एक दिन जब वह अपनी वस्तुओं को बेचने के लिए दुकान के सामने बैठा था। तभी उसने दुकान वाले से कहा कि तुम देखना एक दिन मैं बहुत बड़ा आदमी बनूंगा। जिसको सुनकर वो दुकान वाला जोर-जोर से हंसने लगा और बोलने लगा कैसे? जिसके जवाब में मेरे भाई अलनसचर ने बताया कि यह जो तुम शीशे की वस्तुएं देख रहे हो, जिनकी कीमत साडे चार सौ रुपये है।
उन वस्तु को मैं लोगों को हजार रुपए में बेचकर उन पैसों से नई वस्तुएं लाऊंगा और उनको उनसे अधिक दाम पर बेचकर बहुत अत्यधिक पैसे कमा लूंगा और ऐसा करते करते एक दिन में एक बहुत बड़ा महल खरीद लूंगा। जिसके बाद उस महल में मैं बहुत से नौकर रख लूंगा और इस शहर का बहुत अमीर व्यक्ति बन जाऊंगा।
मैं अपनी शादी के लिए इस शहर के सबसे अमीर व्यक्ति, जो मुझसे दूसरे नंबर पर आते होंगे, उनसे उनकी बेटी का हाथ मांग लूंगा। अगर उन्होंने हम लोगों की शादी नहीं होने दी तो मैं उनकी बेटी को भगाकर ले आऊंगा।
नाई ने अपने चारों भाइयों की कहानी सुनाने के बाद अपने पांचवे भाई की कहानी सुनाना शुरू किया और कहने लगा कि मेरा पांचवा भाई बहुत ही आलसी किस्म का इंसान है, उसको दुनियादारी से कोई मतलब नहीं है। मेरे पांचवें भाई का नाम अलनसचर है। वह दिन भर अपने घर में पड़ा रहता है और कोई काम धाम नहीं करता। वह इतना आलसी है कि वह अपने दोस्तों के पास जाकर उनसे भीख मांग कर कुछ पैसे उधार ले लिया करता है।
वह उन पैसों को अय्याशी में उड़ा कर दिन भर घर में पड़ा रहता है। मेरे पिताजी ने अपने निधन से पहले हम सातों भाइयों में पैसा बराबर से बांट दिया था, जो कि कुछ तीन हज़ार एक सौ पचास रूपए थे। जो कि कुछ हम लोगों के हिस्से में साडे चार सौ रुपये आए थे, जिसके बाद मेरे पांचवें भाई अलनसचर से उन पैसों से कुछ व्यापार करने के लिए सोचा।
उसने व्यापार करने के लिए उन पैसों से कुछ शीशे की वस्तुएं खरीद ली और उनको बेचने के लिए निकल गया। एक दुकान के नीचे अपना सारा सामान लगा कर बैठ गया। कुछ ही दिन में उस दुकान वाले से मेरे भाई की बहुत ही अच्छी खासी दोस्ती हो गई। मेरे भाई अलनसचर को बड़ी-बड़ी बातें करने का बहुत शौक था।
जिसके बाद वह बुजुर्ग महिला मेरे भाई अलनसचर को अपने साथ एक बहुत बड़े महल में ले गई और उसने महल के बाहर से आवाज लगाई। जिसके बाद महल के नौकरों ने गेट खोला और मेरा भाई और वह बुजुर्ग महिला दोनों अंदर चले गए। जिसके बाद उस बुजुर्ग महिला ने मेरे भाई अलनसचर को एक कमरे में बैठा दिया और कहने लगी तुम यहां आराम करो। मैं अभी अपनी मालकिन को बुला कर ला रही हूं।
ऐसा कह कर वहां से चली गई। कुछ देर बाद वहां पर दो बहुत ही हटे कट्टे व्यक्ति जो तलवार लेकर मेरे भाई के सामने आकर खड़े हो गए और कहने लगे कौन हो तुम?, यहां क्या कर रहे हो? तलवार को देखकर मेरा भाई डर कर कापने लगा।
जिसके बाद उन दोनों व्यक्तियों ने मेरे भाई पर तलवार से वार किया और वार करने के बाद मेरा भाई जमीन पर गिर गया। तभी उन दोनों व्यक्तियों ने अपनी नौकरानी से नमक को लाने के लिए कहा और उन्होंने उस नमक को मेरे भाई के घाव पर छिड़क दिया।
