Driving Licence Kitne Din Me Aata Hai: आज के समय में वाहन तो हर एक व्यक्ति के लिए जरूरत बन चुकी है और वाहन लेने के बाद सबसे पहला काम ड्राइविंग लाइसेंस का आवेदन करना होता है। क्योंकि सड़कों पर बिना ड्राइविंग लाइसेंस के वाहन चलाना गुनाह माना जाता है और यदि कोई भी वाहन चालक बिना ड्राइविंग लाइसेंस के वाहन चलाएं पकड़ा जाता है तो जुर्माना भरना पड़ता है।
इसीलिए कोई भी व्यक्ति जुर्माना से बचने के लिए वाहन लेने के बाद सबसे पहले ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन करता है। वैसे आप सभी को पता है कि ड्राइविंग लाइसेंस आरटीओ जारी करती है और ड्राइविंग लाइसेंस के लिए टेस्ट भी देना पड़ता है।

बहुत से ऐसे लोग हैं, जो अभी तक ड्राइविंग लाइसेंस का आवेदन नहीं किए हैं और बहुत से लोग ड्राइविंग लाइसेंस के सभी प्रक्रियाओं से गुजर चुके हैं। लेकिन अब ड्राइविंग लाइसेंस के आने का इंतजार कर रहे हैं।
ऐसे में यदि आपके मन में भी प्रश्न है कि आखिर ड्राइविंग लाइसेंस कितने दिनों में बनकर आता है तो आज का यह लेख आपके लिए उपयोगी साबित होगा। क्योंकि आज के इस लेख में हम ड्राइविंग लाइसेंस से जुड़े सभी महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा करेंगे।
ड्राइविंग लाइसेंस कितने दिन में आता है? | Driving Licence Kitne Din Me Aata Hai
ड्राइविंग लाइसेंस कितने दिन में आता है?
ड्राइविंग लाइसेंस रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी के द्वारा जारी किया जाता है। कोई भी व्यक्ति ड्राइविंग लाइसेंस बनाना चाहता है, उसे सबसे पहले लर्निंग लाइसेंस के लिए आवेदन करना पड़ता है। क्योंकि आरटीओ परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस जारी नहीं करती है। क्योंकि वह अस्थाई ड्राइविंग लाइसेंस जारी करके वाहन चालकों को कुछ समय ड्राइविंग अच्छे से सीखने का समय देती है।
इसलिए सबसे पहले लर्नर ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन करना पड़ता है। बात करें लर्निंग लाइसेंस कितने दिनों में बनकर आता है तो लर्निंग लाइसेंस के आवेदन करने के बाद आरटीओ में एक दिन कम्प्यूटर टेस्ट होता है, जिसमें से ट्रैफिक के नियमों से जुड़े प्रश्न पूछे जाते हैं। इस टेस्ट में पास होने के बाद 1 सप्ताह के अंदर लर्निंग लाइसेंस जारी कर दिया जाता है, जिसे वाहन चालक भारतीय परिवहन मंत्रालय के आधिकारिक वेबसाइट पर डाउनलोड कर सकता है।
लर्निंग लाइसेंस 6 महीने के लिए वैलिड रहता है। उसके बाद वाहन चालक परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकता है। लर्निंग लाइसेंस के 1 महीने के बाद ही परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन किया जा सकता है।
परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस में ड्राइविंग टेस्ट भी होती है। यदि ड्राइविंग टेस्ट में वाहन चालक पास हो जाता है तो 30 दिनों के अंदर वाहन चालक के आवेदन फॉर्म में दिए गए एड्रेस पर पोस्ट के जरिए ड्राइविंग लाइसेंस भेज दिया जाता है।
ड्राइविंग लाइसेंस की वैलीडिटी
