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साइकिल का आविष्कार किसने किया और कब किया?

एक समय ऐसा था जब देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर में लोगों के पास साइकिल हुआ करती थी। जिस तरह से आज के समय में सभी के पास गाड़ियां है ठीक उसी तरह से आज से कुछ वर्षों पूर्व लोग साइकिल रखा करते थे।

उस समय देश और दुनिया इतनी विकसित नहीं हुई, इसीलिए उनके लिए साइकिल ही उस समय सर्वश्रेष्ठ थी।

उस समय जिस व्यक्ति के पास साइकिल होती थी, उन्हें अमीर व्यक्ति कहा जाता था। परंतु आज ऐसा नहीं है।

आज के समय में प्रत्येक लोगों के पास गाड़ियां है, बाइक है, फिर भी लोग साइकिल का इस्तेमाल करते हैं।

cycle ka avishkar kisne kiya tha

आज के समय में ज्यादातर लोग अपने शरीर को तंदुरुस्त रखने के लिए साइकल चलाते हैं। खासतौर पर अमीर लोग सुबह-सुबह गार्डन में या सड़क के किनारे साइकल चला कर अपने शरीर को गर्म करते हैं।

सुबह-सुबह साइकिलिंग करना शरीर के लिए काफी लाभदायक होता है। इससे शरीर में ऊर्जा बनी रहती है।

यही वजह है कि आज के समय में एक से बढ़कर एक वाहन उपलब्ध होने के बाद भी लोग साइकिल का इस्तेमाल करते हैं। हालांकि अब हमारे आसपास पहले जितनी साइकल देखने को नहीं मिलती है।

अगर हम कुछ ही समय पहले की बात करें, तो आमतौर पर सभी लोगों के घर में साइकिल होती थी। जिससे वे कहीं पर जाने के लिए या कुछ सामान उसके ऊपर लाद कर लाने के लिए इस्तेमाल करते थे।

आज से कुछ ही वर्षों पूर्व लोग किसी दूसरे गांव शहर या किसी जगह पर जाने के लिए साइकिल का इस्तेमाल करते थे। यहां तक कि विशेष रूप से बच्चे दूरदराज की स्कूलों में पढ़ने के लिए साइकिल लेकर जाते थे।

लेकिन अब समय पूरी तरह से बदल चुका है। लोगों के पास तरह-तरह की गाड़ियां आ चुकी है। लोग बाइक का इस्तेमाल करते हैं। परंतु साइकिलिंग करना सेहत के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है।

तो आइए आज के इस आर्टिकल में हम आपको साइकिल का आविष्कार किसने किया और कब हुआ? (cycle ka aavishkar kisne kiya) के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी बताते हैं।

साइकिल का चलन

देश और दुनिया में एक समय ऐसा आया जब पूरी तरह से लोग साइकिल पर निर्भर हो गए थे। लोगों के पास साइकिल होना बड़ी बात हुआ करती थी क्योंकि आज से कुछ वर्षों पूर्व सभी लोगों के पास इतने पैसे नहीं होते थे कि वह साइकिल खरीद सके।

आमतौर पर हमारे देश भारत में अंग्रेजों से मिली आजादी के बाद हमारा देश अत्यंत कमजोर और गरीब हो चुका था। इसीलिए आमतौर पर सभी लोगों के पास साइकिल नहीं होती थी।

लेकिन जिस भी लोगों के पास साइकिल होती थी, उन्हें अमीर कहा जाता था, धनवान कहा जाता था‌। वे लोग आसानी से कहीं पर भी आ जा सकते और साइकिल के ऊपर सामान लादकर ले आ सकते थे।

धीरे-धीरे समय बदलने लगा और लोग अपने यातायात के लिए साइकिल खरीदने लगे। तरह-तरह की साइकिल मार्केट में बिकने लगी। तरह-तरह की कंपनियां आने लगी, जो अलग-अलग प्रकार की साइकिल बनाने का कार्य करती थी।

भारतीय मार्केट में साइकिल का कारोबार जोर पकड़ने लगा एवं देखते ही देखते संपूर्ण भारत में करोड़ों की संख्या में साईकिल बिक्री शुरू हो गई। लगभग प्रत्येक घर में साईकिल देखने को मिलती थी, जिससे लोग आसानी से यातायात करते थे।

परंतु समय बदलता गया और समय के साथ ही लोगों के यातायात का साधन भी बदलने लगा। धीरे-धीरे भारतीय मार्केट में मोटरसाइकिल ने अपनी जगह बनानी शुरू की।

