नमस्कार दोस्तों, आज हम आपको एक ऐसे रेसलर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने भारत के लिए गोल्ड मेडल भी जीता। इनके रेसलिंग का तरीका कुछ अलग है, जोकि लोगों का ध्यान अपनी और आकर्षित करता है। ऐसी रेसलिंग तकनीकी के साथ इन्होंने टोक्यो ओलंपिक में अपना कदम रखा और भारत को मेडल भी दिलाया।
आप समझ गए होंगे, कि हम किसकी बात कर रहे हैं, जी आपने बिल्कुल सही समझा हम बात कर रहे हैं, रवि कुमार दहिया की। रवि कुमार दहिया का नाम भारत के कुछ गिने-चुने रैसलर्स की लिस्ट में जुड़ चुका है।
आज हम आप सभी लोगों को अपने इस महत्वपूर्ण बायोग्राफी के माध्यम से रवि कुमार दहिया की संपूर्ण जीवन परिचय के विषय में विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान करने वाले हैं। यदि आप रवि कुमार दहिया के विषय में संपूर्ण जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो कृपया आप इस लेख के साथ अंतर्गत बने रहे।
रवि कुमार दहिया का जीवन परिचय (जन्म, परिवार, रेसलिंग करियर, ओलंपिक, पुरस्कार)
रवि कुमार दहिया के विषय में संक्षिप्त जानकारी
नाम | रवि कुमार दहिया |
जन्म | 12 दिसंबर 1998 |
जन्म स्थान | सोनीपत (नाहरी गांव), हरियाणा |
उम्र | 23 वर्ष |
माता | ज्ञात नहीं |
पिता | राकेश दहिया |
पेशा | रेसलिंग |
पसंदीदा रेसलर | सुनील कुमार |
विश्व रैंकिंग | एशियन चैंपियनशिप प्रथम स्थान वर्ल्ड चैंपियनशिप तृतीय स्थान वर्ल्ड अंडर 23 द्वितीय स्थाथन |
रवि कुमार दहिया कौन है?
रवि कुमार दहिया संपूर्ण भारत वर्ष के बेहतरीन रैसलर्स की लिस्ट में शामिल है। रवि कुमार दहिया अपनी रेसलिंग के तकनीकी के आधार पर संपूर्ण विश्व में अपनी पहचान बना रहे हैं। हम ज्यादातर रवि कुमार दहिया की चैंपियनशिप प्रतियोगिताओं में उपस्थिति देख रहे हैं, क्योंकि यह केवल वर्तमान समय में चैंपियनशिप प्रतियोगिता में ही अपनी पहचान बनाना चाहते हैं।
रवि कुमार दहिया का कहना है कि वह पूरी तरह से रेसलिंग में अपना पहचान बनाने के बाद धीरे-धीरे अन्य रेसलग कंपटीशन में भी हिस्सा लेंगे। रवि कुमार दहिया टोक्यो में आयोजित हुए ओलंपिक खेल में शामिल हुए थे। टोक्यो ओलंपिक में इन्होंने भारत का प्रतिनिधित्व किया और इतना ही नहीं अभी हाल ही में रवि कुमार दहिया ने टोक्यो ओलंपिक में सेमी फाइनल को जीतकर फाइनल में अपनी धमाकेदार एंट्री की और इन्होंने रजत पदक भारत के नाम किया।
रवि कुमार दहिया का जन्म
रवि कुमार दहिया का जन्म हरियाणा के सोनीपत जिले में स्थित नाहरी गाँव में 12 दिसंबर 1998 को हुआ था। इन्होंने मात्र 23 वर्ष की उम्र में रेसलिंग की दुनिया में एक ऐसी उपलब्धि हासिल कर लिए हैं, जो कि बहुत ही सराहनीय है।
रवि कुमार दहिया के माता-पिता
रवि कुमार दहिया के माता-पिता के द्वारा इन्हें सदैव सहायता और सराहना मिली है, जिसके कारण इन्होंने रेसलिंग के लिए अपने बचपन से ही काबिलियत बरसाना शुरू कर दिए थे। इनके माता-पिता ने इनके इस काबिलियत को देखते हुए, इन्हें इसकी ट्रेनिंग के लिए भी कोचिंग क्लासेस में ज्वाइन करवा दिया। रवि कुमार दहिया के पिता का नाम राकेश दहिया है।