ड्राइविंग लाइसेंस निश्चित समय के लिए ही जारी की जाती है। लर्निंग लाइसेंस जो अस्थाई लाइसेंस होता है, इसकी समय अवधि केवल 6 महीने की होती है। उसके बाद परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन करना पड़ता है। परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस की समय अवधि वैसे तो 20 वर्ष हुआ करती थी लेकिन भारतीय परिवहन मंत्रालय के द्वारा लाइसेंस के नियमों में कई बार परिवर्तन किया जाता है।
साल 2018 में भी ऐसा ही परिवर्तन किया गया और ड्राइविंग लाइसेंस की वैलिडिटी को 20 वर्ष से घटाकर 10 वर्ष कर दिया गया। 10 वर्ष पूरा होने के बाद परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस को रिन्यू कराना पड़ता है, जिसके बाद फिर से उसकी वैलिडिटी बढ़ जाती है।
ड्राइविंग लाइसेंस की समय अवधि खत्म होने के कुछ महीने तक ड्राइविंग लाइसेंस को रिन्यू करा लेना होता है। यदि देरी की जाए तो फाइन भी भरना पड़ जाता है। इसके अतिरिक्त यदि वाहन चालक 5 वर्षों के अंदर भी ड्राइविंग लाइसेंस को रिन्यू नहीं कराता है तो फिर उसका ड्राइविंग लाइसेंस रद्द कर दिया जाता है और उसे दोबारा नए ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन करना पड़ता है, जिसकी प्रक्रिया लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस से शुरू हो जाती।
FAQ
इस लाइसेंस का पूरा नाम हेवी गुड्स मोटर व्हीकल होता है। यह लाइसेंस बड़े बड़े वाहनों के लिए जारी किया जाता है, जो ट्रांसपोर्ट के लिए इस्तेमाल होते हैं जैसे कि ट्रक, ट्रेलर आदि।
कमर्शियल लाइसेंस उन वाहनों के लिए जारी किया जाता है, जिनका इस्तेमाल व्यापारिक तौर पर होता है जैसे लोगों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने ले आने के लिए या फिर माल सामान एक जगह से दूसरी जगह तक पहुंचाने के लिए। इस कैटेगरी में 3 तरह के वाहन आते हैं हेवी मोटर व्हीकल, मीडियम मोटर व्हीकल और लाइट्स गुड्स ट्रांसपोर्ट मोटर व्हीकल।
सबसे पहला बनने वाला ड्राइविंग लाइसेंस जो लर्निंग लाइसेंस होता है। इसकी वैधता मात्र 6 महीने की होती है। वह परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस की वैधता दस वर्ष की होती है, जिसके बाद उसे रिन्यू करना होता है।
जैसा आप जानते होंगे कि लाइट ड्राइविंग लाइसेंस हल्के वाहनों के लिए जारी किया जाता है। इससे आप बाइक, स्कूटर भी चला सकते हैं। बाइक, स्कूटर, कार चलाने के लिए आपको एमसी विथ गियर लाइसेंस लेने की कोई जरूरत नहीं है यदि आपके पास लाईट ड्राइविंग लाइसेंस है तो।
हां यदि आपके पास कार लाइसेंस है तो 125cc स्कूटर या मोटरसाइकिल ऑफरोड चलाया जा सकता है।
लाइसेंस से संबंधित 1 जुलाई 2022 को सरकार के द्वारा नया नियम लागू किया गया, जिससे पहले जहां लोगों को आरटीओ में जाकर ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के लिए लंबी लाइन में इंतजार करना पड़ता था। वहीं अब उन्हें इन झंझटो का सामना नहीं करना पड़ेगा। अब कोई भी वाहन चालक जो लाइसेंस बनाना चाहता है, वह अपने राज्य परिवहन प्राधिकरण या केंद्र सरकार द्वारा चलाए जा रहे किसी भी ड्राइवर ट्रेनिंग सेंटर से ड्राइविंग लाइसेंस का आवेदन कर सकता है।
निष्कर्ष
इस तरह आज के लेख में हमने आपको ड्राइविंग लाइसेंस कितने दिनों में बनकर आता है और इसके अतिरिक्त भी ड्राइविंग लाइसेंस से जुड़े महत्वपूर्ण बिंदुओं के बारे में बताया। हमें उम्मीद है कि आज का यह लेख आपको पसंद आया होगा।
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