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वेलकम स्पीच फॉर टीचर्स डे

विद्यार्थी जीवन में जितना महत्व शिक्षा का होता है, उतना ही शिक्षक का भी होता है। अर्थात शिक्षक के बिना शिक्षा ग्रहण करना बिना दाल के रोटी खाने के बराबर है। अर्थात शिक्षक जीवन का अमूल्य व्यक्ति होता है।

इस पोस्ट के माध्यम से हम ऐसे कुछ स्पीच आपके सामने प्रस्तुत करने जा रहे हैं, जो शिक्षक दिवस के दिन तथा अन्य दिन अपनी टीचर को संबोधित तथा उनके प्रति अपना प्रेम दर्शाने के लिए उपयोग में लायी जा सकती है।

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welcome speech for teachers day in hindi

यहां पर 3 तरह के वेलकम स्पीच फॉर टीचर्स डे शेयर कर रहे हैं, जो बेहद ही सरल और सुगम भाषा में लिखे गये है।

Welcome Speech for Teachers Day in Hindi

आदरणीय प्रधानाचार्य जी तथा उपप्रधानाचार्य जी, सभी अतिथि गण तथा मेरे सभी मित्रों को मेरा नमस्कार।

मैं अभिषेक कुमार, आज इस मंच पर शिक्षक दिवस के दिन सभी शिक्षकों को प्रणाम करता हूं तथा उनके स्वागत के लिए आज इस मंच से उन को संबोधित करने का अवसर मुझे प्राप्त हुआ। मैं इस विद्यालय का धन्यवाद करता हूं तथा अपने सभी शिक्षक गणों को तथा आए हुए अतिथि महोदय और अपने सहपाठियों को शिक्षक दिवस की ढेर सारी शुभकामनाएं देता हूं।

मैं आपको बता देना चाहता हूं कि इसी क्रम में इसके उपरांत हमारे ही विद्यालय के बच्चों द्वारा आयोजित नृत्य तथा संगीत का आयोजन भी होगा और कुछ देश भक्त गीत व नाटक आपके सामने प्रस्तुत किए जाएंगे।

उसके उपरांत हमारे प्रधानाचार्य जी हम सबके बीच अपने शब्दों को रखेंगे तथा आए हुए अतिथि महोदय विधायक जी हम बच्चों को सफलता की के कुछ प्रेरणा शब्दों को भी कहेंगे तथा हमें शिक्षा के प्रति तथा सरकार द्वारा चलाए गए अभियान के प्रति जागरूक करेंगे।

विद्यार्थी जीवन में शिक्षक दिवस का महत्व अन्य दिनों की अपेक्षा बहुत महत्वपूर्ण होता है। शिक्षक दिवस 5 सितंबर को मनाया जाता है क्योंकि इस दिन एक प्रतिष्ठित और बेहद ज्ञानी महापुरुष डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म हुआ था। यह भारत के पहले उपराष्ट्रपति तथा दूसरे राष्ट्रपति रह चुके हैं।

विद्यार्थी जीवन में यदि विद्यार्थी को आत्मविश्वास व आत्म सम्मान व शिक्षा आदर करना सही मायने में एक शिक्षक ही सिखाता है क्योंकि वह जानता है कि देश के एक स्तंभ रूप विद्यार्थी को किस रूप से किस रूप में परिवर्तित करना है।

मैं आप सब शिक्षक से बहुत कुछ सीखा हूं और सीखता रहूंगा। आपने हमारे लिए बहुत कुछ किया है। हम सदैव आपके कृतज्ञ रहेंगे तथा आपके द्वारा दिखाए गए सही मार्ग का अनुसरण करेंगे।

शिक्षक का मोल हमारे जीवन में तब पता चलता है, जब कोई ना कोई घटना ऐसी घटती है, जो हमारी शिक्षा विद्यालय से जुड़ी होती है। ऐसी एक घटना की चर्चा में करूंगा जब मैं अपने स्कूली दिनों में था तब एक बार विज्ञान और प्रौद्योगिकी प्रतियोगिता के लिए हमारे विद्यालय में कुछ लोग आए थे।

