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पंचतंत्र के लेखक कौन है?

Panchatantra Ke Lekhak Kaun Hai :पंचतंत्र संस्कृत का एक विश्वविख्यात कथा ग्रंथ है जो संपूर्ण दुनिया में काफी ज्यादा प्रचलित हैं। दुनिया भर में अलग-अलग भाषाओं में इसे प्रकाशित किया गया है क्योंकि इस ग्रंथ के अंतर्गत पशुओं की चित्रकला के जरिए शिक्षाविद बातें कही गई है। इसीलिए यूरोपीय देशों में भी भाषा शैली को बदलकर इस ग्रंथ का प्रचार किया जा रहा है।

Panchatantra Ke Lekhak Kaun Hai
Image: Panchatantra Ke Lekhak Kaun Hai

आपने भी बचपन में कभी ना कभी पंचतंत्र की किताब जरूर पढ़ी होगी। अगर आप जानना चाहते हो की पंचतंत्र के लेखक कौन है? तो आप हमारे इस आर्टिकल के अंत तक जरूर बने रहे।

पंचतंत्र के लेखक कौन है? | Panchatantra Ke Lekhak Kaun Hai

पंचतंत्र क्या है?

इस ग्रंथ के अंतर्गत राजनीति के पांच तंत्र को प्रतिपादित किया गया है। इसलिए इस कथा ग्रंथ का नाम “पंचतंत्र” रखा गया है। भले ही इस ग्रंथ को संस्कृत में लिखा गया हों, लेकिन वर्तमान समय में लगभग पूरी दुनिया में बड़े पैमाने पर इसे पसंद किया जा रहा है।

आपकी जानकारी के लिए आपको बता दें कि इस ग्रंथ के अंतर्गत मनुष्य जीवन को सफल बनाने के लिए शिक्षा की बातें कही गई है जो मनुष्य को जीवन जीने की राह दिखाती है। इस पुस्तक के अंतर्गत विशेष रूप से पशुओं के चित्र को अंकित किया गया है और चित्र के आधार पर व्यक्ति के सफल जीवन की शिक्षा दी गई है। इसी शिक्षा के महत्व को जानते हुए इस पुस्तक को विशेष महत्वता दी गई है।

इस पुस्तक रखो पांच निबंध भी कहते हैं। मुख्य रूप से इस पुस्तक में पशु कथाओं का संगठन है जो विश्व व्यापक रूप से प्रसारित है। यूरोप में 11 वीं शताब्दी के दौरान इस पुस्तक का प्रचलन हो गया था। तब से लेकर आज तक यूरोप में इस पुस्तक को ‘द फ़ेबल्स ऑफ़ बिदपाई’ नाम से जाना जाता है।

बता दें कि भारतीय साहित्य की नीति पर आधारित कथा ग्रंथों का पूरी दुनिया में महत्वपूर्ण स्थान है। इन कथा ग्रन्थों में “पंचतंत्र” पुस्तक भी शामिल है।

पंचतंत्र के लेखक कौन है?

संस्कृत में लिखित पंचतंत्र कथा ग्रंथ नामक पुस्तक संपूर्ण विश्व में अलग-अलग भाषाओं और अलग अलग नाम से विश्व विख्यात है‌। लेकिन इस पंचतंत्र कथा ग्रंथ पुस्तक के लेखक भारतीय पंडित आचार्य विष्णु शर्मा है, जो प्राचीन भारत के एक विद्वान ब्राह्मण हुआ करते थें।

उन्होंने पशुओं के चित्रों के आधार पर शिक्षा वित्त कहानियां के जरिए इस कथा ग्रंथ की रचना की है। वर्तमान समय में पश्चिमी देशों में भी इस पुस्तक की काफी ज्यादा प्रसिद्धि देखने को मिलती है। आचार्य पंडित विष्णु शर्मा ने अपनी उम्र के अंतिम पड़ाव यानी 80 वर्ष की उम्र में इस ग्रंथ की रचना की थी।

पंचतंत्र पुस्तक की कथाएँ

प्राचीन काल के महान विज्ञान ब्राह्मण पंडित आचार्य विष्णु शर्मा द्वारा लिखित पंचतंत्र पुस्तक को पांच प्रमुख कहानियों के आधार पर चुना जाता है। इस पुस्तक में पुरानी कथा की शुरुआत महाभारत काल से की जाती है, जिसमें महाभारत से प्रेरणा लेकर ही आचार्य पंडित विष्णु शर्मा इस ग्रंथ की रचना करते हैं।

विष्णु शर्मा का मानना है कि महाभारत ना केवल दुनिया की सबसे प्राचीन और दुनिया की सबसे बड़ी लड़ाई है बल्कि यह दुनिया की सबसे बड़ी ग्रंथ के रूप में एक शिक्षा भी हैं, जो दुनिया को ज्ञान की तरफ आकर्षित करते हैं।

आचार्य पंडित विष्णु शर्मा ने अपने लिखित पंचतंत्र कथा ग्रंथ में महाभारत रामायण मनुस्मृति तथा आचार्य चाणक्य के अर्थशास्त्र से भी श्लोक विचार कथा नीतियां इत्यादि हासिल की है। इन सभी ज्ञान के आधार पर आचार्य पंडित विष्णु शर्मा ने पंचतंत्र कथा ग्रंथ की रचना की है।

इस ग्रंथ के अंतर्गत रामायण काल से लेकर भारतीय प्राचीन काल तक प्रत्यय के कालखंड में घठित घटनाओं के आधार पर शिक्षा को ग्रहण करके मनुष्य जीवन में काम आने वाली शिक्षाओं का आंकलन किया गया है। इसीलिए वर्तमान समय में इसका काफी ज्यादा प्रभाव देखने को मिलता है।

निष्कर्ष

भारतीय प्राचीन समय के आचार्य पंडित विष्णु शर्मा ने रामायण काल से लेकर प्राचीन काल तक सभी कालखंड और ग्रंथों, धर्म शास्त्र तथा कहानियों से शिक्षाविद् जानकारी को ग्रहण करके भारत और विश्व को उजाले के प्रकाश में आगे बढ़ने के लिए “पंचतंत्र” नामक कथा ग्रंथ की रचना की है जो वर्तमान समय में संपूर्ण विश्व में अलग-अलग भाषाओं तथा अलग-अलग नाम से विश्व विख्यात है।

इसीलिए इस आर्टिकल में हम आपको पूरी जानकारी के साथ विस्तार से बता चुके हैं कि पंचतंत्र के लेखक कौन है? ( Panchatantra Ke Lekhak Kaun Hai) हमें उम्मीद है यह जानकारी आपको जरूर पसंद आई होगी। अगर आपका हिसाब से संबंधित कोई भी प्रश्न है, तो आप नीचे कमेंट करके पूछ सकते हैं। हम पूरी कोशिश करेंगें कि आपके द्वारा पूछे गए प्रश्न का उत्तर जल्द से चला दे सकें।

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