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अवनी लेखरा का जीवन परिचय

Avani Lekhara Biography in Hindi: वर्तमान समय में हमारे भारत के बहुत से ऐसे खिलाड़ी हुए हैं, जिन्होंने टोक्यो ओलंपिक में प्रसिद्धि हासिल की। अभी हाल ही में टोक्यो ओलंपिक के बाद आयोजित किए गए टोक्यो पैरालंपिक में भी भारत के बहुत से खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया और अपनी खेल प्रतिभा के दम पर मेडल्स जीत रहे हैं।

टोक्यो पैरालंपिक के बाद भारत के बाद के उन सभी विकलांग लोगों को प्रेरणा मिलेगी, जो लोग स्वयं को किसी भी कार्य के योग्य नहीं समझते हैं। आज हमारे सभी लोगों को अपने इस महत्वपूर्ण लेख के माध्यम से ही बताने वाले हैं, टोक्यो पैरालंपिक के महिला भारतीय पैरा राइफल निशानेबाज के बारे में जिन्होंने बड़े से बड़े रिकॉर्ड स्थापित किए।

हमारे इतना कहने के बाद आप समझ गए होंगे कि हम किसकी बात करते हैं, जी हां! सभी लोगों ने बिल्कुल सही अनुमान लगाया। आज हम अपने स्मार्ट के माध्यम से बात कर रहे हैं, भारत की महिला पैरा राइफल निशानेबाज अवनी लेखरा की। भारतीय महिला पैरा निशानेबाज अवनी लेखरा ने वर्तमान समय में टोक्यो ओलंपिक के दौरान महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारत की पहली महिला बनी है।

Avani Lekhara Biography in Hindi
Image: Avani Lekhara Biography in Hindi

आज हम आप सभी लोगों को अपने समर्थक पूर्ण लेख के माध्यम से बताने वाले हैं, भारत की पैरालंपिक चैंपियन अवनी लेखरा के जीवन परिचय के विषय में। यदि आप अवनी लेखरा के विषय में संपूर्ण जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो कृपया आप हमारे द्वारा लिखे गए इस महत्वपूर्ण लेख को अंत तक अवश्य पढ़ें।

अवनी लेखरा का जीवन परिचय | Avani Lekhara Biography in Hindi

अवनी लेखरा के विषय में संक्षिप्त जानकारी

नामअवनी लेखरा
जन्म8 नवंबर 2001
उम्र20 वर्ष
जन्म स्थानजयपुर, राजस्थान
पिताप्रवीण कुमार लेखरा
माताश्वेता जेवरिया
कोचसुभाष राणा, जेपी नौटियाल एवं चंदन सिंह
शिक्षाएलएलबी
वैवाहिक जीवनअविवाहित
इंस्पिरेशनपैरालिंपिक विजेता शूटर अभिनव बिंद्रा
पेशाशूटिंग
Avani Lekhara Biography in Hindi

अवनी लेखरा कौन है?

अवनी लेखरा एक भारतीय पैरा राइफल निशानेबाज है। इन्होंने अभी हाल ही में हो रहे टोक्यो पैरालंपिक पैरा राइफल शूटिंग गेम में गोल्ड मेडल हासिल किया है। इन्होंने महिलाओं के 10 मीटर एयर राइफल शूटिंग रेंज में sh1 की श्रेणी में संपूर्ण विश्व भर में पांचवा रैंक प्राप्त कर चुकी हैं। अवनी लेखरा ने वर्ष 2018 में एशियाई पैरालंपिक शूटिंग गेम्स में R2 की श्रेणी में 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग और R6 मिक्सड मे इन्होंने 50 मीटर राइफल प्रोन में भी हिस्सा लिया इसमें इन्होंने तीसरी रैंक हासिल की।

वर्तमान समय में अवनी लेखरा ने जापान में हो रहे हैं टोक्यो पैरालंपिक खेल में हिस्सा लिया और वह टोक्यो ओलंपिक खेल में महिला पैराशूटिंग में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व कर रही हैं। इन्होंने भारत को गोल्ड मेडल दिलाया इस तरह से यह भारत की तीसरी पैरालंपिक शूटर खिलाड़ी एवं भारत को गोल्ड मेडल दिलाने वाली पहली खिलाड़ी बन गई है।

क्या होता है पैरालंपिक

पैरालंपिक एक ऐसा खेल है, जिसमें संपूर्ण दुनिया भर के योग्य एवं प्रतिभाशाली विकलांग लोग हिस्सा लेते हैं और अपने अलग-अलग खेलों के प्रतिभा का प्रदर्शन करते हैं। यह एक ऐसा आयोजन होता है, जिसमें दुनिया भर के उन लोगों को पार्टिसिपेट करने की इजाजत होती है, जो लोग 40% से 45% तक विकलांग होते हैं।

यह सभी लोग इस पैरालंपिक के खेल में हिस्सा लेते हैं और अपने खेल प्रदर्शन को लोगों के समक्ष प्रस्तुत करते हैं। इनके खेल प्रतिभा और इनके हिम्मत को देखते हुए इन्हें खेल जीतने पर उनके रैंक के हिसाब से उन्हें पुरस्कृत किया जाता है।

पैरालंपिक खेलों का शुरुआत इसलिए किया गया है ताकि संपूर्ण विश्व भर के के वे लोग जो स्वयं को किसी भी कार्य को करने के योग्य न समझते हैं, उन्हें उनके इस सोच को दूर करने के लिए ही पैरालंपिक खेलों को शुरू किया गया है। पैरालंपिक खेल के माध्यम से दुनिया भर के सभी विकलांग लोग स्वयं के खेल प्रतिभा को लोगों के सामने प्रस्तुत करते हैं और अपने जीवन की एक नई श्रेणी शुरू करते हैं। यह लोग ऐसे खेलों की मदद से अपने जीवन के सभी दुख, दर्द भूल जाते हैं।

अवनी लेखरा का जन्म

आई एम जानकारी प्राप्त करते हैं, अवनी लेखरा के जन्म के विषय में। अवनी लेखरा का जन्म भारत के सबसे विशाल राज्य राजस्थान के जयपुर में हुआ था। यह एक एक्सीडेंट के दौरान विकलांग हो गई। इनका जन्म राजस्थान राज्य के जयपुर में 8 नवंबर वर्ष 2001 ईस्वी को हुआ।

यह शुरुआती समय से ही किसी भी कार्य को करने के लिए अधिक होने पर उस कार्य को करके ही दम लेती थी। अवनी शुरुआती समय से ही बहुत मेहनती और प्रतिभाशाली थी। अवनी लेखरा ने अपने इसी जज्बात के वजह से वर्तमान समय में हो रहे टोक्यो पैरालंपिक खेल में भारतीय पैरा शूटिंग खेल में भारत का प्रतिनिधित्व कर रही हैं।

अवनी लेखरा का पारिवारिक संबंध

अवनी लेखरा का पारिवारिक संबंध उनके परिवार के सभी सदस्यों से बहुत ही अच्छा था। इनके माता-पिता ने इनके एक्सीडेंट के बाद इन्हें इनके जीवन में कुछ करने के लिए काफी इंस्पिरेशन से भरी बुक्स पढ़ने के लिए दिया। अवनी लेखरा ने अपने एक्सीडेंट के बाद जीवन के सभी आशाओं को छोड़ दिया था, परंतु इनके पिता ने इनके इस सोच को दूर करने के लिए इन्हें बहुत सी ऐसी पुस्तकें पढ़ने के लिए दी, जिसे पढ़ने के बाद अवनी लेखरा में एक अलग ही जोश उत्पन्न हुआ और इन्होंने पैरालंपिक खेल में अपना करियर बनाने की सोची।

अवनी लेखरा के माता का नाम श्वेता लेखरा है और इनके पिता का नाम प्रवीण लिख रहा है। हालांकि वर्तमान समय में अनिल देवड़ा के माता-पिता के विषय में कोई विशेष जानकारी उपलब्ध नहीं है और ना ही उनके परिवार के किसी अन्य सदस्य के विषय में कोई जानकारी है।

यदि आप इनके परिवार के विषय में सभी जानकारियां प्राप्त करना चाहते हैं, तो कृपया हमारे वेब पेज के नोटिफिकेशन बेल को ऑन कर ले। इससे यह होगा, कि जब हम इस लेख को अपडेट करेंगे, तो आप तक सबसे पहले नोटिफिकेशन चला जाएगा और आप अवनी लेखरा के विषय में संपूर्ण जानकारी प्राप्त कर पाएंगे।

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अवनी लेखारा को प्राप्त शिक्षा

अवनी लेखरा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने जन्मस्थली जयपुर के एक विद्यालय में प्राप्त किया। इनका मन पढ़ाई लिखाई में पहले से ही लगता था। या अपने शुरुआती समय में एक वकील बनना चाहती थी, जिसके लिए इन्होंने स्नातक की डिग्री प्राप्त की और स्नातक की डिग्री के साथ-साथ इन्होंने राजस्थान विश्वविद्यालय से एलएलबी की शिक्षा प्राप्त की।

