Home > Driving Licence > ड्राइविंग लाइसेंस कितने प्रकार के होते है?

ड्राइविंग लाइसेंस कितने प्रकार के होते है?

Driving License Kitne Prakar Ka Hota Hai: 1988 ई. में भारत सरकार द्वारा मोटर व्हीकल एक्ट पारित किया गया था, जिसमें प्रावधान है कि हर एक भारतीय नागरिक जिसके पास वाहन है, उनके पास ड्राइविंग लाइसेंस होना अनिवार्य है। यदि कोई भी वाहन चालक बिना ड्राइविंग लाइसेंस के पकड़ा जाता है तो दंड स्वरूप उसे जुर्माना भरना पड़ सकता है और जेल भी हो सकती हैं।

इसीलिए हर एक वाहन चालकों को वाहन खरीदने के बाद ड्राइविंग लाइसेंस के लिए तुरंत आवेदन कर देना चाहिए। वैसे बहुत से लोगों को लगता है कि ड्राइविंग लाइसेंस केवल एक ही होता है लेकिन ड्राइविंग लाइसेंस के कई प्रकार होते हैं, जो आपके वाहनों पर निर्भर करता है।

Driving License Kitne Prakar Ka Hota Hai
Image: Driving License Kitne Prakar Ka Hota Hai

यदि आप भी ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन करना चाहते हैं तो इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें। क्योंकि यह लेख आपके लिए बहुत ही जानकारीपूर्ण होने वाला है। इसमें हमने ड्राइविंग लाइसेंस के प्रकार के बारे में बताया हैं, जिससे आप जान पाएंगे कि आपको कौन से ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन करना है।

ड्राइविंग लाइसेंस कितने प्रकार के होते है? | Driving License Kitne Prakar Ka Hota Hai

ड्राइविंग लाइसेंस क्या होता है?

ड्राइविंग लाइसेंस एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है, जो सरकार के द्वारा जारी की जाती है। हर एक वाहन चालकों के लिए सड़क पर वाहन चलाने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस का होना अनिवार्य है, जो वाहन चालकों को सड़क पर वाहन चलाने की अनुमति प्रदान करती है।

ड्राइविंग लाइसेंस पहचान पत्र की तरह भी होता है क्योंकि ड्राइविंग लाइसेंस में रजिस्ट्रेशन नंबर और पासपोर्ट आकार का फोटो होता है, जो वाहन चालक की पहचान होती है। भारत के हर एक क्षेत्र में ट्रांसपोर्ट ऑफिसर है, जो लोगों के आवेदन करने पर उनके लिए ड्राइविंग लाइसेंस जारी करती है।

ड्राइविंग लाइसेंस पाने की पात्रता

  • ड्राइविंग लाइसेंस का आवेदन करने के लिए आवेदक का उम्र 18 वर्ष होना चाहिए।
  • यदि बिना गियर वाली वाहन के लिए ड्राइविंग लाइसेंस का आवेदन कर रहा है तो आवेदक 16 वर्ष की उम्र में आवेदन कर सकता है।
  • आवेदक का मानसिक रूप से स्वस्थ होना जरूरी है।

ड्राइविंग लाइसेंस कैसे बनता है?

ड्राइविंग लाइसेंस आरटीओ जारी करती हैं। आरटीओ के कुछ नियम होते हैं, उन नियमों से गुजारना पड़ता है। कोई भी आवेदक जो ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन करता है और वह ड्राइविंग लाइसेंस के आवेदन करने के लिए पात्र है तो वह ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों ही तरीके से ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकता है।

यदि आवेदक ऑनलाइन ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन करता है तो वह भारत के परिवहन मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकता है।

वहीँ जो आवेदक ऑफलाइन आवेदन करना चाहते हैं, उन्हें आरटीओ में जाकर ड्राइविंग लाइसेंस के आवेदन फॉर्म लेना होता है। फॉर्म में मांगी गई सभी जानकारी को भरने के बाद आरटीओ में जमा करना पड़ता है।

किसी भी वाहन चालक को सबसे पहले लर्निंग लाइसेंस आरटीओ जारी करती है, जो 6 महीने के लिए ही वैलिड रहता है। उसके बाद वाहन चालक परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकता है।

सबसे पहले वाहन चालक को लर्निंग लाइसेंस के लिए आवेदन करना पड़ता है, जिसमें उसे कंप्यूटर टेस्ट से भी गुजरना पड़ता है। कंप्यूटर टेस्ट में उसे ट्राफिक के नियमों से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्न पूछे जाते हैं, जिन्हें उसे जवाब देना होता है।

परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस के आवेदन करने के बाद आवेदकों को ड्राइविंग टेस्ट भी देनी पड़ती है, जिसमें आवेदक के वाहन के अनुसार अलग-अलग नंबर पर वाहन को चलाना होता है। यदि वह टेस्ट में पास हो जाता है तो आरटीओ ड्राइविंग लाइसेंस जारी कर देती है।

ड्राइविंग लाइसेंस के प्रकार

आरटीओ अलग-अलग वाहनों के अनुसार अलग-अलग ड्राइविंग लाइसेंस जारी करती है जैसे हल्के वाहनों के लिए अलग लाइसेंस होता है, भारी वाहनों के लिए अलग लाइसेंस होता है। बिना गियर और गियर वाले वाहनों के लिए भी अलग अलग लाइसेंस होता है। लेकिन आम तौर पर भारत में 4 तरह के ड्राइविंग लाइसेंस जारी किए जाते हैं जो निम्नलिखित है:

लर्नर ड्राइविंग लाइसेंस

कोई भी आवेदक जो ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन करता है सबसे पहले उसे लर्नर ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन करना पड़ता है। लर्नर ड्राइविंग लाइसेंस सबसे पहले जारी किया जाता है।

इसकी वैलिडिटी भी केवल 6 महीने की होती है, जो अन्य ड्राइविंग लाइसेंस की तुलना में बहुत ही कम है। लर्नर ड्राइविंग लाइसेंस के 1 महीने के बाद परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकते हैं।

परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस

परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस लर्नर ड्राइविंग लाइसेंस के बाद बनता है। लर्नर ड्राइविंग लाइसेंस के जारी होने के एक महीने के बाद परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकते हैं। यह सबसे ज्यादा बनने वाला ड्राइविंग लाइसेंस है। परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस की वैलिडिटी भी लंबे समय तक रहती है। इसको निश्चित समय सीमा के बाद रिन्यू कराना पड़ता है।

कमर्शियल ड्राइविंग लाइसेंस

कमर्शियल ड्राइविंग लाइसेंस उन वाहन चालकों के लिए जारी किया जाता है, जो वाहन का इस्तेमाल व्यवसाय के तौर पर करते हैं जैसे कि माल पहुंचाने के लिए, पैसेंजर को पहुंचाने के लिए। कमर्शियल ड्राइविंग लाइसेंस की तीन कैटेगरी होती है हेवी मोटर व्हीकल, मीडियम मोटर व्हीकल और लाइट गूड्स ट्रांसपोर्ट मोटर व्हीकल।

कमर्शियल ड्राइविंग लाइसेंस के आवेदन की प्रक्रिया बिल्कुल परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस की तरह ही होती है। हालांकि इसकी एलिजिबिलिटी अन्य ड्राइविंग लाइसेंस की तुलना में थोड़ी अलग होती है।

इंटरनेशनल ड्राइविंग परमिट

इंटरनेशनल ड्राइविंग परमिट उन वाहन चालकों के लिए जारी किया जाता है, जो भारत के रहने वाले हैं और अन्य देश में वाहन चलाना चाहते हैं। यह परमिट एक साल के लिए ही वैध रहता है।

आरटीओ अलग-अलग भाषाओं में इस पर परमिट को प्रिंट करवाती है ताकि उस देश के अधिकारियों को वाहन चालक के ड्राइविंग योग्यता जांच करने में आसानी हो सके। इंटरनेशनल ड्राइविंग परमिट के आवेदन करने के लिए वाहन चालक के पास परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस होना अनिवार्य है।

ड्राइविंग लाइसेंस के अन्य प्रकार

LMV-TR

LMV-TR का पूरा अर्थ Light Motor Vehicle – Transport होता है। इस लाइसेंस को कमर्शियल इस्तेमाल के लिए जारी किया जाता है। इसमें कैब, टैक्सी वैन जैसे वाहनों को कमर्शियल रूप से चला सकते हैं।

LMV-NT

LMV-NT का पूरा नाम LIGHT MOTOR VEHICLE (NON TRANSPORT) होता है। यह  हल्के वाहनों के लिए जारी किए जाते हैं लेकिन इस लाइसेंस के जरिए केवल व्यक्तिगत रूप से ही वाहन चला सकते हैं कमर्शियल काम नहीं कर सकते। इस लाइसेंस से वाहन चालक कार, स्कूटर या बाइक भी चला सकता है। यह लाइसेंस होने पर MC With Gear लाइसेंस अलग से बनवाने की कोई जरूरत नहीं पड़ती।

LMV

इस लाइसेंस से वाहन चालक हल्के वाहन को व्यक्तिगत और कमर्शियल दोनों ही रूप से चला सकता है।

FVG

यह ड्राइविंग लाइसेंस उन लोगों के लिए जारी किया जाता है, जो बिना गियर वाली वाहन चलाना चाहते हैं। इसमें कितने भी सीसी का इंजन वाला वाहन चला सकते हैं कोई फर्क नहीं पड़ता बस वाहन का बिना गियर का होना जरूरी है।

