वक्रतुंड महाकाय मंत्र (Vakratunda Mahakaya Mantra) एक ऐसा मंत्र है, जिसका प्रयोग सभी देवताओं और देवताओं की पूजा, आरती और हवन में अवश्य किया जाता है।
क्योंकि इस मंत्र के द्वारा सबसे पहले पूजे जाने वाले भगवान गणेश का ध्यान करके उनसे पूजा को सफल बनाने की प्रार्थना करने के साथ ही जीवन में सभी कार्य सुचारु होने की प्रार्थना करते हैं।
यहां पर हम वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ (vakratunda mahakaya in hindi) का हिंदी अर्थ जानने के साथ ही इस श्लोक का जप करने का लाभ भी जानेंगे।
वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ (Vakratunda Mahakaya Mantra in Hindi)
वक्रतुण्ड महाकाय, सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघनम कुरु मे देव, सर्वकार्येषु सर्वदा।।
हे हाथी के समान विशाल, जिसका तेज सूर्य की एक हजार किरणों के समान है। मेरी कामना है कि मेरा काम बिना किसी बाधा के पूरा हो और मेरे लिए हमेशा शुभ रहे।
मंत्र के लाभ
- इस मंत्र का जाप करने से आपके सभी कार्य पूर्ण होते हैं और आपको यश की प्राप्ति होती है।
- इस मंत्र का जाप करने से अपार लाभ मिलता है।
- मां सरस्वती के वरदान के कारण भगवान गणेश को ज्ञान और बुद्धि का देवता भी कहा जाता है और वे बुद्धि का विकास करते हैं।
- भगवान गणेश सबसे पहले पूजे जाने वाले देवता हैं और सुबह सबसे पहले श्री गणेश के इस मंत्र का जाप करने से सभी काम पूरे हो जाते हैं।
- भगवान गणेश के इस मंत्र का जाप करने से भय, शंका और अनिष्ट शक्तियां दूर रहती हैं।
- भगवान गणेश भी मनुष्य को सफलता और वृद्धि के लिए शक्ति प्रदान करते हैं।
निष्कर्ष
यहां पर वक्रतुंड महाकाय श्लोक इन हिंदी (vakratunda mahakaya shloka in hindi) अर्थ सहित जाना है। साथ ही इस श्लोक को जप करने के लाभ भी जाने।
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