बाद में इनका एक अकस्मात एक्सीडेंट हुआ, जिसके कारण इनका यह करियर पूरी तरह से समाप्त हो गया और यह स्वयं को कुछ भी करने के योग्य ना समझती थी, परंतु इनके पिता ने इनके साहस को बांधे रखा और इन्हें पैरालंपिक खेल में जाने का सलाह दिया।

अवनी लेखरा की शारीरिक बनावट

अवनी लेखा शारीरिक रूप से फिट एवं काफी सुंदर हैं। अवनी लेखरा की उम्र मात्र 20 वर्ष है। अवनी लेखरा की ऊंचाई लगभग 5 फीट 2 इंच के आसपास है और यदि बात करें इनके वजन की तो इनका वजन लगभग 55 किलोग्राम के आसपास है। इनके बालों एवं आंखों का कलर काला है और इनके शरीर पर किसी भी प्रकार का कोई टैटू नहीं है।

अवनी लेखरा का व्यक्तिगत जीवन

वर्तमान समय में अवनी लेखरा मात्र 20 वर्ष की है। अतः उन्होंने अब तक विवाह नहीं किया है। वर्तमान समय में अवनी लेखरा अविवाहित हैं। वर्तमान समय में आगरा का कोई बॉयफ्रेंड है या नहीं इसके विषय में तो कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है, जानकारी प्राप्त होते ही हम आपको अवश्य अपडेट करेंगे।

अवनी लेखरा विकलांग कैसे हुई?

अवनी लेखरा के पिता प्रवीण लेखरा ने एक इंटरव्यू में बताया कि “वर्ष 2012 में जब वह दौलतपुर में काम कर रहा था, इसी के दौरान जब मैं एक बार जयपुर से दौलतपुर जा रहा था, तभी सड़क में हमारी एक दुर्घटना हुई, इस दुर्घटना में मैं और मेरी बेटी अवनी दोनों ही बुरे तरीके से जख्मी हुए। मैं तो कुछ समय बाद ठीक हो गया क्योंकि मुझे कम ही चोट लगी थी, परंतु मेरी बेटी अवनी 3 महीने तक अस्पताल में पड़ी रही फिर भी उसके रीड की हड्डी में चोट लगने के कारण वह खड़े होने में और चल सकने में असमर्थ हो गई।”

अवनी अपने इस स्थिति को देखकर बहुत ही ज्यादा निराश हो गई थी और उसका चेहरा पूरी तरह से उदासी से भरा रहता था। अवनी ने स्वयं को एक कमरे में बंद कर लिया। अवनी के माता-पिता ने उन्हें कमरे से बाहर निकालने का बहुत प्रयास किया परंतु वह दरवाजा ही नहीं खोल रही थी, इनके तमाम प्रयासों के बाद अवनी ने दरवाजा खोला और इनके पिता ने उन्हें एक पुस्तक दी, जिनमें पैरालंपिक खेल में पदक जीतने वाले अभिनव बिंद्रा की जीवनी थी।

इस पुस्तक को पढ़ने के बाद अवनी का आत्मविश्वास वापस लौटा और इन्होंने अभिनव बिंद्रा की जीवनी से प्रेरित होकर निशानेबाजी करने का निर्णय ले लिया।

अवनी लेखरा किसको मानती है अपना इंस्पिरेशन

अवनी लेखरा के कहने के अनुसार उनके एक्सीडेंट के बाद उनके पिताजी ने उन्हें पूर्व पैरालंपिक निशानेबाज अभिनव बिंद्रा की जीवन परिचय की पुस्तक लाकर दी और इसी पुस्तक से अवनी की निशानेबाजी में रूचि जग गई और यह घर के पास में ही स्थित एक शूटिंग रेंज पर जाती थी और वहां पर प्रतिदिन अभ्यास करती थी। अवनी लेखरा ने अपना इंस्पिरेशन अभिनव बिंद्रा को बताया।

अवनी ने बताया कि “मैं अपने कोच के निर्देश के अनुसार अभ्यास करने में डटी रही और अभ्यास करने के साथ-साथ मैंने अपना शत-प्रतिशत देना शुरू कर दिया अतः मेरे सत प्रतिशत अभ्यास एवं कठिन परिश्रम के कारण मुझे यह सफलताएं प्राप्त हुई है।”