मोटरसाइकिल अत्यंत महंगी होती थी और उसमें पेट्रोल भी डालना होता था, लेकिन इसे केवल अमीर लोग ही खरीद सकते थे।

धीरे-धीरे बदलते समय के साथ लोगों के पास पैसे आने लगे और लोग धीरे-धीरे मोटरसाइकिल खरीदने में भी रुचि दिखाने लगे।

देखते ही देखते कुछ ही वर्षों में संपूर्ण भारतीय बाजार से साइकिल गायब हो गई और लोगों के पास मोटरसाइकिल आ गई।

आज के समय में पूरे भारत में कुछ ही लोगों के पास साइकिल देखने को मिलती है, जबकि आमतौर पर सभी लोगों के घर में एक-दो या यहां तक कि चार और पांच मोटरसाइकिल और कारें आसानी से देखने को मिल जाती है।

साइकिल का आविष्कार किसने किया था?

दुनिया में साइकिल का आविष्कार सबसे पहले सन 1817 में Karl Von Drais ने किया था। यह जर्मनी के एक वन अधिकारी थे।

इन्होंने ही सबसे पहले दुनिया में साइकिल का आविष्कार किया था। जिसके बाद दुनिया भर में तरह-तरह की साइकिल बनाई गई।

Karl Von Drais
Karl Von Drais

तरह-तरह के साइकिल के ऊपर आविष्कार किए गए और एक के बाद एक बेहतरीन साइकिल का निर्माण देश और दुनिया में देखने को मिला।

Karl Von Drais का पूरा नाम Karl Friedrich Christian Ludwig Freiherr Drais von Sauerbronn था। इनका जन्म जर्मनी के Karlsruhe शहर में 29 अप्रैल 1785 को हुआ था।

वर्तमान समय में इनका नाम देश और दुनिया में साइकिल के अविष्कारक के तौर पर लिया जाता है। क्योंकि इन्होंने ही सबसे पहले दुनिया में सारी कल का आविष्कार किया था।

साइकिल के आविष्कार की कहानी

साइकिल के आविष्कार के पीछे की एक दिलचस्प कहानी है, जिसकी बदौलत ही आज हमें साइकल देखने को मिलती है।

बता दें कि यह बात एक भयंकर ज्वालामुखी विस्फोट की है। इंडोनेशिया के पर्वत पर एक बहुत बड़ा ज्वालामुखी विस्फोट हुआ था, जिससे आसपास के सभी जगहों पर राख के बादल छा गए।

इस ज्वालामुखी विस्फोट से काफी ज्यादा नुकसान हुआ था। लोगों की फसल जल गई थी, इसके बाद आसपास के वातावरण में तापमान में गिरावट देखने को मिली।

नतीजा यूं निकला कि लोग यहां से पलायन करना शुरू हो चुके थे। क्योंकि यहां आस-पास के पूरे क्षेत्रों में लोग भूख से मरने लग गए थे। आसपास के सभी शहरों में भुखमरी छा गई थी।

सभी तरह के फैसले और खाद्य पदार्थ नष्ट हो गए थे। अनेक तरह के जीव जंतु मौत की चपेट में आ गए थे। इसलिए यहां से लोगों ने पलायन करना शुरू कर दिया था।

जब लोग पलायन कर रहे थे तो उन्हें अपने साथ जो सामान ले जाने के लिए काफी तकलीफ हो रही थी। क्योंकि उस समय सामान ले जाने के लिए कोई भी यातायात का साधन उपलब्ध नहीं था। उसी समय साइकिल का आविष्कार किया गया।

उस समय जो साइकिल बनाई गई थी, उस साइकिल का वजन 23 किलो था और एक लकड़ी की साइकिल थी।

आपको बता दें कि दुनिया की पहली बनाई गई साइकिल केवल भार उठाने के लिए थी। उसे धक्का देकर चला जाता था। क्योंकि उसमें किसी भी तरह का कोई भी पैडर या चैन इत्यादि कुछ भी नहीं था।

लोगों को यह साइकिल काफी ज्यादा पसंद आने लगी। लोगों की इसी रूचि को देखते हुए दुनिया की पहली साइकिल बनाने वाले Karl Von Drais ने अपनी इस खोज को दुनिया के सामने रखा, जिसके बाद दुनिया भर के लोगों ने इस में तरह तरह का बदलाव करना शुरू किया।

