Razia Sultan Ki Prem Kahani: रजिया सुल्तान का जन्म सन 1205 ईस्वी में बदायूं शहर में हुआ था। रजिया सुल्तान के पिता का नाम समसुद्दीन इल्तुतमिश था, जो दिल्ली शहर के बहुत ही मशहूर शासक थे। रजिया सुल्तान की तीन भाई थे, जो अपनी बहन से बहुत प्रेम करते थे और वह अपनी बहन को रजिया नाम से कह कर पुकारते थे। रजिया सुल्तान का पूरा नाम जलालत ऊद्दीन रजिया था।
रजिया सुल्तान मुगल साम्राज्य की सबसे शक्तिशाली महिला थी। रजिया सुल्तान बचपन से ही बहुत बहादुर थी और रजिया सुल्तान को बचपन से ही समाज में परिवर्तन लाना बहुत पसंद था, जिसके लिए वह बहुत सारे प्रयास किया करती थी। रजिया सुल्तान को शासन करने का भी बहुत शौक था। रजिया सुल्तान के पिता इल्तुतमिश का निधन होने के बाद रजिया ने ही उनके राजकाज को संभाला था।
दिल्ली शहर की रानी बनी थी। दिल्ली की महारानी बनने से पहले रजिया सुल्तान को बहुत सारे कष्टों का सामना करना पड़ा था। समाज उनको एक महारानी के रूप में देखना पसंद नहीं कर रहा था, जिसके लिए रजिया सुल्तान के पिता के निधन के बाद लोगों ने रुक उद्दीन फिरोज को दिल्ली का राजा बना दिया था। लेकिन फिरोज ने अपना फर्ज कभी नहीं निभाया और अपना फर्ज ईमानदारी से निभाने में असफल रहा था।
जिसके बाद लोगों ने फिरोज को दिल्ली शहर के राजा के पद से हटा दिया। जिसके बाद रजिया सुल्तान को दिल्ली शहर की नई महारानी के रूप में नियुक्त किया गया। रजिया ने भी अपने महारानी होने के कर्तव्य को बहुत सकुशल रूप से निभाया। जब रजिया सुल्तान दिल्ली के शासन काल को संभाल रही थी तब रजिया को एक व्यक्ति से प्रेम हो गया था, जो उन्हीं के दरबार में काम किया करता था।
वह रजिया को घुड़सवारी करना सिखाया करता था, उसका नाम जलालुद्दीन याकुत था। रजिया भी जलाउद्दीन से बहुत प्रेम किया करती थी लेकिन समाज को रजिया और जलाउद्दीन बिल्कुल भी पसंद नहीं था और सारा समाज दोनों के प्रेम के खिलाफ था। जिसके कारण समाज में लोगों ने विद्रोह करना शुरू कर दिया और उसी विद्रोह के कारण जलाउद्दीन याकूत का निधन हो गया।
जिसके बाद रजिया सुल्तान का विवाह अल्तूनिया से करवा दिया गया और विवाह के बाद भी रजिया सुल्तान याकूत को भूल नहीं पा रही थी। वह याकूत के निधन के बाद भी उस से प्रेम करती थी। अल्तूनिया से रजिया का विवाह ज्यादा दिन तक नहीं चला था क्योंकि अल्तूनिया का निधन एक युद्ध में हो गया था।
रजिया सुल्तान ने 1236 ईसवी से 1240 ईसवी तक दिल्ली शहर में राज किया था और महारानी के पद पर दिल्ली शहर में शासन किया थाक्योंकि अल्तूनिया का निधन एक युद्ध में हो रजिया सुल्तान भारत की प्रथम महिला शासक थी। रजिया सुल्तान महिलाओं को पुरुषों से कम नहीं समझती थी।
वह महिलाओं को भी पुरुषों के बराबर समान समझती थी। रजिया सुल्तान ने अपने शासनकाल में दिल्ली की कानून व्यवस्था को सही किया और व्यापार को आगे बढ़ाने के लिए रजिया ने बहुत सारी इमारतों का भी निर्माण करवाया, जिससे व्यापार को आगे बढ़ाया जा सके।
रजिया सुल्तान ने अपने शासनकाल में कई सड़के बनवाई है और बहुत सारे कुएं खुदवाए और रजिया सुल्तान ने शिक्षा को बढ़ावा देते हुए कई विश्वविद्यालयों का निर्माण कराया। मुस्लिम और हिंदू दोनों समाज के लोगों को शिक्षा प्राप्त करवाई और कला और संस्कृति के क्षेत्र में भी बहुत सारे सफल कार्य किए। तुर्की साही के लोग रजिया सुल्तान से बहुत नफरत किया करते थे।
उन्होंने रजिया सुल्तान से विद्रोह किया और उसको युद्ध में पराजित कर दिया था और अपना बंदी बना लिया। लेकिन तुर्की का राजा अल्तूनिया रजिया का बचपन का दोस्त था, वह रजिया को बहुत प्रेम किया करता था। उसने रजिया को बंदी जरूर बनाया था लेकिन रजिया के लिए उसने राज्य की सारी सुविधाएं दे रखी थी।
उसने रजिया को वहां से निकालकर ले गया और कई समय के बाद रास्ते में जाते समय कई लोगों ने अल्तूनिया पर आक्रमण कर दिया और उसको जान से मार दिया और रजिया को 14 अक्टूबर सन 1240 को रजिया सुल्तान को मार दिया गया।
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