शिनचैन की रियल लाइफ स्टोरी (Shinchan Real Story in Hindi): नमस्कार दोस्तों, आपको इस पोस्ट के माध्यम से एक ऐसी कहानी से रुबरू करने जा रहे है, जिसे सुनकर आप अपनी आँखों से आंसू नहीं रोक पाएंगे। हाँ दोस्तों आपको हम बच्चों के सुपरस्टार शिनचैन की रियल लाइफ स्टोरी के बारे में बताने जा रहे है।
जैसा कि आप लोगों ने देखा होगा कि शिनचैन एक बहुत ही शैतान बच्चा है। वह अपना काम काम स्वयं नहीं करता था और होमवर्क भी नहीं करता था, जिससे उसे स्कूल में बहुत मार पड़ती थी। वह स्कूल में अधयापकों को भी बहुत परेशान कर लेता था। इसलिए सभी अध्यापक भी उसे शैतान बताते थे।
लेकिन असल में उसकी कहानी बहुत ही दर्दनाक है। यह कार्टून कैरेक्टर असल जिंदगी पर आधारित है और इसमें जो शिनचैन का करैक्टर है, वह भी असल जिंदगी में रहा है और जो अब मर चुका है।
बच्चों के सुपरस्टार शिनचैन की रियल लाइफ स्टोरी | Shinchan Real Story in Hindi
यह कहानी जापान की है, जहाँ एक खुशहाल परिवार अपना जीवन खुशी से व्यतीत कर रहा था। उस परिवार के सदस्य का नाम हिरोशी था तथा उनकी पत्नी जिसका नाम मिसाई था, उसके दो बच्चे थे। एक का नाम शिनचैन तथा दूसरे का नाम हिमावारी था।
जैसा कि आप सब ने कार्टून में देखा होगा कि शिनचैन की मां को शॉपिंग करना बहुत पसंद था, वह हर हफ्ते शॉपिंग करती थी और असल जिंदगी में वह शॉपिंग करने एक शॉपिंग सेंटर पर पहुंची, जहां पर शिनचैन को अपनी बहन हेमावारी को पकड़ा दिया और वह जरूरत का सामान लेने लगी।
शिनचैन को वहां पर एक सेक्सन में बहुत से खिलौने दिखाई दिए। वह अपनी बहन की चिंता छोड़ उस खिलौने के सेक्शन में चला गया।
शिनचैन को वह खिलौने इतने पसंद आए कि उसे अपनी बहन हिमावारी का ध्यान ही नहीं रहा। उसकी बहन उसकी नजरों से दूर चली गयी और वह खिलौने देखने में इतना गुम हो गया कि वह अपनी बहन को नहीं देख पाया कि वह कहा गयी है।
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जब शिनचैन को अपनी बहन याद आई तो उसने वहां पर देखा तो वहां पर उसकी बहन नहीं थी। वह इधर-उधर ढूंढने लगा। शिनचैन बाहर जाकर देखा तो उसकी बहन सड़क पार कर रही थी, सड़क पर तेज गाड़ियां आ जा रही थी।
शिनचैन जोर से चिल्लाया और अपनी बहन को बचाने के लिए सड़क पर तेजी से दौड़ पड़ा और वे दोनों कुछ समझ पाते तब तक उधर से तेज रफ्तार से आ रही गाड़ी से दोनों का एक्सीडेंट हो गया और वह दोनों उसी वक्त इस दुनिया को छोड़ कर चले गए।
जब शिनचैन की मां को अपने बच्चों की याद आई तब वह इधर-उधर देखने लगी और बाहर जमा भीड़ को देखकर वह डर गई और जब वह वहां पर आकर देखती है तब उनके बच्चे इस दुनिया को छोड़ कर जा चुके थे। वह बहुत ही दु:खी होती हैं और उनको एक बड़ा सदमा लगता है, जिससे वह घर पर निराश, उदास बैठी रहती थी और डायरी लिखा करती थी। अपने बच्चों के बारे में और अपने बच्चों की पेंटिंग बनाया करती थी, बहुत रोती थी।
कुछ समय बाद ये घटना जापान के एक बड़े कार्टून “राइटर योषिता ओतसोई” तक पहुंची और उन्होंने इस कहानी पर कार्टून बनाने का फैसला किया। इसी तरह कार्टून कैरेक्टर शिनचैन इस दुनिया में आया।
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