अवनी लेखरा ने कभी नहीं सीखा हारना

जैसा कि हमने आपको बताया कि अवनी लेखरा वर्ष 2012 में एक सड़क दुर्घटना का शिकार हो गई, जिसमें उनके शरीर की रीड की हड्डी टूट गई और उनके आधे शरीर को मानव जैसे लकवा ही मार दिया। इन्होंने इस हादसे के बाद परिवार के अन्य सदस्यों से मिलना मना बंद कर दिया और एक कमरे में स्वयं को बंद करके अकेला ही रहना पसंद करने लगी। बाद में इनके पिता के द्वारा इन्हें समझाने के बाद घर से बाहर निकली।

इस दुर्घटना के बाद वह पूरी तरीके से व्हीलचेयर पर ही आ गई यह खड़ा होने या चलने में पूरी तरह से असमर्थ हैं। हालांकि अवनी ने दुर्घटना के कुछ ही समय में स्वयं को कुछ भी करने के योग्य नहीं समझा, परंतु पिता के समझाने के बाद उन्होंने अपनी पुरानी हिम्मत जगा ली और इन्होंने अपने दिव्यांग होने पर कभी भी अफसोस नहीं किया।

अवनी ने अपने निशानेबाजी के करियर को शुरू करने के लिए अपनी मां का बखूबी साथ पाया और प्रत्येक प्रतियोगिता में यह अपनी माता के साथ जाती हैं।

अवनी लेखरा पैरालंपिक खेल प्रदर्शन

अवनी लेखरा के द्वारा अब तक बहुत से मैचों को खेला जा चुका है। अवनी ने फाइनल राउंड के मैच में 249.6 अंक बनाए और इन्होंने यह अंक बनाकर विश्व रिकार्ड कायम कर दिया। अवनी ने यह रिकॉर्ड बना कर पहला स्थान हासिल किया। भारतीय महिला पैरा निशानेबाज खिलाड़ी ने चाइना की झांग कुईपींग को 248.9 अंक बनाकर पैरालंपिक के इस खेल में पीछे छोड़ दिया।

इसके बाद इन्होंने यूक्रेन की एरियाना सेतनिक को 227.5 अंक बनाकर हराया और ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम कर लिया। इस तरह अवनी भारत की तीसरी पैरालंपिक निशानेबाज खिलाड़ी बन गई। हीरोइन अभी हाल ही में जापान में हो रहे टोक्यो पैरालंपिक में गोल्ड मेडल हासिल किया और यह गोल्ड मेडल हासिल करने वाली पहली पैरालंपिक निशानेबाज खिलाड़ी बन गई।

अवनी लेखरा का टोक्यो पैरालंपिक प्रदर्शन

अवनी लेखरा ने वर्ष 2021 में आयोजित टोक्यो पैरालंपिक खेल में इतिहास रच दिया और इन्होंने भारत को पैरालंपिक खेल का सबसे पहला गोल्ड मेडल दिलाया। टोक्यो पैरालंपिक में अवनी ने 249.6 अंक बनाया और इसी अंक के साथ उन्होंने गोल्ड मेडल पर अपना अधिकार जमा लिया।

अवनी ने टोक्यो पैरालंपिक के पहले गेम से ही अपना जोरदार प्रदर्शन देना शुरू कर दिया और इन्होंने टोक्यो पैरालंपिक के पूरे गेम में अपना दबदबा कायम किए रखा हुआ है। अवनी लखारा ने भारत की तरफ से पैरालंपिक खेल में गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली महिला निशानेबाज बन गई हैं।

अवनी लेखरा को प्राप्त पुरस्कार

वर्षपुरस्कार
2019मोस्ट प्रोमिशिंग पैरालंपिक एथलीट्स
2021गोल्ड मेडल

निष्कर्ष

हम आप सभी लोगों से उम्मीद करते हैं, कि आपको हमारे द्वारा लिखा गया यह महत्वपूर्ण लेख “अवनी लेखरा का जीवन परिचय (Avani Lekhara Biography in Hindi)” अवश्य ही पसंद आया होगा, यदि आपको हमारे द्वारा लिखा गया यह महत्वपूर्ण लेख पसंद आया हो, तो कृपया आप इसे अवश्य शेयर करें। यदि आपके मन में इस लेख को लेकर किसी भी प्रकार का कोई सवाल है, तो कमेंट बॉक्स में हमें अवश्य बताएं।

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Rahul Singh Tanwar
Rahul Singh Tanwar
राहुल सिंह तंवर पिछले 7 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे हैं। इनको SEO और ब्लॉगिंग का अच्छा अनुभव है। इन्होने एंटरटेनमेंट, जीवनी, शिक्षा, टुटोरिअल, टेक्नोलॉजी, ऑनलाइन अर्निंग, ट्रेवलिंग, निबंध, करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान जैसे विविध विषयों पर कई बेहतरीन लेख लिखे हैं। इनके लेख बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं।

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