उस प्रतियोगिता में विज्ञान तथा स्वच्छ भारत अभियान के प्रति निबंध लिखना था। वे लोग अचानक आए हुए थे और हम लोग इस विषय में कुछ जानते भी नहीं थे तथा इस प्रतियोगिता में हम लोग भाग लेने से पहले ही हार मान चुके थे।

परंतु हमारे एक शिक्षक ने हमें भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया, उन्होंने कहा कि तुम वह सब लिखना जो तुमने आज तक सीखा है और आज तक किया है। यकीन मानिए मैं उन अध्यापक की बातों का अनुसरण किया और उस प्रतियोगिता में भाग लेकर मैंने प्रथम स्थान हासिल किया।

उस दिन मुझे समझ में आया कि शिक्षक विद्यार्थी के लिए उतना ही महत्व होता है, जितना कि एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में करंट का तथा अंधकार में प्रकाश का भूख में भोजन का शिक्षक विद्यार्थी जीवन का वहा मूल्य व्यक्ति होता है, जो उसे ऐसे हादसे में डालता है, जिसमें व्यक्ति सभ्य और समाज के प्रति आदर सम्मान प्रकट करता है।

अगर हम कहें कि वे जादूगर की तरह होते हैं, जिनके हाथ में जादू की छड़ी होती हैं, वे छड़ी से हमको वह सब सिखाते हैं, जो हमे सीखना चाहिये।

शिक्षक अपने जीवन में कठिन परिश्रम करते हैं ताकि हमें नए से नए चीजों के बारे में बता सके हमें अच्छे से अच्छे पढ़ाने के प्रयास में वह सारा सारा दिन नोट्स बनाते हैं तथा पढ़ाने के लिए खुद को अच्छे से पढ़ते हैं तब हमें अच्छे से समझाते हैं ताकि हम कभी भूल न पाए इतना सब करने के बाद हम बदले में उनको कुछ नहीं चाहिए।

शिक्षक का सिर्फ यही उद्देश्य होता है कि विद्यार्थी अपने जीवन में अपने भविष्य को एक बेहतर मार्ग पर ले जाए तथा तभी गुरु दक्षिणा मिल जाए और विद्यार्थी का भविष्य बन जाए।

मैं अपने अंतिम शब्दों में बस यही कहना चाहूंगा कि आप सभी शिक्षक का सम्मान करें, उनके आदर्शों छात्र बने तभी शिक्षक के चेहरे पर मुस्कुराहट आएगी और वह अपने जीवन तथा अपने उद्देश्य में खुद को सफल पाएंगे। आपका कर्तव्य होगा कि आप उनके द्वारा किये गए  विश्वास को अमल करेंगे।

अंत शब्दों में बस यही कहना चाहूंगा कि शिक्षक के बिना शिक्षा का कोई मोल नहीं होता। मेरे शब्दों को आप लोगों द्वारा ध्यान पूर्वक सुनने के लिए धन्यवाद।

Teachers Day Welcome Speech in Hindi

आदरणीय प्रधानाचार्य तथा आए हुए अतिथि गण महोदय और मेरे सहपाठियों को मेरा नमस्कार।

आज का दिन शिक्षक दिवस का दिन है। यह दिन बड़े ही उत्साह और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। शिक्षक दिवस पूरे भारत में त्योहार के रूप में मनाया जाता है, जिसे स्कूल, कालेजों में राष्ट्रीय पर्व की मान्यता प्राप्त है।

शिक्षक दिवस के दिन सभी स्कूल, कॉलेजों में कई प्रकार की गतिविधियां की जाती हैं जैसे कि नृत्य, संगीत, नाटक अत्याधिक प्रकार की गतिविधियों को प्रयोग किया जाता है।

