Premchand Quotes in Hindi
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मुंशी प्रेमचंद के अनमोल विचार | Premchand Quotes in Hindi
“कुल की प्रतिष्ठा भी विनम्रता और सदव्यवहार से होती है, हेकड़ी और रुआब दिखाने से नहीं।” ~ मुंशी प्रेमचंद
कुल की प्रतिष्ठा भी सदव्यवहार और विनम्रता से होती है, हेकड़ी और रौब दिखाने से नहीं।
“जिस तरह सूखी लकड़ी जल्दी से जल उठती है, उसी तरह क्षुधा (भूख) से बावला मनुष्य ज़रा-ज़रा सी बात पर तिनक जाता है।”
“अन्याय में सहयोग देना, अन्याय करने के ही समान है…।”
“मन एक भीरु शत्रु है जो सदैव पीठ के पीछे से वार करता है।” ~ मुंशी प्रेमचंद
सोने और खाने का नाम जिंदगी नहीं है, आगे बढ़ते रहने की लगन का नाम जिंदगी हैं।
“लिखते तो वह लोग हैं, जिनके अंदर कुछ दर्द है, अनुराग है, लगन है, विचार है। जिन्होंने धन और भोग-विलास को जीवन का लक्ष्य बना लिया, वह क्या लिखेंगे? क”
“स्त्री गालियां सह लेती है, मार भी सह लेती है, पर मायके की निंदा उससे नहीं सही जाती।”
“चापलूसी का ज़हरीला प्याला आपको तब तक नुकसान नहीं पहुँचा सकता जब तक कि आपके कान उसे अमृत समझ कर पी न जाएँ।” ~ मुंशी प्रेमचंद
जिस बंदे को दिन की पेट भर रोटी नहीं मिलती, उसके लिए इज्जत और मर्यादा सब ढोंग है।
“बूढ़ों के लिए अतीत के सुखों और वर्तमान के दुःखों और भविष्य के सर्वनाश से ज्यादा मनोरंजक और कोई प्रसंग नहीं होता।”
“विपत्ति से बढ़कर अनुभव सिखाने वाला कोई विद्यालय आज तक नहीं खुला”
Premchand Quotes in Hindi
“आकाश में उड़ने वाले पंछी को भी अपने घर की याद आती है।” ~ मुंशी प्रेमचंद
अन्याय होने पर चुप रहना, अन्याय करने के ही समान है।
“इतना पुराना मित्रता-रूपी वृक्ष सत्य का एक झोंका भी न सह सका। सचमुच वह बालू की ही ज़मीन पर खड़ा था।”
“सौभाग्य उसी को प्राप्त होता है, जो अपने कर्तव्य पथ पर अविचलित रहते हैं।”
“जिस प्रकार नेत्रहीन के लिए दर्पण बेकार है उसी प्रकार बुद्धिहीन के लिए विद्या बेकार है।” ~ मुंशी प्रेमचंद
कार्यकुशल व्यक्ति की सभी जगह जरुरत पड़ती है।
“वह प्रेम जिसका लक्ष्य मिलन है प्रेम नहीं वासना है।”
“डरपोक प्राणियों में सत्य भी गूंगा हो जाता है।”
“न्याय और नीति लक्ष्मी के खिलौने हैं, वह जैसे चाहती है नचाती है।” ~ मुंशी प्रेमचंद
निराशा सम्भव को असम्भव बना देती है।
“हमें कोई दोनों जून खाने को दे, तो हम आठों पहर भगवान का जाप ही करते रहें।”
“दौलत से आदमी को जो सम्मान मिलता है, वह उसका नहीं, उसकी दौलत का सम्मान है…।”
“अपनी भूल अपने ही हाथों से सुधर जाए तो यह उससे कहीं अच्छा है कि कोई दूसरा उसे सुधारे।” ~ मुंशी प्रेमचंद
जीवन का वास्तविक सुख, दूसरों को सुख देने में है; उनका सुख छीनने में नहीं।
“मासिक वेतन तो पूर्णमासी का चाँद है, जो एक दिन दिखाई देता है और घटते-घटते लुप्त हो जाता है, ऊपरी”
“सफलता में दोषों को मिटाने की विलक्षण शक्ति है,…।”
Premchand Quotes in Hindi
“क्रोध में मनुष्य अपने मन की बात नहीं कहता, वह केवल दूसरों का दिल दुखाना चाहता है।” ~ मुंशी प्रेमचंद
न्याय और नीति सब लक्ष्मी के ही खिलौने हैं। इन्हें वह जैसे चाहती है, नचाती है।
“जाने। उसने सब घी मांस में डाल दिया। लालबिहारी”
“दुखियारों को हमदर्दी के आँसू भी कम प्यारे नहीं होते।” ~ मुंशी प्रेमचंद
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Rahul Singh Tanwar
राहुल सिंह तंवर पिछले 7 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे हैं। इनको SEO और ब्लॉगिंग का अच्छा अनुभव है। इन्होने एंटरटेनमेंट, जीवनी, शिक्षा, टुटोरिअल, टेक्नोलॉजी, ऑनलाइन अर्निंग, ट्रेवलिंग, निबंध, करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान जैसे विविध विषयों पर कई बेहतरीन लेख लिखे हैं। इनके लेख बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं।