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ईरानी बादशाह बद्र और शमंदाल की शहजादी की कहानी (अलिफ लैला की कहानी)

ईरानी बादशाह बद्र और शमंदाल की शहजादी की कहानी (अलिफ लैला की कहानी) | Irani Baadshah Badra Aur Shamandal Ki Shahjadi Ki Kahani Alif Laila Ki Kahani

हेलो दोस्तों नमस्कार। अलिफ लैला की कहानियों की श्रृंखला में आपका स्वागत है। आज हम आपके लिए अलिफ लैला की प्रसिद्ध ईरानी बादशाह बद्र और शमंदाल की शहजादी की कहानी अलिफ लैला को लेकर आएं हैं। आप इस कहानी को अंत तक पढ़िएगा।

प्राचीन समय में ईरान नामक एक बहुत बड़ा देश हुआ करता था। उस देश के अंदर बहुत सारे व्यापारी और बहुत बड़े-बड़े राजा महाराजा रहा करते थे। उसी ईरान देश में एक बहुत बड़ा राजा बद्र रहा करता था, जो बहुत ही शक्तिशाली और बहुत ही बलवान था।

बड़े-बड़े देश के राजा महाराजा भी उससे कापा करते थे। उसके राज्य में सभी खूब आनंद के साथ रहा करते थे और खूब मजे किया करते थे। सभी लोग उससे बहुत प्यार करते थे। राजा बद्र ने कई सारी शादी की हुई थी और उसने कई दासिया नौकरानी या रख रखी थी।

राजा को सिर्फ एक ही बात से बहुत चिंता थी जिसको लेकर वह बहुत दुखी रहा करता था कि उसकी कोई संतान नहीं थी। वह हमेशा यही सोचा करता था कि मेरे मरने के बाद मेरा राजकाज कौन संभालेगा? इस बात को लेकर वह बहुत चिंता में रहा करता था। तभी अचानक से एक दिन उसके राज्य में एक व्यापारी बहुत दूर से एक सुंदर सी स्त्री को बेचने के लिए लाया था।

जब यह बात राजा को पता चली तो उसने तुरंत वह सुंदर सी कन्या को अपने दरबार में बुला लिया और उस व्यापारी से कहने लगा कि तुम सुंदर सी कन्या को कहां से लेकर आए हो? मुझे इसका चेहरा दिखाओ राजा की आज्ञा का पालन करते हुए उस व्यापारी ने बताया कि महाराज में इस कन्या को बांदी शहर से लाया हूं।

Irani Baadshah Badra Aur Shamandal Ki Shahjadi Ki Kahani Alif Laila Ki Kahani
Image: Irani Baadshah Badra Aur Shamandal Ki Shahjadi Ki Kahani Alif Laila Ki Kahani

जिसके बाद उस व्यापारी ने उस सुंदर सी कन्या का चेहरा राजा बद्र को दिखाया। सुंदर सी कन्या का चेहरा देखकर राजा बद्र उससे मनमोहित हो गए और उन्होंने तुरंत उस व्यापारी को दस हजार सोने के सिक्के देखकर उस सुंदर सी स्त्री को खरीद लिया और अपनी सभी नौकरानियो से कह दिया कि सुंदर सी कन्या को ले जाकर इसकी अच्छे से खातिरदारी की जाए।

और इसको किसी चीज की कमी ना होने दी जाए। यात्रा करने के दौरान थक गई होगी जिसके बाद हम इससे दो-चार दिन बाद ही मिलेंगे। दो-चार दिन गुजरने के बाद जब राजा बद्र उस सुंदर सी कन्या से मिलने के लिए गए, तब सुंदर सी कन्या को देखकर राजा बद्र बहुत ही आश्चर्यचकित हो गए।

और उसकी सुंदरता को देखकर मनमोहित हो गए जिसके बाद उन्होंने उस कन्या से बात करनी चाहिए लेकिन वह सुंदर सी कन्या की किसी बात का उत्तर नहीं देती थी जिसको देखकर राजा को लगा कि या शर्म आ रही होगी और थोड़ी ही देर में राजा ने उस कन्या के साथ प्रेम करना शुरू कर दिया।

लेकिन उसके बाद भी राजा के कई प्रश्नों के पूछने पर भी उस कन्या ने कोई उत्तर नहीं दिया। राजा बहुत ही चिंता में पड़ गया की और और सुंदर सी स्त्री से पूछने लगा कि तुम ऐसे बर्ताव क्यों कर रही हो?, तुम मेरे से बात क्यों नहीं कर रही हो?, क्या तुम बोल पाती हो ना? मैं चाहता हूं कि हम दोनों से जो संतान होगी, वह राज्य को आगे की ओर ले जाएगा।

