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श्री धन्वन्तरी महामन्त्रम्

Dhanvantari Shloka in Sanskrit

Dhanvantari Shloka in Sanskrit

श्री धन्वन्तरी महामन्त्रम् – Dhanvantari Shloka in Sanskrit

Dhanvantari Vandana

भगवान धन्वंतरी की साधना करने के लिए साधारण मंत्र यह है:

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ॐ धन्वंतरये नमः।।

Dhanvantari Mantra in Hindi

इस मंत्र के अलावा एक अन्य मंत्र भी भी जो निम्न प्रकार है:

ॐ नमो भगवते महासुदर्शनाय वासुदेवाय धन्वंतरये
अमृतकलशहस्ताय सर्वभयविनाशाय सर्वरोगनिवारणाय
त्रिलोकपथाय त्रिलोकनाथाय श्री महाविष्णुस्वरूपाय
श्रीधन्वंतरीस्वरूपाय श्रीश्रीश्री औषधचक्राय नारायणाय नमः।।

ॐ नमो भगवते धन्वन्तरये अमृतकलशहस्ताय सर्व आमय
विनाशनाय त्रिलोकनाथाय श्रीमहाविष्णुवे नम:।।

अर्थात
परम भगवान् को, जिन्हें सुदर्शन वासुदेव धन्वंतरी कहते हैं, जो अमृत कलश लिये हैं, सर्वभय नाशक हैं, सररोग नाश करते हैं, तीनों लोकों के स्वामी हैं और उनका निर्वाह करने वाले हैं, उन विष्णु स्वरूप धन्वंतरी को नमन है।

धन्वंतरी स्तोत्रम्

प्रचलि धन्वंतरी स्तोत्र इस प्रकार से है:

ॐ शंखं चक्रं जलौकां दधदमृतघटं चारुदोर्भिश्चतुर्मिः।
सूक्ष्मस्वच्छातिहृद्यांशुक परिविलसन्मौलिमंभोजनेत्रम्।।
कालाम्भोदोज्ज्वलांगं कटितटविलसच्चारूपीतांबराढ्यम्।
वन्दे धन्वंतरिं तं निखिलगदवनप्रौढदावाग्निलीलम्।।

*****

अच्युतानन्त गोविन्द विष्णो नारायणामृत
रोगान्मे नाशयाऽशेषान् आशु धन्वन्तरे हरे।
आरोग्यं दीर्घमायुष्यं बलं तेजो धियो श्रियं
स्वभक्तेभ्यः अनुगृह्णन्तं वन्दे धन्वन्तरिं हरिम्।।

धन्वन्तरेरिमं श्लोकं भक्त्या नित्यं पठन्ति ये।
अनारोग्यं न तेषां स्यात् सुखं जीवन्ति ते चिरम्।।

गायत्री

ओं वासुदेवाय विद्महे सुधाहस्ताय धीमहि तन्नो धन्वन्तरिः प्रचोदयात्।

तारकमन्त्रं

ओं धं धन्वन्तरये नमः।

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