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मोगली की कहानी

नमस्कार दोस्तों, कहानी की श्रृंखला में आगे बढ़ते हुए आज हम आपको मोगली की कहानी से अवगत कराने जा रहे हैं। यह कहानी जंगल के राजा शेर व मोगली के बीच की है। आप इस कहानी को अंत तक जरूर पढ़िएगा। आपको बताते चले यह कहानी फिल्मी पर्दे में दर्शायी जा चुकी है।

एक गांव में एक जंगल के पास बहुत ही सुंदर सा परिवार रहा करता था, जो सभी से मिलजुल कर रहते थे। उस परिवार में एक बच्चे का जन्म हुआ। जब सारा परिवार और वह बच्चा घूमने के लिए कहीं जाते हैं तो उनका बच्चा जंगल में कहीं खो जाता है, जिसके बाद वह अपने बच्चे को बहुत खोजते हैं। लेकिन वह नहीं मिलता है और उदास होकर वापस चले जाते हैं। वह सोचते हैं कि उनके बच्चे को किसी जानवर ने खा लिया होगा।

लेकिन छोटा सा बच्चा जंगल में इधर-उधर अपनी जान बचाते हुए भटकने लगता है और इधर उधर भटकने के बाद वह एक भेड़ियों के झुंड के पास पहुंच जाता है। कुछ भेड़ियों को उस बच्चे को देखकर बहुत दया आ जाती है, जिसके बाद वह उस बच्चे को पालने का निर्णय लेते हैं और वही उसका परिवार बन जाते हैं। जिसमें से उसकी मां रक्षा बनती है और उसके पिता दारूका बनते हैं। इन दोनों के दो बेटे होते हैं, जो भाई बन जाते हैं।

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रक्षा और दारूका उस बच्चे का नाम मोगली रखते हैं और फिर वह मोगली को अपने साथ में ही रखने लगते हैं। लेकिन जंगल के राजा शेर को जब यह पता लगता है, जिसका नाम शेरखान होता है। शेरखान को जब यह पता लगता है कि जंगल में एक बच्चा रहने के लिए आया है, जो भेड़ियों के एक परिवार में रक्षा और दारूका के साथ में ही रहता है। जिसके बाद शेर खान मोगली को खाने के लिए वहां पर आ जाता है।

शेरखान को देखकर एक भालू जिसका नाम ब्लू होता है और एक तेंदुआ जिसका नाम बगीरा है, वह दोनों शेर खान को समझा कर वहां से वापस भेज देते हैं और कहते हैं तुम मोगली को नहीं खा सकते हो, यह हमारे साथ ही रहता है। जिसके बाद शेरखान वहां से चुपचाप चला जाता है और मोगली को खाने के लिए योजना बनाने लगता है।

उधर भालू, अजगर और तेंदुआ, भालू जिनका नाम ब्लू नाम की और बगीरा मोगली को जंगल में रहने के लिए उसको शिकार करना, जिससे वे अपना पेट पाल सके और उसको सभी जानवरों की भाषा जिससे वे सभी की आवाज को समझ सके और जंगल में रहने के लिए मोगली को जंगल के सारे नियम सिखा देते हैं, जिससे मोगली को जंगल में रहने में कोई दिक्कत ना हो और धीरे-धीरे मोगली सभी कुछ सीख जाता है।

जंगल में खूब मजे से रहने लगता है और सभी के साथ घुल मिल जाता है। भेड़ियों का सरदार जिसका नाम अकेला होता है, वह धीरे-धीरे बुजुर्ग हो जाता है और बहुत कमजोर हो जाता है, जिसको देखकर शेरखान को मोगली को खाने के लिए रास्ता मिल जाता है। जंगल में बहुत से भेड़िए मोगली से नफरत किया करते थे, जो शेर खान के पास चले जाते हैं और मोगली को मारने का प्लान बनाते हैं।

जब यह बात मोगली को पता लगती है तो वह वापस इंसानों की दुनिया में जाने का फैसला लेता है और कहने लगता है कि अगर मैं यहां रहूंगा तो यह शेरखान मुझे मारकर खा जाएगा। मेरा यहां से निकलने में ही फायदा है। जिसके बाद मोगली के पास बगीरा नाम पर तेंदुआ आता है और मोगली से कहता है कि तुमको अगर शेरखान से अपनी जान बचानी है तो तुम पास में ही एक गांव है, जहां पर सभी इंसान रहते हैं और उनके पास एक ऐसी चीज है, जिससे यहां पर सभी डरते हैं और उससे अपनी जान बचाकर भागते हैं।