सबसे पहले मैं अपने विद्यालय तथा शिक्षकों को धन्यवाद देना चाहूंगा कि उन्होंने आज इस बड़े पर्व पर मुझे संबोधित करने के लिए चुना तथा मेरे द्वारा कहे गए शब्दों का मान बढ़ाकर इस काबिल मुझे समझा कि मैं इस अवसर पर अपने सहपाठियों को तथा अपने शिक्षक गणों को संबोधित कर सकूं।

शिक्षक दिवस प्रत्येक वर्ष 5 सितंबर को मनाया जाता है। डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के दिन बहुत शुभ दिवस मनाया जाता है। कहा जाता है कि जब डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने शिक्षा के क्षेत्र में बहुत ही कार्य किया और वह एक प्रसिद्ध और अच्छे शिक्षक के रूप में उभरे।

डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने कहा यदि आप मेरा जन्मदिन मनाना चाहते हैं तो मेरे जन्मदिन को एक ऐसे रूप में मनाए, जिनके लिए मैं समर्पित हूं अर्थात इस दिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। प्रतिवर्ष शिक्षक दिवस आता है इस दिन विद्यार्थी शिक्षकों को उपहार देकर उनसे आशीर्वाद पप्राप्त करते है।

विद्यार्थी जीवन में शिक्षक का रोल बहुत ही कीमती होता है। शिक्षक हमारे जीवन में खुशियों जैसी ज्ञान को भरता है। अर्थात हमें अपने ज्ञान को देता है, जिससे कि हम अपने भविष्य के लिए कुछ कर सकें और अपने शिक्षक व अपने माता-पिता का नाम रोशन कर सके।

इसके बदले में वह कुछ पाने की लालसा नहीं करते। अभी तो उनका उद्देश्य यही होता है कि वह अपने विद्यार्थी को एक सफल इंसान के रूप में देखना चाहते हैं।

हर विद्यार्थी अपनी कठिन समस्या में तथा परेशानियों में शिक्षक को याद करता है। वह जानता है कि एक शिक्षक ही है, जो मुझे हर परेशानियों व कठिन परिश्रम में से बचा सकता है। आज भी मुझे एक घटना याद है।

जब मैं कक्षा 8 में था तब गणित के कुछ सवाल हमारे शिक्षकों द्वारा दिए गए थे और उन्हें कुछ समय में करने के लिए कहा गया था। पर वो सवाल मेरे समझ में बिल्कुल नहीं आ रहे थे। सभी बच्चों ने सवालों को लेकर शिक्षक को दिखाया। मैंने भी सवालो को उन विद्यार्थियों से नकल करके शिक्षक को दिखा दिया।

लेकिन नकल तो नकल होती है, हमारे शिक्षक जान गए कि मुझे समझ में नहीं आया। लंच के उपरांत उन्होंने मुझे बुलाया। मेरी हाथों की उंगलियों से मुझे उन सवालों को समझाया। वह सवाल आज भी मुझे याद है और मैं उन सवालों को सरल तरीके से हल करने लगा।

शिक्षक एक मोमबत्ती की तरह होता है, जो खुद तो जलता है, लेकिन वह विद्यार्थियों के जीवन में प्रकाशित होने के लिए मैं धन्यवाद करता हूं शिक्षकों का, जिन्होंने मेरे जीवन को प्रज्ज्वलित किया है।

मैं अपने शब्दों को विराम देते हुए कुछ कहूंगा कि एक शिक्षक ही होता है, जो चाहता है कि उसका विद्यार्थी उससे ज्यादा बुद्धिमान हो।

धन्यवाद।

Teachers Day Welcome Speech

प्रधानाध्यापक व विद्यालय के समस्त अध्यापकों को तथा अतिथि महोदय और मेरे प्यारे दोस्तों को मेरा नमस्कार।

विद्यार्थी जीवन में शिक्षा के साथ-साथ शिक्षक भी विद्यार्थी के जीवन का एक अभिन्न अंग होता है। शिक्षा के साथ साथ ही शिक्षक को भी उतना ही सम्मान मिलना चाहिए, जितना कि शिक्षा का। यह  विद्यार्थियों द्वारा दिया जाता है।