MC With Gear

इस ड्राइविंग लाइसेंस से गियर और बिना गियर वाले वाहन को चला सकते हैं। इस लाइसेंस से किसी भी तरह के इंजन वाली बाइक चला सकते हैं।

HPMV

HPMV का पूरा अर्थ Heavy Passenger Motor Vehicle होता है। यह लाइसेंस भारी वाहनों को कमर्शियल रूप से चलाने के लिए जारी किया जाता है। इस लाइसेंस से बस, ट्रक, ट्रेलर जैसे वाहन कमर्शियल रूप से चला सकते हैं लेकिन कार मोटर से बाहर नहीं चला सकते।

TRAILOR

यह लाइसेंस लंबे लंबे ट्रकों को सड़कों पर चलाने के लिए जारी किया जाता है। यह लाइसेंस का आवेदन कर सकते हैं जब आपके पास HMV licence होगा।

FAQ

हैवी ड्राइविंग लाइसेंस कितने दिनों में जारी होता है?

हैवी ड्राइविंग लाइसेंस भारी वाहनों के लिए जारी होता है, जिसके लिए 35 दिन की ट्रेनिंग दी जाती है। यह ट्रेनिंग रोडवेज विभाग की ओर से होती है। वहां सर्टिफिकेट मिलने के बाद हैवी ड्राइविंग लाइसेंस जारी किया जाता है।

मोटर कार, ऑटो रिक्शा, जीप जैसे वाहनों के लिए कौन सा लाइसेंस जारी होता है?

भारत में ऑटो रिक्शा, मोटर कार, जीप जैसे हल्के वाहनों के लिए लाइट मोटर व्हीकल लाइसेंस जारी किया जाता है, इसके भी दो प्रकार होते हैं। इसमें कमर्शियल उपयोग के लिए अलग होता है और व्यक्तिगत उपयोग के लिए अलग होता है।

LMV-NT और LMV-TR में क्या अर्थ है?

LMV-NT का पूरा नाम LIGHT MOTOR VEHICLE (NON TRANSPORT) होता है, जो व्यक्तिगत उपयोग के लिए जारी किया जाता है। वहीँ LMV-TR का पूरा नाम LIGHT MOTOR VEHICLE FOR TRANSPORT होता है। यह लाइसेंस कमर्शियल परिवहन की अनुमति प्रदान करने के लिए जारी किया जाता है।

इंटरनेशनल ड्राइविंग परमिट क्यों जारी किया जाता है?

इंटरनेशनल ड्राइविंग परमिट अन्य देशों में वाहन चलाने के लिए जारी किया जाता है। कोई भी वाहन चालक जिसके पास परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस है और वह अन्य देश में वाहन चलाना चाहता है तो उसे अपने देश से इंटरनेशनल ड्राइविंग परमिट बनाना पड़ता है तभी वह वंहा वाहन चला सकता है।

ड्राइविंग लाइसेंस कैसा होता है?

ड्राइविंग लाइसेंस बिल्कुल atm कार्ड की तरह दिखता है जिसमें यूनिक ड्राइविंग लाइसेंस नंबर दर्ज किया होता है। इसके साथ ही कार्ड होल्डर की फोटो भी होती है। इस कार्ड में वाहन चालक का पूरा नाम, उसका जन्म तिथि और उसका पता तथा अन्य जानकारी दर्ज की गई होती है।

निष्कर्ष

आज के लेख में हमने आपको ड्राइविंग लाइसेंस के प्रकार और ड्राइविंग लाइसेंस जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारी बताई। हमें उम्मीद है कि यह लेख आपके लिए जानकारीपूर्ण रहा होगा। यदि यह लेख आपको पसंद आया हो तो इसे अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिए अन्य लोगों के साथ जरूर शेयर करें।

यह भी पढ़े

ड्राइविंग लाइसेंस रिन्यूअल फीस कितनी है?

ड्राइविंग लाइसेंस के नए नियम क्या है?

ड्राइविंग लाइसेंस क्या होता है? (प्रकार और फीस)

Rahul Singh Tanwar
Rahul Singh Tanwar
राहुल सिंह तंवर पिछले 7 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे हैं। इनको SEO और ब्लॉगिंग का अच्छा अनुभव है। इन्होने एंटरटेनमेंट, जीवनी, शिक्षा, टुटोरिअल, टेक्नोलॉजी, ऑनलाइन अर्निंग, ट्रेवलिंग, निबंध, करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान जैसे विविध विषयों पर कई बेहतरीन लेख लिखे हैं। इनके लेख बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं।

Related Posts