जिसके बाद मेरा भाई अलनसचर को बहुत अत्यधिक दर्द हो रहा था। जिसके बाद भी वह जमीन में चुपचाप लेटा रहा। क्योंकि वह जान गया था कि अगर उसमें जरा सी भी आवाज निकाली तो वह दोनों व्यक्ति उसे जान से मार देंगे। जब उन लोगों को पूरी तरीके से विश्वास हो गया कि मेरा भाई मर चुका है। तब उन्होंने उस बुजुर्ग महिला को बुलाया और कहने लगे जाओ इसको ले जाकर उस गड्ढे में फेंक दो, जहां पर हम लोगों ने बहुत से लोगों को मार कर फेंक रखा है।
तभी उस बुजुर्ग महिला ने वही किया। यह उन दोनों ने उससे करने के लिए कहा था, उसने जाकर मेरे भाई को एक बहुत बड़े गड्ढे में फेंक दिया। गड्ढे में फेंकने के कुछ दिन बाद मेरे भाई को होश आया। तब उसने अपनी जान बचाते हुए किसी तरीके से महल से भाग निकला।
जिसके बाद मैं उससे शादी कर लूंगा और खुशी-खुशी अपना जीवन व्यतीत करूंगा। शादी करने के कुछ समय पश्चात मैं बहुत सारा धन लेकर मेरी पत्नी के पिता के घर जाऊंगा और उनको खूब सारे तोहफे दूंगा, जिससे वहां पर मेरा आदर और सम्मान बहुत बढ़ जाएगा और मेरी पत्नी भी मुझसे बहुत खुश हो जाएगी।
मेरा बहुत आदर करने लगेगी, जिसके बाद में अपनी पत्नी को कभी-कभी उसके पिताजी घर ले जाया करूंगा और वहां पर जाकर अपनी पत्नी से ऐसा व्यवहार करूंगा की मानो हम दोनों के बीच में बहुत झगड़ा हो गया हो, जिसके बाद मैं न उससे बात करूंगा और ना ही उसकी ओर देखूंगा। जिसके बाद मेरी पत्नी यह सोचती रहेगी कि मैंने ऐसा क्या किया है, जिससे मेरे स्वामी मुझसे नाराज हैं।
जिससे मेरे पत्नी के पिता जी और उनकी माता जी को मेरे पास आकर मेरे सामने हाथ जोड़कर विनती करनी पड़ेगी कि आप ऐसा क्यों कर रहे हैं और मैं फिर भी उनकी बातों पर कोई उत्तर नहीं दूंगा। जिसके बाद मेरी पत्नी की मां मेरी पत्नी को मुझे मनाने के लिए नए-नए तरीके बतायेगी, जिसके कारण मैं अपनी पत्नी के साथ बहुत मारपीट करूंगा।
उसे वहीं छोड़ कर आ जाऊंगा। मेरा भाई अलनसचर जो बहुत बड़ी-बड़ी बातें किया करता था, वह उस दुकानदार को अपनी बातों को सुनाने में ऐसा व्यस्त हो गया कि कब उसने खरीदी हुई शीशे की वस्तुओं पर लात मार दिया। उसको यह पता ही नहीं चला लात मारने के कारण वह सारी वस्तुएं टूट कर बिखर गई।
जिसको देखकर मेरा भाई अलनसचर बहुत जोर जोर से रोने लगा और वह दुकानदार जिसको मेरा भाई अपनी बड़ी-बड़ी बातें से पका रहा था, दुकानदार जोर जोर से मेरे भाई के ऊपर हंसने लगा।
मेरे भाई अलनसचर को रोता देख आसपास के लोग एकत्र हो गए और पूछने लगे कि भाई तुम रो क्यों रहे हो और तुम्हारे साथ क्या हुआ हैं, जो तुम रो रहे हो जिसके बाद उस दुकानदार ने सारे किस्से को सभी लोगों को बताया। जिसको सुनने के बाद वहां मौजूद सभी लोग मेरे भाई पर जोर जोर से हंसने लगे। जिससे मेरा भाई बहुत दुखी हो गया और अपना सिर पीटने लगा। कुछ देर बाद अचानक से एक बहुत बड़े अमीर घर की लड़की वहां से आ रही थी।
तभी उसने देखा कि यहां पर भीड़ लगी है और कोई बहुत जोर जोर से रो रहा है, जिसके बाद उस लड़की ने लोगों से पूछा कि यहां क्या हुआ है और वहां एकत्र लोगों ने उस अमीर व्यक्ति की लड़की को भाई के साथ हुई सारी दुर्घटना के बारे में बताया। जिसके बाद उस लड़की को मेरे भाई पर दया आ गई और उसने मेरे भाई को पांच सौ सोने के सिक्के दिए और वहां से चली गई सोने के सिक्के पाकर मेरा भाई बहुत खुश हो गया।
