जवाहरलाल नेहरू किसी भी परिचय के मोहताज नहीं है। वह एक जानी-मानी हस्ती है और बहुत ही प्रसिद्ध शख्सियत है। जवाहरलाल नेहरू भारत देश के एक कट्टर देशभक्त और महान राजनीतिक नेता के रूप में उभरे थे।
उन्होंने अपने जीवन में बहुत ही महान कार्य किए थे। इसी के साथ वह छात्रों को भी पढ़ाने में रुचि रखा करते थे। ऐसे में विशेष तौर पर बाल दिवस पर जवाहरलाल नेहरू पर भाषण दिया जाता है, जो इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं।
जवाहरलाल नेहरू पर भाषण (Speech on Jawaharlal Nehru in Hindi)
माननीय अतिथि गण, प्रधानाचार्य जी, उपाध्यक्ष, शिक्षक गण, एवं मेरे प्यारे सहपाठियों, आप सभी को मेरा सुप्रभात।
आज हम सभी बाल दिवस के उपलक्ष में एकत्रित हुए हैं। इसी के साथ में आप सब को यहां पर संबोधित करने जा रहा हूं।
जैसा कि आप जानते हैं हर वर्ष 14 नवंबर को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है लेकिन इस दिन को इतना महत्व क्यों दिया जाता है। इस तारीख पर ऐसा क्या हुआ था। क्या आप जानते हैं? अगर नहीं तो आइए मैं आपको इसके बारे में पूरी जानकारी देता हूं।
पंडित जवाहरलाल नेहरू भारत के पहले प्रधानमंत्री थे। 14 नवंबर उनकी जन्म तारीख थी और इसीलिए इस दिन को बाल दिवस के रूप में पूरे भारतवर्ष में मनाया जाता है।
पंडित जवाहरलाल नेहरू का स्वतंत्रता संग्राम में बहुत ही बड़ा योगदान रहा है। इसके बावजूद भी वह बच्चों से बहुत ही ज्यादा प्यार करते थे क्योंकि बच्चों की मासूमियत उन्हें बहुत ही आनंद देती थी। बच्चे उन्हें प्यार से चाचा नेहरू कह कर पुकारते थे।
जवाहरलाल नेहरू ने एक नेता के रूप में अपनी योग्यता को साबित किया था। इसी के साथ आर्थिक सुधार नीति के रूप में राष्ट्रीय को भी अपना विशेष योगदान दिया था। इसका मतलब है योजना आयोग, जी हां योजना आयोग की रचना जवाहरलाल नेहरु के द्वारा ही की गई थी।
इस योजना के तहत भारत सरकार अर्थव्यवस्था को चलाने के लिए 5 साल की योजना तैयार की जाती है। 8 दिसंबर 1951 को पहली बार पंचवर्षीय योजना की शुरुआत पंडित जवाहरलाल नेहरु के द्वारा हुई थी।
पंडित जवाहरलाल नेहरू राजनीतिक और आर्थिक क्षेत्र के साथ-साथ शैक्षणिक क्षेत्र में भी उनका बहुत ही अधिक योगदान देखा गया था क्योंकि चाचा नेहरू ने भारतीय समाज में बहुत ही अधिक बदलाव के लिए कार्य किए थे और उच्च शिक्षा के लिए भारतीय संस्थानों की स्थापना भी की थी।
इसके लिए उन्होंने दुनियाभर में बहुत ही अधिक विख्यात अखिल भारतीय संस्थान मेडिकल साइंसेज, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, आईआईटी, भारतीय प्रबंधन संस्थान, आईआईएम इत्यादि की स्थापना की थी। इसी के साथ शैक्षिक संस्थान भी स्थापित किए गए थे।
पंडित जवाहरलाल नेहरू खुद एक बहुत ही अच्छी शिक्षा व्यक्ति थे और वह शिक्षा के महत्व को समझते थे, इसीलिए वह हर भारतीय नागरिक को पढ़ाना और लिखआना चाहते थे। उनका मानना था कि इसी के जरिए हमारे देश का चेहरा बदल सकता है।
समकालीन भारतीय गणराज्य में पंडित जवाहरलाल नेहरु के द्वारा सामाजिक राजनीतिक और आर्थिक सुधार किए गए थे और यह सुधार बढ़ते गए और सफल भी हुए। इसके जरिए हमारे देश की बढ़ती हुई। अर्थव्यवस्था वास्तविक में रेखतांकित हुई थी।
यहीं पर मैं अपनी वाणी को विराम देते हुए केवल इतना ही कहना चाहूंगा कि मैंने आप सभी के सामने चाचा नेहरू की कुछ उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी है। इसी के साथ आप उनकी अधिक से अधिक जानकारी अपने अध्यापक अध्यापिका से ग्रहण कर सकते हैं।
धन्यवाद!
