देश के सुरक्षा विभाग के मुख्य बिपिन रावत जिन्होंने देश की सेवा में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और 8 दिसंबर 2021 को बिपिन रावत का हेलीकॉप्टर क्रैश होने की वजह से निधन हो गया था।
हेलीकॉप्टर में विपिन रावत की पत्नी समेत कई और अधिकारी भी सफर कर रहे थे। आज के इस आर्टिकल में हम आपको बिपिन रावत बायोग्राफी इन हिंदी के बारे में संपूर्ण जानकारी देने वाले हैं।
जनरल बिपिन रावत का जीवन परिचय (जन्म, परिवार, शिक्षा, करियर, पुरस्कार, मृत्यु)
बिपिन रावत की जीवनी एक नज़र में
नाम | बिपिन रावत |
जन्म और जन्मस्थान | 16 मार्च 1958, पौड़ी, गढ़वाल (उत्तराखंड) |
माता-पिता का नाम | जनरल लक्ष्मण सिंह रावत (पिता) |
पत्नी का नाम | मधुलिका रावत |
बच्चे | 2 बेटियां |
जाति | राजपूत |
धर्म | हिन्दू |
पद | भारत के प्रथम CDS |
निधन | 8 दिसंबर 2021 |
बिपिन रावत कौन है?
बिपिन रावत भारत के थल सेना के चीफ थे और उन्होंने तीनों सेना का प्रमुख अर्थात चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बना दिया गया था। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का काम थल सेना, वायु सेना और जल सेना तीनों के बीच समझौता और तालमेल बैठाना होता है। बिपिन रावत अपने इस काम को बड़ी ही लगन और मेहनत के साथ पूरा कर रहे थे।
बिपिन रावत जो भारत के रक्षा प्रमुख रह चुके हैं। बिपिन रावत भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ थे। उन्होंने यह पद 31 दिसंबर 2019 को संभाला था। 16 दिसंबर 1978 को बिपिन रावत को 11 गोरखा राइफल की पांचवी बटालियन में कमीशन मिला था। उन्होंने 2016 में देश के 27 वें थलसेना प्रमुख के रूप में पद संभाला था।
बिपिन रावत जिनको कई प्रकार के पुरस्कार से भी नवाजा गया। परम विशिष्ट सेवा मंडल और उत्तम युद्ध सेवा मेडल के सहित और भी कई सम्मान बिपिन रावत जी को दिए गए थे।
बिपिन रावत का जन्म
बिपिन रावत का जन्म 16 मार्च 1958 को पौड़ी, गढ़वाल (उत्तराखंड) में हुआ है। बिपिन रावत के पिता का नाम जनरल लक्ष्मण सिंह रावत था। विपिन रावत के पिता जनरल लक्ष्मण सिंह रावत भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट जनरल रह चुके थे। बिपिन रावत की पढ़ाई देहरादून और शिमला में पूरी हुई थी।
बिपिन रावत का शुरुआती जीवन और इन्हें प्राप्त शिक्षा
बिपिन रावत की शुरुआती पढ़ाई पूरी होने के पश्चात बिपिन रावत इंडियन मिलिट्री एकेडमी देहरादून चले गए थे। वहां पर बिपिन रावत को स्वोर्ड आफ ऑनर का सम्मान मिला।
इस सम्मान के पश्चात उच्च डिफेंस की पढ़ाई के लिए बिपिन रावत अमेरिका गए थे। बिपिन रावत पुच्ची फैंस सर्विस स्टाफ कॉलेज से ग्रेजुएशन प्राप्त करके अपने कमांड नॉलेज को बढ़ाने के लिए हायर कमांड कोर्ट की डिग्री हासिल की।
