वद् धातु रूप पांचो लकार में
यहां पर वद् धातु रूप पांचो लकार में (Vad Dhatu Roop) विस्तार से जानेंगे। वद् धातु भ्वादिगणीय धातु रूप है। जिसका का हिन्दी मतलब बोलना होता है। अतः वद् धातु के धातु रूप इसी प्रकार बनाते है। यहाँ निम्नलिखित वद्
यहां पर वद् धातु रूप पांचो लकार में (Vad Dhatu Roop) विस्तार से जानेंगे। वद् धातु भ्वादिगणीय धातु रूप है। जिसका का हिन्दी मतलब बोलना होता है। अतः वद् धातु के धातु रूप इसी प्रकार बनाते है। यहाँ निम्नलिखित वद्
यहां क्रीड धातु रूप पांचो लकार (Krid Dhatu Roop) के बारे में विस्तार से जानेंगे। क्रीड् धातु भ्वादिगणीय धातु रूप है। जिसका का हिन्दी मतलब खेलना होता है। अतः क्रीड् धातु के धातु रूप इसी प्रकार बनाते है। यहाँ निम्नलिखित
यहां लिख धातु के पांचो लकार (Likh Dhatu Roop) के बारे में विस्तार से जानेंगे। लिख् धातु भ्वादिगणीय धातु रूप है, जिसका का हिन्दी मतलब लिखना होता है। अतः लिख् धातु के धातु रूप इसी प्रकार बनाते है। यहाँ निम्नलिखित
यहां गच्छ धातु रूप सभी लकार (gach dhatu roop) के बारे में विस्तार से जानेंगे। गम् धातु एक संस्कृत धातु रूप है, जिसे “जाना” शब्द से जाना जाता है। इसे अंग्रेजी में “टू गो ” के नाम से इस्तेमाल किया
यहां भू धातु रूप सभी लकार में (Bhu Dhatu Roop) विस्तार से जानेंगे। भू धातु भ्वादिगणीय धातु रूप है। जिसका का हिन्दी मतलब होना होता है। अतः भू धातु के धातु रूप इसी प्रकार बनाते है। यहाँ निम्नलिखित भू धातु
यहां पर हस धातु रूप पांचो लकार में (Has Dhatu Roop) के बारे में विस्तार से जानेंगे। हस् धातु भ्वादिगण धातु रूप है, जिसका का हिन्दी मतलब हँसना होता है। अतः हस् धातु के धातु रूप इसी प्रकार बनाते है।
यहां अस् धातु रूप पांचों लकारों में (as dhatu roop) विस्तार से जानेंगे। अस् धातु संस्कृत व्याकरण का एक अदादिगणीय धातु शब्द होता हैं। इसी प्रकार अस् धातु के जैसे ही अस् धातु के सभी अदादिगणीय धातु के धातु रूप
यहां पर कृ धातु रूप सभी लकार (kri dhatu roop) के बारे में जानेंगे। कृ धातु उभयलिंगी तानादिगण धातु के लिए शब्द है। इसलिए कृ धातु के धातु रूप की तरह, कृ जैसे सभी उभयपदी तानादिगण जड़ (धातु रूप) का
यहां पर पठ् धातु के पांचो लकार विस्तार से बता रहे हैं। धातु रूप संस्कृत में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। पठ् धातु शब्द भवदिगण्य धातु है। अत: पठ् धातु के धातु रूप की भाँति पथ जैसी समस्त भवदिगणी धातुओं के
Dhatu Roop in Sanskrit: संस्कृत भाषा में धातु मूल तत्व होता है। यह संस्कृत भाषा का पिलर होता है, जो कार्य की वास्तविक स्थिति को व्यक्त करने के लिए वर्तमान, भूत या भविष्य काल में प्रयोग किया जाता है। संस्कृत