Rajkumariyon ki Kahani: नमस्कार दोस्तों, आज इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको एक जर्मनी कहानी बताने जा रहे हैं, जो 12 राजकुमारियों की कहानी है। इस कहानी में राजकुमारियों की नाच के समय उनके जूतियां फट जाती थी और यह रहस्यमयी बात होती थी। यदि आपको कहानी का शीर्षक अच्छा लगा है तो इस पोस्ट को पूरा पढ़ें और आनंद ले।
राजकुमारियों की कहानी | Rajkumariyon ki Kahani
एक समय की बात है। जर्मनी के एक राज्य में एक राजा रहता था। वह काफी धनी और शक्तिशाली था। उसने अपनी शक्ति से और भी राज्य को अपने अधीन कर लिया था। उसका महल काफी बड़ा था। उसकी 12 पुत्रियां थी, जिनसे वह अत्यधिक प्रेम करता था। उनकी देखरेख में कोई कमी नहीं करता था, जो मांगती थी वह तुरंत हाजिर हो जाता था। परंतु राजकुमारियों को महल के बाहर जाने की अनुमति नहीं थी।
पूरे महल में ही घूमती थी। राजा ने अपने सबसे वफादार सैनिकों को अपनी पुत्रियों की देखरेख में लगा रखा था। यदि राजकुमारियों को कोई भी कार्य होता था तो अपने सैनिकों या दासियों से कार्य कराती थी। राजा अपनी पुत्रियों का विशेष ध्यान रखता था।
राजकुमारियों की रहने की व्यवस्था एक साथ एक कक्ष में होती थी और वह कक्ष रात में अंदर और बाहर से दोनों तरफ से बंद कर दिया जाता था। सुरक्षा की कड़ी देखभाल की जाती थी। बाहर कुछ सैनिक भी तैनात रहते थे।
इतनी सुरक्षा के उपरांत राजकुमारियों के जूते फट जाते थे। एक दिन जब राजा सुबह-सुबह राजकुमारियों के कक्ष में जाता है और देखता कि उनके जूते फटे हुए हैं, राजकुमारियों से पूछने के उपरांत राजकुमारियों का उत्तर रहता कि ” पिताजी मुझे भी नहीं पता कि यह जूते कैसे फट गए।” राजा को हर दिन नए जूते देना पड़ता था। सिलसिला कुछ दिन तक चलता रहा।
हर दिन जूते फटने के इस रहस्यमयी बात को राजा ने जानने के कई विभिन्न प्रकार के प्रयास किए परंतु वह सफल नहीं हो सका। अंत में हार मानकर राजा ने पूरे राज्य में घोषणा करवा दी, जो भी राज्य का व्यक्ति राजकुमारियों के जूते फटने की रहस्यमई बात से पर्दा हटाएगा, उसे पुरस्कृत किया जाएगा, उसका विवाह उसकी मनपसंद राजकुमारी से करा दिया जाएगा और उसे इस राज्य का उत्तराधिकारी राजा का सिंहासन प्राप्त होगा। परंतु यदि वह इस बात में असफल रहा तो उसको दंडित किया जाएगा और उसे मृत्युदंड प्राप्त होगा।
यह बात पूरे दुनिया में फैल चुकी थी। कुछ पड़ोसी राज्यों में से कुछ राजा आए भी लेकिन सफल न हो पाए। एक राजा जो पड़ोसी राज्य से आये हैं राजा ने उनको राजकुमारियों के कक्ष के बगल वाले कक्ष में ठहराया, जिससे निगरानी रखने में उन्हें कोई असुविधा न हो। परंतु देर रात तक जब निगरानी रखते थे और समय अधिक हो जाता तो उन्हें नींद आ जाती और सुबह जब उठते हैं 12 राजकुमारियों के जूते फटे हुए मिलते थे। उसने भी राजकुमारियों के जूते फटने वाली बात से पर्दा नहीं उठा पाया और ऐसे कई राजाओं को अपने प्राणों से हाथ धोना पड़ा।
