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टिपू सुल्तान का इतिहास और जीवन परिचय

टीपू सुल्तान दक्षिण भारत के एक प्रसिद्ध मुस्लिम शासक थे, जिन्होंने कई वर्षों तक संपूर्ण दक्षिण भारत पर अपना शासन स्थापित रखा। टीपू सुल्तान ने अपने शासनकाल के दौरान अनेक सारे मंदिर और धार्मिक स्थलों को नष्ट किया। लाखों की संख्या में हिंदुओं का कत्लेआम किया और जबरदस्ती धर्म परिवर्तन करवाया। इसीलिए आज के समय में कुछ लोग टीपू सुल्तान को स्वतंत्रता सेनानी मानते हैं, तो कुछ लोग सुल्तान को एक मुस्लिम शासक के रूप में देखते हैं।

टीपू सुल्तान ने अपने शासनकाल में अनेक तरह के युद्ध लड़ें, जिनमें अंग्रेजों से लड़ते हुए उन्हें हार का सामना करना पड़ा। अंग्रेजों से पहले टीपू सुल्तान ने अनेक तरह की लड़ाइयां लड़ी और अपने राज्य का विस्तार किया। टीपू सुल्तान हमेशा विस्तारवादी निती में विश्वास रखता था।

वह ज्यादा से ज्यादा क्षेत्र को अपने कब्जे में लेना चाहता था। इस दौरान अनेक तरह के धार्मिक स्थलों को नष्ट किया। विशेष रूप से हिंदू और ईसाई धर्म के लोगों को मौत के घाट उतार दिया एवं जबरदस्ती धर्म परिवर्तन करवाया। लोग टीपू सुल्तान से छुटकारा चाहते थे, समय-समय पर टीपू सुल्तान के सामने विरोध भी किया गया। लेकिन टीपू सुल्तान की ताकत उस समय काफी प्रभावशाली थी।

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Tipu Sultan history in Hindi

इसीलिए लोगों के विरोध को दबा दिया जाता था, लोगों को मौत के घाट उतार दिया जाता था। लेकिन टीपू सुल्तान को अंग्रेजों के सामने झुकना पड़ा। अंग्रेजों के सामने टीपू सुल्तान ज्यादा समय तक टिक नहीं पाया। क्योंकि उस समय अंग्रेज भारत में व्यापार करने के लिए आए थे और अपना व्यापार स्थापित किया था।

अंग्रेजों ने मराठों और निजाम के साथ मिलकर टीपू सुल्तान पर आक्रमण किया और टीपू सुल्तान को हार का सामना करना पड़ा। तो आइए टीपू सुल्तान के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करते हैं और टीपू सुल्तान का इतिहास जानते हैं।

टिपू सुल्तान का इतिहास और जीवन परिचय (जन्म, परिवार, युद्ध, मौत)

टीपू सुल्तान की जीवनी एक नजर में

पूरा नामसुल्तान फ़तेह अली खान शाहाब
जन्म20 नवंबर 1750
जन्म स्थानदेवनाहल्ली, मैसूर, कर्नाटक
मां का नामफकरुन्निसआ
पिता का नामहैदर अली
धर्ममुस्लिम
शासन क्षेत्रमैसूर
मृत्यु4 मई 1799

टीपू सुल्तान का जन्म और परिवार

टीपू सुल्तान का जन्म दक्षिण भारत के कर्नाटक राज्य के मैसूर के देवनाहल्ली में 20 नवंबर 1750 को हुआ था। टीपू सुल्तान का पूरा नाम सुल्तान फ़तेह अली खान शाहाब है। टीपू सुल्तान के पिता का नाम हैदर अली और मां का नाम फकरुन्निसआ था।

टीपू सुल्तान ने कम उम्र में ही युद्ध और शासन करना सीख लिया था। बचपन से ही चतुर और कूटनीतिज्ञ सेनापति थे। हमेशा वे अपने राज्य का विस्तार करने की बातें किया करते था, बड़े होकर भी उसने यही किया।

टीपू सुल्तान का प्रारंभिक जीवन

टीपू सुल्तान ने कम उम्र में ही अपने राज्य का विस्तार करना शुरू कर दिया। मात्र 15 वर्ष की आयु में ही अपने पिता के साथ युद्ध में हिस्सा लेना शुरू कर दिया था और अपने पिता से राजनीति एवं कूटनीति सीखते थे। कम उम्र में ही टीपू सुल्तान दक्षिण भारत का शासन हाथों में ले लिया था। टीपू सुल्तान गद्दी पर बैठते ही मैसूर को मुस्लिम राज्य घोषित कर दिया था।

