Speech on Girl Education in Hindi : आज के समय में भी लड़कियों की शिक्षा पर अधिक महत्व नहीं दिया जाता है। उन्हें आज भी लड़कों से पीछे ही रखा जाता है। समाज में कई लोगों की सोच ऐसी है कि लड़कियों को नहीं पढ़ाना चाहिए, उन्हें उच्च शिक्षा नहीं देनी चाहिए।
अगर उन्हें उच्च शिक्षा मिल जाती है, तो वह अन्य काम पर ध्यान नहीं देती है या उसे पिछड़ी हुई सोच के चलते शिक्षा नहीं देते हैं। ऐसे में आज हम आपके साथ लड़की के शिक्षा पर विचार प्रकट करने वाले हैं। अगर आप किसी स्कूल या कॉलेज के छात्र छात्राएं हैं और आप भी लोगों को लड़की के शिक्षा के लिए जागरूक करना चाहते हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए सहायक होगा।
लड़की की शिक्षा पर भाषण | Speech on Girl Education in Hindi
लड़की की शिक्षा पर भाषण (500 शब्द )
माननीय अतिथि गण, प्रधानाध्यापक एवं शिक्षक गण और मेरे प्यारे सहपाठियों, आप सभी को मेरा सुप्रभात। आज के इस समारोह में मैं आपके समक्ष लड़कियों को शिक्षित करने के लिए अपने विचार आपके समक्ष प्रकट करने वाला हूं, और आप लोगों से यही आशा करता हूं, कि आप भी इसमें मेरा सहयोग करेंगे और ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक करेंगे।
हमारे समाज में आज भी एक ऐसी मानसिकता बनी हुई है जिसके चलते लड़कियों को आज भी वह दर्जा नहीं दिया जाता है, जो उन्हें मिलना चाहिए। जिसकी वजह से उन्हें पढ़ाया लिखाया नहीं जाता है और आज भी यही सोच बनाए रखे हैं कि लड़की से ज्यादा जरूरी लड़का होता है।
इसीलिए वह लड़के को ही पढ़ा लिखाते हैं और उनका यही मानना है कि उन्हें बुढ़ापे में लड़का ही कमाकर खिलाएगा क्योंकि लड़की तो पराई हो जाती है। इसीलिए उन्हें पढ़ाना लिखाना आवश्यक नहीं है परंतु आपको पता नहीं है। आज के स्तर में जो काम लड़की कर जाती है, वह लड़के नहीं करते हैं चाहे वह खेल में हो, पढ़ाई में हो या किसी भी अन्य कार्य में क्यों ना हो।आज के समय में लड़की लड़के से ज्यादा प्रतिभाशाली होती हैं।
लोग केवल यही सोचते हैं कि लड़की केवल घर पर ही रहे स्कूल ना जाए, खाना बनाना, साफ सफाई करना इत्यादि काम सीखे, परंतु आप एक शिक्षित पीढ़ी है। आप लोगों को यह समझना होगा कि लड़कियों को शिक्षित करना कितना आवश्यक है क्योंकि एक मां ही होती है, जो एक लड़की बच्चा एक अधिकार, एक वकील, एक मंत्री, डॉ यहां तक कि सेना अधिकारी बनने के लिए बढ़ावा देती है।
लड़की को अगर खुद को साबित करने का मौका दिया जाए तो वह सभी प्रकार के अवसर में कोई भी सीमा नहीं छोड़ती है। वह खुद को साबित करके ही छोड़ती है। अगर उन्हें एक मजबूत इमारत बनानी है तो इसके लिए उन्हें मजबूर नींव की आवश्यकता होती है, जो उनके माता-पिता उन्हें दे सकते हैं।
अगर लड़की के माता-पिता उसे पढ़ाते है, तो वह अपनी मां को भी पढ़ा सकती है, अपने छोटे भाई बहन को भी पढ़ा सकती है। लड़की केवल घर में रहने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि उन्हें प्राथमिक शिक्षा और अन्य सभी प्रकार की शिक्षा देनी चाहिए।
सरकार के द्वारा लड़कियों को पढ़ाने के लिए नए नए कानून और नई-नई योजनाएं चलाई जाती है, जिसकी वजह से उन्हें पूरी पढ़ाई लिखाई का खर्चा तक मिलता है। इसके बावजूद भी कई लोग अपनी बेटी को नहीं पढ़ाते हैं परंतु मैं केवल इतना ही कहना चाहता हूं कि हमें जितना हो सके लोगों को जागरूक करना चाहिए और लड़कियों की शिक्षा के लिए आवाज उठानी चाहिए, जिसके जरिए वह सशक्त और आत्मनिर्भर बन सकें।
इसी के साथ मैं अपनी वाणी को विराम दे रहा हूं और आशा करता हूं, कि आप सभी मेरा सहयोग करते हुए, सभी लोगों को जागरूक करेंगे और भविष्य में सभी लड़कियों को पढ़ने के लिए प्रेरित करेंगे।
धन्यवाद!
