टेलीफोन का आविष्कार किसने और कब किया?

आज हम से दूर बैठे किसी भी व्यक्ति का आवाज सुनना बहुत ही आसान है, जहां आज से कुछ साल पहले लोग खत लिखा करते थे और जवाब आने का इंतजार करते थे। वह जमाना महान वैज्ञानिक के द्वारा खत्म कर दिया गया। जरूरत ही आविष्कार की जननी है यह हम सब जानते हैं।

खबर पहुंचने की देरी एक बहुत बड़ी जरूरत बनी। टेलीफोन के आविष्कार कि आज इसी के बारे में विस्तार पूर्वक चर्चा करते हुए हम आपको सरल शब्दों में बताएंगे कि टेलीफोन का आविष्कार किसने किया? और टेलीफोन का सफर भारत में कैसा रहा?

telephone ka avishkar kisne kiya

टेलीफोन आज से कई साल पहले अविष्कार किया गया। आज उसका विकसित रूप मोबाइल फोन इस्तेमाल किया जा रहा है मगर इसकी नींव किसने रखी? किसने आधुनिकता की दौड़ में हमें एक मोबाइल पकड़ाया? कैसे हमारा जीवन आसान हुआ? यह सब हम जानेंगे और पता करेंगे की टेलीफोन का आविष्कार किसने किया।

टेलीफोन का आविष्कार किसने और कब किया?

टेलीफोन क्या है?

आज टेलीफोन को हम स्मार्टफोन के रूप में जानते हैं, मगर इस स्मार्टफोन की शुरुआत एक बहुत बड़े टेलीफोन से हुई थी जिसकी नींव सबसे पहले एलेग्जेंडर ग्राहम बेल ने रखी थी। टेलीफोन एक क्रांतिकारी यंत्र बना जिसने लोगों को आपस में जोड़ना शुरु किया।

आप इतिहास देखेंगे तो पाएंगे कि जिस यंत्र ने लोगों को एक दूसरे के साथ जुड़ा है, वह यंत्र या प्लेटफार्म दुनिया में एक बहुत बड़ी क्रांति का कारण बना है, चाहे बात फेसबुक की हो या टेलीफोन की।

टेलीफोन को परिभाषित करते हुए हम यह कह सकते हैं कि यह दूरभाष है अर्थात दूर तक अपनी भाषा में बात करने वाला यंत्र। सालों पहले भारत में दूरभाष यंत्र के नाम से यह यंत्र में प्रचलित हुआ था। धीरे धीरे बहुत सारे वैज्ञानिक सामने आए, जिन्होंने इस बड़े से टेलीफोन को छोटा किया और हल्का किया। फिर धीरे-धीरे उसमें इंटरनेट जोड़ा गया और आज हमारे बीच स्मार्ट फोन आया है।

टेलीफोन का आविष्कार किसने किया?

टेलीफोन का आविष्कार एलेग्जेंडर ग्राहम बेल (Alexander Graham Bell) नाम के प्रसिद्ध वैज्ञानिक ने 2 जून 1875 को किया। ग्राहम बेल एक पढ़े लिखे व्यक्ति थे। मगर वह बहुत अमीर नहीं थे उनके मन में हमेशा यह जिज्ञासा रहती थी कि वह दूर बैठे किसी व्यक्ति से बात कर पाएं।

अलेक्जेंडर ने इस यंत्र को बनाने के लिए अपने मित्र टर्म्स वाटसन की मदद ली थी और जब यह बन गया तो सबसे पहले उन्होंने अपनी पत्नी और अपने मित्र टॉम को फोन किया और कहा कि, ‘मेरे पास आओ’। यह जानकारी उनके कमरे तक पहुंच गई यह पहला एक्सपेरिमेंट था जिसने साबित किया कि अलेक्जेंडर का यंत्र सही तरीके से काम कर रहा है।

जब अलेक्जेंडर ने सबके सामने फोन पर बात करके दिखाया तो उन्होंने सबसे पहले “हेलो” शब्द कहा था क्योंकि वह इस शब्द से अपनी पत्नी को संबोधित करते थे। उनका यह शब्द सुनकर फोन उठाते ही “हेलो” बोलने की एक प्रथा चलने लगी। हालांकि यह एक अफवाह हो सकती है। मगर सच तो यह है कि महज 5 साल में टेलीफोन ना केवल अपने देश बल्कि विश्वभर में प्रचलित हो गया। 1880 में 50,000 टेलीफोन बनाने का ऑर्डर एलेग्जेंडर ग्राहम बेल को मिला, जिसने उनकी किस्मत बदलती है और वह अपने देश के जाने-माने रईस इंसान बन गए।

आपको बता दें कि ग्राहम बेल ने केवल फोन का आविष्कार नहीं किया। उन्होंने डोर बेल, मेटल डिटेक्टर जैसे आज के समय में इस्तेमाल होने वाली चीजों का भी अविष्कार किया था। मगर सबसे ज्यादा प्रचलित वह अपने टेलीफोन के आविष्कार के वजह से हुए।