आज शिक्षक दिवस के दिन मैं विद्यालय का पूर्व छात्र होने के नाते अपनी शिक्षकों को संबोधित करने के लिए मंच पर अपने शब्दों से शिक्षकों का अभिवादन करूँगा।

शिक्षक हमारे जीवन के निर्माणकर्ता होते हैं। उन्होंने हमारे जीवन को ज्ञान रूपी प्रकाश से प्रज्वलित किया। माता पिता के उपरांत यदि हमे सही मार्ग दर्शन सही राह दिखाने वाले कोई है, तो वह हमारे शिक्षक ही हैं।

जो खुद को एक मोमबत्ती की तरह जलाकर हमारे मस्तिष्क में ज्ञानरूपी रोशनी को प्रज्वलित करते हैं। मैं धन्यवाद करना चाहूंगा शिक्षकों का तथा इस मौके का फायदा उठाते हुए मैं उन सभी शिक्षकों को प्रणाम करता हूं।

आपके द्वारा सिखाएं हुए मार्गों को मैं निरंतर अनुसरण करता आ रहा हूं। मुझे याद है कि मैं बचपन मैं पढाई में बिलकुल कमजोर था। लेकिन कुछ महान शिक्षकों के कारण आज मैं इस मंच पर खड़े होकर शिक्षक दिवस के दिन शिक्षकों को संबोधित कर रहा हूं। इससे बड़ा तथा गर्व का दिन मेरे लिए और क्या हो सकता है।

मित्रों आज के दिन एक ऐसे शख्स का जन्म हुआ था, जिसने शिक्षा के क्षेत्र में अपने आप को इस कदर झोंक दिया कि वह शिक्षक एक ऐसे रूप में पूरे भारत में प्रख्यात हो गए। जिन्हें हम डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के नाम से जानते है।

जो भारत के राष्ट्रपति रह चुके हैं। इन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में ही नहीं, राजनीतिक क्षेत्र में भी छाप छोड़ी है। यह भारत के पहले उपराष्ट्रपति तथा दूसरे राष्ट्रपति थे।

शिक्षक हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा होता है, जिसके बिना ज्ञान अधूरा सा लगता है। यह एक ऐसे व्यक्ति की तरह हमारी जिंदगी को बनाते हैं तथा हमें ज्ञान की ज्योति को देते हैं, जिससे कि हम भारत में तथा समाज में अपनी नागरिकता को प्राप्त कर सके।

राष्ट्र निर्माण में भी शिक्षक का बहुत बड़ा योगदान होता है क्योंकि देश के स्तम्भ एक विद्यार्थी होता है, जिसका निर्माण शिक्षक द्वारा किया जाता है। तब समाज में रहन सहन वह समाज की अच्छी बातों को सिखाता है। इसीलिए तो शिक्षक का पद माता-पिता के नीचे तथा सभी के ऊपर रखा।

मैं अपने सभी गुरुजनों एक बार फिर से नमस्कार तथा प्रणाम करना चाहूंगा, जिन्होंने मुझे इस काबिल बनाया कि मैं आज आप सब को संबोधित कर रहा हूं। अपने शब्दों को समाप्ति की ओर ले जाते हुए यहीं पर समाप्त करना चाहूंगा।

धन्यवाद।

निष्कर्ष

हम उम्मीद करते हैं कि आपको वेलकम स्पीच फॉर टीचर्स डे (welcome speech for teachers day in hindi) पसंद आये होंगे। इसे आगे शेयर जरूर करें और कोई सुझाव या सवाल हो तो कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

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Rahul Singh Tanwar
राहुल सिंह तंवर पिछले 7 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे हैं। इनको SEO और ब्लॉगिंग का अच्छा अनुभव है। इन्होने एंटरटेनमेंट, जीवनी, शिक्षा, टुटोरिअल, टेक्नोलॉजी, ऑनलाइन अर्निंग, ट्रेवलिंग, निबंध, करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान जैसे विविध विषयों पर कई बेहतरीन लेख लिखे हैं। इनके लेख बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं।

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