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कवि कालिदास किसके राज कवि थे?

Kavi Kalidas Kiske Rajkavi The : आज के इस लेख में हम आप सभी लोगों को कवि कालिदास के जीवन परिचय को लेकर एक टिप्पणी करने वाले हैं। जहां पर हम आप सभी लोगों को विशेष रूप से यह बताएंगे कि कवि कालिदास किसके राज्य कवि थे? कवि कालिदास एक अपमान की कारण ज्ञान की प्राप्ति के लिए अग्रसर हुए और उसके बाद भारत का श्रेष्ठ कवि बन कर लोगों को आश्चर्यचकित कर दिया।

Kavi Kalidas Kiske Rajkavi The
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कवि कालिदास ने यह साबित कर दिया कि यदि कोई व्यक्ति सच्चे दिल से ज्ञान प्राप्त की कामना रखता है, तो उसे ज्ञान प्राप्ति जरूर होती है। ना सिर्फ ज्ञान की प्राप्ति होती है बल्कि वह व्यक्ति अपने जीवन में अपार तरक्की भी करता है। चलिए शुरू करते हैं अपना यह लेख और जानते हैं कभी कालिदास के विषय में।

कवि कालिदास किसके राज कवि थे? | Kavi Kalidas Kiske Rajkavi The

कवि कालिदास कौन थे?

ऐसा कहा जाता था कि कवि कालिदास पहले अनपढ़ तथा मूर्ख थे। कवि कालिदास को ज्ञान की प्राप्ति बाद में हुई। तत्पश्चात कालिदास जी भारत के श्रेष्ठ कवि बने। कवि कालिदास केवल श्रेष्ठ कवि ही नहीं बल्कि महान नाटककार भी थे। कवि कालिदास के द्वारा लिखी गई रचनाएं ना केवल भारत में ही बल्कि विदेशों में भी बहुत प्रसिद्ध हैं।

 कवि कालिदास ने संस्कृत भाषा में अनेकों कविताएं लिखी हैं। कवि कालिदास ऐसा लिखते थे लगता था कि मानो वह अपना आंखों देखा हाल सुना रहे हो। कवि कालिदास दुनिया के महान साहित्यकारों में से एक थे।

कालिदासजी जो सोचते थे और जो मानव हित के लिए कल्याणकारी होता है, वही लिखते थे। कवि कालिदास द्वारा लिखी गई रचना सुगम, अलंकार युक्त होती थी जो केवल एक बार ही पढ़ने से समझ आ जाती थी। कवि कालिदास अपनी रचनाओं के माध्यम से लोगों को कल्याण का मार्ग दिखाना चाहते थे।

कवि कालिदास किसके राज कवि थे?

कवि कालिदास जी महान पराक्रमी चंद्रगुप्त विक्रमादित्य के राज कवि थे। चंद्रगुप्त विक्रमादित्य के शासन काल के अंतर्गत ये राज कवि बने। कवि कालिदास चंद्रगुप्त विक्रमादित्य के नवरत्नों में से एक थे।

कवि कालिदास का जन्म कब और कहां हुआ था?

कवि कालिदास का जन्मस्थान स्पष्ट नहीं है तथा इनके जन्म का सन 150 तथा 400 ईसा पूर्व के बीच में माना जाता है। इनकी जन्म का सन पूर्णता स्पष्ट नहीं है। कवि कालिदास की रचनाओं में उज्जैन का सुंदर सा स्पष्ट वर्णन है। कवि कालिदास के उज्जैनी प्रेम को देखकर लोगों का मानना है कि कवि कालिदास का जन्म उज्जैन में हुआ था।

कवि कालिदास जी इतने महान थे की हर कोई इन्हें अपने राज्य का बताता है। इनके जन्म को लेकर विद्वानों में अलग-अलग मत है। कई विद्वानों का मानना है कि कवि कालिदास जी का जन्म उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के कविल्ठा नामक गांव में हुआ है। कवि कालिदास जी अत्यंत मनमोहक थे तथा कविल्ठा गांव में भारत सरकार द्वारा कवि कालिदास की प्रतिमा भी स्थापित की गई है।

कवि कालिदास का वैवाहिक जीवन

एक बार राजकुमारी विद्योत्तमा के विवाह के लिए अनेक विद्वानों को राज दरबार में आमंत्रित किया गया था। राजकुमारी विद्योत्तमा का कहना था कि जो भी विद्वान उन्हें शास्त्र बाद में हरा देगा, राजकुमारी विद्योत्तमा उसी से विवाह करेंगी। राजकुमारी विद्योत्तमा बहुत ही सुंदर थी। कई विद्वान उनसे विवाह करना चाहते थे परंतु कोई उन्हें शास्त्र बाद में हरा नहीं पाता था। कुछ विद्वान राजकुमारी विद्योत्तमा से हार कर अपमानित महसूस कर रहे थे।

तभी उन्होंने कवि कालिदास को एक पेड़ पर बैठे देखा। कालिदास जिस डाली पर बैठे थे उसी डाली को काट रहे थे। विद्वानों ने कालिदास को देखा और अपने में विचार विमर्श करने लगे की राजकुमारी विद्योत्तमा का विवाह इसी मूर्ख से करवाएंगे। वे अपने अपमान का बदला लेना चाहते थे।

