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भारत की खोज किसने की थी?

Bharat Ki Khoj Kisne Ki Thi : आप सभी लोगों ने कभी ना कभी तो यह पढ़ा ही होगा, कि भारत की खोज किसने की थी? और यदि आपने नहीं पढ़ा तो आप सभी लोगों के लिए हमारे द्वारा लिखा गया यह महत्वपूर्ण लेख बेहद आवश्यक होने वाला है।

Bharat Ki Khoj Kisne Ki Thi
Image: Bharat Ki Khoj Kisne Ki Thi

आज के इस लेख में हम आप सभी लोगों को इसी विषय में जानकारी देने वाले हैं कि भारत की खोज किसने की थी? हालांकि हमारा भारत पहले से ही भी एक्जिस्ट करता था, परंतु इसके विषय में किसी को पता नहीं था। इसलिए हम अपने लेख की तरफ आगे बढ़ते हैं और जानते हैं इस विषय में।

भारत की खोज किसने की थी? | Bharat Ki Khoj Kisne Ki Thi

भारत खोज किसने की थी?

इतिहास की किताबों में लिखा है कि भारत की खोज वास्कोडिगामा ने की थी। यह भारत व्यापार के लिए आया था परंतु इसे यहां का मसाला बहुत ही पसंद आया। इसने यहां से मसालों का व्यापार अपने देश में करने लगा और इसने पूरी दुनिया को भारत के बारे में बताया कि भारत भी एक देश है।

वास्कोडिगामां एक यूरोपियन थे। इन्होंने यूरोपियों को समुद्री मार्ग से भारत जाने का रास्ता बतलाया। इसके बाद सभी लोग भारत को जानने लगे और यहां पर कई विदेशी व्यापार करने के लिए आए और उन्होंने अपने देश से सस्ते में कच्चा माल लाकर यहां महंगे में बेचने लगे।

जिससे भारत की स्थिति बहुत ही खराब हो चुकी थी। भारत में बहुत धन और बहुत सुना था जिसके कारण से भारत को सोने की चिड़िया नाम से जाना जाता था। परंतु उन्होंने भारत को लूट कर कंगाल कर दिया।

भारत की खोज कब की गई थी?

भारत की खोज 7 जुलाई सन 1497 ईस्वी में की गई थी। वास्कोडिगामा 7 जुलाई सन 1497 इसी में केरल के कालीकट में पहुंचा। 4 नाविकों के साथ समुद्री मार्ग ढूंढने के उद्देश्य से आया था। वास्कोडिगामा ने समुद्री मार्ग से कई देशों को पार करके भारत पहुंचा था।

वास्कोडिगामा को अपने देश से भारत आने के लिए तीन रास्ते थे जो निम्नलिखित हैं

  1. रूस को पार करके चीन तथा बर्मा से होते हुआ था लेकिन यह रास्ता बहुत ही लंबा तथा बहुत ही कठिन था।
  2. अरब और ईरान को पार करके वास्कोडिगामा भारत पहुंच सकते थे लेकिन इस मार्ग का इस्तेमाल केवल ईरानी लोग करते थे और इस पर किसी को भी जाने की अनुमति नहीं थी।
  3. तीसरा मार्ग का समुद्र का जोकि इन रास्तों से थोड़ा आसान था लेकिन इस रास्ते में भी बहुत ही कठिनाइयां थी जिसको पार करके वास्कोडिगामा भारत पहुंचे थे।
  4. वास्कोडिगामा समुद्री मार्ग से तीन बार भारत आया था।

वास्कोडिगामा कौन था?

वास्कोडिगामा पुर्तगाली थे। वास्कोडिगामा का जन्म पुर्तगाल के साइनस नामक स्थान पर सन 1469 ईस्वी में हुआ था। वास्कोडिगामा नए द्वीपों तथा नए समुद्री मार्गों की खोज के उद्देश्य से निकले थे। यह एक नाविक थे। इनके साथ इनके 4 नाविक साथी भी थे।

वास्कोडिगामा अन्वेष सैन्य नौसेना कमांडर थे। वास्कोडिगामा शादीशुदा थे। उनकी पत्नी का नाम कैटरीना द अतायदे था तथा इनके बच्चे का नाम एस्टतेवाओ द गामा था।

वास्कोडिगामा की मृत्यु कब हुई थी?

वास्कोडिगामा जब तीसरी बार भारत से अपने देश लौट रहा था तो वह मलेरिया रोग के चपेट में आ गया तथा 24 दिसंबर 1524 ईस्वी में मात्र 55 वर्ष की आयु में वास्कोडिगामा की मृत्यु हो गई। आज भी इन का मकबरा पुर्तगाल में लिस्बन नामक स्थान पर स्थित है।

वास्कोडिगामा को कौन सी उपलब्धि प्राप्त है?

वास्कोडिगामा को भारत की खोज कर्ता के रूप में एक अपार उपलब्धि प्राप्त है। इस उपलब्धि को डिस्कवरी ऑफ इंडिया भी कहा जाता है और वास्कोडिगामा को एक अन्य नाम डिस्कवरी ऑफ इंडिया से बुलाया भी जाता है।

FAQ

वास्कोडिगामा कौन था?

वास्कोडिगामा एक व्यापारी था।

वास्कोडिगामा के भारत की खोज करने का कारण क्या था?

भारत की खोज करने का कोई कारण नहीं था, बल्कि वास्कोडिगामा एशियाई जल मार्ग की खोज कर रहा था और इसी बीच एक आपदा के कारण इसका जहाज भारतीय सीमा तक आ गया और यहां पर इसने कई दिनों तक अपना जीवन यापन किया और फिर अपने देश लौट गया और उन्हें भारत के विषय में बताया।

वास्कोडिगामा ने भारत की खोज कब की थी?

वास्कोडिगामा ने भारत की खोज 1497 में की थी।

निष्कर्ष

हम आप सभी लोगों से उम्मीद करते हैं कि आपको हमारे द्वारा लिखा गया यह महत्वपूर्ण आर्टिकल भारत की खोज किसने की थी? (Bharat Ki Khoj Kisne Ki Thi) पसंद आया होगा। यदि आपको हमारा यह आर्टिकल वास्तव में पसंद आया हो, तो कृपया इसे शेयर करना बिल्कुल भी ना भूले और किसी भी सुझाव के लिए हमें अपनी प्रतिक्रिया कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

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Ripal
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