अगर वह तुम ले आओ तो शेरखान तुम्हारा कुछ नहीं बिगाड़ सकता। बगीरा मोगली से एक लाल कलर के फल के बारे में कहता है। दरअसल आग को सभी जानवर लाल कलर का फल कहते हैं। बगीरा की बातें सुनकर मोगली तुरंत अपनी जान बचाता हुआ जंगल के पास वाले गांव में जाकर उस लाल कलर के फल जिसको आग बोलते हैं, उसको ले आता है। जिसके बाद जब शेरखान मोगली को मारने के लिए उसके पास आता है तब मोगली शेरखान से मुकाबला करता है और मोगली आग से शेरखान को घायल कर देता है।

जब शेरखान बुरी तरह से घायल हो जाता है तो वह अपनी जान बचा कर जंगल को छोड़कर चला जाता है और फिर कुछ समय बाद मोगली को बंदर का एक पूरा समूह अपनी गिरफ्त में ले लेता है। उससे आग जलाने की तरकीब पूछने लगता है, जो मोगली बताने से मना कर देता है। जिसके बाद वह मोगली को मारना शुरू कर देते हैं। तभी वहां पर बगीरा और ब्लू पहुंचकर उन बंदरों के समूह से मोगली को छुड़ाकर वापस ले आते हैं।

जिसके बाद सभी जंगल में खुशी-खुशी रहने लगते हैं और जंगल में दस साल बिताने के बाद मोगली भी जंगल के पास वाले गांव में चला जाता है, जहां पहुंचकर वह इधर-उधर भटकने लगता है। तब वहां पर एक व्यक्ति और महिला की नजर मोगली पर पड़ती है, जिसको देखकर वह तुरंत मोगली को अपने पास बुलाते हैं और तभी वह मोगली से पूछते हैं तुम कौन हो बेटा और तुम यहां क्या कर रहे हो।

जिसके बाद मोगली बताता है कि मेरा नाम मोगली है। मैं बचपन में अपने माता-पिता से बिछड़ गया था, जिसके बाद में पिछले दस सालों से जंगल में ही रह रहा था। यह सुनकर वह व्यक्ति और महिला समझ जाते हैं कि यह कोई और नहीं बल्कि हमारा खोया हुआ बेटा है, जिसके बाद वह मोगली को बताते हैं कि तुम हमारे बेटे हो, जो दस साल पहले जंगल में खो गए थे। हम लोगों को लगा था कि तुम मर गए होंगे, तुम को किसी जानवर ने खा लिया होगा।

लेकिन तुम जीवित हो, यह देखकर हमें बहुत खुशी हो रही है और ऐसा बोल कर मोगली को अपने साथ घर ले जाते हैं। कुछ ही दिन में मोगली इंसानों की जीवन जीना सीख लेता है और सभी लोगों की तरह जानवरों को चराने के लिए ले जाया करता था। जब एक दिन मोगली अपने जानवरों को चराने के लिए गया था तभी वहां पर उसको जंगल का दोस्त बगीरा मिलता है, जो मोगली से कहता है कि तुम्हारे जाने के बाद शेरखान वापस फिर से आ गया है और वह सब को फिर से परेशान करने लगा है।

जिसके बाद मोगली बगीरा और अपने भेड़िए भाई के साथ मिलकर शेर खान को मारने की योजना बनाने लगता है और वापस जंगल में चला जाता है। जंगल में जाकर मोगली भेड़ियों के सरदार अकेला से मिलता है और वहां जाकर शेरखान को मारने की एक योजना बनाता है। जिसके कारण एक दिन जब शेरखान को यह पता लगता है कि मोगली जंगल में आया है, वह उसको मारने के लिए आता है और मोगली के बनाए हुए जाल में फस जाता है। तभी मोगली शेरखान को मार देता है और उसकी खाल को ले जाकर अपने भेड़िया दोस्तों को दे देता है।

उम्मीद करते हैं आपको यह कहानी रोचक लगी होगी। ऐसे बहुत ही कहानियां है, जो हमारी वेबसाइट में उपलब्ध हैं, आप इन्हें पढ़ सकते हैं। अपने बच्चों आदि को पढ़ा कर उनका मनोरंजन करवा सकते हैं। इस कहानी को साझा कर हमारा हौसला अफजाई जरूर करें।

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Rahul Singh Tanwar
Rahul Singh Tanwar
राहुल सिंह तंवर पिछले 7 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे हैं। इनको SEO और ब्लॉगिंग का अच्छा अनुभव है। इन्होने एंटरटेनमेंट, जीवनी, शिक्षा, टुटोरिअल, टेक्नोलॉजी, ऑनलाइन अर्निंग, ट्रेवलिंग, निबंध, करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान जैसे विविध विषयों पर कई बेहतरीन लेख लिखे हैं। इनके लेख बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं।

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