अमेरिका से पढ़ाई करने के पश्चात 16 दिसंबर 1978 को सेना के ऐतिहासिक 11 गोरखा राइफल में विपिन रावत को शामिल किया गया। सबसे पहली पोस्टिंग बिपिन रावत की मिजोरम में हुई थी। उन्होंने यहां पर बटालियन का नेतृत्व प्रारंभ किया था।
बिपिन रावत का करियर और उनके द्वारा किए गए कार्य
पोस्टिंग के पश्चात बिपिन रावत का कार्य सर्वश्रेष्ठ रहा और इस दौरान उनकी बटालियन को उत्तर पूर्व की सर्वश्रेष्ठ बटालियन के रूप में चुना गया। इस बटालियन में रहते हुए उन्होंने डिफेंस और आक्रमक नीतियां को सुचारु रुप से बनाया था। बिपिन रावत को डिफेंस और आक्रमक नीतियां बनाने का बेहतरीन अनुभव यही से उन्हें मिला था।
बिपिन रावत ने आर्मी में काम करते हुए बटालियन के लिए भी काम किया और जगह-जगह पर सुरक्षा नीति और युद्ध नीति का अनुभव हासिल किया। बिपिन रावत ने कश्मीर घाटी में कई ऑपरेशन को सफलतापूर्वक पूरा किया था। यहां से उनको कश्मीर के सुरक्षा ढांचा को समझने का भी मौका मिला।
इसके अलावा भी बिपिन रावत जिन्होंने आर्मी में कई अलग-अलग ऑपरेशन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और अलग-अलग विभागों के लिए भी कार्य किया। सेना प्रमुख के पद पर आने से पहले जनरल बिपिन रावत ने मुख्य रूप से दक्षिणी कमान के कमांडर और थल सेना अध्यक्ष का पदभार भी संभाला था।
इसके अलावा बिपिन रावत को कांगो में मल्टीनेशनल ब्रिगेड की कमान संभालने की जिम्मेदारी सौंपी गई। साथ ही साथ यूएन मिशन में सेक्रेटरी जनरल और फोर्स कमांडर जैसे बड़े पद पर भी पदभार संभालने का मौका मिला था।
बिपिन रावत के द्वारा अपने जीवन में कई ऐसे राष्ट्रीय सुरक्षा पर लेख लिखे गए, जो आज विश्व भर में प्रकाशित किए जा चुके हैं और काफी लोकप्रिय भी है।
बिपिन रावत 31 दिसंबर 2019 को देश के सीडीएस बने थे और उन्होंने 1 जनवरी 2020 को भारतीय रक्षा प्रमुख का पदभार ग्रहण किया था। जब बिपिन रावत ने भारतीय रक्षा प्रमुख का पदभार ग्रहण किया, उनसे पहले इस पद पर दलबीर सिंह सुहाग पदभार संभाल रहे थे।
बिपिन रावत के पुरस्कार
- परम विशिष्ट सेवा पदक
- उत्तम युद्ध सेवा पदक
- अति विशिष्ट सेवा पदक
- युद्ध सेवा पदक
- सेना पदक
- विशिष्ट सेवा पदक
बिपिन रावत के जीवन में आर्मी के प्रति महत्वपूर्ण कार्य
जनरल बिपिन रावत ने अपने जीवन में हर कार्य को बड़े ही बारीकी के साथ संपन्न किया। बिपिन रावत ने आर्मी की नीतियों को सफलतापूर्वक समझा। इसके अलावा बिपिन रावत ने अपने जीवन में आर्मी के लिए नीतियां निर्माण करने का कार्य भी किया।
गोरखा मे रहते हुए उन्होंने आर्मी के कई अलग-अलग डिपार्टमेंट के भीतर अलग-अलग पद जैसे Crops, GOC-C, SOUTHERN COMMAND, IMA DEHRADUN, MILLTERY OPREATIONS DIRECTORET में LOGISTICS STAFF OFFICER पर भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
बिपिन रावत की सैलरी कितनी थी?