अब राजा को भी लगने लगा था कि क्या यह रहस्य, रहस्य ही रह जाएगा और मुझे पता भी नहीं चलेगा कि राजकुमारियों के जूते कैसे फट जाते हैं।
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उसी राज्य में एक बहुत गरीब आदमी रहता था। वह अपना जीवन यापन किसी तरह कर लेता था। उसने जब राजा की घोषणा सुनी तो वह राजकुमारियों के संग विवाह का सपना देखने लगा। उसने सोचा क्यों न रहस्यमय बात से पर्दा हटाया जाए, यदि सफलता प्राप्त हुई तो मनपसंद राजकुमारी के संग विवाह कर लेंगे और राज्य का उत्तराधिकारी भी बन जाऊंगा। यदि असफल रहा तो इस गरीबी से तो मृत्यु ही अच्छी है।
अगले दिन वह गरीब आदमी अपना सारा सामान बांध कर राज महल की ओर निकल पड़। उसे रात होने से पहले राजमहल पहुचना था। वह सारा दिन चलता रहा और शाम होने से पहले उसने एक स्थान पर आराम करने को सोचा। उसे बहुत भूख भी लग रही थी और एक पेड़ के नीचे वह आराम करने के लिए बैठ गया।
उसने खाने के लिए खाना जैसे ही निकाला, वहाँ एक बूढ़ी औरत आ गयी। वह बहुत भूखी और प्यासी दिखाई दे रही थी। उसने उस गरीब आदमी से खाने के लिए रोटियां मांगी। उस आदमी को भी भूख बहुत लगी थी परंतु दया दिखाते हुए उसने अपनी सारी रोटियां उस बूढ़ी औरत को दे दी और वह खुद भूखा रहा।
बूढ़ी औरत के पूछने पर आदमी ने जवाब दिया कि मैं राजमहल की ओर जा रहा हूं। महल की 12 राजकुमारियों के जूते फटने के रहस्य से पर्दा उठाने के लिए और उसने पूरा व्रतांत उस बूढ़ी औरत को बता दिया। बूढ़ी औरत ने उस गरीब आदमी को ढेर सारा आशीर्वाद देते हुए कहा “बेटा मैं तुम्हें एक टोपी देती हूं, यह कोई आम टोपी नहीं है। इसे पहनने से आदमी गायब हो जाता है और वह दूसरों की नजर में नहीं आता हैं। शायद यह तुम्हारे कोई काम आ जाए।”
टोपी देते हुए उस बूढ़ी औरत ने और एक बात कही उसने कहा “बेटा यदि तुम्हें 12 राजकुमारियां कुछ खाने को दें तो तुम खाना मत और उसे फैक देना।” उस गरीब आदमी ने टोपी लेकर महल की ओर प्रस्थान किया।
शाम को वह महल पहुंच गया। महल के दरबारी द्वारा उसे राजा के समक्ष प्रकट किया गया। राजा द्वारा पूछने पर उसने अपने आने का प्रायोजन बताया। राजा के आदेशानुसार उसे 12 राजकुमारियों के कक्ष के बगल में एक कक्ष में ठहराने की व्यवस्था कर दी गयी।
रात होने पर उस गरीब आदमी को 12 राजकुमारियों के जूते फटने के रहस्य से पर्दा उठाना था। देर रात तक वह गरीब आदमी बैठा रहा। कुछ समय पश्चात राजा की 12 राजकुमारियों में से सबसे बड़ी राजकुमारी उसके कक्ष में एक शरबत का गिलास लेकर आती है और कहती है कि आपका इस महल में स्वागत है। मैं आपको इस शरबत का गिलास स्वागत के रूप में भेंट करना चाहती। राजकुमारी अत्यंत खूबसूरत थी। गरीब आदमी उसे देखता ही रह गया और उनकी बातों पर फिदा हो गया।
राजकुमारी शर्मा कर गिलास देकर चली जाती है। गरीब आदमी उस शरबत के गिलास को एक ही बार में खाली कर देता है और कुछ समय बाद शरबत ने अपना असर दिखाना शुरू किया। क्योंकि उसमें नींद की गोली पड़ी हुई थी। कुछ समय पश्चात गरीब आदमी को गहरी नींद आ जाती है और वह सो जाता है।
