Radha Krishna Story in Hindi: प्रेम की बात आती है तो इस संसार में अनेकों उदाहरण उपस्थित हैं। परंतु एक अनोखा उदाहरण मैं आपको देने जा रहा हूं, जो न कि प्रेम सिखाता है बल्कि हमें जीवन में कई और उन तथ्यों को बताता है, जो हमें अपने जीवन मे करना चाहिए।
चलिए आज हम आपको बताते हैं, प्रेम के उस उदाहरण के बारे में जिसने आज की पीढ़ी में भी अपना रंग चढ़ाए हुए है। इस पोस्ट के माध्यम से हम राधा और कृष्ण के प्रेम संगम तथा बिछड़ने का कारण जानते है।
हिंदू धर्म में सभी देवी देवता अपने पराक्रम चमत्कार से जाने जाते हैं परंतु विष्णु जी के आठवें अवतार श्री कृष्ण अर्थात गोकुल के नंदलाल जी अपने प्रेम प्रसंग के बारे में जाने जाने जाते है। उनके जीवन की अनेकों लीलाएं है, जिसमें से आज एक लीला का वर्णन हम इस कहानी में करेंगे, जो श्री कृष्ण की प्रेमिका राधा से जुड़ी है।
राधा और कृष्ण की अमर प्रेम कहानी कुछ ऐसी अनोखी कहानी है। बचपन में राधा और कृष्ण एक दूसरे के साथ मिला करते थे, एक दूसरे साथ नए खेल का आनंद लेते थे, कृष्ण जी नए-नए प्रकार की लीला राधा के साथ करते थे, श्री कृष्ण और राधा एक दूसरे में समर्पित हो गए। परंतु वह एक दूसरे के पति और पत्नी नही बन पाए।
आज हर कोई जानता है, उनके प्रेम की इस कहानी को। परंतु कृष्ण द्वारा रानी रुक्मणी से विवाह करने के उपरांत राधा कहां गुम हो गई, आज तक कोई नहीं जान पाया और राधा और कृष्ण के बिछड़ने का कारण क्या था, शायद ही कोई जानता हो।
तो चलिए हम इस पोस्ट को और आगे बढ़ाते हुए आपको राधा कृष्ण और रुक्मणी के कुछ ऐसे तथ्य बताने जा रहे है, जो शायद आपको पता नहीं होगा।
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राधा और कृष्ण की प्रेम कहानी | Radha Krishna Story in Hindi
कृष्ण जी ब्रह्मा के आठवें अवतार थे और वह देवकी के आठवें पुत्र भी थे। कृष्ण के माता-पिता को उसके दुष्ट कारी मामा का द्वारा जेल में बंद करने के उपरांत जब अत्याचार बढ़ गया अर्थात उनके भाइयों को मौत के घाट उतार दिया गया तब ब्रह्मा जी ने अपना अवतार लिया कृष्ण के रूप में और उनको एक ऐसे छोटे से गांव में उनके पिता द्वारा ले जाया गया, जिसे गोकुल के नाम से जाना जाता है।
कृष्ण वहां अपना बचपन बिताते हैं तभी उनकी मुलाकात राधा से होती है। राधा विष्नु जी की पत्नी श्री लक्ष्मी देवी की अवतार थी। श्री कृष्ण और राधा में प्रेम हो जाता परंतु कुछ समय उपरांत जब कृष्ण को अपने कर्तव्य का आभास होता है तो अब गोकुल छोड़कर चले जाते हैं और अपनी प्रजा और अपने माता-पिता को अपने मामा कंस के चंगुल से छुड़ाने के लिए उन्होंने कई युद्ध लड़े। कहा जाता है कि श्री कृष्ण राधा से अत्यधिक प्रेम तो करते थे, परंतु उनसे शादी ना कर सके। इसका कारण श्री कृष्ण जी का कर्तव्य बताया जाता है।
जैसा कि हम सब जानते हैं कि राधा श्री लक्ष्मी अवतार थी, इसमें कोई संदेह नहीं है कि राधा का विवाह श्रीकृष्ण से ही हुआ होगा। क्योंकि लक्ष्मी जी ने कहा था कि मेरा विवाह सिर्फ विष्णु से ही होगा और ऐसा कहा जाता है कि राधा और कृष्ण का गान्धर्व विवाह ब्रह्मा जी ने एक जंगल में ही करा दिया था।
पौराणिक कथाओं में लिखा गया है कि श्री कृष्ण से रुकमणी का विवाह कैसे हुआ, कथाओं के अनुसार बताया गया है कि रुकमणी राधा की तरह कृष्ण से बचपन से ही प्रेम करती थी और उन्हें अपना ईश्वर मानती थी। परंतु रुक्मणी का विवाह तय हो गया था तभी रुक्मणी ने श्री कृष्ण को एक प्रेम पत्र के माध्यम से बताया। आप मुझसे विवाह कर लें, वरना मैं अपने प्राण त्याग दूंगी। श्री कृष्णा अपने भक्तों की बात टाल नहीं पाए और उनसे विवाह कर लिया।
कुछ कथाएं व पुराणों में बताया गया है कि राधा और रुकमणी एक ही स्त्री थी और श्री कृष्ण का भी कहना था तभी उन्होंने कहां है, जहाँ राधा का प्रेम आता है, वहां रुकमणी के विवाह का जिक्र अवश्य होता है।
ऐसा माना जाता था कि श्री कृष्ण की 8000 रानियां थी। यह प्रकट होता है कि उन्होंने किसी के साथ अच्छा बुरा नहीं किया, अपने वचन पर हमेशा आगे रहे।
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