कुछ समय बीतने के बाद राजा का बेटा धीरे-धीरे बड़ा होने लगा और वह हर चीज में निपुण हो गया था। जिसको देखकर राजा भद्र और उसकी पत्नी बहुत खुश होने लगे थोड़े दिनों में राजा का बेटा काफी बड़ा हो गया। राजा ने उसे अपना राज्य सौंप दिया।

और वह पूजा पाठ में अपना समय बिताने लगा। राजा का बेटा बहुत अच्छे से राज्य को संभाल रहा था और देखते ही देखते कुछ दिनों में बद्र के पिताजी की तबीयत खराब हो जाने के कारण उनका निधन हो गया। तब राजा के बेटे ने अपने पिताजी का अंतिम संस्कार बहुत धूमधाम से किया और वापस से अपने राज्य में आकर राज्य को संभालने लग गया।

कुछ दिन गुजरते गए तभी उसकी मां ने अपने भाई से कहा की तुम्हारा भांजा शादी करने योग्य हो गया है। अपनी मां और अपने मामा की बात सुनकर बद्र बहुत आश्चर्यचकित हो गया और वह चुप चुप कर दोनों की बात सुने लगा। उसने सुना कि उसके मामा कह रहे हैं कि मैं एक बहुत ही सुंदर सी कन्या को जानता हूं, जो हमारे भांजे के लिए बहुत अच्छी होगी।

वह एक बहुत बड़े राज्य शंदबाद के राजा की पुत्री है। देखने में बहुत ही सुंदर और सुशील है लेकिन एक दिक्कत है। राजा बहुत ही दुष्ट है। क्या अपनी लड़की का विवाह हमारे भांजे से करने के लिए तैयार होगा? तभी ईरान की महारानी ने कहा कि मैं उसको जानती हूं वह मान जाएगा।

और यह सब कह कर वहां से दोनों लोग चले गए। बद्र ने कुछ सुंदर सी कन्या की छवि को अपनी मां से छुपते छुपाते हुए देख लिया, जिसको देखकर वह बहुत ही मन मोहित हो गया और दिन-रात उसी के ख्यालों में खोने लगा। उसने अपने मामा को अपनी पूरी दशा बताने के लिए उनको शिकार पर ले गया।

जिसके बाद वहां पर बद्र ने अपने मामा से कहा कि आप मुझे वहां ले चलिए, जहां पर वह सुंदर सी कन्या है क्योंकि मैं अब उसके बिना जीवित नहीं रह सकता हूं। तभी उसके मामा ने उसको समझाया कि मैं तुमको वहां नहीं ले सकता। तुम अपनी नानी के घर पर रुक जाना और मैं उस राजा से उसकी बेटी का हाथ मांगने चला जाऊंगा ।

मामा की बात सुनकर बहुत खुश हुआ और वह उनके साथ अपनी नानी के घर चला गया और बद्र का मामा अपनी सेना लेकर और बहुत सारा धन और बहुत सारी वस्तुएं लेकर अपने भांजे के लिए शंदबाद के राजा के राज्य की ओर चल पड़ा। राजा की लड़की का नाम जवाहर था।

उस दुष्ट राजा के राज्य में पहुंचकर बद्र के मामा ने राजा को बहुत सारी वस्तुएं और बहुत सारा धन तोहफे के रूप में दिया और कहने लगा कि मैं अपने भांजे के लिए आपकी बेटी का हाथ मांगने के लिए आया हूं. जिसको सुनकर वह राजा बहुत क्रोधित हुआ।

और उसने भद्र के मामा को दंड के रूप में बंदी बनाने का निर्णय दिया। बद्र के मामा ने भी उनके राज्य पर आक्रमण कर दिया और कुछ दिनों के युद्ध के बाद वह दुष्ट राजा पराजित हो गया। तभी अपने नौकरों को आदेश दिया कि जाओ सुंदर सी कन्या को लेकर आओ जब सारे नौकर उस करने को लेने के लिए गए।

तो वह कमरे में नहीं थी क्योंकि उस राजा ने पहले ही जवाहर को वहां से भगा दिया था। यह सब देख कर भद्र का मामा बहुत चिंतित हो गया और उसने कहा कि वह अपने भांजे को क्या मुंह दिखाएगा? जिसके कारण मैं यहां आया था। धीरे-धीरे कुछ दिन बीत गए। जब बद्र का मामा वापस नहीं आया तो बद्र ने खुद ही जाने का निर्णय लिया।