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लड़की की शिक्षा पर भाषण ( 500 शब्द)
नमस्कार दोस्तों, आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद, मुझे इस विशेष समारोह में आमंत्रित करने के लिए। मैं बहुत ही भाग्यशाली हूं, जो मुझे आप लोगों के बीच अपने विचार साझा करने का अवसर मिला। आज मैं आपसे बहुत ही महत्वपूर्ण विषय पर बात करने जा रहा हूं, जिसका नाम है, शिक्षा जैसा कि आप जानते हैं, शिक्षा सभी के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होती है, परंतु आज हम सबसे ज्यादा बात करेंगे लड़की के शिक्षा के बारे में।
आज भी लोगों को इसके लिए आवाज उठाने की जरूरत है, कि लड़कियों को स्कूल भेजा जाए। यह बहुत ही आवश्यक है कि उन्हें शिक्षा मिलनी चाहिए। आजादी के इतने साल बाद भी लड़कियों को पूर्ण स्वतंत्रता नहीं दी जा रही है, इसी वजह से आज भी बहुत सारी बालिकाएं ऐसी हैं, जो शिक्षा पाने में असफल हैं, आज भी भारत की 70% जनसंख्या गांव में रहती है, जहां पर लड़कियों को घर से बाहर भेजना वर्जित समझा जाता है।
रीति-रिवाजों के नाम पर लड़कियों को पर्दों में रखा जाता है। समाज की कुरीतियों के नाम पर लड़कियों को हमेशा दबाया जाता है, परंतु ऐसा सही नहीं है लड़कियों को भी उतना ही अधिकार मिलना चाहिए, जितना लड़कों को दिया जाता है, मैं इस बात से सहमत करता हूं, कि देश को चलाने में लड़कों का हाथ है।
परंतु अगर वही काम दोनों मिलकर करें लड़कियां और लड़के दोनों मिलकर करते हैं, तो उसका योगदान देखने लायक होता है, क्या आप अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला को भूल गए, सबसे पहली महिला जो अंतरिक्ष पर गई थी वह कल्पना चावला थी, उसे कभी कोई भी व्यक्ति नहीं भुला सकता है। चाहे वह किसी भी क्षेत्र में क्यों ना हो महिलाओं का ओहदा सबसे आगे ही रहना चाहिए।
शिक्षा का मतलब केवल किताब और स्कूल तक ही सीमित नहीं होता है, परंतु हमें लड़कियों को हर क्षेत्र में आगे रखना चाहिए, उन्हें अपने पंख फैलाकर उड़ने की पूर्व अनुमति देनी चाहिए, हमें सदियों पुराने रवैया को बुलाना होगा, उसे छोड़कर लड़कियों को पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना होगा।
आज मैं आप सभी से यही अपील और निवेदन करता हूं कि जितने भी युवा और वृद्ध यहां पर उपस्थित हैं, वह घर जाकर इस बारे में जरूर विचार करें कि हम किस तरह से अपने समाज में बदलाव ला सकते हैं। जब भी आप कि किसी भी प्रकार की छुट्टी आती है, तो उन छुट्टियों में गांव जाए अपनी जान पहचान अपने रिश्तेदारों सभी लोगों को प्रोत्साहित करें।
उन्हें इस बात से अवगत कराएं कि लड़कियों को स्कूल भेजना कितना महत्वपूर्ण है। यह कर्तव्य हमारे देश के प्रति और बच्चों के प्रति बनता है, जो हमें निभाना चाहिए। इन सभी से मिलकर हम एक मजबूत राष्ट्र का निर्माण कर सकेंगे।
अब मैं अपनी वाणी को यहीं विराम देता हूं और आशा करता हूं, कि आप सभी इस कार्य में मेरा सहयोग करेंगे और अपने घर में ही नहीं अपितु समाज में भी लड़कियों को पढ़ने के लिए जागरूकता को फैलाएंगे और सभी का सहयोग करेंगे। यह कर्तव्य और जिम्मेदारी हमारी बनती है और हमें देश के प्रति इस जिम्मेदारी को निभाना चाहिए।
धन्यवाद!
निष्कर्ष
इस आर्टिकल के जरिए हमने आपको लड़की की शिक्षा पर भाषण ( Speech on Girl Education in Hindi) के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी है और यह भी बताया कि लड़कियों के लिए शिक्षा कितनी जरूरी है। इसीलिए हमें लड़कियों को पढ़ने के लिए जागरूक करना चाहिए और उनके माता-पिता को प्रोत्साहित करना चाहिए कि वह अपनी बेटी को जरूर पढ़ाएं, यह हम सभी का कर्तव्य है।
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