उन्होंने कालिदास को नीचे बुलाया तथा कालिदास से कहा हम जैसा बोलेंगे तुम ऐसा ही करना। अगर तुम ऐसा करोगे तो हम तुम्हारा विवाह एक सुंदर कन्या से करवाएंगे। कालिदास विवाह की बात सुनकर प्रसन्न हो गए और उन्होंने हां कर दिया। विद्वानों ने कालिदास से कुछ ना बोलने के लिए कहा।

विद्वानों ने कालिदास का विवाह कपट से राजकुमारी विद्योत्तमा से करवा दिया। राजकुमारी विधोतमा ने कालिदास से कई प्रश्नों के पश्चात एक प्रश्न किया। राजकुमारी विद्योत्तमा ने प्रश्न के रूप में खुला हुआ हाथ दिखाया तो कालिदास ने सोचा की राजकुमारी विद्योत्तमा उन्हें थप्पड़ मारने के लिए कह रही हैं। तो उन्होंने गुस्सा दिखाया तो राजकुमारी विद्योत्तमा ना कुछ समझ नहीं पाई।

विद्वानों ने राजकुमारी विद्योत्तमा को बताया कि यह कहना चाह रहे हैं कि पांचो इंद्रियां भले ही अलग-अलग हो लेकिन वह एक ही हृदय द्वारा संचालित होती हैं जिससे प्रभावित होकर राजकुमारी विद्युत माने कालिदास से विवाह कर लिया।

कवि कालिदास को ज्ञान की प्राप्ति

एक बार की बात है राजकुमारी विद्योत्तमा अपने मायके गई हुई थी। कालिदास पत्नी प्रेम में इतने अंधे हो गए थे कि रात मे तेज बारिश में भी नदी को पार करके राजकुमारी विधोतमा से मिलने उनके मायके पहुंच गए। परंतु वहां चल कर देखा तो घर का दरवाजा बंद था।

उन्होंने घर के छत से एक रस्सी लटकते हुए देखा, परंतु वह रस्सी नहीं थी बल्कि वह एक सांप था और पत्नी प्रेम में अंधे कालिदास को वह सांप रति प्रतीत हुआ और वह सांप की पूंछ पकड़कर छत से अंगने में आ गए और अपनी पत्नी का दरवाजा खटखटाया।

जब राजकुमारी विद्योत्तमा कमरे से बाहर निकली तो उन्होंने देखा कि कालिदास दरवाजे के बाहर खड़े हैं, तो वह कालिदास को धिक्कारती हैं और उनसे कहती हैं की बिना सच्चे विद्वान बने वापस मत लौटना। यह बात कालिदास जी के दिल पर लग जाती है। तभी वे संकल्प लेते हैं कि मैं बिना विद्वान बने कभी वापस नहीं लौटूंगा।

पास के ही काली जी के मंदिर में घनघोर उपासना के बाद उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई तथा अत्यंत ज्ञानी बन गए। कवि कालिदास जी ऐसे कवि थे कि जिन के बाद उनके जैसा कोई भी कभी आज तक पैदा नहीं हुआ।

कवि कालिदास द्वारा लिखे गए काव्य ग्रंथ

कवि कालिदास जी ने चार ग्रंथ लिखे हैं यह चारों ग्रंथ बहुत ही विख्यात है जो निम्नलिखित है

  1. महाकाव्य- कुमारसंभव, रघुवंश।
  2. खंडकाव्य- मेघदूत, ऋतुसंहार।

कवि कालिदास द्वारा लिखित नाटक बहुत ही प्रसिद्ध है, जो निम्नलिखित हैं

  1. अभिज्ञानशाकुंतलम्
  2. विक्रमोर्वशीय
  3. मालविकाग्निमित्रम

इन्हीं रचनाओं से महान कवि कालिदास दुनिया भर में सर्वश्रेष्ठ कवि कहलाए।

कवि कालिदास द्वारा लिखी अन्य रचनाएं

कवि कालिदास द्वारा लिखित अन्य रचनाएं निम्नलिखित हैं

  1. ज्योतिर्विद्याभरणम्।
  2. श्रुतबोधम्।
  3. सेतुकाव्यम्।
  4. श्यामा दंडकम्।
  5. श्रृंगार रसाशतम्।
  6. श्रृंगार तिलकम्।
  7. कर्पूरमंजरी।
  8. पुष्पाबाण विलासम्।

कवि कालिदास की मृत्यु

इनके जन्म की भांति ही इनके मृत्यु का स्थान तथा मृत्यु स्पष्ट नहीं है। कई लोगों का मानना है कि इनकी मृत्यु श्रीलंका में हुई थी।

FAQ

कवि कालिदास कौन थे?

कवि कालिदास भारत के सबसे महान कवि थे।

कवि कालिदास किसके राज्य कवि थे?

कवि कालिदास चंद्रगुप्त विक्रमादित्य के राज्य कवि थे।

कवि कालिदास की पत्नी का क्या नाम था?

कवि कालिदास की पत्नी का नाम विधोत्तमा था।

निष्कर्ष

हम आप सभी लोगों से उम्मीद करते हैं, कि आपको हमारे द्वारा लिखा गया यह महत्वपूर्ण आर्टिकल कवि कालिदास किसके राज्य कवि थे? (Kavi Kalidas Kiske Rajkavi The) पसंद आया होगा। यदि आपको हमारा यह आर्टिकल वास्तव में पसंद आया हो, तो कृपया इसे शेयर करना बिल्कुल भी ना भूले और किसी भी सुझाव के लिए हमें अपनी प्रतिक्रिया कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

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