और वह वहां से निकल कुछ दिन पानी में इधर-उधर भटकने के बाद वह रास्ता भटक गया। जिसके बाद वह एक ऐसे टापू पर पहुंच गया, जहां पर जवाहर भी रुकी हुई थी उसने उसका पर पहुंचकर देखा कि सामने बहुत सी लड़कियां एक सुंदर सी लड़की को चारों ओर से घेर कर बैठी है।

जिसको देखकर वह समझ गया कि यह है वही सुंदर सी स्त्री है जिसके लिए मैं पागल हुआ जा रहा था। तभी वह तुरंत उस कन्या से मिलने के लिए चला गया और वहां जाकर बद्र ने जवाहर से सारी बातें बता दी। बद्र की बातें सुनकर जवाहर बहुत क्रोधित हो गई और उसने भद्र को अपने जादू से एक पक्षी के रूप में परिवर्तित कर दिया।

राजा बद्र ने कहा कि अगर तुम कुछ बोलोगी नहीं तो मैं अपनी जान दे दूंगा और तुम्हें इसका दंड मिलेगा कि तुम्हारी वजह से एक राजा की जान गई है। राजा की बातें सुनकर मैं सुंदर सी स्त्री धीरे-धीरे प्रसन्न होने लगी थी, जिसको देखकर राजा समझ गया कि वह सुंदर सी स्त्री बोल सकती है।

और मुझसे कुछ कह रही है। सुंदर सी स्त्री ने बताया कि आपने मेरे ऊपर बहुत बड़ा एहसान किया है जिसका उपकार मैं जिंदगी भर नहीं चुका पाऊंगी। बस यही सोच सोच रही थी कि मैं कैसे आपका आभार व्यक्त करूं। जिसके बाद राजा भद्र सुंदरी की बात सुनकर बहुत खुश हुए।

सुंदर सी स्त्री ने राजा को बताया कि आप पिता बनने वाले हैं। जिसको सुनकर राजा बहुत खुश हो गया और उसने पूरे राज्य में खूब धन देने का निर्णय कर दिया। जिसके बाद उसने उस सुंदर सी स्त्री से पूछा कि तुम मुझे बताओ कि तुम कहां से आई हो? और तुम्हारे माता-पिता क्या करते हैं?

उस सुंदर सी लड़की ने बताया कि महाराज समुद्र के बहुत बड़े राजा की बेटी हूं। मेरे पिताजी का नाम आसीन था। वह समुद्र के बहुत बड़े राजा थे और मेरा नाम गुल अनार आसीन है। हम लोग अपने राज्य में बहुत खुशी से रह रहे थे कि अचानक से एक दिन दूसरे समुद्र के राजा ने हम लोगों पर आक्रमण कर दिया।

और हम लोगों का पूरा राज्य हड़प लिया। उन्होंने हमारे पिताजी को भी मार दिया। जिसके बाद हम लोग अपने ही राज्य से बाहर हो गए। मैं और मेरा भाई और मेरी मां तीनों वहां से अपनी जान बचाकर भाग निकले। कुछ दिन इधर उधर भटकने के बाद मेरे भाई ने मुझसे कहा कि तुम यहां से चली जाओ।

और किसी लड़के से जाकर शादी कर लो। मैं अपने भाई से बहुत क्रोधित हुई और कहने लगी कि मुझे शादी नहीं करनी और वह भी जमीन में रहने वालों से मुझे उन से सख्त नफरत है। लेकिन मेरा भाई मेरी एक बात सुनने के लिए तैयार नहीं था और उसने फैसला कर ही लिया था कि वह मेरी शादी किसी से भी कर देगा।

मैं वहां से अपनी जान बचा कर भाग निकली और इधर उधर भटकने के बाद मैं एक टापू पर पहुंची। जहां पर एक व्यक्ति ने मुझे देखा और वह मुझे अपने साथ ले गया। उसने मेरे साथ संभोग करना चाहा लेकिन मैंने उसे मार कर वहां से अपनी जान बचा कर भाग निकली।

कुछ दूर दूर घूमने के बाद मुझे एक व्यापारी मिला जो मुझे आपके पास ले आया और यहां लाकर बेच दिया। सुंदर सी स्त्री की बात सुनकर राजा बहुत खुश हुआ उसने पूरे राज्य में बता दिया कि गुल अनार आसीन आज से ईरान की मालकिन होगी। थोड़ी ही दिनों में गुल अनार आसीन ने एक लड़के को जन्म दिया जिसके बाद राजा ने अपने नाम पर उसका नाम रखा।