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जवाहरलाल नेहरू पर भाषण (500 शब्द)
सम्मानित प्रधानाचार्य जी, शिक्षक गण, एवं मेरे सहपाठियों, आप सभी को सुप्रभात। आज हम सभी बाल दिवस महोत्सव मना रहे हैं। इसी के उपलक्ष में हम सभी यहां पर एकत्रित हुए हैं। आज मैं आप सभी के समक्ष जवाहरलाल नेहरू के बारे में विचार प्रकट करने जा रहा हूं। आशा करता हूं आप सभी इस में मेरा सहयोग करेंगे।
पंडित जवाहरलाल नेहरू स्वतंत्र देश के पहले प्रधानमंत्री थे। हम जानते हैं कि चाचा नेहरू किसी भी प्रकार के परिचय के मोहताज नहीं हैं क्योंकि भारत के स्वतंत्रता संग्राम में उन्होंने जो महान योगदान दिया है। उसके लिए उन्हें अमर बना दिया गया और यही वजह है कि चाचा नेहरू हमेशा भारत के लोगों के दिल में राज करते हैं।
पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1889 को हुआ था। चाचा नेहरू 1947 में हमारे देश के सत्तारूढ़ प्रमुख बने थे और 1964 में अपनी मृत्यु होने तक उन्होंने भारत देश पर शासन किया।
वह समकालीन भारतीय राष्ट्रीय राज्य एक धर्मनिरपेक्ष समाजवादी सार्वभौम और लोकतांत्रिक गणराज्य के भी निर्माता माने जाते हैं। सबसे बड़ी बात यह है, कि उन्हें कई नामों से संबोधित किया जाता है जैसे कि पंडित नेहरू, कश्मीरी पंडित, समुदाय के जन्म के कारण और चाचा नेहरू बच्चे उन्हें प्यार से चाचा नेहरू संबोधित करते थे।
चाचा नेहरू का जन्म एक बहुत ही अच्छे समृद्ध परिवार में हुआ था। उनके पिताजी का नाम मोतीलाल नेहरू था, जो कि एक बहुत ही प्रसिद्ध वकील के साथ-साथ एक राष्ट्रवादी नेता भी थे।
उनकी माता का नाम स्वरूप रानी नेहरू था। उन्होंने ट्रिनिटी कॉलेज क्या ब्रिज से अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी की इसके पश्चात इनर टेंपल में एक बैरिस्टर के रूप में प्रशिक्षण भी लिया।
इसके पश्चात वह भारत लौट आए और उन्होंने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में अपना अभियान शुरू कर दिया। जहां पर राष्ट्रीय राजनीति में उनकी रुचि और भी अधिक बढ़ने लगी जिसकी वजह से उन्होंने अपनी कानूनी अभ्यास को भी छोड़ दिया।
1910 में जब बहुत ही अधिक संकट भारत पर आया तब जवाहरलाल नेहरू ने अपनी किशोरावस्था में ही एक प्रतिबंध राष्ट्रवादी बन गए और उन्होंने देश राज्य की राजनीति में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। चाचा नेहरू ने महान राष्ट्रवादी नेता महात्मा गांधी के संरक्षण के तहत काम किया।
इसके पश्चात बीसवीं शताब्दी में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के वामपंथी विभाजन के प्रसिद्ध नेता भी बने, और 1929 में कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष बन गए। जिसके पश्चात नेहरू ने भारत के लोगों को ब्रिटिश शासन से पूरी तरह से आजादी के लड़ने का आग्रह किया।
इन सभी के बीच स्वतंत्र भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने यह बात कही थी कि जवाहरलाल नेहरू देश पंडित के नेतृत्व में प्रगति की राह पर आगे बढ़ रहे हैं। यह केवल एक महान राजनेता ही नहीं अपितु एक वक्ता भी हैं।
इसी के साथ लेकर के रूप में चाचा नेहरू ने कई पुस्तकों को भी लिखा जैसे कि द डिस्कवरी ऑफ इंडिया, गलिम्पलज़ ऑफ़ वर्ल्ड हिस्ट्री एन ऑटो बायोग्राफी, टू वर्ड फ्रीडम लेटर्स फ्रॉम अ फादर टू हिस डॉटर इत्यादि।
चाचा नेहरू शांति के सच्चे प्रोत्साहन थे। इसी के साथ उन्होंने एक पंचशील नामक पांच महत्वपूर्ण सिद्धांतों को भी प्रस्तुत किया था। उनका पूरा जीवन अपने देश के लिए ही निकला था। आज के समय में जो सामाजिक राजनीतिक क्षेत्र में बहुत ही अधिक भ्रष्टाचार फैला रहे हैं।
ऐसे में वास्तव में हमें ऐसे नेता की जरूरत है, जो भारत के विकास और प्रगति में कार्य करें और अपने आप को समर्पित कर दें।
इसी के साथ मैं यहां पर अपनी वाणी को विराम देता हूं और आशा करता हूं। आप सभी चाचा नेहरू का पूरे दिल से मान सम्मान करेंगे और हमेशा वह हमारे दिल में राज करेंगे। आज बाल दिवस के उपलक्ष्य में आप सभी को बाल दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं।
धन्यवाद!
निष्कर्ष
इस आर्टिकल के जरिए हमने जवाहरलाल नेहरू पर भाषण (Speech on Jawaharlal Nehru in Hindi) प्रस्तुत किया है। अगर आप किसी स्कूल या कॉलेज के छात्र है और आपको बाल दिवस पर जवाहरलाल नेहरू के उपलक्ष में भाषण देना है तो यह आर्टिकल आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।