कई सालों तक ग्राहम बेल की पत्नी उनसे बहुत दूर रही थी। वह बताते हैं कि यही कारण था वह ध्वनि विज्ञान में रुचि लेते थे और अक्सर यह सोचा करते थे कि वह अपने घर बैठे अपनी पत्नी से एक बार बात कर लेते और इसी जिज्ञासा ने टेलीफोन का आविष्कार करवा दिया।

टेलीफोन का इतिहास

टेलीफोन को सबसे पहले अलेक्जेंडर ग्राहम बेल ने बनाया मगर वह एक छोटा सा नमूना था। इसके बाद एक से एक वैज्ञानिक सामने आएं, जिन्होंने टेलीफोन में बहुत सारे बदलाव किए। धीरे-धीरे टेलीफोन को छोटा बनाया गया, हल्का बनाया गया और आज टेलीफोन को इंटरनेट से जुड़ कर हमारे पास एक स्मार्टफोन आ चुका है। जो हर किसी के हाथ में है और इसने आधुनिकता की दौड़ में इंसानी सभ्यता को बहुत आगे पहुंचा दिया है।

एलेग्जेंडर ग्राहम बेल के अलावा Antonio Meucci और Amos Dolbear ऐसे नाम है, जिनका टेलीफोन अविष्कार में बहुत बड़ा योगदान रहा है। अगर हम टेलीफोन के इतिहास को करीब से जानने का प्रयास करें तो पाएंगे कि एलेग्जेंडर ग्राहम बेल के जीवन में बहुत परेशानियां थी।

जब उन्होंने सबसे पहले टेलीफोन का आविष्कार किया, तो आम लोगों ने इस पर ज्यादा ध्यान ही नहीं दिया। उन्हें लगा कि बड़ी-बड़ी कंपनियां इस पर ध्यान दे सकती है इसलिए उन्होंने टेलीग्राफ कंपनियों के साथ कांटेक्ट किया और अलग-अलग जगह पर अपने आविष्कार की प्रदर्शनी लगाने लगे।

वाटसन कॉलेज में सबसे पहली प्रदर्शनी उन्होंने लगाई थी मगर किसी भी टेलीग्राफ कंपनी ने इस आविष्कार को बाजार में उतारने की चेष्टा नहीं की हर कंपनी को लगता था कि कोई भी साधारण व्यक्ति इतने बड़े से टेलीफोन को केवल बात करने के लिए नहीं लेगा और इसे बनाने में खर्च भी काफी ज्यादा आता है।

पहले टेलीफोन के माध्यम से आप 13 किलोमीटर दूर तक अपनी आवाज पहुंचा सकते थे। अलेक्जेंडर को लगा कि शायद यह दूरी कम है। इस वजह से कोई इसे खरीदना नहीं चाहता। उन्होंने 1 साल कड़ी मेहनत करके इस यंत्र को ऐसे तैयार किया कि टेलीफोन के इस्तेमाल से 230 किलोमीटर दूर तक आप अपनी आवाज पहुंचा सकते थे। मगर उसके बाद टेलीग्राफ कंपनियों को लगा कि इस आविष्कार से उनकी कंपनी खत्म हो जाएगी, जिस वजह से वे इस आविष्कार को बाजार में आने से रोकने लगे।

अलेक्जेंडर अमेरिका के अलग-अलग जगहों पर अपना अविष्कार दिखाते रहे। कई परिश्रम के बाद अमेरिका के सरकार ने उन्हें 50,000 टेलीफोन का आर्डर दिया था कि अमेरिका के सरकारी कार्यालय को एक साथ जोड़ने के लिए टेलीफोन का इस्तेमाल किया जा सके। सरकार के इस बड़े कदम ने एलेग्जेंडर की किस्मत बदल दी और बहुत सारे अमीर लोग टेलीफोन को खरीदने रखें ताकि वे घर बैठे किसी से बात कर सके धीरे-धीरे अलेक्जेंडर ग्राहम बेल एक जाने-माने रईस बन गए।

निष्कर्ष

ऊपर बताई गई जानकारी को पढ़ने के बाद अगर आप यह समझ पाएं हैं कि टेलीफोन का आविष्कार किसने किया? टेलीफोन कैसे बना? और टेलीफोन किस तरह हमारे सामने आया?, इसका इतिहास कैसा है?, अलेक्जेंडर ने कितनी मेहनत की और उसके बाद उन्हें क्या मिला है? इन सब के बारे में हमने सरल शब्दों में आपके समक्ष एक ऐतिहासिक दर्पण रखने की कोशिश की है।

अगर इसे पढ़ने के बाद आप टेलीफोन को एक नए नजरिए से देख पाएं हैं। इसके आविष्कार और इसके पीछे की मेहनत को समझ पाएं हैं, तो इसे अपने मित्रों के साथ साझा करें। टेलीफोन के आविष्कार के बारे में हर किसी को जानकारी दें। अगर इससे जुड़ा किसी भी प्रकार का प्रश्न आपके मन में है, तो उसे कमेंट कर के पूछना ना भूलें।

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