यह खबर फैलते ही शहर के गैर मुस्लिम लोग डर से जीवन यापन करने लगे। टीपू सुल्तान मैसूर का शासक बनते ही मैसूर को इस्लामीकरण करना शुरू कर दिया। दूसरे धर्मों के धार्मिक स्थल गिराने लगा।‌ दूसरे धर्मों के ध्वज और चिन्हों को मिटाना शुरू कर दिया। गैर मुस्लिम धर्म के लोगों को मारना काटना शुरू कर दिया।

टीपू सुल्तान कुछ ही समय में मैसूर राज्य का विस्तार करने लग गया। आसपास के छोटे-छोटे राज्य पर आक्रमण करना शुरू कर दिया और सभी राज्य में शासन के अंतर्गत किया गया। टीपू सुल्तान ने मालबार की बड़ी सेना को चतुराई और कूटनीति से हराकर दक्षिण भारत में अपना नाम प्रचलित कर दिया था।

एक तरफ जहां टीपू सुल्तान हिंदू धर्म के लोगों को मारता था, हिंदू धर्म के लोगों का जबरदस्ती धर्म परिवर्तन करवा कर उन्हें मुसलमान बना रहा था। वहीँ दूसरी ओर टीपू सुल्तान हिंदू मंदिरों में दान किया करता था। बता दे कि टीपू सुल्तान ने अपने शासनकाल में अनेक सारे हिंदू मंदिर और धार्मिक स्थलों को ध्वस्त किया। लाखों हिंदुओं का नरसंहार किया था, फिर भी वह अपने हाथ की अंगूली में “राम नाम” की अंगूठी पहनता था।

टीपू सुल्तान संपूर्ण दक्षिण भारत को मुस्लिम राज्य बनाकर उस पर शासन करना चाहता था। इसीलिए टीपू सुल्तान ने बड़ी मात्रा में हिंदुओं का नरसंहार करना शुरू कर दिया। लाखों की संख्या में हिंदू मुसलमान बना दिया। जबरदस्ती लाखों की संख्या में धर्म परिवर्तन करने पर मजबूर किया था।

टीपू सुल्तान एक अत्यंत खूंखार शासक था, जिसने 11वीं शताब्दी के दौरान अपने 30000 सैनिकों के साथ हाथी, घोड़ा की विशाल सेना लेकर लाखों की संख्या में हिंदुओं का नरसंहार करना शुरू कर दिया। छोटे बच्चे, महिलाएं, पुरुष और गरीब लोगों को तलवारों से काटना शुरु कर दिया था। उस समय टीपू सुल्तान ने विशेष रूप से “कालीकट” में हिंदुओं को मार कर तबाही का खौफनाक मंजर दिखाया था।

टीपू सुल्तान का अंग्रेजों से युद्ध

टीपू सुल्तान ने अपनी विस्तार वादी नीति और जबरदस्ती धर्मांतरण करके लोगों को मुसलमान बना रहा था। इस दौरान टीपू सुल्तान ने मैसूर को एक बहुत बड़ा और विशाल राज्य बना दिया था। अब तक अंग्रेज भारत में व्यापार करना शुरू कर चुके थे और अंग्रेजों की नजर भारत की शासन व्यवस्था पर पढ़ चुकी थी।

इसीलिए अंग्रेजों ने दक्षिण के मराठा और निजाम को अपने साथ लिया एवं तीनों सेनाओं मैसूर की तरफ बढ़ी। सन 1790 में तीनों सेनाओं ने मैसूर में टीपू सुल्तान से युद्ध किया। इस युद्ध को मैसूर का तीसरा युद्ध नाम से इतिहास में जाना जाता है। उस समय लार्ड कार्नवालिस को भारत का वॉइसराय बना दिया गया था। लॉर्ड कॉर्नवालिस ने टीपू सुल्तान के साथ युद्ध करने के लिए युद्ध को अत्यधिक तेज किया।

मराठा और निजाम को साथ में लेकर मैसूर पर आक्रमण कर दिया। लेकिन अंग्रेजों को यहां पर कुछ खास हाथ नहीं लगा। इसीलिए टीपू सुल्तान ने इस युद्ध में संधि करके 3000000 पॉड अंग्रेजों को दे दिए, जिसके दो हिस्से मराठा और निजाम को मिल गए थे। लेकिन स्थानों पर अंग्रेजों ने अपना अधिकार प्राप्त कर लिया था।

मैसूर के तीसरे युद्ध में अंग्रेजो ने मैसूर के पहाड़ी इलाकों पर कुछ चौकियों पर अपना अधिकार स्थापित कर दिया था। इससे वे अपने विस्तार राजनीति के चलते धीरे-धीरे फिर से युद्ध की स्थिति में आने लग गई। यहां पर अंग्रेजों ने एक विशाल सेना का निर्माण किया और टीपू सुल्तान पर आक्रमण कर दिया है। टीपू सुल्तान की हार हो गई।