तभी गुल्ले राजा से कहा कि मैं अपनी माता और भाई को भी यहां बुलाना चाहती हूं।राजा ने कहा कि बिल्कुल तुम उनको यहां बुला सकती हो। तब ईरान की मालकिन ने राजा से कहा कि आप बाहर जाइए ताकि मैं अपने मां और भाई को बुला सकूं। जिसके बाद ईरान की महारानी ने समुद्र में एक चंदन की लकड़ी में आकर फेंक दिया।

और देखते ही देखते थोड़ी देर में उस समुद्र के अंदर से एक लड़का और बुजुर्ग महिला निकली, जिसको देखकर महारानी बहुत खुश हो गई क्योंकि वह उनके मां और भाई थे। उन्होंने उनका स्वागत जोरों से किया लेकिन राजा यह सब देख कर डर गया था और वह चुपचाप पीछे खड़ा होकर यह सब देख रहा था ।

महारानी की मा ने राजा से मिलने की इच्छा व्यक्त की और कहने लगी कि इन्होंने मेरा सम्मान नहीं किया है। जिसके कारण वह गुस्सा होने लगी। गुस्से मैं होने के कारण उनकी नाक से आग निकल रही थी, जिसको देखकर राजा डर रहा था कि यह लोग मुझे कुछ करना दे। तभी  ईरान की महारानी राजा के पास गई और कहने लगी चलिए मेरा भाई और मेरी मां आपसे मिलना चाहते हैं।

लेकिन राजा डरा हुआ था। उसने कहा उनके मुंह से तो आग निकल रही है। ईरान की महारानी ने कहा कि आप बिल्कुल भी मत डरिए। वह आपसे मिलना चाहती हैं जिसके बाद वह ईरान की महारानी ने राजा को अपने मां और भाई से मिलवाया। देखते ही देखते थोड़ी देर में वह एक दूसरे से बहुत ही घुल मिल गए।

पक्षी के रूप में कुछ दिन इधर उधर भटकने के बाद एक शिकारी ने पकड़ लिया और वह उसे अपने साथ अपने घर ले गया और कहने लगा कि मैं इसको बादशाह को बेचकर बहुत सारा धन कमा लूंगा। उस शिकारी ने वही किया जो उसने सोचा था।

उसने तुरंत अपने बादशाह को जाकर उस पक्षी को दे दिया, जो बद्र था। बादशाह भी उसे देखकर बहुत खुश हो गया और उसने तुरंत उस पक्षी को खरीदकर शिकारी को बहुत सारा धन दे दिया और इस पक्षी को अपने साथ अपने कमरे में ले गया। बादशाह के महल में एक नौकरानी थी जो जादू जानती थी।

वह तुरंत पक्षी को देखकर जान गई कि यह एक आदमी है। उसे तुरंत पता लगा लिया कि यह कौन है? तब उसने अपने बादशाहा को बताया कि यह ईरान का राजा है इसका नाम बद्र है। उसने बद्र के साथ हुई सारी घटना अपने बादशाह को सुना दी। बादशाह ने अपनी नौकरानी को आदेश दिया कि तुम इसे वापस मनुष्य के रूप में ले आओ।

उसने बादशाह की आज्ञा को मानते हुए बद्र को वापस अपने रूप में ले आई। अपने वापस रूप में आने के बाद बद्र बहुत खुश हुआ और उसने बादशाह को धन्यवाद दिया। बादशाह के महल में कुछ दिन गुजारने के बाद बद्र वहां से अपने घर की ओर निकल पड़ा।

कुछ दिन इधर उधर चलने के पश्चात व एक ऐसी जगह पर पहुंच गया जहां पर उसको एक ऐसी महारानी ने पकड़ लिया जो लोगों को साथ संभोग करके उनको जानवर बना दिया करती थी। उसने भी वैसा ही किया, जो वह सभी के साथ किया करती थी। उसने बद्र बद्र के साथ पहले संभोग किया और फिर उसने उसको उल्लू बना दिया। उसका राज्य ईरान से थोड़ी दूर पर था।

उसके दरबार में एक व्यक्ति काम किया करता था, जो बद्र की मां को जानता था। उसने तुरंत जाकर बद्र की मां को सारी बातें बता दी। जिसके बाद बद्र की मां ने बद्र को उस दुष्ट के चंगुल से बचा लिया और उसको वापस अपने मनुष्य रूप में ले आई। जिसके बाद उसने भद्र का विवाह जवाहर से धूमधाम से किया। जवाहर ने भी बद्र के साथ किए हुए अपराध की माफी मागी। जिसके बाद बद्र ने उसे माफ करते हुए खुशी खुशी स्वीकार कर लिया।

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