दुनिया की पहली साईकिल को धक्का देकर चलाया जाता था। उसे ऊपर बैठकर चलाने की कोई सुविधा नहीं थी और ना ही उसके ऊपर चैन या पेंडल लगे हुए थे।

लेकिन जैसा आप आज के समय में देख सकते हैं कि साइकिल को चलाने के लिए उसके ऊपर बैठते हैं और पैडल से चलाते हैं। पैडल से चैन लगी हुई होती है। इससे साईकिल चलती है।

इसे रोकने के लिए ब्रेक लगा हुआ होता है और इधर-उधर घुमाने के लिए हैडल भी लगा हुआ है।

लेकिन दुनिया की पहली साइकिल में ऐसी कोई भी सुविधा नहीं थी। उसे केवल पकड़ने के लिए हैंडल था और लकड़ी के दो पहिए थे। इसके अलावा उसके ऊपर भार लादने के लिए जगह बनाई गई थी।

इस साइकिल का दृश्य दुनिया के सामने आने के बाद दुनिया में पहली बार पैडल से चलने वाली साइकिल का आविष्कार सन 1865 में फ्रांस के एक मैकेनिक ने किया था। जिसका नाम Pierre Lallement था।

इन्होंने सबसे पहले साइकिल में पेंडल साइकिल के पहियों पर ही लगाया था, जिसके बाद धीरे-धीरे सुधार किया गया।

आज के समय में हमें आरामदायक साइकिल चलाने की गति में साइकिल के बीच में पेंडल दिखाई देते हैं, जो पहियों को चैन की मदद से जोड़ते हैं। इस तरह से आज के समय में साइकिल चलती है।

साइकिल के प्रकार

दुनिया में बदलने वाली सबसे पहली साईकिल से आज के समय में बनने वाली साइकिल में पूरी तरह से अलग हो चुकी है।

आज के समय में नई-नई तकनीकी से अनेक तरह की साइकिल बनाई जा रही है। जिसमें अलग-अलग के कार्यों के लिए भी अलग-अलग साइकिल का निर्माण किया गया है।

वर्तमान समय में मुख्य तौर पर तीन तरह की साइकिल देखने को मिलती है, जिसमें फीचर्स और लुक अलग-अलग है। लेकिन एमटीवी, हाइब्रिड एवं रोड साइकल यह तीन मुख्य रूप से प्रचलित है। तो आइए इनके बारे में भी जानकारी प्राप्त कर लेते हैं।

Hybrid Cycle

यह नई तकनीकी से बनी हुई एक ऐसी साइकिल है, जो चलाने में काफी रोमांचक लगती है।

यह साइकिल अत्यंत महंगी है। इसकी कीमत ₹10000 से ₹20000 रखी गई है।

लेकिन इस साइकिल को चलाते समय आपको ऐसा एहसास नहीं होगा कि आप साइकिल चला रहे हैं। बल्कि आनंद की अनुभूति होती है। इस साईकल को आप किसी भी तरह की सड़क पर चला सकते हैं।

MTB Cycle

इन साइकिल को आमतौर पर विदेशों में देखा जाता है। लेकिन अब यह भारत में भी उपलब्ध हो चुकी हैं। इस साइकिल के टायर काफी ज्यादा बड़े होते हैं, जो चलने में आसान लगते हैं।

आमतौर पर रेत या कच्चे मार्ग पर इस साइकिल को चलाने से आसानी होती है। इस साइकल को ब्रेक लगाने पर भी हाथों हाथ रुक जाती है।

यह साइकिल आमतौर पर ₹10000 से ₹15000 के बीच में मिलती है। यह एक कीमती साइकल है। आमतौर पर इसे अमीर लोग सुबह शाम शौंक से चलाने के लिए खरीदते हैं।

Road Cycle

यह एक अत्यंत महंगी साइकिल है। इस साइकिल की कीमत ₹25000 से लेकर ₹40000 तक होती है।

इस साइकिल को केवल बेहतरीन सड़कों पर ही चलाया जा सकता है। क्योंकि उबड़ खाबड़ वाली सड़कों पर चलाने के लिए इसमें पर्याप्त उपकरण एवं फीचर का इस्तेमाल नहीं किया गया है।

इस साइकिल को अमीर लोग अपने घर के आस-पास ही चलाने के लिए लेते हैं।

वर्तमान समय की साइकिल

आज के समय में हमें अनेक तरह की साईकिल देखने को मिलती है। यहां तक कि आज के समय में हम इलेक्ट्रॉनिक साइकिल भी खरीद सकते हैं क्योंकि मार्केट में इलेक्ट्रॉनिक साइकिल उपलब्ध है।

