डायनासोर धरती के सबसे विशालकाय जीव में से एक थे, जिनकी प्रजाति अब अस्तित्व में नहीं है। वैज्ञानिकों ने अपने अध्ययन के दौरान यह पाया है कि आज से हजारों साल पहले धरती पर इंसान अस्तित्व में नहीं थे, उस समय धरती पर डायनासोर रहा करते थे।
तब यह सवाल आता है कि डायनासोर का अंत कैसे हुआ? और डायनासोर का अंत न हुआ होता तो क्या होता? इस तरह के कुछ रोचक बातों के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी देने का प्रयास किया गया है।
डायनासोर जैसे विशालकाय जीव धरती पर कई सालों से विराजमान थे। उन्होंने कई सालों तक धरती पर अपना वर्चस्व कायम रखा। फिर अचानक कुछ ऐसा हुआ, जिससे धरती पर एक भी डायनासोर नहीं बचा और धरती पर नए जीवन की शुरुआत हुई।
सबसे पहली बार जब इस बारे में पता चला कि धरती पर नए जीवन की शुरुआत हुई, उसमें इंसान आएं। सबसे पहले यहां इंसान नहीं हुआ करते थे। इस बात ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया और डायनासोर का अंत कैसे हुआ? इसके बारे में वैज्ञानिकों ने हमें कुछ जानकारी दी। जिस पर गहन अध्ययन करने के बाद कुछ जानकारी सामने आई जिसे प्रस्तुत कर रहे हैं।
डायनासोर कौन थे?
डायनासोर के अंत के बारे में जानने से पहले यह जानना होगा कि डायनासोर कौन थे? डायनासोर एक बहुत ही विशालकाय जीव हुआ करते थे।
अब ऐसा कह सकते हैं कि धरती के शुरुआत के बाद किसी पहले जीव ने अगर धरती पर जन्म लिया तो उसमें डायनासोर और उस तरह के अलग-अलग जानवर शामिल थे।
डायनासोर को हालांकि किसी ने नहीं देखा। मिले अवशेष और कुछ रिसर्च से जो जानकारी मिलती है, उसी के आधार पर डायनासोर की एक छवि तैयार की जाती है।
डायनासोर शब्द का मतलब
डायनासोर शब्द यूनान से प्रेरित होकर बना है। यूनानी भाषा में शब्द का मतलब होता है बड़ी छिपकली। अगर हम डायनासोर के वक्त की बात करें तो आज से 16 करोड़ साल पहले उनका अस्तित्व धरती पर था।
आज से 6 करोड़ वर्ष पहले तक वैज्ञानिकों ने अध्ययन किया है और पाया है कि धरती पर डायनासोर के 500 विभिन्न वंश और हजार से ज्यादा प्रजाति रहती थी।
डायनासोर का अंत कैसे हुआ? (Dinosaur ka Ant Kaise Hua)
वैज्ञानिकों ने अपने रिसर्च में यह बताया कि आज से कई हजार साल पहले धरती पर एक एस्ट्रॉयड आकर टकराया, जिसके टकराने से इतना बड़ा विस्फोट हुआ कि पूरी धरती दहल गई और सभी जीव जंतु मरने लगे।
वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर यह एस्ट्रॉयड धरती से 30 सेकंड पहले या 30 सेकंड बाद भी टकराता तो पूरा एस्ट्रॉयड महासागर में समा जाता और डायनासोर पर कोई असर नहीं होता।
अर्थात एक सटीक समय की वजह से इतना बड़ा विस्फोट हुआ कि धूल की मात्रा धरती पर बढ़ गई और एक धूलनुमा बादल चारों तरफ बन गया।
इस विस्फोट से जो ज्वाला निकली, उससे तो कुछ डायनासोर की जान गई है। मगर धूल का इतना बड़ा अंबार बना की पूरी पृथ्वी पर एक धूल की मोटी परत जम गई। कई सालों तक यह ऐसी ही रही, जिससे सूर्य की किरणें सही तरीके से धरती पर नहीं पहुंच पा रही थी और धरती ठंडी होने लगी।
तब जितने भी डायनासोर थे, वह उस पर्यावरण में जी नहीं सकते थे, इसलिए मर गए। फिर धीरे-धीरे वह बादल छट गया और उस दौर में जिस प्रकार के जीव जंतु होते थे, वैसे ही मिलते जुलते जीव जंतु आज के वक्त में देखे जाते हैं।
हम यह कह सकते हैं कि डायनासोर का अंत सटीक समय पर एक एस्ट्रॉयड के टकरा जाने से हुआ। जिससे धरती पर इतना बड़ा विस्फोट हुआ है कि उससे निकलने वाला धूल और बादल ने पूरी धरती को ढक लिया, जिससे धरती पर मौजूद सभी प्राणी बीमारी या भुखमरी से मर गए।
कुछ जीव जंतु जिंदा भी रह गए थे, जैसे चूहा, शार्क और मगरमच्छ। धरती पर उसके बाद और भी अलग-अलग तरह के जीव-जंतु जानवर को लेकर वैज्ञानिकों का मानना है कि बहुत सारे जीव जंतु खत्म हुए, डायनासोर तो केवल एक प्रजाति है। इस तरह ना जाने कई तरह की प्रजातियां धरती पर पाई जाती थी।
निष्कर्ष
इस लेख में Dinosaur ka Ant Kaise Hua, डायनासोर कौन थे?, यह किस तरह धरती पर आए? और डायनासोर कैसे मरे? आदि के बारे में विस्तार से बताया है।
अगर आप डायनासोर से जुड़े इन रोचक जानकारियों को जानने के बाद आश्चर्य महसूस कर रहे हैं, तो अपने अन्य मित्रों के साथ भी इस जानकारी को साझा करें।
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