Blood group kitne prakar ka hota hai :हम इस ब्लॉग के माध्यम से यह जानेंगे कि ब्लड ग्रुप कितने प्रकार के होते हैं? आप इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ कर उचित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
मानव शरीर में रक्त का बहुत बड़ा महत्व होता है। जिस प्रकार हमारे शरीर में 70 प्रतिशत जल है उसी प्रकार हमारे शरीर में रक्त का भी विशेष स्थान है। रक्त एक तरल पदार्थ होता है। ब्लड ग्रुप की खोज 1900 में कार्ल लैडस्टीनर ने की थी और 1930 में इसे नोबेल पुरस्कार भी प्राप्त हुआ है।
प्राचीन समय में यह धारणा बन गयी थी कि मनुष्य के शरीर में दो तरह का रक्त होता है या तो वह शुद्ध रक्त या गंदा रक्त पर कार्ल लैड स्टीनर ने इसे बिल्कुल गलत साबित कर दिया।
इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको बताएँगे की ब्लड ग्रुप क्या होता है और कितने प्रकार के होते हैं और हमें ब्लड ग्रुप जाने की जरुरत क्यों पड़ती है?तो आपसे निवेदन है की इस आर्टिकल के अंत तक बने रहे।
ब्लड ग्रुप क्या होता है और कितने प्रकार के होते हैं? | Blood group kitne prakar ka hota hai
ब्लड ग्रुप जानने की जरुरत क्यों पड़ती है?
कभी ऐसा हो जाता है हम जो खाते हैं वो हमारे शरीर में नही लगता है, जिससे खून की मात्रा भी कम होती है। इससे रक्त की पूर्ति के लिए हमे दूसरे व्यक्ति के रक्त का सहारा लेना पड़ता है। आपकी बॉडी में वही व्यक्ति का रक्त संचालित किया जाएगा जोकि उसका ब्लड ग्रुप और आपका एक जैसा हो।
ब्लड के द्वारा ही हमारी सभी क्रियाएं संचालित रहती हैं। यदि किसी व्यक्ति के साथ कोई दुर्घटना होती है और उसका रक्त अधिक मात्रा में बह जाता है, तो उसे ब्लड की जरूरत होती है। यदि उसे अपने ब्लड ग्रुप की जानकारी होती है तो, उसे सही समय रहते उपलब्ध कराया जाता है जिससे उसकी जान बचायी जा सकती है।
अनीमिया एक ऐसी बीमारी है जिसके कारण रक्त की कमी हो जाती है। यदि अधिक मात्रा में रक्त की कमी हो गई तो व्यक्ति की हालत अधिक नाज़ुक हो जाती है। रक्त की पूर्ति के लिए हम किसी व्यक्ति का रक्त ले सकते और उचित खानपान कर सकते हैं जिससे रक्त की आपूर्ति होती है।
इसी के साथ आपको बताते चले कि रक्त तभी उपलब्ध होगा, जब हमें अपना ब्लड ग्रुप पता होगा। जो हमे रक्त देता है, उसे रक्तदाता कहा जाता है। हिंदुस्तान में यह कहा जाता है रक्तदान महादान होता है और हर व्यक्ति को रक्त दान जरूर करना चाहिए ।
Blood Group के प्रकार
जैसा कि आप सभी जानते हैं रक्त मुख्यतः चार प्रकार के होते हैं। यह चार रक्त के समूह या तो नेगेटिव होते हैं या तो पॉजिटिव होते हैं। आपके माता पिता के जेनेटिक्स के आधार पर आपका रक्त निर्धारित होता है तो सामान्यता हम यह कह सकते हैं कि रक्त आठ प्रकार के होते हैं।
- A Rhd Positive (A+)
- A Rhd Negative (A-)
- B Rhd Positive (B+)
- B Rhd Negative (B-)
- AB Rhd Positive (AB+)
- AB Rhd Negative (AB-)
- Rhd Positive (O+)
- Rhd Negative (O-)
A Positive
आपका रक्त समूह A+ है, तो आप आसानी से अपने रक्त का आदान प्रदान कर सकते हैं क्योंकि आपकी कोशिकाओं में A एंटीजन व प्लाज़्मा में B एंटीबाडी पहले से ही उपस्थित रहती हैं और साथ ही साथ इस रक्त समूह वाले लोगों में A positive, A Negative और O Positive, O Negative आपस में आसानी से रक्त ले दे सकते हैं।