बिपिन रावत को उनके कर्तव्य निष्ठा और भारत के प्रति समर्पण के लिए प्रतिमा भारत सरकार के द्वारा उन्हें ₹250000 की सैलरी प्रतिमाह दी जाती थी।
वर्ष 2020 में कोरोना कॉल के तहत हमारे भारत के जवान बिपिन रावत ने अपनी सैलरी के ₹50000 प्रतिमाह प्रधानमंत्री फंड में देने लगे और इसी बीच बिपिन रावत काफी चर्चा में भी रहे।
बिपिन रावत की मृत्यु
बिपिन रावत भारत के प्रति देशभक्ति को बड़े ही प्यार से और पूरे जज्बे के साथ निभा रहे थे और इसी बीच उनका बहुत ही दुखद देहांत हो गया और शहीद हुए। बिपिन रावत आपने कर्तव्य निष्ठा का पालन करते हुए 8 दिसंबर 2021 को दिवंगत हुए।
भारत के रक्षा प्रमुख बिपिन रावत की मृत्यु 8 दिसंबर 2021 को हुई। 63 वर्ष की उम्र में बीपीएल रावत की मृत्यु हवाई दुर्घटना यानी कि हेलीकॉप्टर क्रैश होने की वजह से हुई। इस दुर्घटना में बिपिन रावत की पत्नी और अन्य कई ऑफिसर शामिल थे।
बिपिन रावत की मृत्यु का अफसोस आज हर भारतवासी को है और भारत के सभी लोगों ने शहीद बिपिन रावत की मृत्यु को लेकर अपनी अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
बिपिन रावत से जुड़ी लेटेस्ट न्यूज़
जैसा कि आप सभी लोग जानते हैं, विपिन रावत की मृत्यु एक हेलीकॉप्टर क्रैश हादसे में हुई थी। इस हादसे में विपिन रावत के साथ उनके परिवार के कुछ लोग भी मारे गए थे।
विपिन रावत की मृत्यु के पीछे दुश्मनों की बहुत बड़ी साजिश हो सकती है। ऐसा सूत्रों से पता चला है और इस सूचना के मुताबिक इस केस की इन्वेस्टिगेशन को और भी ज्यादा तेजी से करने का फैसला सुनाया गया है।
यदि विपिन रावत की मृत्यु में दुश्मन देशों का कोई भी हाथ रहता है तो इसका बदला जरूर लिया जाएगा ऐसा सुरक्षा बलों का कहना है और सुरक्षा बल विपिन रावत की मृत्यु का बदला लेने के लिए किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार है और इसके लिए सुरक्षा अधिकारी के द्वारा गाइडलाइन भी बहुत जल्द जारी कर दी जाएगी, जिसके मुताबिक इस केस की इन्वेस्टिगेशन समाप्त होते ही सख्त कदम उठाए जाएंगे।
बिपिन रावत के द्वारा कहे गए सुविचार
- बिपिन रावत का कहना था कि पद कोई भी हो उसे सही तरीके से और कर्तव्य से निभाने के लिए टीम वर्क बहुत ही जरूरी होता है।
- देश की सुरक्षा के लिए कोई भी अकेले कुछ नहीं कर सकता, हमें देश की सुरक्षा करने के लिए सैनिकों के रूप में भागीदारी दिखानी होगी।
- देश का हर एक नागरिक चाहे तो देश के लिए कुछ ना कुछ जरूर कर सकता है।
- यह जरूरी नहीं है कि आप किसी सरकारी पद पर ही रहकर देश का सहयोग करें, आप किसी भी क्षेत्र में हो यदि आप एक सच्चे देशभक्त हैं तो देश की रक्षा कर सकते हैं।
- उन सभी देशभक्तों की बराबरी हम नहीं कर सकते, जो सियाचिन की माइनस टेंपरेचर वाले ठंड में देश की सेवा करते हैं।
FAQ
जनरल बिपिन रावत जी का जन्म 16 मार्च 1958 को हुआ।
इनका जन्म पौड़ी, गढ़वाल, उत्तराखंड में हुआ था।
जनरल बिपिन रावत ने 31 दिसंबर 2019 को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का पदभार संभाला और इस पद के लिए 1 जनवरी 2020 को शपथ ग्रहण की थी।
इन्होंने अपनी उच्च शिक्षा अमेरिका से ग्रहण की थी।
बिपिन रावत के पिता का नाम जनरल लक्ष्मण सिंह रावत था।
जनरल बिपिन रावत के पिता भारतीय रक्षा विभाग में लेफ्टिनेंट जनरल पद पर रह चुके थे।
विपिन रावत की 1979 में पहली पोस्टिंग मिजोरम में हुई थी।
विपिन रावत जाति से राजपूत हैं।
निष्कर्ष
आज के आर्टिकल में हमने बिपिन रावत की जीवनी के बारे में संपूर्ण जानकारी आप तक पहुंचाई है। हमें उम्मीद है कि हमारे द्वारा दी गई यह जानकारी आपको पसंद आई होगी। यदि किसी व्यक्ति को इस आर्टिकल से संबंधित कोई भी सवाल है तो वह हमें कमेंट के माध्यम से बता सकते है।
यह भी पढ़े
सरदार वल्लभ भाई पटेल का जीवन परिचय
डॉ. एसएन सुब्बा राव का जीवन परिचय
आपके बेवसाईट पर दी गई जानकारी बहुत ही महत्व पूर्ण एवं उपयोगी हैं