वह गरीब आदमी रात भर गहरी नींद में सोता रहा। सुबह उठते ही उसे राजा के समक्ष प्रस्तुत किया गया। राजा ने उसे बताया अब आपके पास 2 दिन बचे हैं। यदि तुमने इस दो दिन में 12 राजकुमारियों के जूता फटने के रहस्य से पर्दा न उठा पाए तो तुम्हारा सर धड़ से अलग कर दिया जाएगा। अगले दिन गरीब आदमी ने तय किया कि उस बूढ़ी औरत की बात को मानेगा और उस जादुई टोपी को पहनकर राजकुमारी के कक्ष की निगरानी करेगा और उनके द्वारा दी गई कोई भी सामान को हाथ तक नहीं लगाएगा।
रात के समय वह अपने कक्ष में बैठा हुआ था। राजकुमारियों में से सबसे छोटी राजकुमारी उसके पास आई, शरबत का गिलास लेकर। वह अपनी बहनों में सबसे खूबसूरत थी। गरीब आदमी उसे देख कर बूढ़ी औरत द्वारा कही गयी बात भूल गया और फिर वह गहरी नींद में सो गया।
अगली सुबह उसे अपनी गलती का फिर से एहसास हुआ।
राजा ने फिर उसे अपने समक्ष बुलवाकर कहा आपके पास अंतिम दिन बचा है। यदि तुमने इस रहस्य से पर्दा न उठा पाए तो तुम्हें अगली सुबह अपने प्राण गवा देंने होंगे।
उसके सामने दो स्थितियां थी या तो रहस्य से पर्दा हटा कर राज्य का उत्तराधिकारी बन जाये नहीं तो अपने प्राण गवां देने होंगे। अगली रात युवक पूरी तरह से तैयार था। इस बार फिर से राजकुमारियों की सबसे छोटी बहन, जो अत्यंत खूबसूरत थी शरबत का गिलास लेकर आई। युवक ने उसके हाथ से शरबत के गिलास को ले लिया।
राजकुमारी के कक्ष से बाहर जाने के बाद युवक ने उस शरबत के गिलास को खिड़की से बाहर डाल दिया। इस बार देर रात होने पर उसने उस बूढ़ी औरत द्वारा दी गई टोपी को पहनकर राजकुमारी के कक्ष में जैसे ही वह गया, उसने देखा कि राजकुमारिया नए कपड़े, आभूषण और नए जूते पहन कर, सज धज कर तैयार थी। वह हैरान हो गया अखिर इतनी रात में ये राजकुमारियां इतना को सजी धजी है।
युवक को यह सब दिखाई और सुनाई दे रहा था। लेकिन उसे कोई न देख सकता था और न सुन सकता था। तभी बड़ी राजकुमारी ने छोटी राजकुमारी से कहा जाओ देख कर आओ युवक सो गया है या अभी नहीं। यह सब देखकर उस युवक को कुछ समझ नही पा रहा था।
छोटी राजकुमारी उसके कक्ष की दीवार के बगल में कान लगाकर खड़ी होकर पता करने लगी कि वह सो रहा है या नहीं। शायद उस युवक की खर्राटे की आवाज सुनना चाहती थी। युवक समझ गया, वह अदृश्य था। वह दीवार के पास जाकर खर्राटे की आवाज निकालने लगा। छोटी राजकुमारी निश्चिंत हो गई और उसने सभी राजकुमारियों को यह खबर सुनाइए।
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कुछ समय पश्चात बड़ी राजकुमारी ने उन 12 बिस्तरों में से एक बिस्तर को हटाया और अपनी ताली बजाई। बिस्तर के नीचे गुप्त रास्ता था और उस रास्ते का दरवाजा खुल गया। उसके नीचे एक सीढ़ी लगी हुई थी। एक-एक करके 12 राजकुमारी उस सिढ़ी से नीचे उतर गई। उसके पीछे वह अदृश्य युवक भी नीचे निकल गया। नीचे घना जंगल था, जो सुनहरे पेड़ों और सुनहरे फूलों से भरा हुआ था। एक सुनहरे पेड़ की डाल को तोड़ कर रख लिया।