इसीलिए टीपू सुल्तान ने आत्मसमर्पण करते हुए 3 करोड़ मुद्राएं अंग्रेजों को दी एवं अपने दो पुत्रों को बंधक बनाकर दे दिया। अंग्रेजों ने इन पैसों को दो भाग के रूप में निजाम और मराठा हो दे दिए थे। अब लगभग आधे से ज्यादा भूभाग पर अंग्रेजों का शासन कायम हो चुका था।

टीपू सुल्तान और अंग्रेजों के बीच दूसरा बड़ा युद्ध मैसूर में सन 1799 ई को लड़ा गया, जिसे चतुर्थ मैसूर युद्ध नाम से जाना जाता है। इस युद्ध में टीपू सुल्तान की करारी हार हुई क्योंकि अंग्रेजों ने लगभग आधे मैसूर पर कब्जा कर दिया था और बाकी बचे कुछ छोटे-छोटे राज्यों और देसी रियासतों को डरा धमकाकर एवं पैसे देकर खरीद लिया था।

अब टीपू सुल्तान अकेला पड़ चुका था और उसकी सेना भी कमजोर हो चुकी थी। इसीलिए इसमें सुल्तान को करारी हार का सामना करना पड़ा। टीपू सुल्तान की करारी हार के बाद यहां के हिंदू राजवंश को मैसूर का कार्यभार सौंप दिया गया और फिर से एक बार मैसूर हिंदू शासक के कब्जे में आ गया।

टीपू सुल्तान की मौत

दक्षिण भारत के खूंखार मुस्लिम शासक टीपू सुल्तान की मौत 4 मई 1799 को हो गई थी। टीपू सुल्तान की मौत के बाद पूरा मैसूर राज्य अंग्रेजों के कब्जे में आ गया था। अंग्रेजों ने यहां पर हिंदू शासक को राजा घोषित कर दिया और यहां पर अपना व्यापार का कारोबार शुरू कर दिया था।

धीरे-धीरे पूरे मैसूर में अंग्रेजों ने अपना व्यापार करना शुरू किया और देखते ही देखते पूरे भारत में अपना व्यापार फैला दिया था, जिसके बाद अंग्रेजों ने पूरे भारत पर व्यापार के साथ-साथ शासन भी करना शुरू कर दिया।

टीपू सुल्तान ने अपने शासनकाल के दौरान अनेक तरह के नए नए हथियार बनाए। इसके अलावा लोहे के रॉकेट भी बनाए थे, जो काफी घातक साबित हुए। इसके अलावा टीपू सुल्तान ने अपने शासनकाल में नए-नए सिक्के और कैलेंडर बनवाए थे।

टीपू सुल्तान ने अपने शासनकाल के दौरान अनेक तरह के धार्मिक मंदिर और धार्मिक स्थलों को ध्वस्त किया था, लाखों हिंदुओं को मौत के घाट उतार दिया, लाखों लोगों को जबरदस्ती धर्म परिवर्तन करके मुसलमान बना दिया था। इसीलिए हिंदूवादी लोग टीपू सुल्तान से नफरत करते हैं। जबकि मुस्लिम धर्म के लोग टीपू सुल्तान को अपना आदर्श मानते हैं, स्वतंत्रता सेनानी मानते हैं।

निष्कर्ष

टिपू सुल्तान दक्षिण भारत का एक मुस्लिम शासक था, जिसने अपने शासनकाल के दौरान हमेशा अपने साम्राज्य का विस्तारवादी निती से विस्तार किया और मैसूर को मुस्लिम राज्य घोषित कर दिया।

मैसूर को मुस्लिम राज्य घोषित करने के बाद सुल्तान ने लाखों की संख्या में हिंदुओं को मौत के घाट उतार दिया, लाखों हिंदुओं को ज़बरदस्ती मुसलमान बना दिया और अनगिनत हिंदू धर्म स्मारक और मंदिरों को तहस-नहस कर दिया था।

टिपू सुल्तान के बारे में आज के इस आर्टिकल में हमें आपको पूरी जानकारी विस्तार से बताई है। हमें उम्मीद है यह जानकारी आपके लिए जरूर ही उपयोगी साबित हुई होगी। यदि इस लेख से जुड़ा कोई सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

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Rahul Singh Tanwar
Rahul Singh Tanwar
राहुल सिंह तंवर पिछले 7 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे हैं। इनको SEO और ब्लॉगिंग का अच्छा अनुभव है। इन्होने एंटरटेनमेंट, जीवनी, शिक्षा, टुटोरिअल, टेक्नोलॉजी, ऑनलाइन अर्निंग, ट्रेवलिंग, निबंध, करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान जैसे विविध विषयों पर कई बेहतरीन लेख लिखे हैं। इनके लेख बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं।

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