Naftali Bennett Biography in Hindi: नेफ़्टाली बेनेट इस समय इसराइल के नए प्रधानमंत्री है, जिनकी उम्र 49 साल है। इसराइल में इस वर्ष चुनाव हुए है, जिसमें नेफ़्टाली बेनेट विजय रहे है और अब वह इसराइल के नए प्रधानमंत्री होंगे। नेफ़्टाली यामिना पार्टी से है, जिसमें पिछले साल हुए चुनाव में उन्हें जायदा बड़ी जीत हासिल नहीं हो पायी थी, लेकिन इस चुनाव में उन्होंने अच्छी जीत हासिल की है।
बेनेट की पार्टी चुनाव में सात सांसदों के साथ पाँचवें नंबर पर है, लेकिन वर्तमान राजनीतिक स्थिति में वह किंगमेकर की भूमिका में हैं। इनके साथ और भी पार्टिया है, जिनके सात-सात सांसद हैं।
नेफ़्टाली बेनेट का जीवन परिचय | Naftali Bennett Biography in Hindi
नेफ़्टाली की पृष्ठभूमि
नेफ़्टाली की पृष्ठभूमि शुरू से राजनीती की नहीं रही है। इसके पहले नेफ़्टाली सेना में रहे है, उसके बाद उन्होंने अपना व्यापर शुरू किया और एक बेहतर कारोबारी के रूप में अपनी पहचान बनाई। वे इसराइली की विशेष बलों की दो ब्रांचों में सेना में रहने के दौरान सेवा दे चुके हैं।
जिसके बाद उन्होंने व्यापार की तरफ अपना रुख किया है और कई हाई-टेक कंपनियों को खड़ा किया। यह सभी कम्पनियां काफी सफल रही है और उनके माध्यम से उन्होंने काफी पैसा भी कमाया है।
राजनीती में उनका सफर
नेफ़्टाली बेनेट का राजनीती का सफर काफी उतार चढ़ाव के साथ रहा है। साल 2019 तक हर गठबंधन सरकार में नेफ़्टाली मंत्री बने लेकिन उस समय नेफ़्टाली के नए दक्षिणपंथी गठबंधन को चुनाव के दौरान हार का सामना करना पड़ा था। उन्हें इसमें एक भी सीट नहीं मिली थी। उसके बाद 11 महीने बाद फिर चुनाव हुए जिसमें प्रमुख के तौर पर संसद में चुनकर पहुँचे।
नेफ़्टाली का ज्यादा झुकाव इसराइल की यहूदी राष्ट्र की तरफ होता है। इसके साथ ही वहवेस्ट बैंक, पूर्वी यरुशलम और सीरियाई गोलान हाइट्स को भी यहूदी इतिहास का हिस्सा बताते हैं। नेफ़्टाली ने ग़ज़ा के प्रशासक हमास के साथ 2018 में युद्धविराम संधि का विरोध किया था, जिसके कारण वह काफी सुर्खियों में भी रहे थे।
पिछले महीने मई में 11 दिनों तक हमास के साथ चले हिंसक संघर्ष में मारे गए फ़लस्तीनियों के लिए भी उसे ही ज़िम्मेदार ठहराया है। नेफ़्टाली की नजर में यहूदी गर्व और राष्ट्रवाद सबसे ऊपर माना जाता है। 2014 में पार्टी के कैंपेन के दौरान उन्होंने एक वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें वीडियो में नेफ़्टाली न्यूयॉर्क टाइम्स और हारेट्ज़ का मज़ाक उड़ाते हुए लगातार सॉरी-सॉरी बोलते दिखे थे। जिसके बाद इस बात का काफी मुद्दा बनाया गया था और उसके बाद उन्होंने सॉरी भी बोला था।
नेफ़्टाली बेनेट की नीतियाँ
नेफ़्टाली बेनेट की हमेशा अपनी नीतियां रही है और इनको ध्यान में रखते हुए उन्होंने अपने राजनीती करियर में आज यह मुकाम पाया है। जानिये इनकी नीतियों के बारे में:
- नेफ़्टाली चाहते है कि यहूदियों की बस्तियाँ को तेज़ी से बसाई जाएँ।
- नेफ़्टाली मीडिया पर बने रहते है और अक्सर विदेशी टीवी नेटवर्क और अखबारों में दिखते है।
- घरेलू टीवी बहसों में नेफ़्टाली बिना लाग लपेट के और आक्रामक होकर बोलते हैं।
- नेफ़्टाली का कहना है कि नेतन्याहू की नीति भरोसे लायक़ नहीं है।
- इनको फ़र्राटेदार अंग्रेज़ी भाषा का गया है।
- नेफ़्टाली इसराइल से लगे फ़लस्तीनियों द्वारा एक मुल्क की मांग किये जाने को सिरे से ख़ारिज करते हैं।
- अंतरराष्ट्रीय समुदाय दो-राष्ट्र सिद्धांत को इसराइल और फ़लस्तीनियों को देखता है लेकिन ऐसा यह नहीं मानते है।
- नेफ़्टाली फ़लस्तीनी चरमपंथियों से निपटने के लिए और सख़्त क़दम उठाने की बात करते हैं।
- नेफ़्टाली की नीतियों में यहूदी गर्व और राष्ट्रवाद सबसे अहम है।
दो साल तक रहेंगे प्रधानमंत्री
नेफ़्टाली बेनेट इजराइल के प्रधानमंत्री बन गए है लेकिन आपको बताना चाहते है कि यह 2 वर्ष के लिए बनेंगे। आठ विरोधी दलों के बीच हुए समझौते के अनुसार यामिन पार्टी के बेनेट अभी प्रधानमंत्री बनेंगे और इनके कार्यकाल के दो वर्ष पूर्ण होने के बाद येर लापिड उनकी जगह लेंगे। बेनेट धुर दक्षिणपंथी हैं तो लापिड को केंद्रीय यानी सेंट्रिस्ट माना जाता है। इसनेफ़्टाली बेनेट ध्रुवीकरण की शासन शैली को समाप्त करना चाहते हैं जो के नेतन्याहू के शासन की पहचान थी।
नेफ़्टाली की सम्पत्ति
नेफ़्टाली की सम्पत्ति को लेकर एक इंटरव्यू में पत्रकार द्वारा पूछ गया था कि आपकी सम्प्पति कितनी है, तब 2014 में नेफ़्टाली ने संपत्ति के बारे में कहा था, ”न मैं 17 स्टिक्स खाता हूँ और न ही प्राइवेट प्लेन है, बस मेरी इतनी हैसियत है कि जो में करना चाहता हूँ उसे कर लेता हूँ।” सभी लोग जानते है कि यह एक बड़े व्यापारी रह चुके है और उनके पास काफी सम्पत्ति भी है।
बोलते में है बेबाक
नेफ़्टाली बेनेट अपने भाषण के लिए सुर्खियों में बने रहते है। एक बार एक अरब इसराइली सांसद ने कहा था कि इसराइल को वेस्ट बैंक में यहूदी बस्तियाँ बसाने का कोई अधिकार नहीं है और उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था। इस पर नेफ़्टाली बेनेट ने उन्हें जवाब देते हुए कहा कि जब आप पेड़ पर झूला झूल रहे थे, तभी से यहाँ एक यहूदी स्टेट है। इसलिए हम इसे जरूर बसायेंगे।
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