जंगल पार करने के उपरांत 12 राजकुमारी एक नदी के किनारे पहुंची, जहां पर उनका इंतजार 12 राजकुमार कर रहे थे और उस नदी को पार करने के लिए वहां पर बारह नाव भी थी, वे राजकुमारियां एक-एक करके 12 नावों पर बैठ गई। युवक समझदार था, वह सबसे छोटी राजकुमारी की नाव पर बैठ गया और वह बारह राजकुमारियां नाव से नदी पार करने लगी तभी छोटी राजकुमारी को अपनी नाव में भारीपन महसूस हुआ। उसने यह बात अपनी बड़ी राजकुमारी को बताई। बड़ी राजकुमारी जोर-जोर से हंसने लगी और उसका मजाक बना लिया और कहने लगी आज तुम शायद नींद में हो।
छोटी राजकुमारी कुछ न बोली।
नदी पार करने के बाद बारह राजकुमारियां आगे बढ़ी। कुछ दूर चलने के पश्चात एक रोशनी दिखी, जो एक राजमहल की थी। वह महल रोशनी से जगमगाता हुआ, अत्यंत सुंदर लग रहा था। महल से संगीत की ध्वनि सुनाई दे रही थी, जो बड़ी प्रिय थी।
वे बारह राजकुमारियां महल के अंदर चली गई। वहां पर कई सारे स्त्री और पुरुष थे, वे नृत्य कर रहे थे। बारह राजकुमारी अपने राजकुमारों के साथ भी नृत्य करने लगी।
वह युवक यह सब देख रहा था। उस युवक को अब जूते फटने का कारण समझ में आ गया था और एक स्थान पर चुपचाप बैठ कर वह कुछ सब सोच रहा था। कुछ समय पश्चात उसे भूख लगी। कुछ दूर रखें पकवान और मिठाइयां उसे दिखाई दी। वह मिठाई में से एक मिठाई को उठाकर खा लिया।
तभी छोटी राजकुमारी की नजर उस मिठाई की ओर पड़ गई। उसने मिठाई को हवा में उड़ते और गायब होते देख लिया और यह सब अपनी बड़ी बहन को बताया। उसकी बड़ी बहन ने यह बात नजरअंदाज कर दी और कहा जाओ अपने राजकुमार के साथ नृत्य करो और आनंद प्राप्त करो।
सारी राजकुमारी रात भर नृत्य करती रही और छोटी राजकुमारी रात भर यह सब देखती रही और सुबह होते ही वह सब राजकुमारियां नदी पार करके जंगल के रास्ते से अपने कक्ष में वापस आ गई। उनके पीछे-पीछे वह युवक भी आ गया।
सुबह होते ही राजा का बुलावा युवक के लिए आता है। वह राजा के दरबार पहुंचा तब उसने देखा कि बारह राजकुमारिया वहां पर उपस्थित थी, उनके जूते फटे हुए थे। राजा ने कहा यदि तुमने राजकुमारियों के जूते फटने के रहस्य से पर्दा उठा लिया है तो बताओ और यदि नहीं तो अपनी अंतिम सांसे गिन लो।
उस युवक ने कहां महाराज मैंने राजकुमारियों के जूते फटने के रहस्य का पता लगा लिया है। उसने रात भर की घटना राजा को बताइए और प्रमाण स्वरूप जंगल में तोड़ी गई सुनहरी लकड़ी और उस महल से उठाएगा कुछ सामान राजा के सामने प्रस्तुत किया। राजा द्वारा पूछने पर 12 राजकुमारियों ने भी यह स्वीकार कर लिया।
राजा की बारह राजकुमारियों के जूते फटने की रहस्य पूरे राज्य में फैल चुकी थी। राजा अपने वचन से मजबूर थे। उन्होंने अपना वचन निभाने के लिए उसी वक्त से अपनी इच्छा अनुसार राजकुमारी से विवाह करने को कहा। युवक ने सबसे छोटी राजकुमारी से विवाह करने की इच्छा जताई।
इस प्रकार राजा ने उस युवक की शादी अपनी छोटी राजकुमारी से करवा दी और एक गरीब युवक अपने साहस, बुद्धि और निडरता से राज्य का उत्तराधिकारी बन गया।
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