Essay On Importance Of River In Hindi: नमस्कार दोस्तों। आज हम आप सभी लोगों को अपने इस महत्वपूर्ण निबंध के माध्यम से भारत में देवी का दर्जा दी जाने वाली नदियों के महत्व पर निबंध बताने वाले हैं। दोस्तों नदिया हमारे भारत में प्राचीन समय से ही अहम भूमिका निभाते हुए आई है और इसका काफी महत्व भी माना जाता है।
आपकी जानकारी के लिए बता दे तो भारत के नदियों के किनारे पर ही प्राचीन भारत के सभ्यताओं का विकास हुआ है और हड़प्पा सभ्यता के रूप में जानी जाने वाली प्राचीन और ऐतिहासिक भारतीय सभ्यता सिंधु नदी द्वारा बनाई गई है।
हमारे भारत में मुख्य रूप से जानी जाने वाली नदियां गंगा, यमुना, सरस्वती और सिंधु है। आज के इस निबंध में हम आप सभी लोगों को नदियों के महत्व के विषय में बताने वाले हैं। आप सभी लोगों को यहां पर नदियों के महत्व पर निबंध 250 शब्द और 850 शब्द में जानने को मिलेगा, तो चलिए शुरू करते हैं।
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नदी के महत्व पर निबंध | Essay On Importance Of River In Hindi
नदी के महत्व पर निबंध (250 शब्द)
भारत में और भारत के ऐतिहासिक कहानियों में गंगा नदी का नाम सर्वोपरि है और भारत में इसके साथ-साथ बहुत सी नदियां भी हैं, जिनका खुद का कुछ ना कुछ महत्व जरूर है। दोस्तों शुरुआती समय में भारत के सभी लोग अपने जीवन को पवित्र करने के लिए नदियों में स्नान करते हैं। नदियों को बहुत ही ज्यादा शक्तिशाली और महत्वपूर्ण माना जाता है। नदियों के किनारे ही भारत में बहुत से तीर्थ स्थल भी बनाए गए हैं और इसमें से सबसे ज्यादा तीर्थ स्थल माता गंगा के नदी के किनारे बनाए गए हैं।
नदियां हमारे देश में आर्थिक वैज्ञानिक सामाजिक और अन्य कई रूपों में काफी ज्यादा सहायक सिद्ध हुई है और नदियां हमें जल्द प्रदान करने के साथ-साथ शुद्ध वातावरण भी प्रदान करती हैं और इतना ही नहीं इसके साथ साथ नदियों से ज्यादा से ज्यादा किसान अपने खेतों की सिंचाई भी करते हैं।
नदियां लोगों को रोजगार भी प्रदान करती हैं जैसे कि मछली पालन का रोजगार और नौका विहार का रोजगार इत्यादि। वर्तमान समय में नदियां काफी ज्यादा दूषित हो रही थी, इसीलिए भारत सरकार के द्वारा नदियों को शुद्ध कराने के लिए बहुत से आंदोलन और योजनाएं भी चलाई गई हैं।
दोस्तों भारत में नदियों को देवी रूप माना जाता है और इसी कारण से इन्हें माता कह कर पूजा भी जाता है। भारत में नदियों का महत्व बहुत ही बड़ा है और सबसे बड़ा महत्व धार्मिक इतिहास को रोमांचक बनाने में रहा। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भारत को एक तरह से नदियों का देश नाम से भी पुकारा जाता है।
भारत की हमेशा से यही मान्यता रही है,कि पवित्र नदियों में स्नान करने से लोगों के पाप धुल जाते हैं और वे लोग अपने जीवन की नई शुरुआत भी कर सकते हैं। भारत में पुराने समय के बहुत से विषयों ने इन्हीं पवित्र नदियों के किनारे पर बैठकर अपने ज्ञान की प्राप्ति की और लोगों को ज्ञान की प्राप्ति भी करवाई।
नदी के महत्व पर निबंध (850 शब्द)
प्रस्तावना
नदियां हमारे भारत की प्राचीन और अनमोल निशानी रही हैं। हमारे भारत देश को एक अन्य नाम नदियों का देश से भी विदेशों में जाना जाता है। भारत में अन्य देशों के मुकाबले बहुत सी नदियां पाई जाती हैं, जिनके अपने अपने कुछ पौराणिक मान्यताएं भी हैं।
भारत की इन सभी नदियों को शुद्ध और बहुत ही ज्यादा पवित्र माना जाता है। हमारे भारतवर्ष के इन सभी नदियों में से सबसे ज्यादा पवित्र और शुद्ध माता गंगा को माना जाता है और माता गंगा के नदी का जल कई बार औषधियों को बनाने और चर्म रोग दूर करने के लिए भी किया जाता है। वैज्ञानिकों ने अब तक यह नहीं पता लगा पाया है, कि आखिर गंगा के जल में क्या है? किससे औषधियां भी बनाई जा रही हैं और लोगों के चर्म रोग भी दूर हो रहे हैं।
हालांकि हमारे भारत में केवल नदियां ही नहीं बल्कि अन्य भी बहुत सारी चीजें हैं, जिनका अपना ही एक रहस्य है और वैज्ञानिक अब तक इसे सुलझा नहीं पाए हैं। नदियों को लेकर वैज्ञानिकों के द्वारा अब तक रिसर्च जारी है और किसी विशेष जानकारी को वैज्ञानिकों के द्वारा इकट्ठा नहीं किया जा सका है। नदिया पापनाशिनी और आप धुलने वाली मानी जाती हैं।
भारत की सबसे लंबी नदी