रवि कुमार दहिया के माता के विषय में वर्तमान समय में कोई विशेष जानकारी उपलब्ध नहीं है। इनके पिता बहुत ही गरीब थे और अपनी आजीविका चलाने के लिए दूसरों के खेतों में काम किया करते थे और प्राप्त पैसों से अपने परिवार की जरूरतों की चीजों की पूर्ति करने का प्रयास करते थे।
रवि कुमार दहिया के माता-पिता ने अपने आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण भी इन्हें रेसलिंग कोचिंग में ज्वाइन करवाया और रवि कुमार दहिया ने भी इसका परिपूर्ण लाभ उठाया।
रवि कुमार दहिया का प्रारंभिक जीवन
जैसा कि पहले बताया रवि कुमार दहिया के परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत ही ज्यादा खराब थी, परंतु रवि कुमार दहिया के अंदर रेसलिंग को लेकर इतना ज्यादा जुनून भरा हुआ था कि उन्होंने स्वयं को रोक नहीं पाए और इसी कारण से इन्होंने संघर्षों को पार करते हुए अपनी सफलता को प्राप्त की।
रवि कुमार दहिया के पिताजी के पास स्वयं की कोई जमीन नहीं थी, जिसके कारण इन्हें दूसरों के खेतों में किराए पर काम करना पड़ता था। अतः इससे जो पैसे आते थे, वह परिवार के देखरेख में ही खत्म हो जाते थे।
परिवार की ऐसी दशा होने के कारण भी इनके पिता ने कभी भी इन्हें इनके लक्ष्य को छोड़ने के लिए नहीं कहा, इन्होंने सदैव इनको सराहना दी और अपने बेटे को स्वयं से काम करके अपनी ट्रेनिंग को जारी रखने का निर्देश दिया।
रवि कुमार दहिया ने अपनी ट्रेनिंग के दौरान डाइट को शामिल किया, जिसमें उन्होंने फलों को सबसे ऊपर रखा। रवि कुमार दहिया के पिता इनके लिए फल लेने के लिए लगभग 40 किलोमीटर का सफर तय करके दिल्ली आते थे और यहां से फल लेकर जाते थे।
रवि कुमार दहिया की ट्रेनिंग और उनके कोच
रवि कुमार दहिया ने अपने रेसलिंग की ट्रेनिंग दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम चेक करने की इच्छा से उन्होंने छत्रसाल स्टेडियम के पास रहने का फैसला किया। इस स्टेडियम में इन्होंने दो बहुत ही सम्मानित एवं माने जाने रेसलर कोच सतपाल सिंह और वीरेंद्र कुमार के अंतर्गत रहकर रेसलिंग सीखी।
रवि कुमार दहिया का रेसलिंग करियर
रवि कुमार दहिया ने अपना सबसे पहला डेब्यू मात्र 22 वर्ष की उम्र में ही दे दिया था, इन्होंने अपना पहला मैच वर्ल्ड चैंपियनशिप खेला था। इन्होंने इस वर्ल्ड चैंपियनशिप मैच में ईरान के खिलाड़ी रिजा अत्रिनाघारची को हराया और इस मैच में इन्होंने अपने नाम कांस्य पदक को कर लिया।
इस मैच के बाद इन्होंने वर्ष 2015 में जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में बहुत ही धमाकेदार प्रदर्शन दिया और इन्होंने अपने नाम सिल्वर मेडल कर लिया इस प्रकार धीरे-धीरे रवि कुमार दहिया की ललक और भी ज्यादा बढ़ती गई।
अपनी बढ़ती जज्बे के कारण इन्होंने वर्ष 2018 में आयोजित किए गए वर्ल्ड चैंपियनशिप अंडर 23 मे इन्होंने अपने नाम सिल्वर मेडल कर लिया। इतना ही नहीं इसके साथ-साथ उन्होंने सीनियर नेशनल में भी सेकंड पोजीशन को प्राप्त किया।
इन सभी के बाद इन्होंने 57 किलोग्राम की कैटगरी में भी अपने करियर को आजमाया। इस मैच में अपने आप को एक खिलाड़ी के तौर पर पूरी तरह से सेटल कर लिया। इन्होंने इस मैच में जाने-माने रेसलर उत्कर्ष काले और संदीप तोमर को भी मात दी है।
रवि कुमार दहिया का टोक्यो ओलंपिक मैच