खुशी खुशी अपने घर वापस चला आया और जब मेरा भाई घर में आराम कर रहा था तभी अचानक से एक बुजुर्ग महिला उसके पास आई जो दिखने में एक भिखारी की तरह लग रही थी और कहने लगी कि मुझे एक लोटे में पानी दे दो, मुझे नमाज पढ़नी है। जिसके बाद मेरे भाई ने उस बुजुर्ग महिला को पानी दे दिया। जैसे ही उस बुजुर्ग महिला ने नमाज को खत्म करके जाने से पहले मेरे भाई को बहुत सारा आशीर्वाद देने लगी।
जिसके बाद मेरे भाई ने उस बुजुर्ग महिलाओं को दो सोने के सिक्के दिए, जिसको उस महिला ने लेने से मना कर दिया और कहने लगी मुझे इसकी कोई जरूरत नहीं है। क्योंकि मैं एक बहुत बड़े अमीर व्यक्ति की लड़की की नौकरानी हूँ। जिसके बाद मेरे भाई अलनसचर ने कहा कि मुझे भी उस अमीर व्यक्ति की लड़की को दिखाओ।
महल से भागने के बाद मेरा भाई अलनसचर मेरे पास आ गया और मुझे अपने साथ हुई सारी दुर्घटना के बारे में बताने लगा। थोड़े ही दिनों में वह पूरी तरीके से ठीक हो गया और उसने उस बुजुर्ग महिला से बदला लेने का निर्णय लिया और उसने भी एक बुजुर्ग महिला का रूप रख लिया और तलवार लेकर उस बुजुर्ग महिला को ढूंढने के लिए निकल पड़ा।
तभी अचानक से मेरे भाई को वह बुजुर्ग महिला सामने से आती हुई नजर आ गई तभी उसने उस उस बुजुर्ग महिला से बुजुर्गों की आवाज निकाल कर कहा कि मैं बाहर से आई हूं, मुझे अपने कुछ सोने के सिक्कों को संभाल कर कहीं रखना है। क्या तुम मेरी मदद कर सकती हो? जिसके बाद वह बुजुर्ग महिला मेरे भाई को उसी महल में ले गई, जहां पर उसने मेरे भाई को मरने की कोशिश की थी।
जिसके बाद उस बुजुर्ग महिला ने मेरे भाई को एक कमरे में बैठा लिया और कहने लगी तुम बैठो मैं अभी आ रही हूं। थोड़ी देर में फिर से वह दोनों व्यक्ति आए, जिन्होंने मेरे भाई को तलवार से मारा था। वह उनको देखकर तुरंत पहचान गया और उसने तुरंत अपनी तलवार निकालकर उन दोनों व्यक्तियों को जान से मार दिया।
उनकी लाश को उसी गड्ढे में फेंक दिया। जहां पर उन लोगों ने मेरे भाई को फेंका था। जब थोड़ी ही देर में वह बुजुर्ग महिला वहां पर नमक लेकर आई तो उसने देखा कि मेरे भाई अलनसचर ने उसके दोनों व्यक्तियों को जान से मार दिया है।
जिसको देखकर वह डर कर भागने लगी। कुछ दूर भागने के पश्चात मेरे भाई ने उस बुजुर्ग महिला को पकड़कर जान से मार दिया। जिसके बाद उसने उस बुजुर्ग महिला और उन दो व्यक्तियों के द्वारा लुटे हुए कई खजाने और बहुत सारे सोने के सिक्कों को लेकर मेरा भाई वापस अपने घर चला आया और जल्दबाजी में उसने एक गलती कर दी। उसने उस महल का दरवाजा बंद नहीं किया था।
जिसके कारण वहां पर आसपास के लोगों ने अपने काजी को जाकर सारी बात को बता दी। जिसके कारण काजी ने अपने सिपाहियों को भेज कर मेरे भाई को और उसके द्वारा लिए हुए सारे सामान को लाने के लिए कहा और मेरे भाई अलनसचर को दोषी करार करते हुए तीन साल के लिए अपने शहर से भगा दिया।
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