Princess And The Pea Story In Hindi: नमस्कार दोस्तों, आज इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको राजकुमारी और मटर की कहानी बताने जा रहे हैं, जिसमें राजकुमारी की संवेदनशीलता का पता लगाया जाता है। इस कहानी में उसके बिस्तर में मटर के दाने को रखकर उसकी सहनशीलता का भी पता लगाया जाता है।
राजकुमारी और मटर की कहानी | Princess And The Pea Story In Hindi
एक समय की बात है। एक राज्य में एक राजा रहता था। वह बड़ा शक्तिशाली और समझदार था, उसने अपनी प्रजा को कभी नुकसान नहीं पहुंचाया था। प्रजा भी राजा को एक अच्छा राजा मानती थी, राजा बहुत खुश था।
उसकी पत्नी भी अत्यंत सुंदर और काफी समझदार थी। उसके घर में एक राजकुमार ने जन्म लिया था। राजा और रानी दोनों बहुत खुश थे। उसके पालन पोषण में उन्होंने कोई कमी नहीं छोड़ी, वह अच्छे संस्करों के साथ बड़ा हुआ।
जब वह बड़ा हुआ काफी सुंदर, सुशील और विनम्र स्वभाव का था। राजकुमार का विवाह करने के लिए राजा रानी कन्या खोजने लगे। लेकिन उन्हें एक सुंदर सुशील और संस्कारी राजकुमारी चाहिए थी, उन्होंने आस पास के राज्यों में भी खोजा लेकिन उन्हें कोई राजकुमारी नहीं मिली।
आसपास के कई राज्यों से अन्य राजाओं द्वारा विवाह का प्रस्ताव भेजा गया। परंतु राजा ने इनकार कर दिया। राजकुमार के लिए कई रिश्ते आए हैं लेकिन राजा और रानी को वे रिश्ते पसंद नहीं आए। क्योंकि उन्हें एक संस्कारी बहू चाहिए थी, जो उनके बेटे के साथ-साथ उनकी भी देखभाल करें।
रानी ने राजकुमार को अन्य राज्यों में भ्रमण करने के लिए भेजा, जिससे कि वह वहां की राजकुमारियों को देखे और पसंद आने पर उनसे उनका विवाह करा दिया जाए। परंतु राजकुमार को ऐसी कोई कन्या नहीं दिखी, जो सही मायने में राजकुमारी हो।
वह अपने राज्य वापस लौट आया, वह काफी उदास रहने लगा था। उसे अब लग रहा था कि शायद उसकी किस्मत में पत्नी भोग है ही नहीं। वह इन विचारों से अलग होकर राज्य के कार्यों में लग गया।
कुछ समय बीत चुका था फिर एक दिन राज महल के दरवाजे पर किसी ने दस्तक दी। सैनिकों द्वारा दरवाजा खोलने पर पता चला कि वह कोई राजकुमारी थी, उस समय तेज हवा और घनघोर बारिश हो रही थी। वह राजकुमारी पूरी तरह से भीगी हुई थी और उनके बाल और कपड़े गीले हो गए थे। वह भीगने की वजह से कांप रही थी।
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राजकुमारी ने सैनिकों से बताया कि “वह पास के राज्य की राजकुमारी हैं। तेज हवा और बारिश के कारण वह अपने सहेलियों से बिछड़ गई और घनघोर बारिश में फंस गई।”
शाम अधिक हो गयी थी। राज कुमारी ने रात रुकने की इज्जाजत मांगी। द्वारपालों को उसकी बात पर विश्वास नहीं हो रहा था, उसने उस राजकुमारी को रानी के पास लेकर गए। रानी भी देख कर हैरान थी कि वह राजकुमारी है या नहीं रानी काफी समझदार थी। इसका पता लगाने के लिए रानी को एक उपाय सूझा।
राजकुमारी का जहां पर सोने का प्रबंध किया गया था, रानी ने उसके बिस्तर पर पाँच गद्दे डलवाये और उसके ऊपर रेसम के कुछ चादरें डलवाई। रानी ने गद्दो के नीचे एक मटर का दाना रख दिया था। अब राजकुमारी को उस बिस्तर पर सोने के लिए कहा गया।
अगली सुबह रानी राजकुमारी के शयन कक्ष के बाहर जाकर खड़ी होकर उसका बाहर निकलने तक इंतजार करती रही। जैसे ही राजकुमारी बाहर निकली रानी ने उससे सबसे पहले यह प्रश्न पूछा कि कैसा रहा तुम्हारा शयन कक्ष, अच्छा तुम्हें नींद तो अच्छी होगी न।
राजकुमारी ने उत्तर दिया “नहीं। मेरे बिस्तर के नीचे कुछ चुभ रहा था, जिसके कारण मैं सारी रात जग ही रही थी।”
रानी बहुत खुश हुई, उसने कहा जब मटर के दाने को इतने गद्दो के नीचे रखने के बावजूद महसूस कर सकती हैं। वही एक अच्छी राजकुमारी हो सकती है। मुझे तुम पसंद हो, मैं तुम्हारा विवाह अपने बेटे से कराना चाहती हूं।
राजा ने पास के राज्य के राजा से बात की और दोनों का विवाह करवा दिया। दोनों अपने जीवन में अत्यंत खुश और अपना जीवन सुखी से व्यतीत करने लगे।
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