भारत के इस रेसलर ने वर्ष 2021 में आयोजित किए गए टोक्यो ओलंपिक मैच में इन्होंने फ्रीस्टाइल रैसलिंंग में 57 किलोग्राम की कैटेगरी को चुना और इन्होंने इस मैच में फाइनल राउंड तक के लिए चयनित हुए। रवि कुमार दहिया ने टोक्यो ओलंपिक मेंं बुधवार के दिन क्वार्टर फाइनल मैच खेला था और उन्होंने बुल्गारिया के रेसलर जॉर्डी बैंगलॉव को 4-14 से हराया।
इसके बाद इन्होंने फिर से कजाकिस्तान के नामी रेसलर नूर इस्लाम सनाएव को सेमी फाइनल राउंड मेंं हराया और अपनी जगह फाइनल राउंड मेंं फिक्स कर लिया। रवि कुमार दहिया से आने वाले फाइनल राउंड में रजत पदक को अपने नाम किया।
रवि कुमार के बारे में रोचक तथ्य
- रवि कुमार दहिया ने बहुत कम उम्र से ही कुश्ती के क्षेत्र में अपना रुचि दिखाना शुरू कर दिया था।
- 1982 में आयोजित एशियाई खेल स्वर्ण पदक विजेता सतपाल सिंह के मार्गदर्शन पर रवि कुमार दहिया के पिता ने दिल्ली के छात्रावास स्टेडियम में इनके कुश्ती के प्रशिक्षण के लिए इनका दाखिला करवाया था।
- रवी दहिया एक किसान परिवार से आते हैं, इनके पिता किसान हैं जो धान की खेती किया करते हैं।
- रवि कुमार ने बताया कि इनके पिता ने इनका काफी समर्थन किया। जब यह दिल्ली के छात्रावास स्टेडियम में कुश्ती के प्रशिक्षण के लिए रहते थे तब इनके पिता रवी दहिया के अच्छे डाइट के लिए इनके गांव नहरी से उतरी दिल्ली तक रोजाना दूध, दही, घी और फल लेकर आते थे। लगभग 10 सालों तक इनके पिता ने इसी तरह इनके डाइट का ध्यान दिया।
- साल 2015 के जूनियर विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में भाग लेकर रवी कुमार दहिया ने अपने पहलवानी करियर की शुरुआत की। इसमें इन्होंने 55 किलोग्राम वर्ग में रजत पदक हासिल किया था।
- 2017 में कुश्ती के दौरान रवी दहिया को गहरी चोट लग गई थी, जिसके कारण लंबे समय तक यह कुश्ती के प्रशिक्षण से दूर रहे थे। क्योंकि उन्हें आराम करने के लिए कहा गया था। हालांकि 2018 में ठीक हो गए और इसी साल के विश्व U23 कुश्ती चैम्पियनशिप मैं 57 किलोग्राम भार वर्ग में भाग लेकर जीत प्राप्त किया और रजत पदक हासिल किया।
- सुशील कुमार के बाद केवल रवी दहिया ही हैं, जो कुश्ती में ओलंपिक फाइनल तक पहुंचे।
रवि कुमार दहिया को प्राप्त पुरस्कार
वर्ष | पुरस्कार |
2018 | under 23 रेसलिंग चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल पीपी |
2019 | 57 किलोग्राम की कैटेगरी में कांस्य पदक |
रवि कुमार दहिया का विश्व में रैंक
खेल | रैंक |
वर्ल्ड चैंपियनशिप | 3 |
वर्ल्ड चैंपियनशिप अंडर 23 | 2 |
एशियन चैंपियनशिप | 1 |
रवि कुमार दहिया का सोशल मीडिया अकाउंट
इंस्टाग्राम | यहाँ क्लिक करें |
फेसबुक | यहाँ क्लिक करें |
ट्विटर | यहाँ क्लिक करें |
FAQ
भारतीय रेसलर
22 वर्ष
सोनीपत (नाहरी गांव), हरियाणा
ज्ञात नहीं
रवि कुमार दहिया वर्तमान समय में सिंगल हैं।
अविवाहित
नहीं, रवि दहया अब तक किसी भी विवाद में नहीं घिरें हैं।
निष्कर्ष
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारे द्वारा लिखा गया यह लेख रवि कुमार दहिया बायोग्राफी इन हिंदी पसंद आया होगा, इसे अवश्य शेयर करें। यदि आपका इस लेख से जुड़ा कोई सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
यह भी पढ़े
Sir apne article bada sundar likha hai