इसके अलावा तरह-तरह की साइकिल मार्केट में देखने को मिल जाती है। आज के समय में साइकिल बनाने वाली कंपनी अपनी तरफ से कुछ पिक्चर्स लगाती है।

तरह-तरह के अविष्कार करके देखती है और उसे लॉन्च कर देती है, जो साइकल लोगों को ज्यादा पसंद आती है। उसी पर काम करना शुरू हो जाते हैं।

आज के समय में एक सामान्य साइकिल दुनिया की पहली साइकिल से काफी ज्यादा अलग है। आज के समय की सामान्य साइकिल में आसानी से घुमाने के लिए हैंडल है‌ साइकिल को रोकने के लिए ब्रेक है।

इसके अलावा लोहे और स्टील से साइकिल का निर्माण किया गया है। जबकि उसके टायर रबड़ के हैं और रबड़ का ट्यूब है, जिसमें हवा भरी जाती है ताकि साइकल आसानी से चलाएं। साइकिल चलाने वाले व्यक्ति को ज्यादा दबाव ना लगाना पड़े।

आज के समय की साइकिल में अनेक तरह के बदलाव किए गए हैं, जिसमें मुलायम दार सीट व्यक्ति के बैठने के लिए है। जबकि पीछे कुछ सामान रखने के लिए या दूसरे व्यक्ति के बैठने के लिए भी स्टैंड की व्यवस्था की गई है।

साइकिल को खूबसूरत दिखने के लिए तरह-तरह का कलर किया जाता है। तरह-तरह से साइकिल को सजाया जाता है।

वर्तमान समय में दिखने वाली साइकिल कलर कॉमिनेशन और लुक के नजरिए से अत्यंत खूबसूरत लगती है। आज के समय में रेंजर साइकिल का काफी ज्यादा क्रेज देखने को मिलता है।

विदेशी कंपनियों द्वारा रेंजर साइकिल का निर्माण किया जाता है। यह साइकिल देसी साइकिल के मुकाबले आकार में छोटी होती है। जबकि बड़े टायर और देखने में काफी ज्यादा खूबसूरत होती है। एन साईकिल का वर्तमान समय में काफी ज्यादा क्रेज देखने को मिलता है।

बदलते समय और बदलती तकनीकी के आधार पर आज के समय में इलेक्ट्रॉनिक साइकिल देखने को मिलती है। इन साइकिल पर चार्ज करने की सुविधा है।

इलेक्ट्रॉनिक साइकिल बैटरी पर चलती है। इस बैटरी को चार्ज किया जा सकता है, जिसके बाद निश्चित समय के लिए यह दूरी तय करती है।

इसके अलावा वर्तमान समय में गियर वाली साइकिल भी देखने को मिल जाती है। इसमें आप साइकिल चलाते समय तरह-तरह के गियर लगा सकते हैं। गियर बदल सकते हैं।

इसके अलावा छोटे टायर की बड़े टायर वाली, रेसिंग साइकिल और तरह-तरह की साइकिलें देखने को मिलते हैं।

FAQ

सबसे पहले साइकिल का आविष्कार कब किया गया था?

सन 1785 में सबसे पहले साइकिल का आविष्कार किया गया था।

साइकिल का आविष्कार किसने किया था?

दुनिया में सबसे पहले Karl Von Drais ने साइकिल का आविष्कार किया था।

पैडल वाली साइकिल का आविष्कार कब किया गया?

पैडल वाली साइकिल का आविष्कार सबसे पहले सन 1865 में किया गया था।

पैडल वाली साइकिल का आविष्कार किसने किया था?

Pierre Lallement ने पैडल वाली साइकिल का आविष्कार किया था।

निष्कर्ष

साइकिल का आविष्कार किसने किया और कब हुआ बताने के साथ ही साइकिल के इतिहास के बारे में विस्तार से बताया है।

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Rahul Singh Tanwar
Rahul Singh Tanwar
राहुल सिंह तंवर पिछले 7 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे हैं। इनको SEO और ब्लॉगिंग का अच्छा अनुभव है। इन्होने एंटरटेनमेंट, जीवनी, शिक्षा, टुटोरिअल, टेक्नोलॉजी, ऑनलाइन अर्निंग, ट्रेवलिंग, निबंध, करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान जैसे विविध विषयों पर कई बेहतरीन लेख लिखे हैं। इनके लेख बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं।

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