Driving License New Rules in Hindi: ड्राइविंग लाइसेंस आज के समय में वाहन हमारी दैनिक आवश्यकताओं में से एक है हमें अक्सर बाहर आने जाने की जरूरत पड़ती है फिर चाहे ऑफिस के काम से या फिर व्यवसायिक तौर पर वाहन चलाना हो। आज ट्रांसपोर्टेशन दिन प्रतिदिन बहुत ज्यादा विस्तृत होते जा रही हैं। पब्लिक रोड पर जब वाहन चलते हैं तो वहां पर कई पैदल लोगों का आना जाना रहता है और अन्य वाहन भी चलते हैं।
ऐसे में जरूरी है कि जो भी वाहन चालक वाहन चला रहा है, उसे ट्रैफिक के सभी नियम मालूम हो और उसे अच्छे से वाहन चलाने की कौशल होनी चाहिए ताकि वाहन चलाते वक्त खुद भी सुरक्षित रहें और दूसरों को भी सुरक्षा दे। वरना बिना अच्छे अनुभव के पब्लिक रोड पर वाहन चलाएंगे तो ना जाने कितनी ही दुर्घटना होगी।
सरकार हर एक वाहन चालकों को अपने साथ ड्राइविंग लाइसेंस रखने का अनुरोध करती है, जिससे पता चल सके कि वह व्यक्ति ड्राइविंग करने के लिए योग्य है या नहीं। अब ड्राइविंग लाइसेंस हर एक वाहन चालकों के लिए बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण हो गया है बिना इसके सड़कों पर वाहन चलाते हुए पकड़े गए तो जुर्माना भरना पड़ सकता है। इसीलिए अब हर कोई ड्राइविंग लाइसेंस बनाता है।
वैसे अब तक ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया आरटीओ में होती थी लेकिन, इसी साल सरकार ने ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया को बदल दिया है और इसी के साथ ड्राइविंग लाइसेंस के नियमों में काफी बदलाव किए हैं, जो एक जुलाई 2022 से लागू हो चुके हैं। तो यदि आप जानना चाहते हैं कि ड्राइविंग लाइसेंस के नए नियम क्या है तो इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें।
ड्राइविंग लाइसेंस के नए नियम क्या है? | Driving License New Rules in Hindi
पहले ड्राइविंग लाइसेंस किस तरह बना करते थे?
अब तक ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के लिए काफी प्रक्रियाओं से गुजरने पढ़ती थी और थोड़ा कठिन भी हुआ करता था। क्योंकि अब तक ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए वाहन चालक को ड्राइविंग की टेस्ट भी देनी पड़ती थी, जिसमें उन्हें अलग-अलग नंबरों से रास्ता बनाकर उन रास्तों पर ड्राइविंग करनी होती थी। जिस कारण ड्राइविंग आने के बावजूद भी बहुत बार टेस्टिंग में असफल हो जाते थे, इस कारण लाइसेंस नहीं बन पाता था।
यहां तक कि रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी के ऑफिस में घंटों लंबी लाइन में खड़ी रहनी पढ़ती थी। उसमें भी 1 दिन में मौका मिलता भी नहीं था, जिसके कारण दो-तीन दिन तक आरटीओ का चक्कर लगाने पड़ता था।
यही नहीं बल्कि वहां चालकों को ऑनलाइन टेस्ट भी देना पड़ता था, जिसमें उन्हें ट्रैफिक नियम से जुड़े सवालों का जवाब देना पड़ता था। शुरुआत में उन्हें लर्नर ड्राइविंग लाइसेंस मिलता था, जो मात्र 6 महीने तक के लिए वेद रहता था और उसके बाद फिर दोबारा परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन करना पड़ता था।
ड्राइविंग लाइसेंस के नए नियम कब से लागू होंगे?
बता दे मोदी सरकार और परिवहन विभाग मंत्रालय द्वारा ड्राइविंग लाइसेंस से जुड़े हुए नए नियम जो लाए गए हैं, वे एक जुलाई 2022 से लागू कर दिए गए हैं। अब ड्राइविंग लाइसेंस को बनवाने के लिए जो प्रक्रिया होती थी, वह पहले की तुलना में काफी आसान हो गई है।
अब लोगों को लंबी कतारों से छुटकारा मिलेगा। इस नए नियम से अब करोड़ों लोगों को लाइसेंस बनाने में आसानी होगी और अब वे बिना झंझट के ड्राइविंग लाइसेंस बना पाएंगे। तो आइए आगे जानते हैं कि सरकार द्वारा लागू किए गए ड्राइविंग लाइसेंस के नए नियम क्या है?