A Negative
A Negative वाले रक्त समूह के व्यक्ति में कोशिकाओं में एंटीजन व प्लाज्मा में एंटीबाडी उपस्थित होती है। इस समूह वाले लोगों में A Negative वाला व्यक्ति A Positive, A Negative, AB Positive, AB Negative को आसानी से रक्त दे सकते हैं।
B Positive
B Positive वाले जो व्यक्ति होते हैं उनकी रेड सेल्स पर बी एंटीजन और प्लाज्मा में A एंटीबाडी पायी जाती है। जो व्यक्ति का रक्त समूह बी पॉजिटिव होता है वो केवल बी पॉजिटिव और AB पॉजिटिव वाले ही व्यक्ति को रक्त प्रदान कर सकता है। साथ ही साथ B positive, B Negative, O positive, O Negative वाले व्यक्ति से रक्त का आदान प्रदान कर सकता है।
B Negative
B Negative वाले व्यक्तियों के रक्त समूह की बात करे तो बी नेगेटिव रक्त वाला व्यक्ति बी नेगेटिव ओ नेगेटिव रक्त समूह वाले रक्त ले सकता है और दान केवल AB+, AB-, B+, B- को कर सकता है और साथ ही साथ बताते चले तो कोशिकाओं पर ए एंटीजन और प्लाज़्मा में ए एंटीबाडी उपस्थित होती है ।
AB Positive
AB Positive रक्त समूह वाले व्यक्तियों की बात करे तो इसमें सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इनकी प्लाज़्मा में कोई भी एंटीबाडी नही उपस्थित होती है पर कोशिकाओं में रेड सेल्स पर A एंटीजन पाया जाता है। ये रक्त समूह वाला व्यक्ति किसी से भी रक्त ले सकता है पर दान केवल AB+ को ही कर सकता है।
AB Negative
AB Negative की बात की जाये तो इसमें प्लाज़्मा में जीरो एंटीबाडी नही पायी जाती है और महत्वपूर्ण बात यह है कि लाल रक्त की कोशिकाओं में बी एंटीजन उपस्थित होता है। AB नेगेटिव वाला व्यक्ति जो होता है, AB नेगेटिव, A नेगेटिव, Bनेगेटिव, Oनेगेटिव इन blood group से blood ले तो सकता है लेकिन यह व्यक्ति सिर्फ ए बी पॉजिटिव, ए बी नेगेटिव को ही रक्त दे सकता है ।
O Positive
O Positive Blood Group बहुत रेयर मिलता है। इसमें महत्वपूर्ण बात यह है कि इसमें प्लाज़्मा में ए व बी दोनों ऐंटीबॉडी उपस्थित होती है पर रेड सेल्स कोशिकाओं में जीरो एंटीजन पाया जाता है। ये रक्त समूह वाले लोग ओ पॉजिटिव ओ नेगेटिव रक्त समूह वाले व्यक्तियों से रक्त ले सकते हैं पर दान ओ पॉजिटिव ए पॉजिटिव बी पॉजिटिव ए बी पॉजिटिव से कर सकते हैं।
O Negative
O Negative ब्लड ग्रुप वाले व्यक्ति के रेड सेल्स में ए व बी दोनों तरह का एंटीजन जीरो होता है। पर विशेष बात यह है कि प्लाज़्मा में भी दोनों तरह की एंटीबॉडी नही उपस्थित होती है। O नेगेटिव वाले व्यक्ति O नेगेटिव वाले व्यक्ति का रक्त ले सकते हैं पर दान यह किसी भी रक्त समूह वाले व्यक्ति को कर सकते हैं ।
निष्कर्ष
हमने आपको इस आर्टिकल में ब्लड ग्रुप क्या होता है और कितने प्रकार के होते हैं?( Blood group kitne prakar ke hote hai) के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी है। हमें उम्मीद है कि हमारे द्वारा दी गई यह जानकारी आप लोगों के लिए काफी ज्यादा उपयोगी साबित हुई होगी। इसे आगे शेयर जरूर करें। यदि आपका इससे जुड़ा कोई सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
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