हमारे भारत की सबसे लंबी नदी गंगा है, जिसकी लंबाई 2510 किलोमीटर है। गंगा भारत की सबसे लंबी नदी होने के साथ-साथ सबसे ज्यादा पवित्र, शुद्ध और पावनी नदी मानी जाती है। गंगा नदी पूरे भारत में फैली हुई है। गंगा नदी को न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी जाना जाता है और विदेशों से भी लोग गंगा नदी के दर्शन के लिए आए दिन आते रहते हैं।
भारत की प्रसिद्ध एवं पवित्र नदियां
दोस्तों जैसा कि हम सभी लोग जानते हैं, हमारे भारत में हर छोटी से बड़ी नदियां एक दूसरे से जाकर मिलती है और इसके बाद इनके मिलन स्थान को संगम कहा जाता है और यह सभी नदियां एक दूसरे से मिलकर अंत में समुंद्र से जाकर मिल जाती हैं, जिससे कि सभी नदियों का मेल एक विशाल जल भंडार का निर्माण करती है। दोस्तों हमारे भारत में बहुत सी नदियां हैं और इन नदियों को बहुत ही ज्यादा प्रसिद्ध और पवित्र माना जाता है। भारत की यह सभी प्रसिद्ध एवं पवित्र नदियां निम्नलिखित है;
- गंगा
- यमुना
- घाघरा
- ब्रह्मपुत्र
- गंडक
- सरस्वती
- सिंधु
- कृष्णा
- कावेरी
- शरयु
- कोशी
- गोमती
नदियों का धार्मिक महत्व और रहस्य की खोज
दोस्तों भारत में नदियों को देवी रूप माना जाता है और इसी कारण से इन्हें माता कह कर पूजा भी जाता है। भारत में नदियों का महत्व बहुत ही बड़ा है और सबसे बड़ा महत्व धार्मिक इतिहास को रोमांचक बनाने में रहा। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भारत को एक तरह से नदियों का देश नाम से भी पुकारा जाता है।
भारत की हमेशा से यही मान्यता रही है कि पवित्र नदियों में स्नान करने से लोगों के पाप धुल जाते हैं और वे लोग अपने जीवन की नई शुरुआत भी कर सकते हैं। भारत में पुराने समय के बहुत से विषयों ने इन्हीं पवित्र नदियों के किनारे पर बैठकर अपने ज्ञान की प्राप्ति की और लोगों को ज्ञान की प्राप्ति भी करवाई।
नदियों से होने वाले नुकसान
दोस्तों जिस प्रकार हमारे भारत में नदियों का काफी महत्व है, उसी प्रकार नदियां कुछ तरीके से हमारे लिए नुकसानदायक भी सिद्ध हो रही है, परंतु यह नुकसान सिर्फ और सिर्फ मनुष्य के द्वारा प्रकृति के साथ किए गए खिलवाड़ के साथ ही होता है। तो यह जानते हैं, कि नदियों के द्वारा क्या-क्या नुकसान होते हैं;
- नदियों का संतुलन बिगड़ने के बाद यह अपने रौद्र रूप को धारण कर लेती हैं और एक बार यदि यह रूद्र रूप धारण कर लेती हैं तो तबाही का कारण बन जाती है।
- प्रकृति के साथ छेड़खानी करने से आए दिन बाढ़ आने की समस्या बनी रहती है और बाढ़ के साथ-साथ सुनामी, भूस्खलन इत्यादि जैसी समस्याएं भी सामने आ जाती हैं।
- नदियों का नुकसान ना केवल मनुष्य को बल्कि पशु पक्षियों को भी काफी पड़ता है, नदियों में मनुष्य के द्वारा जो भी कल कारखानों से निकलने वाला कचरा बाहर जाता है, उसके द्वारा नदियां प्रदूषित हो जाती हैं और इस कारण से अनेकों रूप रोग उत्पन्न होते हैं, जिससे कि जानवरों को भी काफी नुकसान होता है और यह बहुत ही भयंकर माहौल बना लेती हैं।
- अब तक नदियों के द्वारा हुई सबसे बड़ी हानि के रूप में केदारनाथ और बद्रीनाथ का उदाहरण लिया जाता है जहां पर हजारों लोगों की मृत्यु हो गई थी और बहुत ही धनधान्य की हानि भी हुई थी।
निष्कर्ष
हमारे इस लेख के माध्यम से हमने आपको नदी के महत्व के विषय में जानकारी बताई है और इन से होने वाले नुकसान और पर भी चर्चा की है। दोस्तों यदि प्रकृति के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की जाती है, तो यह हमें किसी भी प्रकार से कोई नुकसान नहीं पहुंचाएंगे और यदि ठीक इसी के विपरीत प्रकृति के साथ छेड़छाड़ की जाती है, तो इसका परिणाम हमें बहुत ही बुरा देखने को मिलता है और इसी की वजह से अक्सर सुनामी, बाढ़ और भूस्खलन आते रहते हैं।
अंतिम शब्द
हम आप सभी लोगों से उम्मीद करते हैं कि आपको हमारे द्वारा लिखा गया यह नदी के महत्व पर निबंध ( Essay On Importance Of River In Hindi) बहुत ही ज्यादा पसंद आया होगा और आपको कुछ आवश्यक जानकारी भी प्राप्त हुई होगी।
यदि आपको हमारे द्वारा लिखा गया यह महत्वपूर्ण निबंध पसंद आया हो, तो कृपया इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करना बिलकुल भी ना भूलें और यदि आपके मन में इस लेख को लेकर किसी प्रकार का कोई सवाल या फिर सुझाव है तो हमें कमेंट करके जरुर बताएं।
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