ड्राइविंग लाइसेंस के नए नियम
- ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के लिए पहले की तरह लोगों को आरटीओ में लंबी कतार लगानी नहीं पड़ेगी। अब जो भी ड्राइविंग लाइसेंस बनाना चाहता है, वह अपने नजदीकी किसी भी सरकारी मान्यता प्राप्त ड्राइविंग सेंटर में जाकर रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं और वहां पर ट्रेनिंग लेने के बाद टेस्ट पास कर सकते हैं। जब टेस्ट पास कर जाएंगे तो उन्हें सर्टिफिकेट मिलेगा और इसी सर्टिफिकेट के आधार पर उनके लिए ड्राइविंग लाइसेंस जारी कर दिया जाएगा। यह ड्राइविंग लाइसेंस 5 सालों तक के लिए वैध रहेगा।
- सरकार द्वारा ड्राइविंग लाइसेंस को लेकर निकाले गए नए नियम में अब ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के लिए एक कोर्स तैयार किया गया है, जिसमें थ्योरी और प्रैक्टिकल दो प्रकार के कोर्स शामिल हैं। इस कोर्स में 4 हफ्ते लाइट मोटर व्हीकल का कोर्स दिया जाएगा। वहीं शहर, गांव, रिवर्सिंग और पार्किंग आदि के लिए 21 घंटे का समय प्रैक्टिकल कोर्स में दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त 8 घंटे थ्योरी की कोर्स दी जाएगी। इस प्रकार जो भी सरकारी मान्यता प्राप्त ड्राइविंग सेंटर होंगे, वहां पर इन प्रकार के कोर्स दिए जाएंगे।
- जो भी सरकारी मान्यता प्राप्त ड्राइविंग सेंटर होंगे, उन्हें हर 5 साल में अपनी मान्यता का नवीनीकरण कराना पड़ेगा।
- इन ड्राइविंग सेंटरो को तभी मान्यता मिलेगी जब राज्य परिवहन प्राधिकरण द्वारा जांच किया जाएगा। इस जांच में ड्राइविंग सेंटरों के लिए कुछ महत्वपूर्ण चीजें निर्धारित की गई है।
- यह जो भी प्रशिक्षण केंद्र है, इसमें दो पहिया और चार पहिया वाहन के लिए कम से कम 1 एकड़ की जमीन उपलब्ध होने चाहिए और भारी वाहन की प्रशिक्षण के लिए 2 एकड़ भूमि होना जरूरी है।
- जो भी ट्रेनर होंगे, उनके पास कम से कम 5 साल का ड्राइविंग अनुभव होना चाहिए और हाईस्कूल डिप्लोमा होना चाहिए।
- इन सेंटरों में उच्च गुणवत्ता वाले ड्राइविंग ट्रेक होने जरूरी है।
FAQ
ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के लिए अब पहले की तरह ड्राइविंग टेस्ट आरटीओ में जाकर नहीं देनी पड़ेगी। अब किसी भी मान्यता प्राप्त ड्राइविंग सेंटर में इसके 4 सप्ताह के प्रैक्टिकल कोर्स और 8 घंटे की थ्योरी कोर्स करनी पड़ेगी, जहां पर एक सर्टिफिकेट दिया जाएगा और उसी के आधार पर उसके लिए लर्नर लाइसेंस जारी किया जाएगा।
ड्राइविंग लाइसेंस के ऑनलाइन आवेदन सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा।
लर्निंग लाइसेंस बनने में लगभग 7 दिनों का समय लगता है। वहीँ परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस 30 दिनों के अंदर बनकर आ जाता है।
निष्कर्ष
आज के इस लेख में हमने ड्राइविंग लाइसेंस के नए नियम के बारे में बताया। जैसे इस लेख में जाना कि सरकार ने और परिवहन विभाग मंत्रालय द्वारा ड्राइविंग लाइसेंस के बनाने की प्रक्रिया में बदलाव किया गया है। ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया केवल आरटीओ में ही नहीं बल्कि किसी भी ड्राइविंग लाइसेंस सेंटर में किया जा सकेगा, जिस कारण आरटीओ में ज्यादा लंबी कतार नहीं लगेगी।
हमें उम्मीद है कि इस लेख के जरिए आपको सरकार के द्वारा लागू किए गए ड्राइविंग लाइसेंस के नए नियम के बारे में सब कुछ पता चल गया होगा। यदि आपने भी अभी तक ड्राइविंग लाइसेंस नहीं बनाया है तो यह लेख आपके लिए निश्चित ही उपयोगी साबित हुआ होगा।
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