों को स्थाई कमीशन देने की नीति के बारे में सरकार के द्वारा अंतिम रुप दिया जा चुका है।
आज हमारी भारतीय वायुसेना में पहले से अधिक महिला पायलट हैं, जो विशेष बलों के लिए नियुक्त की गई। लेकिन कुछ ऐसे पद हैं जो महिलाओं के लिए बहुत घातक सिद्ध हो सकते हैं। उनमें घातक, गरुड़, मार्कोस, पैरा कमांडो आदि में लड़ाकों के रूप में उनको नियुक्ति की आज्ञा नही दी गयी है।
हमारे पूर्व गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने 2017 में ही घोषणा कर दी गई थी कि सशस्त्र पुलिस बल, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल, सीमा सुरक्षा बल, सशस्त्र सीमा बल और भारत तिब्बत की सीमा पुलिस इन सभी में कॉन्स्टेबल रैंक के पदों पर महिलाओं की भर्ती को नियुक्त किया जाएगा।
क्या है भारतीय वायु सेना का महत्व
भारतीय वायुसेना का हमारे भारत की प्रमुख सेनाओं के रूप में मानी जाती है और इसका हम सभी भारतीय की रक्षा के लिए बहुत महत्वपूर्ण योगदान रहता है।
- भारतीय वायु सेना अपने हवाई जहाज की सहायता से भारत की सीमा सुरक्षा की पहरेदारी और हवाई सुरक्षा से आतंकी गतिविधियों को भी देखने की निगरानी करती है।
- सन 1990 में भारत की महिलाओं ने वायु सेना में शामिल होने के लिए योजना बनाई और उन्होंने भारतीय वायु सेना में भर्ती होकर बहुत महत्वपूर्ण काम किए।
- भारतीय वायु सेना में जो सैनिक होते हैं वह बहुत ही ईमानदार और अपने देश के लिए हमेशा मर मिटने के लिए तैयार रहने वाले तथा हवाई जहाज के माध्यम से पूरे देश की निगरानी रखने वाले होते हैं।
- भारत की आजादी के पहले वायुसेना को रॉयल एयरफोर्स के नाम से जाना जाता था लेकिन जब हमारा देश आजाद हो गया तो इसको या शब्द को हटाकर इंडियन एयरफोर्स बना दिया गया।
- वायु सेना 24000 किलोमीटर तक की निगरानी अंतर्राष्ट्रीय सीमा की बहुत अच्छे से रख सकती है।
- भारत की सीमाओं पर किसी भी प्रकार का संकट आया है या कोई आतंकवादी गतिविधि हुई है, उस समय भारतीय सेना ने एक दैवीय शक्ति के रूप में अपना परिचय दिया है।
भारतीय वायुसेना के क्या उद्देश्य हैं?
भारतीय वायु सेना को सभी खतरों से जो भी हमारी भारतीय सीमा पर होते हैं या अंतरराष्ट्रीय सीमा पर होते हैं, उन सभी की हवाई क्षेत्र से रक्षा करता है। भारतीय वायुसेना मिशन सशस्त्र बल अधिनियम सन 1947 में भारत के संविधान और सेना अधिनियम 1950 में हवाई युद्ध क्षेत्र के द्वारा वायुसेना को परिभाषित किया गया।
जब भी हमारे देश में कोई भी प्राकृतिक आपदा आती है तो उसमें बचाव कार्य का काम वायुसेना के द्वारा ही किया जाता है। वायु सेना मुख्य रूप से उसमें बाढ़ में फंसे लोगों को बचाने का, राहत सामग्री पहुंचाने का, उन को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के आदि सभी कार्य हवाई सेना के द्वारा किए जाते है।
वायु सेना का क्या है आदर्श वाक्य
हमारी भारतीय वायु सेना का आदर्श वाक्य हमारे पवित्र धार्मिक ग्रंथ भगवत गीता के 11 अध्याय से लिया गया है। उसमें भगवान श्री कृष्ण ने जब अर्जुन को अपना विराट रूप दिखाया था। युद्ध भूमि में जो उपदेश अर्जुन को दिया, उसी का यह वाक्य एक हिस्सा है, वह वाक्य है नभः स्पर्शनं दीप्तम इसका मतलब यह है कि हमें गर्व के साथ आकाश को छूना चाहिए। यह वाक्य पूरी तरह हमारी वायु सेना के ऊपर ही है, इसीलिए वायुसेना ने इस को अपना आदर्श वाक्य बना लिया।
निष्कर्ष
भारतीय वायुसेना को सशस्त्र सेना भी कहा गया है क्योंकि जो है, भारतीय सशस्त्र बलों की सेना है। वायु सेना जल सेना और थल सेना इन तीनों ही सेनाओं का हमारे भारत में बहुत महत्वपूर्ण योगदान है।
हमारी भारत की वायु सेना में सबसे अच्छी तरह से वायु कर्मियों और लड़ाकू विमान में निपुण होने का दावा किया है, इसीलिए दुनिया भर की वायु सेना में हमारे भारत की वायुसेना चौथे नंबर पर रही है। इसका मुख्य उद्देश्य भारत की सीमा को हवाई क्षेत्र से गश्त करना और किसी भी असंवैधानिक गतिविधि को रोकने के लिए हवाई युद्ध करना।
अंतिम शब्द
आशा करते हैं आपको हमारा यह लेख भारतीय वायु सेना दिवस पर निबंध (Essay on Indian Air Force day in Hindi) बहुत पसंद आया होगा। अगर आपको यह पसंद आया है तो आप उसको लाइक कर सकते हैं तथा इससे जुड़ी किसी भी जानकारी के लिए आप कमेंट बॉक्स में जाकर कमेंट भी कर सकते हैं।
Read Also